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बुधवार, मार्च 24, 2010

“कोई कितनी दफ़ा मर सकता है” (चर्चा मंच)

"चर्चा मंच" अंक-98
चर्चाकारः डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक"
मुझे भी सान्ध्य-कालीन चर्चा का शौक चर्राया है!
आइए आज शाम का "चर्चा मंच" सजाते हैं-
देखिए दिन भर के कुछ लिंक्स-

कोई कितनी दफ़ा मर सकता है प्रेम के कारण

Mar 24, 2010 Source: शरद कोकास

मेरी मृत्युएं

कोई कितनी दफ़ा मर सकता है प्रेम के कारण
पहली दफ़ा वह धरती का कड़ा स्वाद थी
कड़वा फूल
जलता हुआ सुर्ख़ कार्नेशन
दूसरी दफ़ा बस ख़ालीपन का स्वाद
सफ़ेद स्वाद
ठण्डकभरी हवा
खड़खड़ाते जाते पहियों की अनुगूंज
तीसरी दफ़ा, चौथी दफ़ा, पांचवीं दफ़ा

मेरी मृत्युएं कम अतिशयोक्त थीं ………

'नीम हकीम ख़तरा-ए-जान' .....शेफाली जी पास होऊँगी या नहीं..??

Mar 24, 2010 | Author: 'अदा' | Source: काव्य मंजूषा

'नीम हकीम ख़तरा-ए-जान' .....शेफाली जी पास होऊँगी या नहीं..?? - * * *एक कहावत पढ़ी थी... * *'नीम **हक़ीम** ख़तरा-ए-जान' *बचपन से इसका मतलब यही जाना कि जिसे आधा ज्ञान हो उससे खतरा होता है, अंतरजाल खंगाल डाला तो कहीं मि...

पराया देश

तुम्हारी हत्या पर भी रख लेंगे २ मिनट का मौन - *(अभागे भारतीय की फरियाद पर सिक-यू-लायर(Sick you Liar, बीमार मानसिकता वाले झुट्ठे) नेता द्वारा सांत्वना भरे कुटिल उपदेश की तरह पढ़ें)* अच्छा!!! वो दुश्मन..

नुक्कड़

आइये मिलकर सभी को पहचानें (अविनाश वाचस्‍पति) - पहचानना मुश्किल नहीं होता बस हम भीतर तक झांक नहीं पाते भीतर तक यदि झांक पाते तो सभी को पहचान भी पाते।

नव-सृजन

एक परिवार जिसके सभी सदस्य करते हैं ब्लागिंग - ब्लागिंग का क्षेत्र बड़ा अनोखा है। यहाँ पर हर कोई अपनी भावनाओं को अभिव्यक्त कर रहा है, क्या बूढ़े क्या जवान, क्या पुरुष, क्या नारी, क्या शहरी, क्या ग्रामीण...

SPANDAN

लन्दन के स्कूलों में मनाया जाता है इंडिया डे - जी हाँ ...हम बेकार ही विदेशी इवेंट्स मनाने में हंगामा करते हैं ..कि वेलेंटाइन डे. क्रिसमस ..विदेशी त्यौहार है हम नहीं मनाएंगे इनसे हमारी संस्कृति को खतरा...

my own creation

तेरी यादें! - कृप्या तस्वीर पर क्लिक करें! धन्यवाद!

जज़्बात

उसकी लालसा ~~~ - आपने मेरे हर मसले पर अपना बेबाक नज़रिया दिया, ये अलग बात है कि इन्हें पूरा करने को आपने तो कोई भी न ज़रिया दिया. ~~~~~ मेरे तेरे बीच अब तो

समाचार:- एक पहलु यह भी

काश ज़मीं से बंदूके पैदा हो गई होती - मात्र तीन साल का एक छोटा सा बालक अपने पिता के साथ खेतो में सिर्फ इसलिए जाता था की देश गुलाम था. जब उसने पिता को जमीन में बीज बोते देखा तो उसने अपने पिता स...

आरंभ Aarambha

कैसे बने हमारी भाषाई पहचान - आज नेट पर आपका ब्लॉग देखा. जनभाषा छत्‍तीसगढी में ब्लॉग शुरू करने के लिए बधाई! हमलोग यहाँ झारखण्ड में झारखंडी भाषाओँ के संरक्षण और उनके विकास के लिए पिछले .

