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शुक्रवार, जून 04, 2010

“मेरी पहली चर्चा-अनामिका” (चर्चा मंच-173)

दोस्तों!
चर्चा मंच पर आप सब को मेरा नमस्कार,
सलाम, सतश्रीअकाल
और गुड मार्निंग जी :)
सबसे पहले तो आप सब का,
जिनकी चिट्ठी खुली है या नहीं खुली है .....
तहे दिल से स्वागत है और गुज़ारिश है कि
अपने अनुभवों से और अपनी टिप्पणियों से
मुझे प्रोत्साहन देकर मेरा मार्गदर्शन करें.
तो चलो सजाते हैं आज का चर्चा मंच ...
और हाँ दोस्तों, आज ये मेरी पहली कोशिश है
तो उम्मीद करती हूँ कि पहली खता माफ़....
दूसरी खता पे विचार और तीसरी खता पे...........भी
माफ़ करेंगे...(हा.हा.हा.)
लो जी हाज़िर हैं आज की हॉट - हॉट, चटपटी और
मसालेदार चर्चाएँ.

लो जी सबसे पहली चिट्ठी आई है हमारे हाथ साधना वैद जी की जो बता रही हैं....शब्दों के आरोह और अवरोह कितना असर डालते हैं हमारे भावुक मन पर...मेरा फोटो
ऐसा क्यों होता है !
ऐसा क्यों होता है जब भी कोई शब्द तुम्हारे मुख से मुखरित होते हैं उनका रंग रूप, अर्थ आकार, भाव पभाव सभी बदल जाते हैं और वे साधारण से शब्द भी चाबुक से लगते हैं,तथा मेरे मन व आत्मा सभी को लहूलुहान कर जाते है ! ऐसा क्यों होता है जब भी कोई वक्तव्य तुम्हारे
http://sudhinama.blogspot.com/
2010/06/blog-post.html

लीजिये अब हमारे दूसरे ब्लॉगर
श्री प्रवीण शाह जी पूछ रहे हैं
आप सब से कुछ प्रश्न...
और कर रहे हैं विचार
भारत और कनाडा के संबंधो पर...

 क्या पिद्दी और क्या पिद्दी का शोरबा...
अमेरिका का बगलबच्चा यह देश
जानबूझकर यह दुस्साहस कर रहा है...
पर स्वाभिमानी भारतीय क्यों चुप रहें ???
...
मेरे स्वाभिमानी मित्रों,मेरा मानना है कि 

