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रविवार, जनवरी 17, 2010

“कुछ ऐसा हो जो दिखे! ” (चर्चा मंच)

"चर्चा मंच" अंक-32

चर्चाकारः डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक"


आज का "चर्चा मंच" सजाते हैं-

सबसे पहले विकीपीडिया ने

“अन्तरजाल पर स्थित हिन्दी पत्रिकाएँ” की सूचि प्रकाशित की थी-


अन्तरजाल पर स्थित हिन्दी पत्रिकाएँ

  • संस्कृति - सांस्कृतिक विचारों और अभिव्यक्तियों की प्रतिनिधि अर्द्धवार्षिक पत्रिका, संस्कृति मंत्रालय (भारत सरकार) द्वारा प्रकाशित

चोरी नं.1

इस उपयोगी जानकारी को बिना किसी लिंक और बिना आभार के “अस्मिता” ब्लॉग पर स्मिता मिश्रा ने इसे ज्यों का त्यों लगा लिया गया!


My Photo

smita mishra


चोरी नं.2

बिना जाँच-पड़ताल किये, बिना किसी लिंक के और बिना आभार के आज

Hindi Tech Blog” ब्लॉग पर इसे ज्यों का त्यों लगा लिया “नवीन प्रकाश”

खरोरा,रायपुर, छत्तीसगढ़, India ने!


इन दोनों ब्लॉगरों को यही सुझाव दिया जाता है कि क्षमा-याचना के साथ भूल स्वीकार करते हुए “विकीपीडिया” का नाम और लिकं भी लगा दें।


धन्यवाद नवीन प्रकाश जी!


आपने मेरी टिप्पणी को गम्भीरता से लेते हुए

“विकीपीडिया” का लिंक लगा दिया है।


देखना यह है कि अस्मिता” की ब्लॉग स्वामिनी स्मिता मिश्रा

कब तक इस भूल का प्रायश्चित करती हैं।

अब चर्चा के असली स्वरूप पर आता हूँ-
कुछ ऐसा हो जो दिखे

मेरा फोटो

विकास
बिहार के वैशाली जिले में आता है मेरा गाँव, बान्थु. इसी गाँव में पैदा हुआ और अपनों के बीच खेलते-फानते बड़ा हो गया, बारहवीं तक की पढाई भी गाँव से ही की उसके बाद दिल्ली आ गया स्नातक करने के लिए. मास-कम्युनिकेशन में स्नातक किया क्योंकि पत्रकार बनना चाहता हूँ. अभी तक पत्रकारिता करने का कोई मौका तो नही मिला..
कुछ ऐसा हो जो दिखे

आजकल टीवी की दुनिया में एक भूचाल आया हुआ है. कुछ समाचार चैनल के बड़े पत्रकार त्राहिमाम, त्राहिमाम कर रहे हैं. कोई अपनी खीज फेसबुक पर छोटे-छोटे टॉपिक डाल कर मिटा रहा है तो कुछ बड़े पत्रकार ब्लॉग पर पोस्ट लिखकर अपना दुख जाहिर कर रहे हैं.

लेकिन ये भूचाल, ये छटपटाहट इन पत्रकारों के एक बहुत छोटे से कुनबे में आया है. ऐसा नहीं है कि हर कोई त्रस्त है. कुछ लोग चिल्ला रहे हैं. चीख रहे हैं लेकिन बाकी़ मज़े में हैं.

जो भूचाल आया हुआ है उसका नाम है टीआरपी………




अब आप खुल के बधाई दीजिये दोस्तों ! क्योंकि ये मैं नहीं, google serch का परिणाम कहता है - प्रिय ब्लोगर मित्रो ! आप सब के आशीर्वाद और स्नेहवर्षण के चलते मुझे यह बताते हुए हर्ष भी है और थोड़ा सा गर्व भी कि STAR ONE पर प्रसारित शो LAUGHTER KE P...