अंधड़ !

कूड़ा-करकट ! - *सर्वप्रथम सभी मित्रों को रामनवमी की हार्दिक शुभकामनाये ! * तजुर्बों से ही दुनिया सीखती है अक्सर, बड़े इत्मिनान से उन्होंने हमें बताई ये बात ! और हम थे कि हम..

तेताला

Alag sa: हे श्रीराम, आज हमें तुम्हारा जन्मदिन नहीं, तुम्हारा सान्निध्य चाहिए. - Alag sa: हे श्रीराम, आज हमें तुम्हारा जन्मदिन नहीं, तुम्हारा सान्निध्य चाहिए.

मिसफिट:सीधीबात

समयचक्र को निरंतरता देता एकलव्य बनाम महेन्द्र मिश्र पाड्कास्ट भाग एक -

लड्डू बोलता है ....इंजीनियर के दिल से.....

विलुप्त होती... .....नानी-दादी की पहेलियाँ.........परिणाम..... ( लड्डू बोलता है....इंजीनियर के दिल से....) - *मेरी नजर में जिन्होंने भी पिछला और यह पोस्ट पढ़ा...वे सभी विजेता है....*** पिछले पोस्ट में मैंने बचपन में सुनी गयी नानी-दादी की पहेलियाँ प्रस्तुत की थ...

इयत्ता

जिंदगी पा गया - रतन तुझे पाके मैं हर खुशी पा गया ज्यों सौ साल की जिंदगी पा गया बहारों के सपने भी आने लगे खिजां दूर पलकों से जाने लगे तू है साथ हर सादगी पा गया ज्यों सौ स..

मयंक

“वैदिक मन्तव्य” - *कुछ सूत्र* *1- मन, वचन एवं कर्म में सत्य को धारण करो । * *2- ईश्वर एक है । गुण तथा कर्मो के अनुसार उसके अनेक नाम हैं । * ** * 3- मन व मस्तिष्क शान्त होने..

शब्दों का दंगल

“उत्तराखण्ड का प्रवेश-द्वार” - *बरेली से पिथौरागढ़ राष्ट्रीय-राजमार्ग पर* *विगत दो वर्षों से मुँह चिढ़ाता* *उत्तराखण्ड का प्रवेश-द्वार * [image: uttarakhand - Copy]

उच्चारण

“नया-गीत आया है!” - [image: IMG_0829] *छाँव वही धूप वही * *दुल्हिन का रूप वही * *उपवन मुस्काया है! * *नया-गीत आया है!! * * * *सुबह वही शाम वही * *श्याम और राम वही * *रबड़-छन्द..

Dr. Smt. ajit gupta

अपराधी को सजा हुई और सारा परिवार ही भूख की चपेट में आ गया - कानून और इंसाफ की हम सभी प्रतिदिन दुहाई देते हैं। लेकिन जिसे न्‍याय करना है उसके सामने कई बाद चुनौतियां खड़ी हो जाती हैं। एक तरफ कानून कहता है कि अपराधी को ...

Alag sa

सचिन इसीलिए कुछ अलग सा है. - आई पी एल नामक क्रिकेट के तमाशे में सम्मिलित टीमों के नामों पर गौर किया है आपने? चलिए मान लेते हैं कि ऐसी हुल्लड़ भरी नौटंकियों में भाग लेना है तो नाम भी ..

दिनेश दधीचि - बर्फ़ के ख़िलाफ़

रामनवमी के अवसर पर - चाहता है वंश-वृद्धि, कोई सुख-समृद्धि, चाँदी-सोना करे कोई धारण जहान में . नीचे अपमान दुख सहता है इनसान, ऊँचे पद घेर खड़े चारण जहान में . करे इंतज़ाम सारे, मन को...

सेजिया से सइयाँ... (चैती ) और उस्तादों की जुगलबंदी में चैती-धुन

| Author: हिमांशु । Himanshu | Source: सच्चा शरणम्

यूँ ही टहलते हुए नेट पर यहाँ पहुँच गया, शहनाई उस्ताद बिस्मिल्लाह खान और सितार के धुरंधर विलायत खान की जुगलबंदी में चैती धुन सुन कर अघा गया । आपके सामने ले आया हूँ ! सुनिये, रस पगिये…..

