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गुरुवार, फ़रवरी 24, 2011

मौसम का असर देखिये……………चर्चा मंच ……437

दोस्तों,
एक तो आजकल शादियों का मौसम , ऊपर से मौसम का बदलना .........सभी अपनी ऊंचाइयों पर हैं तो ऐसे में हाल तो बुरा होना ही है...........न शादियाँ चैन लेने दे रही हैं न मौसम .........बीमार कर ही देते हैं ................थोड़ी तबियत नासाज़ चल रही है  इसलिए चलिए चर्चा की और जितना सहेज सकी उसे ही स्वीकार करिए ..........










चलो खिलाएं कुछ सुन्दर फूल 

 और पाना है खुद का अक्स


 बार बार जुड़ने के लिए 

जिनका कोई अंत नहीं 

 होती अगर हद तो जी लेते

और बचा क्या?

कहने को क्या बचा?

चाहे आप जीत जाइए 

 जीवन सार्थक हो गया

जो कुछ नहीं होता 

अब और कौन बचा?

मैं तो तेरे पास में 

कुछ नहीं ..........सिर्फ आहें भरते 

इसी की कसार रह गयी है 

जब भी बरसी सब बहा ले गयी 


 मैंने चाँद देखा 

शब्द भी खामोश होने लगे 

रोज बदल जाता है 

मगर एक जनम भी निभाना मुश्किल हो जाता है 



एक सिहरन  दे गया 

 मेरी आकांक्षाओं का सच

 महताब के साथ 


खुद को भी नहीं पहचानोगे 

तो फिर क्या पढ़ें?



मिलिए दो महान हस्तियों से  
एक कवयित्री दूसरा समीक्षक 

 आप ही बता दें कैसा लगा 


यही तो नहीं पता  


 अब तो यही होगा 
सरकार साथ जो है 


 पढ़ते हैं 


इक बार कहो ना मीत मेरे 

तुम मेरे हो 

 

क्या हाऊस वाईफ का कोई अस्तित्व नहीं ?

क्या आप भी ऐसा सोचते हैं ?

जिदंगी के रास्ते

बहुत कठिन है डगर पनघट की 

ब्लागिंग की फ़ितरती ABC...खुशदीप

ये भी जाननी जरूरी 

मैं भी चाहती हूँ हसीन सपने देखना-------------- तारकेश्वर गिरी.

काश हर आँख में एक सपना हो 

AIBA के अध्यक्ष पर एक महिला को बैठाकर हिंदी ब्लागजगत की पुरूष प्रभुत्ववादी संरचना को बदला जा सकता है - ANWER JAMAL 

 बिल्कुल  जी


पत्नी यदि पति के साथ न रहे तो भी क्या गुजारा भत्ता की अधिकारी है? 

 जानिए यहाँ 

 


होली तो ससुराल की बाक़ी सब बेनूर सरहज मिश्री की डली,साला पिंड खजूर 

 ये बात तो बिल्कुल ठीक कह रहे हैं

 


ममता और प्यार 

 इसका कोई सानी नहीं 

 




मेरी स्त्री 

और मेरा मन

मेरा दर्पण

और उसका वजूद   

 

 




चीजें - जो हैं
और जो नहीं हैं उनका क्या 



जल सके ना उजालों की पहचान तक
 कोई नहीं रात को रोशन तो कर ही देंगे



"बड़ी माँ" आइला नेग्रा ... पाब्लो नेरुदा
एक पहचान 



उसकी खता क्या थी?
ये तो आप ही जाने 



ग़ज़ल: लुटके मंदिर से हम नहीं आते
 लूटके आते हैं आजकल 
अरे और किसे
वो ही जो बैठा है 
मंदिर में आसन जमाये



हास्‍य एक औषधि‍ है
 ये तो मानने वाली बात है




.......... और एक दिन

क्या हुआ?




चलिए माना तो सही


आईने दिखा देती हैं



दोस्तों 

आज की चर्चा सिर्फ टाइटल पर की है 
इसलिए कोई बुरा मत मानना
जो टाइटल देखकर मन में आया
लिख दिया
अब इजाज़त दीजिये    


35 टिप्‍पणियां:

  1. महत्वपूर्ण लिंक -शीघ्र स्वास्थ्य की शुभकामनाएं !