चर्चा पान की दुकान पर

कौनऊ टाइप के हो तुम यार.... - एक सप्ताह से *ठंडी हवाओ* का लम्बा सिलसिला चल रहा है . अच्छे अच्छो की सीटी बजने लगती है . इस कड़कती ठण्ड में अच्छे अच्छो के नल्ले पसले ढीले पड़ जाते है . कां...




केवल वयस्कों के लिए - जिस फ़िल्म के सनसनीखेज़ सम्वाद बच्चे बच्चे ने याद कर लिए वह कल से रोजाना चार शो में केवल वयस्कों के लिए....

फिर मेरी रूह नहीं सिहरेगी !

अभी जी भर के तुझे देखा नहीं,

क्या कुछ देर और नहीं ठहरेगी,

कीमती वक़्त से इक सगीर(१) लम्हा दे के,

तेरे खजाने में कुछ कमी नहीं गहरेगी,.........(सुरेन्द्र "मुल्हिद")


My Photo

Rakesh Mutha
Jodhpur, Rajasthan (India)

seep ka sapna

रिश्ता मेरा और उसका

प्यार की सरिता में
रहते सांप घृणा के
और भी कई ऐसे
जिनके आतंक से
विषैली न हो जाये ये सरिता….



ज़ख्म


जब भी देखा मैंने अपने नैनों में एक सपना,
तब से लगी समझने सारे जग को बिल्कुल अपना।...
-----------------बबली (उर्मि)

समाचार:- एक पहलु यह भी

कौन बदलेगा! सरकार, समाज, प्रशासन या हम - हरियाणा के रुचिका प्रकरण को लेकर जो कुछ चल रहा है वो आप सभी टीवी व् समाचार पत्रों में पढ़ रहे है लेकिन जो नहीं चल रहा वो सिर्फ प्रबुद्ध नागरिको के लिए * गुफ्..



नुक्कड़

आपको यूलिप (ULIP) के बारे में क्या क्या पता होना चाहिए… ? यूलिप क्या होता है.. [What is ULIP..] - *यूलिप के तहत आयकर पर छूट* य़ुलिप में निवेश की गई राशी आपको आयकर के तहत छूट भी प्रदान करते हैं। यूलिप में किया गया निवेश आयकर की धारा 80 C के तहत ज्यादा से ..

अंधड़ !

उलझन ! - *जाऊं किधर, मुसाफिर सोचता है, दो राहे पर आकर खडा, उसपे रहबरी का रंग यूँ चड़ा, खुद राह में रह जाना पडा ! मालूम है कि सब छोड़ना है, फिर भी निरंतर लूटे जा रहा,..

मुक्ताकाश....

खिला मधुमय जीवन का अमलताश ... - [ग्रहण से मुक्ति पाकर प्रकट हुए दिवाकर को सप्रणाम निवेदित] चंचल, शोख, मदमस्त हवा ने अपने विस्तृत बाहु-वलय में स्वप्न बहुत-से सजा लिए थे, अपनी प्रज्ञा से अनु..

आरंभ Aarambha

शास्त्रीयता की कसौटी में खरा उतरने को उद्धत हिन्दी ब्लागिंग - किसी भी भाषा की परम्परा रही है कि कोई लेख, कविता, कहानी या अन्य विधा लेखन की शास्त्रीयता की कसौटी मे तुल कर साहित्य की श्रेणी मे स्वीकार कर ली जाती है और उ...

मसि-कागद

मिलन####### पहला भाग पढ़े बिना इसे तो मत ही पढना--दीपक मशाल - वैसे मुझे उम्मीद तो थी कि कहानी के पाठक दुनिया में ज्यादा हैं इसलिए मैंने अपनी ये पुरानी कहानी ब्लॉग पर डाली लेकिन मेरा विश्वास टूट गया, फिर भी मैं शुक्रगु..

पल्लवी

"चापलूसी की अदा हमे आती नही" (रजनी माहर) - *चापलूसी की अदा हमे आती नही. * *धोखे हम ने किसी को दिए ही नही. * *आईना पर परदा डालने की * *अदा हमे आती नही. * *उनको जो आयना दिखलाया हमने * *देख अस्क अपना * *..