मेरी कविता के बिखरे टुकड़े...

Mar 24, 2010 | Author: knkayastha | Source: हिंदी-हृदय:नीरज

1.पतंग डोर मेरे हाथ मेंसरसर उड़ती पतंग,जैसे ईश्वर और इंसान का संग।

...कैसे???

Mar 24, 2010 | Author: knkayastha | Source: हिंदी-हृदय:नीरज

टुकडों में जी जाती है जिंदगी कैसे

देसिल बयना 23 : मार खाई पीठिया......

Mar 24, 2010 | Author: करण समस्तीपुरी | Source: मनोज

-- करण समस्तीपुरी

एक बूँद

Mar 24, 2010 | Author: Babli | Source: KAVITAYEN

एक बूँद

नक्सलवादी आंदोलन के संस्थापक कानू सान्याल नही रहे

Mar 24, 2010 | Author: HARI SHARMA | Source: हरि शर्मा - नगरी-नगरी द्वारे-द्वारे

आज के समाचर पत्रो की छोटी सी लेकिन महत्वपूर्ण खबर है कि नक्सल आन्दोलन के जनक और सच कहे तो स्वतन्त्र भारत के सबसे सन्घर्षशील व्यक्तित्व कानू सान्याल नही रहे.उनका शव हाथीघीसा स्थित उनके घर में रस्सी से लटका हुआ पाया गया. पुलिस मान कर चल रही है कि पिछले कुछ समय से विभिन्न बीमारियों से परेशान कानू सान्याल ने आत्महत्या की है यह सोचकर तो दिमाग का दिवाला निकल गया कि इस महा नायक ने आत्म हत्या की. मुझे यकीन नही होता…

अदालती फ़ैसलों के निहितार्थ : लिव इन रिलेशनशिप , बलात्कार आदि के परिप्रेक्ष्य में

Mar 24, 2010 | Author: अजय कुमार झा | Source: कोर्ट कचहरी

मैंने बहुत बार अनुभव किया है कि जब समाचार पत्रों में किसी अदालती फ़ैसले का समाचार छपता है तो आम जन में उसको लेकर बहुत तरह के विमर्श , तर्क वितर्क और बहस होती हैं जो कि स्वस्थ समाज के लिए अनिवार्य भी है और अपेक्षित भी । मगर इन सबके बीच एक बात जो बार बार कौंधती है वो ये कि अक्सर इन अदालती फ़ैसलों के जो निहातार्थ निकाले जाते हैं , जो कि जाहिर है समाचार के ऊपर ही आधारित होते हैं क्या सचमुच ही वो ऐसे होते हैं जैसे कि अदालत का मतंव्य होता है । शायद बहुत बार ऐसा नहीं होता है ।

……

एक परिवार जिसके सभी सदस्य करते हैं ब्लागिंग

Mar 24, 2010 | Author: Rashmi Singh | Source: नव-सृजन

ब्लागिंग का क्षेत्र बड़ा अनोखा है। यहाँ पर हर कोई अपनी भावनाओं को अभिव्यक्त कर रहा है, क्या बूढ़े क्या जवान, क्या पुरुष, क्या नारी, क्या शहरी, क्या ग्रामीण, क्या अफसर, क्या बेरोजगार...ना जाति धर्म का बंधन न सीमाओं का...जो भी जी में आये लिख डालो। आज अकेले हिंदी में 13, 000 के करीब ब्लॉग चल रहे हैं. कुछ रोज लिखते हैं तो कुछ कभी-कभी तो कुछ के लिए यह बस किसी सामुदायिक ब्लॉग से जुड़ने या टिप्पणियों का माध्यम भर है. जो भी है, अपनी धुन में हर कोई ब्लोगिंग को एक सशक्त वैचारिक हथियार के रूप में देखता ह ...

दीन पर भारी पड़ता मुसलमान का दुनियावी प्रेम

Mar 24, 2010 | Author: Suman | Source: लो क सं घ र्ष !