अगर आप खुद अपनी इज्जत नहीं करते हो 
तो दुनिया से यह उम्मीद करना बेमानी है कि 
वो आपको इज्जत बख्शेगी ।
इसीलिये विरोध स्वरूप यह आलेख लिख रहा हूँ......
http://praveenshah.
blogspot.com/
2010/06/
blog-post.html
लिमटी खरे जी सुना रहे हैं अपने रोजनामचे में
जनगणना  का कच्चा चिटठा..
निहित स्वार्थ को परे रखें जनसेवक
वर्ष 2011 के लिए जनगणना के लिए  भारत सरकार की सेनाएं (कर्मचारियों की फौज)
सज गई हैं। हर घर जाकर भारत की वर्तमान जनसंख्या के बारे में आंकडे जुटाए जा रहे हैं।
http://limtykhare.blogspot.com/
2010/06/blog-post_636.html
यहाँ हाज़िर हैं पुखराज जी की कलम जिन्दगी की कश-म-कश का पिटारा खोलती हुई रचना..
धुआं धुआं हो गयी नज़र
तेरे इंतज़ार को पाले ने मारा है ,
एक ज़लज़ला उठा है फिर
मलबे तले जीवन हारा है ,
http://pukhraaj.blogspot.com/
2010/06/blog-post.
श्याम कोरी 'उदय' जी
आगाह कर रहे हैं
उन ब्लोग्गर्स को
जो छोड़ रहे हैं
विषाक्त धुआं
अपनी जुबान से॥
...
कुछ ब्लागर जेल जाने की कगार पर हैं !!!
ब्लॉगजगत में मचे घमासान को देख कर ऎसा लग रहा है कि कुछ ब्लागर जैल जाने की कगार पर हैं !!! ... जैल कैसे ... क्या उन्होंने किसी का खेत काट लिया है ? ... या किसी की मोटर साईकल की टंकी से पेट्रोल चोरी कर लिया है ? ... या किसी महिला के गले से चैन लूट ली है ? .... या मंदिर की दान पेटी से चिल्लर पैसे उठा लिये हैं ? ... अरे कोई बतायेगा ... कि उन्होंने किया क्या है ... जो जैल जाने के कगार पर हैं ...
...अरे भाई साहब ... आप क्यों तैस में आ रहे हैं ... क्या किया है, तो लो सुनो ....ब्लागजगत एक सार्वजनिक मंच है, किसी भी सार्वजनिक स्थान पर जब कोई किसी को इंगित करते हुये अपशब्द बोलेगा या लिखेगा जिससे उसको व अन्य लोगों को बुरा लगे भारतीय दण्ड विधान की धारा
-
http://kaduvasach.
blogspot.com/
2010/06/blog-post_8874.html
श्री अनवारुल हक़ जी रु-बी-रु करा रहे हैं एक ऐसी नारी की कहानी से जो पत्नी है दो पतियों की और फंसी है समाजऔर धर्म के हटमल गोदियाल.....
My Photo
एक और गुड़िया!
संजीव कुमार
मुजफ्फरनगर। कभी दो पतियों के बीच फंसी गुड़िया की कहानी मीडिया की सुर्खियां बनी थी। आज कुछ ऐसी ही दास्तां मुजफ्फरनगर की एक महिला रोशन की भी है, जिसके सामने अपने दो शौहरों में एक को चुनने का धर्मसंकट था। पंचायत और धर्मगुरुओं ने उसे पहले पति के साथ रहने की हिदायत दी और इसको मानते हुए रोशन अपने पहले पति के पास लौट
गई।
http://aajavlokan.blogspot.com/
2010/06/blog-post.html
गोदियाल  जी चिंता जाहिर कर रहे हैं
क्लोनिंग सुविधा पर ....
My Photo मैं चिंतित हूँ !
वो अमृत तलाशा जा रहा है
जिससे कि इंसान, यानि
भ्रष्ट, कातिल, दुराचारी,व्यभिचारी
और इन सबका बाप राजनेता,
मरेगा नहीं, चिरजीवी हो जाएगा !http://gurugodiyal.blogspot.com/
अविनाश चन्द्र जी अपनी चंद पंक्तियों से ही अर्ज़ कर रहे हैं की मरने के बाद ही सही, रिश्तो की गर्माहट का एहसासतो करा दें....
My Photohttp://penavinash.blogspot.com/2010/06/blog-post_02.html
जी ने ब्लॉग जगत में शुरू किया है एक और नया मंच जिसका नाम दिया है अपनी माटी तो आमंत्रित हैं आप सब इस मंच पर...http://apnimaati.blogspot.com/
दीपक मशाल जी की रचना
जो किसान को आत्महत्या को प्रेरित करते हालातो की कहानी कह रही है...अत्यंतसंवेदनशील बन पड़ी हे तो लीजिये पढ़िए ...
http://
swarnimpal.
blogspot.com/
2010/06/blog-post_01.html
लीजिये रचना रविन्द्र जी हाज़िर है हमेशा अपनी कलम की धार से जिन्दगी के हर पहलू को छू कर चित्रित कर देती हैं कुछ इस तरह से... राहें
 कभी भूल गए थे,
जिन राहों को
कल,
मैंने उन पर चल कर देखा
प्रेम पसारे,
राहें तकते
उनको  
आज वहीँ पर देखा
http://rachanaravindra.
blogspot.com/
My Photo
पेश हैं अलीम आज़मी जी अपने रोमांटिक अंदाज़ में अपनी गज़ल के साथ
ग़ज़ल...

देखा है जब से आपको हमने हिजाब में
लगता नहीं हमारा दिल अब किताब में
पी कर तुम्हरी आँख से महसूस यह किया
मस्ती न कुछ दिखी है खालिस शराब में
क्या तुमको मुझसे प्यार है पुछा था एक सवाल
मुस्कान लब पे रख दिया उसने जवाब
में....

http://
aleemazmi.
blogspot.
com/
नदीम अख्तर 'रांची हल्ला' में चर्चा कर रही हैं....
युवाओं को चरित्र निर्माण की ये कौन सी
दिशा दिखा रहे हैं????

