फ़ॉलोअर



यह ब्लॉग खोजें

शनिवार, जुलाई 31, 2010

“'जिंदगी' और मैं” (चर्चा मंच – 231)

मित्रों!
मैं हफ्तेभर के अवकाश पर था 
इसलिए लगातार एक सप्ताह तक नेट से दूर रहा 
सफर की थकान अभी पूरी तरह से उतर नही पाई है!
कुछ लोगों की पोस्टों को पढ़ा है और 
कुछ की पोस्ट अभी पढ़नी बाकी हैं!
इस स्पष्टीकरण के पश्चात 
आज की चर्चा का शुभारम्भ करता हूँ!
  सबसे पहले पढ़िए एक यक्ष प्रश्न-
 महाप्रलय...
Author: रंजना | Source: संवेदना संसार
अब जानिए कि मरने के बाद आपका क्या होगा?
मृत्यु के बाद का सफ़र ..
Author: राजीव कुमार कुलश्रेष्ठ | Source: सत्य की खोज @ आत्मग्यान
यह चौपट राजा नही है केवल-
अंधकार का राज है?
Author: ミ★Vivek Mishra★彡 | Source: अनंत अपार असीम आकाश
लेखक : भूतनाथ ” विकिलिक्स ” द्वारा अमेरिकी कार्यवाइयों के भंडाफ़ोड किये जाने और अमेरिकी सरकार द्वारा इसे संघीय व्यवस्था का उल्लंघन बताये जाने पर एक प्रश्न अपने-आप ही उठ खडा...
अगर सरकारें अप्रासंगिक हो गयीं हैं…तो 
Author: जनोक्ति डेस्क | Source: JANOKTI : जनोक्ति :राज-समाज और जन की आवाज:Hindi web portal,Hindi web Magazine,Hindi Website
अब पढ़िए विज्ञान को चुनौती देता हुआ यह आलेख-
Author: veerubhai | Source: ram ram bhai 
हैंड्स -ओनली सी पी आर एनफ टू सेव ए लाइफ ,माउथ-टू -माउथ नोट नीडिद इन मोस्ट कार्डिएक अरेस्ट केसिज (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मुंबई ,जुलाई ३० ,२०१० ,पृष्ठ २३ ) एक नै रिसर्च के मुताबिक़ मौके पे मौजूद (बाई -स्तैंदर्स)लोगों को थोड़ा सा प्रशिक्षण देकर केवल हाथों से थम्पिंद द्वारा अचानक रुक गए दिल को आपातकाल में चालू करना सिखलाकर हज़ारों हजार लोगों की जान बचाई जा सकती है .इसके लिए माउथ -टू -माउथ सांस फूंकना भी ज़रूरी नहीं है । कार्डियो -पल्मोनरी -रिससितेसन क्या है ? इसे कार्डिएक मसाज़ ,कार्डिएक कम्प्र ...
प्रेतों के बीच घिरी अकेली लड़की।
Author: ज़ाकिर अली ‘रजनीश’ | Source: Science Bloggers' Association
वह एक युवा और खूबसूरत लड़की थी। सिर्फ खूबसूरती ही नहीं बल्कि टैलेंट के मामले में भी वह विलक्षण थी। वह शानदार कविताएँ रचती थी और कई भाषाएँ जानती थी। लेकिन अचानक उसकी जिंदगी में एक ऐसा समय आया कि उसकी ज़िंदगी नर्क से भी बदतर हो गयी और वह अपनी मौत की दुआ माँगने लगी।  उस लड़की पर जैसे कष्टों का पहाड़ ही टूट पड़े। उसके हाथ-पैरों में अकड़न पैदा होने लगी और देखते ही देखते वह पक्षाघात का शिकार हो गयी।
कैसे कैसे विज्ञापन - आज फेसबुक पर विचरण करते हुए एक मित्र के फेसबुक एल्बम में एक विज्ञापन पट्ट का चित्र मिला जो यहाँ प्रस्तुत है आप भी इस विज्ञापन पट्ट को देखिये और सोचिये इसकी ...
बॉलीवुड की खबरें-
Author: pushpendra albe |Source:www.bollywoodextraa.blogspot.com

