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बुधवार, मार्च 30, 2011

"अब कैसे नव सृजन हो?" (चर्चा मंच 470)


भारत -पाकिस्तान की, हो आपस में बात!!  
 माँ का हृदय उदार है, सुत देते संताप।
एक राह चलते नहीं, भरते हैं अवसाद।।
गुजराती सरकार का, निकला है फरमान।। 
 अपने डोमेन पर सजा, "सत्यम् प्रेमी संघ" 
आओ हम सब प्यार से, इसे लगाएँ अंग।।
 माधव ने बिखराये है, कुछ होली के रंग
त्यौहारों के अलग ही, होते अपने ढंग।। 
पढ़कर इस साहित्य को, खुश हो जाते बाल।।
 मेरे सपने में सजा, फिर से दिलकश चाँद
है मेरे दिलदार की, चिकनी-चिकनी चाँद।।
गहरे सागर पैंठ कर, खोज रहे हैं ज्ञान।। 
 अल्मोडा की राह में, आया नीरज जाट।
संस्मरण को प्यार से, रहा सभी को बाँट।।
 स्वार्थ सामने सभी के, लेकिन है परमार्थ।
युगों-युगों के बाद ही, आता जग में पार्थ।।
कहते हैं खुशदीप यह, बदल गया इनसान
चिकनी-चुपड़ी देख कर. डोल रहा ईमान।। 
ना लागे मेरा जियाबचा न अब एकान्त।
कविता लिखकर कर रहा, मन को अपने शान्त।। 
 चमत्कार को देख कर, नतमस्तक हैं लोग।
खुश रहने के मन्त्र से, करें पलायन रोग।।  
बना लिया है फ़ासला, हमने चारों ओर।
बिन सूरज के जगत में, कभी न होती भोर।। 
 प्रहरी ब्लॉगों का बना, लेता पोस्ट उठाय।
प्यारा सा यह संकलक, सबके मन को भाय।। 
जन-गण-मन को हो रहा, जन्न्त का आभास।। 
मुक्त नहीं हो पाओगे, कर लो यत्न अनेक।
छोड़ ईर्ष्या-द्वेष को, काम करो कुछ नेक।। 
 अमृतरस छलका रही, घट नूतन  की धार।
पढ़ने को हमको मिला, प्यारा सा उपहार।
किसमें होता है अधिक, उदित हमारा भाग??
अब चर्चा के अन्त में, कार्टून लो देख।
रंग-तूलिका हाथ ले, भरते भाव विशेख।।  


13 टिप्‍पणियां:

  1. चर्चा में मेरा लिंक देने के लिए आभार...

    जय हिंद...

    जवाब देंहटाएं
  2. काव्यमयी चर्चा के साथ बेहतरीन लिंक्स संजोये हैं………आभार्।

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत बढ़िया ....बेहतरीन लिंक्स संजोये हैं आपने धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  4. सुन्दर चर्चा .. और बढिया लिंक्स .. मेरी रचना को भी शामिल किया ..आपका शुक्रिया
    मेरे ब्लॉग में भी आइयेगा ..:))
    अमृतरस

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत ही सटीक और सार्थक चर्चा.....

    मेरी साईट "साहित्य प्रेमी संघ" कर ले वो "सत्यम प्रेमी संघ" हो गया है...धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं
  6. चर्चा बहुत अच्छी हही |
    कई लिंक के लिए आभार
    आशा

    जवाब देंहटाएं
  7. आज की चर्चा बहुत अच्छी है .
    अनेक रंग लिए हुए है .
    सभी लिंक्स दिलचस्प हैं...


    दोहों के माध्यम से कई सारे ब्लोग्स को आपने एक जगह पर एकत्रित कर भिन्न भिन्न प्रकार के फूल आज की चर्चा मेँ सजाये हैँ आपने.


    आपको बहुत बहुत धन्यवाद!

    जवाब देंहटाएं
  8. उत्तम पद्यीय प्रस्तुति ।

    बढिया लिंक मिले । आभार सहित...

    जवाब देंहटाएं
  9. bahut sundar charcha .vibhinna links ko aapne kavita roop me bahut khoobsurati se vyakt kiya hai.

    जवाब देंहटाएं
  10. सुन्दर चर्चा/बढिया लिंक्स.

    जवाब देंहटाएं
  11. दोहों में पिरो कर बेहतरीन लिंक्स को प्रस्तुत करने की आपकी संकल्पना स्तुत्य है।

    जवाब देंहटाएं

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