ताऊ डॉट इन

ताऊ पहेली - 57 - प्रिय बहणों और भाईयों, भतिजो और भतीजियों सबको शनीवार सबेरे की घणी राम राम. ताऊ पहेली *अंक 57 *में मैं ताऊ रामपुरिया, सह आयोजक सु. अल्पना वर्मा के साथ आपका ..

ताऊजी डॉट कॉम

टोटल टाइम पास

बहनों और भाईयों, मैं उडनतश्तरी इस फ़र्रुखाबादी खेल में आप सबका हार्दिक स्वागत करता हूं.

नीचे का चित्र देखिये और बताईये कि ये कौन है?

Science Bloggers' Association

थोड़ी देर के लिए यह प्रयोग आपको अमानवीय लग सकता है, लेकिन आँखें खोलने के लिए जरूरी है। - आपने कबूतर तो देखा ही होगा? अरे वही, 'कबूतर जा-जा' वाला। हाँ, तो कहा जाता है कि जब कबूतर के सामने कोई मुसीबत आती है, तो वह अपनी आँखें बंद कर लेता है। और ऐसा ..

शब्द-शिखर

रानी लक्ष्मीबाई के झाँसी किले में एक दिन - *(पतिदेव कृष्ण कुमार जी और पुत्री अक्षिता के साथ)* पिछले दिनों झाँसी जाने का मौका मिला, वही झाँसी जो रानी लक्ष्मीबाई के चलते मशहूर है. एक लम्बे समय से झाँस..

नन्हा मन

हितोपदेश 18- चूहे ने मारी बिल्ली - एक बार बिल्ली थी एक चूहे खा जाती अनेक दुःखी थे उससे चूहे सारे इक दिन सारे मिल के विचारे सोचा मिलकर एक उपाय बिल्ली को जा दिया बताय बोले अपने मन में विचारो रोज..

यह कैसे ज्योतिषी हैं - 15 जनवरी, सूर्य ग्रहण का दिन। स्टार प्लस ने अपने सारे भविष्य वक्ताओं को इकट्ठा किया हुआ था। वैसे इस चैनल पर अवतरित होने वाले ऐसे पुरुष या महिलाओं के लटके-झ..

लो क सं घ र्ष !: सम्मानित कीजिये उत्तर प्रदेश पुलिस को
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक अधिवक्ता के ऊपर अपहरण व हत्या का वाद दर्ज होता है ।पुलिस ने जांच की और कहा कि अधिवक्ता ने अपना जुर्म इकबाल कर लिया है। लाश का पंचायतनामा और उसके बाद पोस्मार्टम हुआ । अभियुक्त को कारागार में निरुद्ध कर दिया गया।......
सर्वाधिक कमाई करने वाले ब्लोग्स
हिन्दी ब्लोग्स से तो फिलहाल कमाई का कुछ अवसर नजर नहीं आ रहा है किन्तु अंग्रेजी तथा अन्य भाषा के ब्लोग्स भरपूर कमाई कर रहे हैं। शायद आपको जानकर आश्चर्य होगा कि सबसे अधिक कमाई करने वाले ब्लोग की मासिक आय $200,000 प्रतिमाह है। प्रस्तुत है सबसे अधिक कमाई.......

कल्पनाओं का वृक्ष

(कल्पतरु)

भाग २ - स्वास्थ्य बीमा के बारे में आवश्यक बातें जो सभी को पता होना चाहिये। (What You Should know about Mediclaim Part 2)

चिकित्सा बीमा की श्रेणियाँ:

पिछले कुछ वर्षों में चिकित्सा खर्च कई गुना बढ़् गया है। इसलिये चिकित्सा बीमा लेना बहुत महत्वपूर्ण हो गया है। और कौन सी योजना ली जाये यह बहुत ही कठिन हो गया है। यहाँ कुछ प्रकार के स्वास्थ्या बीमा है, जो कि इस प्रकार हैं –