हीरोइनों को लेकर बॉलीवुड में एक सर्वमान्य तथ्य बना हुआ है ः जब तक जवानी रहती है, उन्हें फिल्मों में काम मिलता है. जवानी गई, तो धीरे-धीरे फिल्में भी उनके हाथ से जाने लगती है. आखिर में थक हारकर वे फिल्मों से विदा हो जाती है. बीते एक दशक में जूही चावला, करिश्मा कपूर, रवीना टंडन, तब्बु जैसी हीरोईनों ने अपने कॅरिअर के आखिरी दौर में समझदारी दिखाते हुए फिल्मों को अलविदा कहकर दांपत्य जीवन में प्रवेश कर लिया. लेकिन इसके उलट कुछ ऐसी भी अभिनेत्रियां है जो अपने कॅरिअर का अच्छा दौर गुजर जाने के बाद भी ब ...
फिल्म समीक्षा : वंस अपॉन अ टाइम इन मुंबई 
Author: chavanni chap | Source: chavanni chap (चवन्नी चैप)
- ajay brahmatmaj सबसे पहले तो इस फिल्म के शीर्षक पर आपत्ति की जा सकती है। वंस अपॉन अ टाइम इन मुंबई, इस शीर्षक का आशय कितने हिंदी दर्शक समझ पाएंगे या शीर्षक अब अर्थहीन हो गए हैं। बहरहाल, निर्माता-निर्देशक ने समाज और दर्शकों के बदलते रुख को देखते हुए यही शीर्षक जाने दिया है। यह आठवें दशक की मुंबई की कहानी है, जब अंडरव‌र्ल्ड अपनी जड़ें पकड़ रहा था और अपराध की दुनिया में तेजी से नैतिकता बदल रही थी। हिंदी में गैगस्टर फिल्में घूम-फिर कर मुंबई में सिमट आती हैं। पहले कभी डाकुओं के जीवन पर ..
पाबला जी!
आपका स्वागत और अभिनन्दन है-   
मौत के मुँह से बचकर, फिर हाज़िर हूँ आपके बीच - पिछले माह जब मैं मुम्बई की ओर, सड़क मार्ग से यात्रा पर निकला था तो यह आभास नहीं था कि मौत मुझे आलिंगन करने को आतुर होगी। वह भी *एक बार नहीं दो बार!*दूसरी बा...
अगर अब तक नही देखा हो तो अब देख लीजिए-
10 रुपये के नये सिक्के की मनोहर छवि
Author: स्वार्थ | Source: स्वार्थ
देखें भारतीय मुद्रा के नये सिंबल के साथ दस रुपये के नये सिक्के के लुभावने रुप रंग को। यूरोप की यूरो मुद्रा के 2 यूरो के सिक्के जैसा आकर्षक है भारतीय मुद्रा का 10 रुपये का सिक्का
जय श्री राम! हो गया काम!!
चोरी का माल आप के नाम....
!!! Author: राज भाटिय़ा | Source: मुझे शिकायत हे. Mujhe Sikayaat Hay.
मेरी थोडी बहुत तबीयत खराब थी, ओर अभी भी है, इस लिये अभी कम समय दे पा रहा हुं, आज ओर्कुट  पर गया तो मुझे एक कविता हमारे किरायेदार ने भेजी, जो बहुत अच्छी लगी, लेकिन उस की प्रोफ़ाईल मे मुझे एक कविता ओर मिली जो मैने चुपके से वहां से चुरा ली....
आकांक्षा जी
        को हमारी भी हार्दिक शुभकामनाएँ!
धूप भी कहने लगी दालान से....आज आकांक्षा जी का शुभ जन्मदिन है
Author: Ratnesh Kr. Maurya | Source: ताक-झाँक
सोच रहा था कि आकांक्षा जी को जन्मदिन विश करूँ, पर कैसे। समझ में नहीं आया कि तभी ऑरकुट पर उनके प्रोफाइल पर गया। और सुशीला जी की ये पंक्तियाँ अच्छी लगीं-
तमाम घरों में बड़े-बड़े ताले लगे होते हैं!
मगर चोरों को लिए नहीं होते हैं!!
मेरे घर आना
Author: रश्मि प्रभा... | Source: मेरी भावनायें...
