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गुरुवार, अप्रैल 28, 2011

हाल-ए-दिल ज़िंदगी का…………चर्चा मंच………499

दोस्तों
स्वागत है आज की चर्चा में
ज़िंदगी के अलग अलग रंगों से
हम सभी रोज़ रु-ब-रु होते हैं
और वो ही हमारी कहानियों और
कविताओं मे ढलते हैं
तो आइये चर्चा मंच पर ज़िन्दगी के
दिल की धडकनें गिनें
उसकी कहानी उसी की जुबानी

दो किनारे जो मिलकर भी नहीं मिलते

ये बात तो सही है

इसके सिवा तो और कुछ बोलता ही नहीं

गर होता तू मेरा

ए री मैं तो प्रेम दीवानी

और ज़िन्दगी इतनी बड़ी

सौ फीसदी सत्य

मनवा पर तू ना मान हार

ये तो अच्छा बताया

उसे ही खोज रहे हैं सब


सबको नाच नचाये

ये तो परंपरा है

जीवन दर्शन


बधाईयाँ जी बधाईयाँ
ये सफ़र यूं ही चलता रहे


कोई तो लगाये

कैसे रहे साथ

ऐसी नहीं

देखें क्या होगा इसका ?

दोनों का अपना संसार


गिरते मेरे मन पर


कितना भिगो गयी


अपनी पहचान आप हैं

प्रेमियों की दुनिया
यही है ज़िन्दगी
मुफ्त में
खुद ही जानिए
अनमोल रतन
क्यूँ रह गया

जिसका कोई हल नहीं
लो जी डबल डबल गर्मी का मज़ा…………
इतना भयानक ......बच के रहना रे बाबा

बदल गया
सच कहा

अब आज्ञा दीजिये
फिर मिलेंगे
तब तक अपने विचारों से
हमारा हौसला बढ़ाते रहिये

33 टिप्‍पणियां:

  1. भावपूर्ण चर्चा के लिए आभार |कई लिंक्स
    आशा

    जवाब देंहटाएं
  2. अच्छे लिनक्स से भरी सार्थक चर्चा .आभार .

    जवाब देंहटाएं
  3. संक्षिप्त टिपणियों के साथ सुन्दर चर्चा करने के लिए आभार!

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत बढ़िया चर्चा ...अच्छे लिनक्स ..आभार

    जवाब देंहटाएं
  5. उत्तम लिंक्स से चयनित सार्थक चर्चा. मेरी पोस्ट "जिन्दगी की राह में 1+1=11 का सफर" को स्थान देने के लिये आपका विशेष आभार...

    जवाब देंहटाएं
  6. सारी कोशिशों के बावजूद सारे लिंक नहीं देख सका . पर संकलन अच्छा है . बधाई .

    जवाब देंहटाएं
  7. वंदना जी ,पहली बार आप की चर्चा क़ा लिंक देखा ,अत्यंत सुन्दर लगा

    आप की लेखनी भी कमाल की है ,कुछ हरकते करने की आदत

    है मेरी ,जैसे गाने वाला अपनी गायकी में हरकत करता है। छेड़ने


    क़ा मजा ही कुछ और ही है.....................।

    जवाब देंहटाएं
  8. अच्छी लिंक्स से सजी बहुत सुन्दर चर्चा..आभार

    जवाब देंहटाएं
  9. सुन्दर सार्थक चर्चा.मेरी रचना को स्थान देने का बहुत आभार.

    जवाब देंहटाएं
  10. बहुत बढ़िया चर्चा ...करीब करीब सभी लिंक्स पर हो आई हूँ ...अच्छे लिंक्स देने के लिए आभार ...मेरी रचना को शामिल करने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया :)

    जवाब देंहटाएं
  11. वंदनाजी, आपकी गुदगुदाती टिप्पणियों के साथ प्रस्तुत कविताओं व अन्य रचनाओं की जानकारी लिये आज की चर्चा बहुत सुंदर है, आभार !

    जवाब देंहटाएं
  12. वंदना जी, आपका बहुत-बहुत शुक्रिया मेरी रचना को चर्चा मंच में लाने के लिये बहुत ही अच्‍छे लिंक्‍स दिये है आपने ... इस बेहतरीन प्रस्‍तुति के लिये आभार ।

    जवाब देंहटाएं
  13. वन्दना जी आप का अथक परिश्रम वास्तव में नमन करने योग्य है शाश्त्री जी का सान्निध्य साधुवाद का पात्र है मई आप को हार्दिक आभार व्यक्त करता हूँ कृपया स्वीकार कर के अनुग्रहित करें
    वेद व्यथित

    जवाब देंहटाएं
  14. bhut bhut thanks... aaj phir hamesa ki tarah bhut acche links padne ko mile...

    जवाब देंहटाएं
  15. सबके लिए अच्छे अच्छे लिंक्स एकत्र कर प्रस्तुत किया है आपने आज की सुंदर चर्चा में । बधाई । मेरी कविता भी यहाँ है आज , आभारी हूँ। शुभकामनाएं ।

    जवाब देंहटाएं
  16. बढ़िया चर्चा, हमें भरपूर मानसिक खुराक देने के लिए बधाई की पात्र है आप !

    जवाब देंहटाएं
  17. बढ़िया चर्चा, हमें भरपूर मानसिक खुराक देने के लिए बधाई की पात्र है आप !

    जवाब देंहटाएं
  18. Vadana ji , saarthak charcha aur
    meree gazal ko sthaan dene ke liye
    aapko badhaaee , shubh kamna aur
    hardik dhanyawad.

    जवाब देंहटाएं
  19. समय समय पर चर्चा मंच द्वारा मेरी कविताओं को स्थान दिया जाता रहा है, मैं चर्चा मंच के साथ साथ उन सभी पाठकों का हृदय से ऋणी जिन्होंने अपनी तमाम व्यस्तताओं के बावजूद न केवल मुझे पढा अपितु अपनी अमूल्य टिप्पणियां भी दी

    जवाब देंहटाएं

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