लो क सं घ र्ष !: सम्मानित कीजिये उत्तर प्रदेश पुलिस को

By Suman

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक अधिवक्ता के ऊपर अपहरण व हत्या का वाद दर्ज होता है ।पुलिस ने जांच की और कहा कि अधिवक्ता ने अपना जुर्म इकबाल कर लिया है। लाश का पंचायतनामा और उसके बाद पोस्मार्टम हुआ । अभियुक्त को कारागार में निरुद्ध कर दिया गया। न्यायलय में आरोप पत्र दाखिल हो गया बाद में जिस व्यक्ति की अपहरण व हत्या अधिवक्ता को 55 दिन जेल में रहना पड़ा हो, वह व्यक्ति जिन्दा है ।..........

कुछ भी...कभी भी..

मैं ........एक चिट्ठाचर्चाकार के रूप में ! (झा जी अब नहीं कहिन )

कल अपनी दो लाईनों की पटरियां बिछाने के थोडी देर बाद ही कल्पतरू वालेविवेक भाई की पोस्ट आई , जिसमेंउन्होंने चिट्ठाचर्चाकारों द्वारा अपनी पोस्टका जिक्र न किए जाने पर अफ़सोस जताया था , और अपना दुख जतायाथा ।हालांकि मैं अकेला ही एक ऐसा ब्लोग्गर नहीं हूं जो दिन भर ब्लोगजगत में आईपोस्टों की चर्चा करता हूं , बल्कि सच कहूं तो जैसा कि मैंने कहा भी थी कि एकअर्थ में तो मैं चिट्ठाचर्चाकार हूं ही नहीं , बस अपनी दो पंक्तियोंजिन्हें कोईतुकबंदी कहता है , कोई दो लाईना , और मैं खुद ब्लोग पटरियां ) में उस पोस्टका ट्रेलर दिखाते हुएउन्हें पूरी पिक्चर देखने के लिए प्रोत्साहित या कहूं किउकसाने की (यदि किसी के उकसावे पर मैं कोई पोस्ट पढनेजाऊं तो मुझे उसउकसाने वाले पर गुस्सा नहीं आएगा , ऐसा मुझे लगता है ) कोशिश करता हूं ।और ये तो नहींजानता कि मैं कितना सफ़ल या असफ़ल होता हूं

….

समयचक्र

निवेदन : आखिर जा टंकी का है बला ?

.......
बड्डे - काय छोटे तैने कबहु जा बात सुनी है
छोटे - दादा कौन सी बात तनिक हमखो सो बताई दई..





चैन से हमको कभी आपने जीने न दिया...यही शिकायत रही ओ पी को ताउम्र

ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 316/2010/16
आज १६ जनवरी, संगीतकार ओ. पी. नय्यर साहब का जन्मदिवस है। जन्मदिन की मुबारक़बाद स्वीकार करने के लिए वो हमारे बीच आज मौजूद तो नहीं हैं, लेकिन हम उन्हे अपनी श्रद्धांजली ज़रूर अर्पित कर सकते हैं उन्ही के बनाए एक दिल को छू लेने वाले गीत के ज़रिए। नय्यर साहब के बहुत सारे गानें अब तक हमने 'ओल्ड इज़ गोल्ड' में सुनवाया है। आज हम जो गीत सुनेंगे वो उस दौर का है जब नय्यर साहब के गानों की लोकप्रियता कम होती जा रही थी। ७० के दशक के आते आते नए दौर के संगीतकारों, जैसे कि राहुल देव बर्मन, लक्ष्मीकांत प्यारेलाल आदि, ने धूम मचा दी थी। ऐसे में पिछले पीढ़ी के संगीतकार थोड़े पीछे ही रह गए। उनमें नय्यर साहब भी शामिल थे। लेकिन १९७२ की फ़िल्म 'प्राण जाए पर वचन न जाए' में उन्होने कुछ ऐसा संगीत दिया कि इस फ़िल्म के गानें ना केवल सुपरहिट हुए,……..