तमाम घरों में बड़े बड़े ताले लगे होते हैं एक सख्त लोहे का ग्रिल दरवाज़े पर एक होल घंटी बजे तो देख लो कौन है ! बड़ा खतरा है- जाने कब क्या हो जाये ! बेशकीमती सामानों से घर भरा है मामूली चीजों की तो कोई औकात नहीं वही चीजें हों जिनकी कीमत आसमान छुते हों और सबसे अलग हों अब घर के रंग रूप ही बदल गए हैं सामान - प्रदर्शनी में रखे अदभुत वस्तु लगते हैं रहनेवाले लोग कांच के नज़र आते हैं पॉलिश इतनी ज़बदस्त कि फिसलन ही फिसलन बड़े तो बड़े , छोटों की अदा पर आँखें विस्फारित रहती हैं ! क्य ..
जनसेवक को लिखी पाती का जवाब आयेगा??
एक पड़ोसी जनता की पाती एक पड़ोसी जनसेवक के नाम 
Author: ミ★Vivek Mishra★彡 | Source: अनंत अपार असीम आकाश
धरा पर हरा-हरा
वसुंधरा......
Author: रोली पाठक | Source: आवाज़
नील-श्वेत गगन, हो चला गहन... छा रही घटा सुरमयी, बह रही मदमस्त पवन... रह-रह कर कौंधती सौदामिनी.. दिन में ही मानो, उतर आई यामिनी.. निर्झरिणी की लहरें, कर रही अठखेलियाँ ... खिलखिला रही हों जैसे, चंचल सहेलियां... वसुधा रही बदल, अप्रतिम रूप पल-पल... कभी नवयौवना चंचल, कभी उद्वेलित,कभी अल्हड़... कभी गंभीर कभी उच्छृंखल... रिमझिम-रिमझिम टिप-टिप, मेघ देखो बरस पड़े... देवदार औ चीड़, भीग रहे खड़े-खड़े... मुरझाई प्रकृति में,प्राण आ रहे हैं... पत्ते-पत्ते बूटे-बूटे,मुस्कुरा रहे हैं.. नृत ..
लिंक खोलकर कार्टून देखिए-
कार्टून: में २.८० प्रतिशत खुश हूँ
Author: Kirtish Bhatt, Cartoonist | Source: Cartoon, Hindi Cartoon, Indian Cartoon, Cartoon on Indian Politcs: BAMULAHIJA
बामुलाहिजा >> Cartoon by Kirtish Bhatt
कार्टून:- पढ़े-लिखे लोगों के बच्चे अब यूं पैदा होते हैं 
| Author: काजल कुमार Kajal Kumar | Source: Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून
मनोज
  प्रेमचंद का पद्य-कौशल - प्रेमचंद का पद्य-कौशल करण समस्तीपुरी संस्कृत वांग्मय का आरम्भ ही पद्य में हुआ है। वेद और उपनिषद पद्य में है। श्रुति और स्मृतियाँ पद्य में हैं। रामायण औ...
जन्मने जायते शूद्राः संस्कारात् द्विज उच्यते!
संस्कार विज्ञान------(प्रथम भाग) 
Author: पं.डी.के.शर्मा"वत्स" | Source: धर्म यात्रा
किसी भी मनुष्य में अपने पूर्वजन्म के कर्मों के संस्कार तो रहते ही हैं. गर्भ के, माता-पिता के, उनकी वंशानुगत क्रमधारा के भी संस्कार रहते हैं. अब संस्कार हैं तो उनमें से कुछ अच्छे होंगें तो कुछ बुरे भी. बुरे संस्कारों को विकार कहा जाता है. जो जडता की ओर ले जाए सो विकार. जो भीतर के विकारों को मिटा दे वो संस्कार. संस्कार माने सँवारना, सुधारना. जैसे-----दर्पण को स्वच्छ करना, चमकाना. जैसे रत्न जब खान से निकाला जाता है तो उसमें मिट्टी लगी होती है, बेडौल होता है. उसको साफ करते हैं, चमकाते हैं; छंटाई ..
लघु कथा: अब पापा कौन बनेगा? 
Author: Shah Nawaz | Source: प्रेम रस 
बाबू आज बहुत खुश था, नानी ने बताया कि पापा आने वाले हैं। वैसे वह पापा से नाराज़ था, दो महीने से पापा ने फोन पर भी बात नहीं की थी। नानी ने समझाया था कि "बाबू नाराज़ नहीं, होते पापा जल्द ही घर वापिस आ जाएंगे"। "लेकिन मुझसे बात तो कर सकते थे ना? उन्होंने मुझसे गिफ्ट का वादा किया था, और अब बात भी नहीं कर रहे हैं।" नानी ने समझाया था कि जब वह घर आएंगे तो बहुत से गिफ्ट लाएंगे, इसलिए जब से पता चला था कि पापा आने वाले हैं, तभी से वह बहुत खुश था।

