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बुधवार, मार्च 03, 2010

“बिना ब्याहे घर नहीं लौटे..... !” (चर्चा मंच)

"चर्चा मंच" अंक-80
चर्चाकारः डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक"
आइए आज का
"चर्चा मंच" सजाते हैं-

निवेदन यह है कि यदि आप
पल-पल! हर पल!! http://palpalhalchal.feedcluster.com/

में अपना ब्लॉग शामिल कर लेंगे तो
मुझे
चर्चा मंच में आपका लिंक उठाने में सरलता होगी।

''पाबला जी से खुली बातचीत !''

____________साथियो आपका हार्दिक अभिवादन, होली के पूर्व श्री बी एस पाबला से खुल कर चर्चा हुई . किन्तु नेट एवं अन्य विवषताओं के चलते पाडकास्ट पोस्ट न कर सका. सादर प्रस्तुत है. आपसे पाडकास्ट इंटरव्यू की कमियों की ओर इंगित

मिसफिट

गिरीश बिल्लोरे मुकुल अब पॉडकास्टर

देसिल बयना - 20 : बिना ब्याहे घर नहीं लौटे..... !

-- -- करण समस्तीपुरी जय हो ! जनता-जनार्दन !! कैसन रही होली ? सब कुशल है ना.... ? अरे मरदे का बताएं.... हमरे होली में तो ऐसन गुलाल उड़ा कि जिनगी भर नहीं भूलेंगे। बड़ी शौक से गए रहे गाँव होली खेले.... लेकिन वही हो गया, 'शौक में सोहारी [रोटी] ! आलू बैगन के

मनोज

करण समस्तीपुरी

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हम हैं बच्चे सबसे अच्छे : विश्वबंधु की एक बालकविता

| Author: रावेंद्रकुमार रवि | Source: सरस पायस

हम हैं बच्चे सबसे अच्छे ----------- आज आपको 7 साल के एक नन्हे कवि की कविता पढ़वाई जा रही है, जो शाहजहाँपुर (उ.प्र.) के एम. आर. सिंधिया पब्लिक स्कूल में कक्षा - 2 के छात्र हैं । नन्हे कवि की अभिव्यक्ति को ज्यों का त्यों प्रकाशित किया जा रहा है - ----------- हम हैं बच्चे मन के सच्चे पाठशा ... [read more]

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bhartimayank

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सिजदा शेख सलीम चिश्ती की शान में - तेरी इक निगाह पर सब कुछ लुटाने आये हैं... 27 फरवरी का दिन बेहद खास था....उस दिन में फ़तेहपुर सिकरी में था।इस दिन पूरी दुनिया हजरत मोहम्मद साहब का जन्मदिन मन...

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बोले तू कौनसी बोली ? - कुछ अरसा हुआ इस बात को...पूरानें मित्र परिवार के घर भोजन के लिए गए थे। उनके यहाँ पोहोंचते ही हमारा परिचय, वहाँ, पहले से ही मौजूद एक जोड़े से कराया गया। उसमे..

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गुड़िया - आकांक्षा यादव - नई-नवेली प्यारी गुड़िया, लगती कितनी न्यारी गुड़िया। नीली, पीली, लाल, गुलाबी, सबको खूब लुभाती गुड़िया। झालरदार फ्राक पहने, ठुमककर इतराती गुड़िया। कभी हँसाती, कभी...

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प्रतिभा की दुनिया ...!!!

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यूं मैं बिना मन के कभी नहीं लिखती. नौकरी की जरूरतों के अलावा. अब तक इक्का-दुक्का मौकों पर ही ऐसा बेमन का लिखा है जैसा आज लिखने बैठी हूं. कुछ-कुछ पीछा छुड़...

गीत सुनहरे

पति - पत्नी - पति - पत्नी अहा ! मन में बिखरी खुशियाँ, अहा ! दिल में खिलती कलियाँ . आज यौवना का परिणय है, अपने सपनों में तन्मय है . लेकर भाव पूर्ण समर्पण, करना है..

उच्चारण

“पढ़ना-लिखना मजबूरी है!” - * मुश्किल हैं विज्ञान, गणित, हिन्दी ने बहुत सताया है। अंग्रेजी की देख जटिलता, मेरा मन घबराया है।। भूगोल और इतिहास मुझे, बिल्कुल भी नही सुहाते हैं। ...

नुक्कड़

हिन्‍दी ब्‍लॉगरों पर्यावरण की मदद कीजिए : सीएनजी गैस (अविनाश वाचस्‍पति) - नीचे इमेज पर क्लिक करिए और जानिए वही जो जानना चाहते हैं यहीं दिल्‍ली मथुरा हाईवे पर फरीदाबाद में मिलेगी सी एन जी गैस जब भी निकलें वहां से भरवा सकते हैं...