    जवाब देंहटाएं
  2. कई महत्वपूर्ण लिन्क का एक सार्थक संकलन वन्दना जी। बहुत खूब।
    सादर
    श्यामल सुमन
    09955373288
    www.manoramsuman.blogspot.com

    जवाब देंहटाएं
  3. वाकई इस बार शादियों की बहार है ...स्वास्थ्य का ख्याल रखें

    हमेशा की तरह अच्छी प्रविष्टियों का संकलन ...
    बहुत आभार !

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत अच्छे लिंक्स एक गुलदस्ते के रूप में प्रस्तुत किए गए हैं हमेशा की तरह । शुभकामनाएँ ! मेरी रचना 'बे-मौसम बरसात' को भी इस गुलदस्ते में स्थान मिला , हृदय से आभारी हूँ...

    जवाब देंहटाएं
  5. अस्वस्थ होते हुए भी इतनी बढ़िया चर्चा!
    आपके शीघ्र स्वास्थ्य-लाभ की कामना करता हूँ!

    जवाब देंहटाएं
  6. पहले भी कई बार आपके प्यार और आपका हमे आगे बढ़ाते रहने के लिए दिया गया सहयोग और जोश की वजह से हम आपके आभारी हैं आज भी हम आपको शुक्रिया करना चाहते ही की आपकी लगन और मेहनत लोगों के अन्दर नया जोश भरती है आपके इस नेक काम के लिए हम आपकी ख़ुशी और अच्छी सेहत की भगवन से दुआ करते हैं दोस्त | और आपको अध्यक्ष बनने की भी ढेर सारी मुबारकबाद |
    हमारी रचना एक बार फिर यहाँ तक लाने के लिए शुक्रिया |

    जवाब देंहटाएं
  7. आद.वंदना जी,
    मेरी ग़ज़ल को चर्चामंच पर स्थान देकर आपने मेरा सम्मान बढाया, इसके लिए आपका आभार !
    अच्छे लिक्स से सजा आज का चर्चामंच पाठकों को बेहतरीन रचनाएँ प्रेषित कर रहा हैं !
    आपके श्रम को नमन !

    जवाब देंहटाएं
  8. Vandana ji aaj bahut kuch kahna hai aapse
    1. Get well soon jaldi se thik ho jaiye aap.
    2.Charcha hamesa ki tarah kafi achchi rahi shirshak ke aadhar par aapki panktiyaan bhi mast rahti hai
    3.Meri Kahani ko yanhaa jagah dene ke liye dhanyawaad
    4.Last but not the least A biiiiig CONGRATULATIONS, AIBA ki adhyaksha pad par aasin hone ke liye aur haan Best of luck bhi

    जवाब देंहटाएं
  9. बहुत सुन्दर और सरल चर्चा ..वंदना जी... बधाई .. और आभार ..:)) शुभदिवस

    जवाब देंहटाएं
  10. @ Minakshi Pant ji ,
    आपके कमेंट से ही मुझे भी इसका पता चला …………आपकी हार्दिक आभारी हूँ…………ये सब आप सबके प्यार और सहयोग के कारण ही है ………उम्मीद करती हूँ ये स्नेह इसी प्रकार बना रहेगा।

    जवाब देंहटाएं
  11. @ आलोकिता
    पता है तुम्हारी पोस्ट चलते चलते लगाई थी क्योंकि जैसे ही पढी तो लगा इसे तो चर्चा मंच पर होना चाहिये…………और शुक्रिया तुम्हारे बधाई संदेश के लिये…………अपना स्नेह इसी प्रकार बनाये रखना।

    जवाब देंहटाएं
  12. हार्दिक बधाईयाँ.!!

    स्वास्थ्य का ध्यान रखियेगा..!!