यह तो बहुत ही अच्छा काम किया! 
हाल ऐ दिल कभी मैंने ..तमाम ..नहीं लिखा लिखा सब कुछ ,कुछ भी तेरे नाम नहीं लिखा
आज तो क्रिकेट हॉबी है!
विलुप्त प्राय: ग्रामीण खेल : झुरनी डंडा 
Author: Ratan Singh Shekhawat | Source: Gyan Darpan ज्ञान दर्पण
आज से कोई तीन दशक पहले तक गांवों में तरह -तरह के खेल खेले जाते थे | कब्बड्डी,खो खो,फूटबाल,बोलीबोल आदि के साथ रात के अँधेरे में छुपा छुपी तो दिन में गुल्ली डंडा,गुच्या दडी,सोटा दडी,कांच की गोलियों के कंचे तो दोपहर में किसी पेड़ के ऊपर झुरनी डंडा खेल खेला जाता था | गर्मियों में दोपहर में गांव के बच्चे अलग-अलग समूह बनाकर अलग -अलग पेड़ों पर यह झुरनी डंडा नाम का खेल खेला करते थे | पेड़ पर खेले जाने वाले खेल में पेड़ पर तेजी से चढ़ना और डालों पर दौड़ना और जरुरत पड़े तो पेड़ से कूदना भी इन खेलों में श ..
पोस्ट जन्म-दिन की!
हमारी भी हार्दिक शुभकामनाएँ!
तुम 
Author: सप्तरंगी प्रेम | Source: सप्तरंगी प्रेम 
'सप्तरंगी प्रेम' ब्लॉग पर आज प्रेम की सघन अनुभूतियों को समेटती कृष्ण कुमार यादव जी की एक कविता 'तुम'. आज आकांक्षा जी का जन्मदिन भी है, सो यह प्यार भरी कविता पतिदेव कृष्ण कुमार जी की तरफ से आकांक्षा जी के लिए..आपकी प्रतिक्रियाओं का इंतजार रहेगा..
आज तो ममा का हैपी बर्थ-डे है....
Author: Pakhi | Source: पाखी की दुनिया
आज मैं बहुत खुश हूँ. आज मेरी ममा का बर्थ-डे है. आज तो मैं सुबह-सुबह ही जग गई और ममा को किस करके बर्थ-डे विश किया. फिर एक प्यारा सा बुके और कार्ड भी दिया. पहले तो ममा को नींद में पता ही नहीं चला कि आज उनका जन्मदिन है. पर जब मैंने व पापा ने उन्हें जगाकर हैपी बर्थ-डे गाया तो उन्हें भी इस दिन की खासियत का अहसास हुआ. खैर, आज के दिन तो खूब मस्ती करनी है. शाम को पापा मुझे व ममा को एक शानदार पार्टी भी तो देंगें, फिर तो मैं जमकर धमाल करुँगी. आज कई काम है मेरे जिम्मे- ममा के लिए केक लाना, ढेर सारे बैल ..
जीवन के सफ़र में आज मेरा जन्मदिन...
| Author: Akanksha~आकांक्षा | Source: शब्द-शिखर
जीवन का प्रवाह अपनी गति से चलता रहता है। कभी हर्ष तो कभी विषाद, यह सब जीवन में लगे रहते हैं। हर किसी का जीवन जीने का और जिंदगी के प्रति अपना नजरिया होता है। महत्व यह नहीं रखता कि आपने जीवन कितना लम्बा जिया बल्कि कितना सार्थक जिया। आज अपने जीवन के एक नए वर्ष में प्रवेश कर रही हूँ। मेरी माँ बताती हैं कि मेरा जन्म 30 जुलाई की रात्रि एक बजे के करीब हुआ। ऐसे में पाश्चात्य समय को देखें तो मेरी जन्म तिथि 31 जुलाई को पड़ती है, पर भारतीय समयानुसार यह 30 जुलाई ही माना जायेगा। जीवन के इस सफर में न जाने ...
कहाँ से आई 'हैप्पी बर्थडे टू यू' की पैरोडी 
Author: Akanksha Yadav | Source: बाल-दुनिया
आज 30 जुलाई को मेरा जन्मदिन है। जन्मदिन की बात आती है तो ‘हैप्पी बर्थडे टू यू‘ गीत जरुर याद आता है. कभी सोचा है कि आखिर ये प्यारी सी पैरोडी आरम्भ कहां से हुई। आज आपने जन्मदिन पर इसी के बारे में बताती हूँ
तुम जियो हजारों साल...
Author: Ram Shiv Murti Yadav | Source: यदुकुल
आज आकांक्षा यादव का जन्मदिन है। आकांक्षा उन चुनिंदा रचनाधर्मियों में शामिल हैं, जो एक साथ ही पत्र-पत्रिकाओं के साथ-साथ ब्लागिंग में भी उतनी ही सक्रिय हैं. इनके चार ब्लॉग हैं- शब्द-शिखर, उत्सव के रंग, सप्तरंगी प्रेम और बाल-दुनिया. आकांक्षा यादव के जन्मदिन पर यदुकुल की तरफ से ढेरों बधाई.
| Author: वेदिका | Source: तेताला
   भूल न जाना कि मेरा क्या होगा कि तेरे दिल कि सदा फिर याद आई
और अन्त में-
Rhythm of words...

