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मंगलवार, मई 25, 2010

“परीकथा सा सुन्दर, गंगाजल सा निर्मल....” (चर्चा मंच-164)


"चर्चा मंच" अंक - 164


आज व्यस्तता बहुत अधिक हैं और स्वास्थ्य भी
कुछ ज्यादा ठीक नहीं है! 
लेकिन चर्चा भी लगाना दिनचर्या का एक अंग है!
इसलिए केवल औपचारिकता भर निभा रहा हूँ!
कल इस चर्चा मंच की सहयोगी
श्रीमती वन्दना गुप्ता की तबियत खराब थी!
आज भी वो ऑन-लाइन नहीं दिखाई दी है!
आशा और कामना करता हूँ कि
इनका स्वास्थ्य शीघ्र ही ठीक हो जायेगा!
अगले सप्ताह से बहन संगीता स्वरूप जी
प्रत्येक मंगलवार को चर्चा मंच पर
साप्ताहिक कविता मंच सजाया करेंगी!
संगीता स्वरूप जी का
हार्दिक स्वागत और अभिनन्दन करता हूँ!




कितने सुंदर हैं गुब्बारे : कृष्णकुमार यादव की नई शिशुकविता - * कितने सुंदर हैं गुब्बारे* लाल-बैंगनी-हरे-गुलाबी, रंग-बिरंगे हैं ये प्यारे। एक नहीं हैं इतने सारे, कितने सुंदर हैं गुब्बारे। गुब्बारों की दुनिया होती,...


ज्योतिष की सार्थकता



ग्रह किसी घटना के कारण नहीं अपितु किए गए कर्मों के सूचक मात्र हैं....... - ज्योतिष का नाम आते ही प्राणी का मन अपने भविष्य के रहस्यों की जानकारी प्राप्त कर लेने को आतुर हो उठता है, वह ज्योतिषी के पास यह आशा लेकर जाता है कि उसे वह ...



ताऊजी डॉट कॉम



वैशाखनंदन सम्मान प्रतियोगिता में : सुश्री शैफ़ाली पांडे - प्रिय ब्लागर मित्रगणों, आज वैशाखनंदन सम्मान प्रतियोगिता में सुश्री शैफ़ाली पाण्डे की रचना पढिये. लेखिका परिचय :- नाम - शेफाली पांडे शिक्षा - एम्. . अर्थशा...


अपनी बात...



परीकथा सा सुन्दर, गंगाजल सा निर्मल.... - *गोवा की अधूरी पोस्ट पर इतनी झिड़कियां (स्नेहसिक्त) मिलीं, कि तुरन्त आगे का वृतांत लिखने बैठ गई.* *तो शुरु करूं? :)* पिछले कई सालों से इस्मत( ज़ैदी "शेफ़ा ...


Science Bloggers' Association



एक फोन आपको दिल की बीमारी, नपुंसकता और ब्रेन कैंसर की सौगात दे सकता है? - जब कोई भी टेक्सनालॉजी पहली बार दुनिया में आती है, तो उसके फायदों से ज्यादा लोग उनसे होने वाले नुकसान की चर्चा करते हैं। ऐसा करने के पीछे धारणा यह नहीं होती ...


शब्द-शिखर



प्रगतिशील सोच के अन्तर्विरोधों के बीच कविता - कविता आत्मा का मौलिक विशिष्ट संगीत है, जो मानव में संस्कार रोपती हैै। एक ऐसा संस्कार जो सभी को प्रदत्त है पर जरूरत है उसके खोजे जाने, महसूस करने और गढ़ने ...


kuchlamhe



वक़्त की गर्द से परे - "*वक़्त की गर्द से परे"* *वक़्त की गर्द से परे* *एक पल तुमको सुन लेती* *तारो की आगोश में छिप पर* *अक्स तुम्हारा मन में धर लेती * *प्रेम ठिठोली चंदा की अठखे...


मुसाफिर हूँ यारों



तैयार है यमुनोत्री आपके लिए - अब जबकि चारधाम यात्रा शुरू हो चुकी है, शुरूआत यमुनोत्री से की जाती है। ज्यादातर लोग टूर ऑपरेटर से ही बुकिंग कराते हैं। टूर ऑपरेटर भारी भरकम राशि लेते हैं। ...


मेरी भावनायें...



इन्हें आता है - * * यह तो होना था ... मैं नहीं रही ! मेरी आँखों , मेरे स्वर मेरे स्पर्श की गर्माहट से सुरक्षित मेरे बच्चे शून्य में हैं ! यूँ समझा दिया था सब - 'जब ...