नवाबों के शहर लखनऊ में अमरीकी राजदूत रिमोथी जे0 रोमर ने गत सप्ताह मुस्लिम शैक्षिक संस्थानों व सुप्रसिद्ध ऐतिहासिक इमारत इमाम बाड़े का दौरा कर कहा कि वह राष्ट्रपति बराक ओबामा के मुहब्बत व अमन के पैगाम को लेकर यहां आए हैं। यह दौरा ठीक उस समय क्यों हुआ जब आल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का राष्ट्रीय अधिवेशन यहां आयोजित हो रहा था, यह एक विचारणीय प्रश्न है? मुसलमानों के शरई अधिकारों को सुरक्षित रखने, उनके शैक्षिक, सामाजिक एवं आर्थिक उत्थान की तदबीरे ढूढ़ने तथा मुस्लिम एकता को कायम रखने के दृष्ट ..

पोर्टब्लेयर के तीन खूबसूरत म्यूजियम की सैर

Mar 24, 2010 | Author: पाखी | Source: पाखी की दुनिया

इस संडे को मैंने पोर्टब्लेयर (Portblair) में तीन खूबसूरत म्यूजियम देखे, तीनों एक से बढ़कर एक-एन्थ्रोपोलाजिकल म्यूजियम (Anthropological Museum), फिशरीज म्यूजियम (Fishries) और समुद्रिका नेवेल मरीन म्यूजियम (Naval Marine Museum). कहते हैं कि किसी जगह को समझना हो तो म्यूजियम से अच्छा कुछ नहीं हो सकता. एन्थ्रोपोलाजिकल म्यूजियम में मैंने देखा कि हमारे पूर्वज कैसे होते थे. उनके बर्तन, हथियार इत्यादि भी मैंने देखे. अंडमान-निकोबार की जनजातियों के सम्बन्ध में भी यहाँ पर तमाम मजेदार जानकारियाँ मिलीं.से ...

काव्य तरंग

हिन्दी काव्य संग्रह .....

वो पल.....अब भी मेरे पास है

कांपते हाथों से मेरे
हाथों को लेकर हाथ में
जो चाहते थे कहना तुम
शब्द वो भी बह रहे थे
समय की तरह
आँसुओं के साथ....!!
भीगते जज्बातों का
वो पल.....जब छुपाई थी
अपनी आँखों की नमी
एक दूजे से हमने, जबकि
दोनों उससे अनजान न थे....!!……..

गुजरात दंगों क़ी जांच:एसआईटी में मिठाई बंटी !

Posted by IRFAN




अब लेते हैं आपसे विदाई!


राम-नवमी की सबको बधाई!

पंछियों के लिए गर्मी मैं रखो पानी ................एक कार्टून

प्रस्तुतकर्ता DOOBE JI

15 टिप्‍पणियां:

  1. बढ़िया साहब !
    आप यूं ही उम्दा लिंक्स हमें पहुँचाते रहें।
    'चर्चा मंच' सजाते रहें !!

    जवाब देंहटाएं
  2. विस्तृत चर्चा ..बहुत सारे अच्छे लिंक्स मिल गए ..शुक्रिया

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत बेहतरीन चर्चा शास्त्री जी ..बहुत ही खूब ..सारे लिंक्स अच्छे लगे
    अजय कुमार झा

    जवाब देंहटाएं
  4. सादर अभिवादन! सदा की तरह आज का भी अंक बहुत अच्छा लगा।
    खास तौर पर इसलिए और अच्छा लगा कि आपने देसिल बयना जैसे उपेक्षित विषय पर भी तवज़्ज़ो दी।

    जवाब देंहटाएं
  5. ऐसा करिश्मा तो एक स्त्री ही कर सकती है ... जो अपने परिवार से प्रेम के कारण एक ही जन्म में जाने कितनी बार जीती है और कितनी बार मरती है ...
    राम नवमी की आपको बहुत बहुत शुभकामनाएं

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत बढ़िया चर्चा विस्तार में..आभार!

    जवाब देंहटाएं
  7. इस चर्चा मंच में हमारी भी पोस्‍ट है, इसलिए यह सबसे अच्‍छा चर्चा है। बाकि सभी को हम खारिज करते हैं- लालू के अंदाज में।

    जवाब देंहटाएं
  8. विस्तृत चर्चा के लिये आभार.

    रामराम.

    जवाब देंहटाएं
  9. बहुत ही विस्तार से की गई सुन्दर चर्चा!!
    आभार्!

    जवाब देंहटाएं

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