    जवाब देंहटाएं
  13. मेरी रचना को आपने चर्चामंच पर जगह दी इसके लिए धन्यवाद। बहुत सारे अच्छे लिंक्स है। आभार।

    जवाब देंहटाएं
  14. वंदना जी,नमस्कार......अस्वस्थता में भी बहुत सारे लिंक्स समेट लायी है आप....भगवान से हमारी दुआ है कि जल्द ही स्वास्थय लाभ हो।साथ ही एक बहुत ही बड़ी खुशी का दिन है आज........."आपको बहुत बहुत बधाईयाँ और शुभकामनाएँ AIBA की अध्यक्षा बनने के उपलक्ष्य में"....यूँही हर दम प्रगति के पथ पर आप बढ़ती रहे....।

    जवाब देंहटाएं
  15. सार्थक चर्चा ...अच्छे लिंक्स के लिए धन्यवाद |

    'मेरी कविता ' को मंच में स्थान देने के लिए बहुत-बहुत आभार |

    जवाब देंहटाएं
  16. "शुक्रिया आपका मेरे अहसास को अपनी महफ़िल में सजाने के लिये
    कुछ दीवाने ही जहां भूले से चले आते हैं उस वीराने में आने के लिये"

    ये "गुलशन" ये "गुलदस्ता" यूं ही खिलता रहे
    तेरा रोशन किया चिराग कयामत तक जलता रहे

    जवाब देंहटाएं
  17. आप के दिल के हिलोरें हिलाते हैं सभी को ,
    आप के हंसी के फव्वारे हँसाते हैं सभी को ,
    आप तन मन से सदा खुश रहें बस यही दुआ और कामना है हमारी.
    'मनसा वाचा कर्मणा' के ब्लॉग पर मेरी पोस्ट "मो को कहाँ ढूँढता रे बंदे " को आपने चर्चा मंच में शामिल किया इसके लिए आपका बहुत बहुत आभार .

    जवाब देंहटाएं
  18. आपके शीघ्र स्वास्थ्य-लाभ की कामना करता हूँ!
    सार्थक चर्चा ... आभार !

    जवाब देंहटाएं
  19. बहुत सुन्दर अंदाज़ चर्चा प्रस्तुत करने का..सुन्दर लिंक्स..आभार

    जवाब देंहटाएं
  20. बधाई पर कहा है मिठाई
    आप के स्वास्थ्यलाभ की ईश्वर से कामना
    चर्चामंच वाकई गुलदस्ता है
    मुझे भी शामिल किया आभार

    जवाब देंहटाएं
  21. आज कुछ और उपयोगी लिंक आपने दिए हैं ! हार्दिक शुभकामनायें !

    जवाब देंहटाएं
  22. वंदना जी ,
    मेरी कविता चर्चा मंच पर लेने के लिए ह्रदय से आभार .बहुत अच्छा संकलन है चर्चा मंच का .आपने मेरी कविता इतनी पसंद की मुझे बहुत प्रोत्साहन मिला.
    Thanks again.

    जवाब देंहटाएं
  23. .

    Dear Vandana ji ,

    Its a beautiful 'Charcha' as usual . Last time I have read 50 posts out of 57 links given by you . But unfortunately I am very upset today so i visited very few blogs this time . Thanks for including my post here .

    Regards ,
    Divya

    .

    जवाब देंहटाएं
  24. कई महत्वपूर्ण लिन्क का संकलन वन्दना जी

    जवाब देंहटाएं
  25. Bandana ji meri kavita ko itni jagah dene ke liye dhanyabad aaplogon ka pyar agar yu hi milta raha to jaroor kuch acha likhta rahoonga aur aap tak pahoochata rahoonga.......... aapke sneh aur prem ki kalpana ke sath....


    Aapka naya sathi
    Gangesh Thakur
    9873011247

    जवाब देंहटाएं
  26. काफी परिश्रम किया लगता है वंदना जी
    शुक्रिया इतनी सारी लिंक्स को शेयर करने के लिए

    जवाब देंहटाएं
  27. bahut achchhi charcha.meri kavita ko charcha me sthan dene ke liye hardik dhanywad .

    जवाब देंहटाएं
  28. सार्थक संकलन वन्दना जी....मेरा सम्मान बढाया, इसके लिए आपका आभार ....हार्दिक बधाईयाँ.!!

    जवाब देंहटाएं
  29. आपकी चरचा के माध्यम से कई रुचिकर पोस्ट पढ़ने को मिलीं।

    त्रिलोचन जी की कविता को सम्मान देने के लिए आपका आभार।

    जवाब देंहटाएं
  30. बहुत सुंदर लिंक दिए हैं आपने। आपके इस परिश्रम को नमन और मेरी रचना का लिंक देने के लिए आपका आभार।

    जवाब देंहटाएं
  31. बहुत अच्छी चर्चा ...काफी लिंक्स मिले ..आभार

    जवाब देंहटाएं

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