डॉ.भारती कश्यप
झारखंड ने अपने सफर में नौ साल से ज्यादा पार करलिया है। इन नौ वर्षो में झारखंड ने क्या नहीं देखा?कितने जख्म खाये? झारखंड का निर्माण एकबेहतरभविष्य के सपनों के साथ हुआ था। एक ऐसा सपना जोप्रत्येक झारखंडवासी के जीवन में नयी सुबह की दस्तकथी। हर किसी ने यही इच्छा पाल रखी थी कि उसकाआनेवाला कल नये राज्य के जश्न में सजे संवरेगा। लेकिनइन नौ वर्षो में झारखंड ने केवल जख्म खाये। सरकारबनाने के नाम पर लगातार वोट की राजनीति की गयी और जनता ठगी जाती रही।
http://ranchihalla.blogspot.com/
2010/06/blog-post.html
यहाँ अमिताभ जी बता रहे हैं कि गधो की उम्र इंसान से कम क्यों होती है:
आदमीयत से भरी सोच
याद रहेंगे हम भी जवां थे कभी।। चलो, इक तस्वीर जड़ कर लगा दें अभी।।
सबकुछ उल्टा-पुल्टा है। लिखना या पढना कठिन हो चला है। अब यह देखने वाली बात है कि इमानदारी और मेहनत से भरा प्रतिभायुक्त पिचका पेट आखिर कितनी और पराजय पचा सकता है?
http://
amitabhshrivastava.
blogspot.com/
यहाँ हाज़िर हैं पुखराज जी की कलम जिन्दगी की कश-म-कश का पिटारा खोलती हुई रचना..
 
धुआं धुआं हो गयी नज़र
तेरे इंतज़ार को पाले ने मारा है ,
एक ज़लज़ला उठा है फिर
मलबे तले जीवन हारा है ,
http://pukhraaj.blogspot.com/
2010/06/blog-post.
हरकीरत हीर जी को पढ़िए जो दे रही हैं कुछ शब्द नारी के दर्द को और पेश कर रही हैं कुछ क्षणिकाए ..My Photo
त्रासदियों के बीच सुलगते सवाल .......
क्या औरत को भूख के लिएसिर्फ एक निवाला रोटी भर चाहिए .....?
या जीने के लिए एक चारदीवारी ....?
जहाँ त्रासदियों का आँगन
अपनी दास्ताँ लिखता रहे और चुप्पियाँ एक-एक कर अपनी चूडियाँ तोडती रहे......?
मेरी लेखनी सिर्फ मेरा निजी दर्द नहीं है

बल्कि उन तमाम औरतों के लिए भी है जहाँ
उन्हें ब्याहने के बाद
थूक दिया जाता है ..
http://harkirathaqeer.blogspot.com/
2010/06/blog-post.html
संगीता स्वरुप जी जो माहिर हैं अपनी रचनाओ के साथ अच्छे अच्छे चित्र लगाने में सुना रही हैं ख्वाबो की रुनझुन... ख्वाबो के बीजो से आशाओं का उजास बिखेरती इनकी रचना पढ़िए...My Photo
बीज ख्वाब के
मन की
बंजर धरती पर
कुछ ख्वाब
बो दिए थे .......http://
geet7553.blogspot.com/2010/06/blog-post.html
लो जी इसी के साथ ही अब मैं आप सब से इजाज़त चाहूंगी...और अंत में जिन्हें मेरी ये कोशिश पसंद आई उन्हें राम राम और जिन्हें नहीं पसंद आई उन्हें भी राम राम........अनामिका My Photohttp://anamika7577.blogspot.com/

30 टिप्‍पणियां:

  1. अनियमितता के कारण छूटे हुए लिंक मिले ...
    अच्छी चर्चा ...!!

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  2. pahli koshish shaandaar rahi...
    bahut bahut badhai...
    saare acche links dikhe hain...
    dhnywaad...

    जवाब देंहटाएं
  3. अनामिकाजी मेरी रचना को चर्चा मंच में स्थान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद ! सभी लिंक्स पर जाने की उत्कट इच्छा है ! उन्हें भी अवश्य पढूंगी ! सुन्दर चर्चा के लिए आभार !