मसि-कागद

तुमने समझा तो मगर शायर ही बस समझा मुझे...--->>> दीपक 'मशाल' - शायर तुमको खोने का वो डर था जिससे मैं डरता रहा मेरे डर को देख तुमने कायर ही बस समझा मुझे जब भी अपना हाल-ए-दिल मैंने लफ़्ज़ों में कहा तुमने समझा तो मगर शायर ह...

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जबसे आँख लगी है ~~ - *हर घर के सामने* *एक कार खड़ी है* *यूँ तो जिन्दगी खुद* *उधार पड़ी है* *~~~~~~~* *लोग 'आँख लगने' को* *कहते हैं सो जाना* *पर * *जबसे आँख लगी है* *तड़पत..

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विकास नहीं गुलामी की सिड़ी है GMO......प्रकृति के साथ छेड़ छाड़ विनाश की द्योतक {Bt brinjal} - ज़रा सोचिये आज से कई साल पहले जब पारम्परिक खेती की जाती थी तब कभी आपने सुना था किसी को कहते की हमें टमाटर से एलर्जी है या सोयाबीन या फिर मूंगफली से एलर्जी ...

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संवेदनहीन द्वारा संवेदनशीलता की अपेक्षा - कुछ दिन पहले मै लाला रामजीलाल के कारखाने में उनके ऑफिस उनके पास बैठा था , लाला जी अपने कुछ देनदारों की संवेदनहीनता पर बड़े खीजे हुए और नाराज थे लाला

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लाल -गुलाल -अबीर के छाये हए हैं रंग-----चित्र होली के----------ललित शर्मा - कल होली का हुआ धमाल-हम तो सुबह से ही तैयार हो कर अपने दालान में बैठ चुके थे.........हमारे यहाँ परंपरा है कि लोग अपने से बड़े (पद, प्रतिष्ठा, उम्र और अजीज ...

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धत्त तसलीमा ! - तसलीमा जो हैं सो बचपन से ही अत्यंत षड्यंत्रकारी प्रवृत्ति की रहीं। उन्होंने ख़ुद ही अपने चाचा-मामा को उकसाया कि वे उनसे दुराचार करें या इसकी कोशिश करें ताक...

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जहां मुट्ठी में - अक्सर हम लोग चर्चा में कहते हैं कि इस दुनिया में कुछ भी मुश्किल नहीं है. यदि व्यक्ति चाहे तो धरती क्या असमान भी मुट्ठी में समां सकता है. भले ही यह बात प्रत...



मित्रों ६-७ मार्च को मैं अमृतसर, पंजाब में रहूँगा! ४ मार्च से ८ मार्च तक श्री ललित शर्मा जी चर्चा मंच को सजायेंगे!



पंजाब के ब्लॉगर मित्र मेरे मोबाइल पर

सम्पर्क कर सकते हैं!


मेरा मोबाइल नं है- 09368499921,

09997996437


डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक"

बहुत याद आती है उनकी.....मुझे तो कम से कम!



आज की चर्चा को देता हूँ -

यहीं पर विराम!

15 टिप्‍पणियां:

  1. पंजाब यात्रा के लिए शुभकामनाएं

    पंजाब में ब्‍लॉगर मिलन सजा कर आएं

    आकर हमें चित्र और रिपोर्ट पढ़वाएं।

    जवाब देंहटाएं
  2. सभी लिंक्स अच्छे संजोए है आपने........
    बहुत बढिया रही चर्चा शास्त्री जी!!
    आभार्!

    जवाब देंहटाएं
  3. विस्तृत चर्चा...बढ़िया लिंक्स!!

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत बढिया रही चर्चा शास्त्री जी!आभार्!

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत अच्छी और विस्त्रित चर्चा। देसिल बयना को महत्व देने के लिये आभार!

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत बढिया चर्चा लिंक्स मिले.

    रामराम.

    जवाब देंहटाएं
  7. ललित जी की टिप्पणी बता रही है कि
    यह चर्चा उनके संज्ञान में है!
    --
    उन्हें मंयक जी की अनुपस्थिति में
    चर्चा ज़ारी रखनी चाहिए थी!
    --
    यदि वे ऐसा नहीं कर सकते,
    तो उनका नाम मंयक जी के नाम के साथ
    बिल्कुल भी शोभा नहीं देता!

    जवाब देंहटाएं
  8. चर्चामंच ब्लॉगर्स के बीच आज काफी पॉपुलर हो चुकी है। हमेशा यहाँ कुछ नया पढ़ने को मिलता है। ऐसे ही लिखते रहिये और नई नई रचनाएँ लोगों तक पहुंचाते रहिये। हम टेक्नोलॉजी के ऊपर लेख लिखते हैं हमारे द्वारा लिखे लेख पढ़ने के लिए नीचे क्लिक कर सकते हैं।

    Internet ki jankari
    Information of Cloud Computing in Hindi

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