यशस्वी ब्लॉगर भवः !! - आज दिल्ली में ब्लॉगर मीट हो चुकी है. तरह तरह के विचार रखे गये. ऐसे वक्त में किसी भी और विचार से ज्यादा जरुरी यह विचार हो जा रहा है कि *जब लोग इस बारे में...


Albelakhatri.com

फ़िल्मों में काम पाने के लिए वह किसी का भी बिस्तर गर्म करने को तैयार है, क्या यह चिन्ता का सबब नहीं ? - आज एक ऐसी बात ने झकझोर कर रख दिया है दिमाग़ को कि कुछ कहते बनता है और कुछ लिखते बनता है......

शिखा दीप

रे मन......... - रे मन पथिक तू किस ओर चला.........कहाँ जा रहा है यूँ..........किसके लिए इतना व्याकुल है....वो जो दूर से तेरी ओर रहा है.....पर कौन जाने वो किस लिए रहा है.


जज़्बात

पत्नी रोज़ सामानों की लिस्ट पकड़ा देती है लौटते समय लाने के लिये ~~ - कई बार और अक्सर पूरी की पूरी व्यवस्था को नकारने के बावजूद केवल उस व्यवस्था में बने रहने की मज़बूरी होती है वरन व्यवस्था को व्यवस्थित करने में ...

अंधड़ !

यूं भी वफ़ा होते है लोग ! - निसार राहे वफ़ा करके जाना कि राहे जफा होते है लोग, सच में, हमें मालूम था कि यूं भी खफा होते है लोग ! हम सोचते थे कि ये जज्बा नेमत है खुदा की, किसे पता, वफ़...


बिखरे मोती

सुकूँ - हर दर्द में खुशी ढूंढो तो फिर गम क्या है हर गम में छुपी हंसी ...

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कैसी विडम्बना है, अपना ब्लॉग लिख सकती हूँ किन्तु पढ़ नहीं सकती!............घुघूती बासूती - आजकल नेट पर आना, ब्लॉग पढ़ना बहुत कम हो गया है, लिखना तो लगभग छूट ही गया है। कमी थी तो कल से मैं कोई भी ब्लॉगस्पॉट वाला ब्लॉग नहीं खोल पा रही हूँ। ब्लॉगवाणी...

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जाये तो जाये कहा??? वहां सुकून, यहां चैन - पाकिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न की शिकायत लेकर भारत आने वाले हिंदुओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. लेकिन सुक़ून की तलाश में अपना घर छोड़कर आए इन लोगों की...

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मुआवज़ा ......एक ख्वाहिश ऐसी भी ..... ( लघु कथा ) - [image: new-delhi-railway-station] रेलवे स्टेशन पर अचानक हुई भगदड़ से लोग एक दूसरे पर गिर रहे थे ...जो गिर गए थे लोग उनके ऊपर से ही उन्हें कुचलते ...

भारत-ब्रिगेड

ज़टिल और कुंठित पोस्ट से ब्लाग अरुचिकर हो जाते हैं - ब्लाग को पढ़ने लायक बनाना एक अहम सवाल है ज़रूरी है कि ब्लाग-पोस्ट लिखने के पहले विषय का चुनाव...


और अन्त में देखिए यह मजेदार कार्टून-




कार्टून:- ब्लागर मीट अब जल्दी ही बन्द होने वाली हैं - यह कार्टून ताऊ के विशेष आदेश पर है...

12 टिप्‍पणियां:

  1. साधुवाद इस चर्चा के लिये
    स्वास्थ्य का ध्यान रखें

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  2. शास्त्री जी आपकी चर्चामंच की प्रस्तुति लाज़वाब होती है सारी बेहतरीन पोस्ट यही पर मिल जाती है..प्रस्तुत के लिए आभार

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  3. वन्दना जी शीघ्र स्वास्थय लाभ करें, शुभकामनाएँ.


    अच्छी चर्चा रही! आप भी स्वास्थय का ध्यान रखें, वो ज्यादा जरुरी है.

    जवाब देंहटाएं
  4. इस चर्चा में हर ख़ास अहमियत है

    जवाब देंहटाएं
  5. सटीक चर्चा.....शीघ्र ही स्वास्थ लाभ हो ..आपको भी और वंदना जी को भी.....आभार

    जवाब देंहटाएं
  6. स्वास्थ्य का ध्यान रखें | सटीक चर्चा!

    जवाब देंहटाएं
  7. स्वास्थ्य का ध्यान रखें | सटीक चर्चा

    जवाब देंहटाएं
  8. बढिया चर्चा शास्त्री जी!
    ब्लागिंग के साथ ही तनिक स्वास्थय का भी ध्यान रखें.....

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  9. अच्छी चर्चा।
    स्वास्थ्य का ध्यान रखें।

    जवाब देंहटाएं

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