    जवाब देंहटाएं
  4. आईये जाने ..... मन ही मंदिर है !

    आचार्य जी

    जवाब देंहटाएं
  5. अनामिका जी!
    आपकी पहली चर्चा बहुत ही उत्तम रही!
    चर्चा मंच की समस्त यीम की ओर से
    आपका स्वागत और अभिनन्दन है!

    जवाब देंहटाएं
  6. अनामिका जी पहली बार चर्चा मंच
    पर आने ने लिए बधाई |साधना की कविता सुंदर है |
    आशा

    जवाब देंहटाएं
  7. विस्तृत, मेहनत से की गई चर्चा।
    ढेर सारे नये लिंक मिले।

    जवाब देंहटाएं
  8. अनामिका जी आपकी चर्चा का स्वागत है.. लेकिन आधी पोस्ट कट के दिख रही हैं.. पता नहीं सिर्फ मुझे या सबको...

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  9. बहुत बढ़िया चर्चा....प्रशंसनीय ...अच्छे लिंक्स मिल...बधाई

    जवाब देंहटाएं
  10. अनामिका जी बढ़िया पोस्टों से सजी सुंदर रचना....धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  11. bahut badhayee... bahut achche links hai....aur apka ram ram, :) bahut pyara sa

    जवाब देंहटाएं
  12. ...सुन्दर चर्चा ...प्रसंशनीय प्रयास है ... "ब्लागर जेल जाने के कगार पर हैं" इस पोस्ट का लिंक कुछ गडबड हो गया है पोस्ट खुल नहीं रही है... सुधार की आवश्यकता है !!!

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  13. फार्मेट ठीक कर दिया गया है!
    आशा है कि अब पोस्ट सही नजर आ रहीं होंगी!

    जवाब देंहटाएं
  14. चर्चा मंच में अनामिका जी का हार्दिक स्वागत है! --
    शुरूआत बहुत बढ़िया हुई है!

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  15. सारगर्भित चर्चा और कई नए लिंक से परिचय, सीमित दायरे को बढ़ाने में सहायक है हमारे ये मंच और कुछ सार्थक पोस्ट से रूबरू करते हैं.
    बहुत सुन्दर प्रस्तुति.

    जवाब देंहटाएं
  16. अनामिका जी आपका स्वागत है।
    आपकी पहली ही चर्चा लाजवाब है………………………काफ़ी लिंक्स मिल गये हैं………॥आभार्।

    जवाब देंहटाएं
  17. बहुत ही अच्छी एवं मनभावन चर्चा....
    चर्चा मंच में आपका स्वागत है!

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  18. शास्त्री जी बहुत बहुत धन्यवाद जो आपने चर्चा मंच को इतने अच्छे से फार्मेट कर के इतनी सुंदर प्रस्तुति का रूप दिया. कोटि कोटि धन्यवाद. और सभी पाठक गणों का आभार जिन्होंने अपनी हाजिरी दे कर मेरा उत्साह वर्धन किया.

    जवाब देंहटाएं
  19. अनामिका जी पहली बार चर्चा मंच
    पर आने ने लिए बधाई

    जवाब देंहटाएं
  20. बहुत बढ़िया चर्चा....प्रशंसनीय ...अच्छे लिंक्स मिल...बधाई

    जवाब देंहटाएं
  21. चर्चा मंच में अनामिका जी का हार्दिक स्वागत है!

    जवाब देंहटाएं
  22. अनामिका जी, एक बहुत ही सराहनीय और सफल प्रयास. पूरी की पूरी चर्चा बहुत ही लाजवाब लगी बहुत सारे नए लिंक भी मिले और हाँ मेरी पोस्ट को शामिल करने लिए आभार

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  23. लगता ही नहीं कि प्रथम प्रयास है. बहुत बढ़िया. नियमित चर्चा करें, बधाई.

    जवाब देंहटाएं
  24. .
    .
    .
    आदरणीय अनामिका जी,
    शुभकामनायें व आभार!

    जवाब देंहटाएं
  25. charcha bhi aapne apni hi style me kar dali hai di....heheh..mast hai ..kuch ek links pe gaya ..sarthak paya

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