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गुरुवार, दिसंबर 16, 2010

अजब कशमकश ....( चर्चा मंच-370 )

दोस्तों ,
चलिए आज की चर्चा की ओर ............यहाँ आपको सब मिलेगा ............जो चाहें पढ़ें और मन ना हो तो ना पढ़ें ..............हमने तो अपना काम कर दिया ...........अब आपकी बारी है.............. 

माँ जल भरन न जाऊँ, 
श्याम करत बहुत ठिठोली
  

साँझ ढलने से पहले

शायद कुछ कर पाऊँ ?

मानदंड
अपने अपने
फिर भी सहेजने जरूरी

हिसाब काँटों का चुकाने
आ गये है हम 
देखे किसमे कितना है दम
गमो मे या हम मे

परछाई
मेरी साथी



बादलों से उतरा एक नूर सा जोगी
भावो की माला दे गया
अब बाँट रही हूं
 

मैं जानती हूँ ... पुरुष :एक काल चिंतन -
अब हम भी जान लें

अब तो प्रियतम आ जाओ
धीर मुझे बंधा जाओ
 

फ़र्क़
खुद देख लो जी………॥

ब्लॉग की जानकारी
दे दीजिये आजकल ब्लोग का अकाल पड रहा है

मुमकिन है तुम आ जाओ

इंतज़ार ………इंतज़ार और सिर्फ़ इंतज़ार्………

ब्लाग लेखन के लाभ अनेक...!

बता दीजिये जनाब शायद किसी बीमार के काम आ जाये

दिल इक ऐसा गुल्लक...
जो चाहो इसमे छुपा लो ...........

मधुमय तुम्हारा हास.......
बन गया मेरे जीवन का प्राण

ये मेरा भाग्य
कौन बांच पाया ?

क्या हिन्दू विवाह में कन्या की उम्र , लड़के की उम्र से कम होनी जरूरी है ?
क्यूँ?

हम थोक में तो पैदा नहीं हुए थे ना, मेरे बाप !
बिल्कुल नहीं हुए मगर फिर भी प्रश्न जायज है .........

लहरों का सफ़र, किनारे तक
एक सफ़र यादो का

हतोत्साहित करना और प्रोत्साहित करना भी एक कला और शक्ति है .....
सही कह रहे हैं

भारत बदल गया है
पता नहीं जी भारत बदला या इन्सान ?



डिलीट बटन

काश ऐसा हो पाता


अब आप केवल 10 मिनट में आपके सिस्टम की सभी corrupted फाइल्स और errors को ठीक कर सकते हैं |
ये भी बहुत जरूरी है

क्रांति स्वर में ललकारें
आवाज़ एक नयी उभारें

एक नीला आइना बेठोस
ज़बर्दस्त है ये आईना



मगर मैं शबनमे हिज्राँ को मोती भी कहूँ कैसे
ये कसक उम्र भर साथ चलती है  

चलिए दोस्तों अब आज्ञा दीजिये .............अगर अपने विचारों से अवगत कराएँगे तो प्रसन्नता होगी और नहीं कराएँगे तो भी होगी ............आखिर हर हाल में खुश रहना जो सीख लिया है ..............

41 टिप्‍पणियां:

  1. वंदना जी, बहुत सुन्दर blogs का संकलन. शमशेर जी की कविता नीला आइना बेठोस पढना सुकून दे गया . रश्मि प्रभा जी की कविताएँ विशेष पसंद आयीं. " परछाई" भी सुन्दर लगी . चर्चा मंच पर बराबर नए blogs पढ़ने को मिलते हैं. हमारा blog include करने के लिए आभार !

    जवाब देंहटाएं
  2. सुन्दर चर्चा, अच्छे लिंक्स , आभार।

    जवाब देंहटाएं
  3. अच्छे ब्लॉगों का चयन!
    सुन्दर चर्चा!
    आपकी श्रम झलक रहा है!

    जवाब देंहटाएं
  4. सुबह सुबह बढ़िया लिंक देने के लिए आभार !

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत ही सुन्दर चर्चा का संसार सजाया है…काफ़ी अच्छे लिंक्स लगाये हैं…पढ़कर मज़ा आ गया.और मेरे ब्लॉग का लिंक भी लगाया लगाया है आपका बहुत बहुत धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  6. वन्‍दना जी, आप बहुत श्रम कर रही हैं इसमें कोई शक नहीं हैं बस एक आग्रह है कि पोस्‍ट के साथ लेखक का नाम और लेख की कुछ पंक्तियां भी दे देंगी तो पढने में आसानी होगी। अभी समझ ही नहीं आ रहा है कि किसे पढा जाए और किसे नहीं। कृपया अन्‍यथा ना लें।

    जवाब देंहटाएं
  7. हमेशा की तरह बेहतरीन चर्चा .... आभार

    जवाब देंहटाएं
  8. श्रमपूर्वक सजाए गए इस गुलदस्ते की सुगंध न केवल भावनात्मक एवं वैचारिक ताज़गी दे रही है बल्कि हिंदी लेखन के भविष्य को भी दर्शा रही है। बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  9. बहुत सारे अच्छे लिंक्स देने के लिए आभार।

    जवाब देंहटाएं
  10. वंदना जी , कमेंट्स देते हुए चर्चा को और रोचक बना दिया है आपने ..
    सुन्दर संकलन है , हमें शामिल करने का शुक्रिया ..