'जिंदगी' और मैं! - वो जी रहा था 'जिसे' मैं 'उसको' एक किताब में पढ़ रहा था वो हकीक़त ही थी 'जिसको' एक मुद्दत से मैं ख्वाब में गढ़ रहा था॥ कुछ खूबसूरत लफ़्ज़ों की नक्काशी ख़ामोशी भी ...

18 टिप्‍पणियां:

  1. बेहद उम्दा चर्चा ...........आभार आपका !

    जवाब देंहटाएं
  2. आपके माध्यम से पता चला , आकांक्षा जी का जन्म दिन है |हमारी ओर से भी बधाई |चर्चा मंच बहुत सुन्दर सजाया है आभार
    आशा

    जवाब देंहटाएं
  3. हम आपको मिस कर रहे थे।
    चर्चा का मंच तो आपकी फ़ौज़ ने संभाली हुई थी पर ....
    रंग बिखराती चर्चा पसंद आई।

    जवाब देंहटाएं
  4. सुंदर चर्चा ही. नेट पर कम समय के लिए आ पाने के चलते यह चर्चा और भी महत्वपूर्ण हो जाती है अच्छी पोस्टों तक पहुंचने के लिए. आभार.

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत ही वृहद और उम्दा चर्चा लगाई है……………आभार्।

    जवाब देंहटाएं
  6. आपने मेरे जन्मदिन पर विभिन्न ब्लाग्स पर पोस्ट की गई पोस्ट को स्थान दिया..इसी बहाने मुझे भी ये लिंक्स मिल गए...आभार. जन्मदिन पर प्राप्त ढेरों बधाई और आप सभी के स्नेह से अभिभूत हूँ...अपना स्नेह इसी तरह सदैव बनाये रहें.

    सादर,
    आकांक्षा

    जवाब देंहटाएं
  7. इस रंग बिरंगी चर्चा के बहाने आपने बहुत से उपयोगी लिंक्स उपलब्ध करा दिये, शुक्रिया।
    …………..
    प्रेतों के बीच घिरी अकेली लड़की।
    साइंस ब्लॉगिंग पर 5 दिवसीय कार्यशाला।

    जवाब देंहटाएं
  8. बढिया मनभावन चर्चा शास्त्री जी.....
    आभार!

    जवाब देंहटाएं
  9. कई महत्वपूर्ण लेखों की बेहतरीन चर्चा.... यह एक बेहतरीन प्रयास है. आपके इस ब्लॉग संकलन के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद!

    जवाब देंहटाएं
  10. आज की चर्चा काफी विस्तृत लगी. बढ़िया चर्चा.

    जवाब देंहटाएं
  11. आदरणीय शास्त्री जी, कृपा पूर्वक उत्साह वर्धन किया. आभारी हूँ.

    जवाब देंहटाएं

"चर्चामंच - हिंदी चिट्ठों का सूत्रधार" पर

केवल संयत और शालीन टिप्पणी ही प्रकाशित की जा सकेंगी! यदि आपकी टिप्पणी प्रकाशित न हो तो निराश न हों। कुछ टिप्पणियाँ स्पैम भी हो जाती है, जिन्हें यथा सम्भव प्रकाशित कर दिया जाता है।