सुरेश शर्मा

सुरेश शर्मा

किसके कंट्रोल में है झारखण्ड ? (कार्टून धमाका)

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कर्मनाशा

विबग्योर बिखराए प्रेम का यह प्रिज्म - *छंदबद्ध, लयबद्ध व तुकान्त कविताओं के लिए मेरे मन में बहुत आदर का भाव है किन्तु जबरदस्ती की तुकमिलावन और त्वरित तुकबन्दी को पढ़ने - गढ़ने के लिए मेरे पास न ..

आज की चर्चा में बस इतना ही…..!

24 टिप्‍पणियां:

  1. bahut hi achhi baat..............

    achhi charchaa

    behtareen link.
    dhnyavaad !

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  2. सलाह और चर्चा दोनो अच्छी लगी शास्त्री जी।

    सादर
    श्यामल सुमन
    09955373288
    www.manoramsuman.blogspot.com

    जवाब देंहटाएं
  3. बेहद खूबसूरत चर्चा । आभार ।

    जवाब देंहटाएं
  4. इंटरनेट पर हिंदी की इतनी सामग्री की जानकारी के लिए आभार.

    जवाब देंहटाएं
  5. आज आपकी चर्चा के जरिये कई ब्लोगों पर जा कर आलेख पढ़े !!! बहुत अच्छी जानकारियाँ मिली !!!

    जवाब देंहटाएं
  6. वाह शाश्त्रीजी , बहुत सुंदर चर्चा, आभार.

    रामराम.

    जवाब देंहटाएं
  7. विकिपीडिया पर प्रकाशित
    “अंतरजाल पर स्थित हिन्दी पत्रिकाओं”
    की सूची की जानकारी देने का
    सर्वोत्तम तरीक़ा मुझे इस चर्चा में नज़र आया!

    --
    मेरे विचार से
    सभी हिंदी साहित्य के प्रेमियों को
    अपने ब्लॉग के साइडबार में
    इसका लिंक लगा लेना चाहिए!
    --
    नवीन जी और स्मिता जी का तरीक़ा
    मुझे भी पसंद नहीं आया था!

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  8. वाह! शास्त्री जी, बहुत बढिया लगी ये चर्चा......

    जवाब देंहटाएं
  9. बहुत ही अच्छी चर्चा...शुक्रिया

    जवाब देंहटाएं
  10. बहुत सुन्दर शास्त्री जी, सच में इसमें बहुत मेहनत की हुई है आपने !

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  11. bahut hi sundar charcha rahi kai blog to yahin padh liye.........aabhar.

    जवाब देंहटाएं
  12. शास्त्री जी,
    आप आदर के पत्र रहे हैं आपकी टिप्पणी आदेश के सामान रही है मेरे लिए .

    आपका ये लेख मुझे पसंद नहीं आया बल्कि चुभा है मुझे रवि जी से शिकायत नहीं क्यूंकि वो नए पाठक थे
    आप मेरे ब्लॉग की कार्य शैली से परिचित थे और ये लेख लिखने की बजाये मुझे कह सकते थे आपने एक टिप्पणी दी और उसे मैंने तुरंत माना भी

    अगर आपका कोई बच्छा गलती करे आप उसे सुधरने को कहे वो समझे और माने भी तब पर भी उसकी गलती को सबके सामने उछालना ठीक नहीं है .

    शायद आप बहुत विद्वान है हर कार्य सही करते है ये भी की पर नाराज़गी तो फिर भी रहेगी ही .

    क्षमा करें

    जवाब देंहटाएं
  13. नवीन प्रकाश जी!
    आपने अपनी भूल सुधार ली है।
    आपकी सराहना करने के लिए ही यह पोस्ट लगाई थी।
    परन्तु आप इसका उल्टा अर्थ लगाने लगे।
    इस पोस्ट से आपकी महानता और सदाशयता का
    परिचय ही लोगों को मिला है।
    अब आप जो भी शिकायत करें।
    मुझमें सहन करने की शक्ति है!

    जवाब देंहटाएं
  14. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं

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