    जवाब देंहटाएं
  11. अच्छे लिंक्स से सुसज्जित चर्चा ...

    आभार

    जवाब देंहटाएं
  12. सुन्दर चर्चा, वंदना जी !


    आप सब को विजय दिवस की हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएं !

    जय हिंद !!!

    विजय दिवस पर विशेष

    जवाब देंहटाएं
  13. @ अजित जी

    इसीलिये तो इस तरह चर्चा करती हूँ ताकि ज्यादा से ज्यादा लिंक्स सब पढ सकें वरना क्या होता है कि सब अपने खास खास लोगों के लिंक्स पढ कर बाकी छोड देते हैं और कुछ अच्छी पोस्टों से महरूम रह जाते हैं और इसमे एक बार हर पोस्ट को खोलना तो पडता ही है और खोलने के बाद सब पढते भी हैं…………वैसे तो अपनी तरफ़ से पूरी कोशिश करती हूँ कि अच्छे से अच्छे लिंक्स दूँ ताकि सभी पढकर सबको अपना चर्चा मंच पर आना सार्थक लगे।

    जवाब देंहटाएं
  14. .

    वंदना जी ,
    आपका श्रम निसंदेह प्रशंसनीय है। अच्छे लिनक्स उपलब्ध कराने के लिए आपका बहुत आभार।

    .

    जवाब देंहटाएं
  15. वंदना जी,आपका हार्दिक आभार।

    जवाब देंहटाएं
  16. bahut hi achchhi charcha .meri rachna ''kranti swar me lalkaren '' ko chatcha me sthan dene ke liye hardik dhanywad .

    जवाब देंहटाएं
  17. वंदना जी आपका बहुत-बहुत धन्यवाद की आपने मेरे द्वारा लिखे गए लेख चर्चा मंच में छापे | चर्चा मंच पढ़कर मजा आ गया और एक ही जगह पर बहुत से ब्लॉग पढ़ने को मिले |

    जवाब देंहटाएं
  18. बहुत खुब प्रस्तुति.........मेरा ब्लाग"काव्य कल्पना" at http://satyamshivam95.blogspot.com/ जिस पर हर गुरुवार को रचना प्रकाशित...आज की रचना "प्रभु तुमको तो आकर" साथ ही मेरी कविता हर सोमवार और शुक्रवार "हिन्दी साहित्य मंच" at www.hindisahityamanch.com पर प्रकाशित..........आप आये और मेरा मार्गदर्शन करे..धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  19. सुन्दर चर्चा,
    अच्छे ब्लॉगों का चयन
    आभार।

    जवाब देंहटाएं
  20. इतने सुन्दर लिंक्स देने के लिए बहुत बहुत आभार..

    जवाब देंहटाएं
  21. वंदना जी,
    सर्वप्रथम मेरी रचना को चर्चा-मंच पर जगह देने के लिए आभार.बहुत सुन्दर संकलन प्रस्तुत किया है.सारी रचनाएँ एक से बढ़कर एक हैं.

    जवाब देंहटाएं
  22. आदरणीया वंदना जी,
    बहुत ही अच्छे लिंक्स दिए हैं आपने.ज्यादातर पढ़ भी लिए हैं.
    मेरी ''परछाई'' शामिल करने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया.

    जवाब देंहटाएं
  23. वंदना जी मेरी रचना को एक बार फिर स्थान देने के लिये शुक्रिया । आपका इतने अच्छे लिंक्स को एकत्रित करने का प्रयास सराह्नीय है

    जवाब देंहटाएं
  24. वंदना जी मेरी रचना को शामिल करने के लिये बहुत बहुत आभार ।

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  25. itni mehnat se banayee hai aapne yah manch. bahot sunder hain rachnayen.mujhe saath lene ke liye aavaree hoon.

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  26. वंदना जी .. चर्चा साधारण तरीके से बेहतरीन सजाई और बहुत अच्छे लिंक दिए... धन्यवाद आपका... शुभरात्रि

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  27. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  28. बहुत सुन्दर संकलन प्रस्तुत.

    shubhkamnayen .....aur ...aabhar.

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  29. वंदना जी,

    मेरे ब्लॉग की पोस्ट को यहाँ जगह देने के लिए आपका आभार.....

    जवाब देंहटाएं

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