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शनिवार, नवंबर 27, 2010

" दिखावे की औपचारिकता...लिंक ही लिंक..." (चर्चा मंच-351)

जी हाँ!
आज फिर...लिंक ही लिंक...

खाद बीज लेने में किसानो को ...
खाद बीज लेने में किसानो को आ रहा पसीना कटनी / पिछले तीन सालो से सूखे की मार झेल रहे किसानो की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है. इस समय मंडी में धान लेकर पहुच रहे किसानो को उचित भाव नहीं मिल रहे है. मंडी में धान की जमकर आवक हो रही है और मंडी में धान लेकर आये किसान उचित दाम की आस लगाये हुए है जबकि व्यापारी औने पौने दाम बता रहे है.
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(गज़ल) मुन्नी को बदनाम करेगी !
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17 टिप्‍पणियां:

  1. काफी लिंक्स को समेटे है यह दिखावे की चर्चा ....कहने को दिखावे की पर उपयोगी चर्चा ...

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  2. bahut achhi prastuti,links ke sath lekhak ka nam bhi itni kushalta se liya gaya hai ki man dikhawe ko hi nahi vastav me bhi charcha manch ki aur mud jata hai.badhai...

    जवाब देंहटाएं
  3. आजकल मौसम का मिजाज बहुत नरम गरम है |इस कारण यदि बिजली भी नखरे दिखाने लगे तो कोई आश्चार्य नहीं होता |आज की चर्चा अच्छी लगी |पर सुबह जल्दी पोस्ट नहीं लगने से बहुत इन्तजार करना पड़ा
    आशा

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  4. ये दिखावा तो बहुत पसन्द आया…………काफ़ी बढिया लिंक लगाये हैं।

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  5. opcharikta to naam hi dikhave ka hai.aapne to dugna dikhawa kar diya link hi link lagakar mahnet to ki hi manoranjan bhi kar diya.mere blog ko sthan dene ke liye hardik dhanyawad...

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  6. कई लिंक बहुत अच्छे लगे! आपको शुभकामनायें !

    जवाब देंहटाएं
  7. रोचक शीर्षक, रोचक लिंक्स, रोचक चर्चा...धन्यवाद।

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  8. बहुत अच्छे लिंक्स से सजी सुंदर एवं सार्थक चर्चा. आभार.
    सादर,
    डोरोथी.

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  9. बहुत अच्छे लिंक मिले .......धन्यवाद

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  10. बहुत अच्छी चर्चा शास्त्री जी।

    जवाब देंहटाएं

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