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गुरुवार, अप्रैल 21, 2011

संक्षिप्त चर्चा………………चर्चा मंच

दोस्तों
चर्चामंच पर
 आप सबका स्वागत है 
 ज्यादा लिंक्स नहीं दे पाऊँगी
लेकिन जो दे रही हूँ 
उम्मीद है पसंद आयेंगे   

 फिर भी लिखी गयी 

है किसी को पता 



 ज़रा जानिए तो सही 


नज़रिए का 


कु्छ निशाँ उम्र भर दिल पर दस्तक देते हैं


इनकी ही भाषा होती है


चलो अच्छा है वरना आज वफ़ा कम ही नज़र आती है 


 अध्यक्ष बनने पर बधाई 


 खुदा की नेमत 


कभी नहीं होगा 


और हमेशा रहेगा 


 स्वर्णिम पल होते वहां 


 कौन ?


 अपनी पहचान आप है


एक नशा


 ज़रा झुके होते


ज़िन्दगी से मिला दिया 


 भूलने वाले कब वापस आये हैं

 ज़िन्दगी का


 बांचिये इसे भी

ज़रा जानिए क्यूँ है उदास 


ज़िन्दगी कैसे नज़र चुराती है


मिलिये एक खास शख्सियत से
एक अलग ही नज़रिया है

हर कविता यथार्थ के करीब
दिल के करीब
स्त्री मन के भावों का
बेहद खूबसूरत संगम 
आज उनकी तीन 
रचनाओं से मिलवा रही हूँ
जिनसे आप उनकी सोच 
और व्यक्तित्व से 
प्रभावित हुये बिना 
नही रह सकेंगे
ये हैं अनीता शर्मा जी 
पेशे से पत्रकार अनीता 
 इंडिया टुडे में 
बतौर सीनियर सब एडिटर
कार्यरत हैं। 
ब्लॉग का शीर्षक है–रास्‍ते खत्‍म नहीं होते…

मेरा अस्तित्व: वीर्य सा

 एक बेजोड रचना


ये मेरी भावनाएं...

कैसे होती हैं तिरस्कृत



स्तनों का जोड़ा

ये भी बहुत कुछ कह्ता है 




अब आज्ञा दीजिये 
फिर मिलेंगे
तब तक अपने विचारों से
अवगत कराते  रहिये

28 टिप्‍पणियां:

  1. अच्छी चर्चा ....आपका आभार मेरी रचना को शामिल करने के लिए ...!

    जवाब देंहटाएं
  2. vandana ji ,
    aapke hanthon saje ,sanware gaye gulshan men manohari gulon se ru-baru hokar sukhad ahsas hua . safal prayas
    badhayi .

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत ही सुन्दर पोस्ट...धन्यवाद..

    जवाब देंहटाएं
  4. चर्चा में लेने के लिए आभार।
    अभी तो अनीता जी की तीनो पोस्ट ही पढ़ी हैं...
    शेष पढ़ूँ तो कुछ कहूँ..

    जवाब देंहटाएं
  5. कुछ लिंक काफी अच्छे लगे... इस चर्चा के लिए धन्यवाद!

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत अच्छे लिंक्स समेटे उम्दा चर्चा ...सभी पोस्ट पढ़ आए ...आभार

    जवाब देंहटाएं
  7. सीधी-सादी अच्छी चर्चा।
    बाँच लिया है पूरा पर्चा।।

    जवाब देंहटाएं
  8. bahut bahut shukriya Vandana ji itne sundar manch par meri rachna ko sthan dene ke liye .

    जवाब देंहटाएं
  9. वाह ... बहुत ही अच्‍छी चर्चा .. आभार इस बेहतरीन प्रस्‍तुति के लिये ।

    जवाब देंहटाएं
  10. सुंदर लिंकों से सजी बेहतरीन चर्चा।

    जवाब देंहटाएं
  11. अच्छी चर्चा ....अच्छे लिंक ...
    ..आभार

    जवाब देंहटाएं
  12. वन्दना जी, चर्चा मंच पर मेरी रचना को शामिल करने के लिये आभार...अभी कुछ ही लिंक्स पढ़े हैं कोशिश करूँगी कि सब लिंक्स जरूर से पढूँ.....

    जवाब देंहटाएं
  13. सुन्दर चर्चा..रचना शामिल करने का आभार..

    जवाब देंहटाएं
  14. चर्चा बहुत अच्छी लगी..कुछ लिंक तो बहुत ही बेहतरीन हैं...

    जवाब देंहटाएं
  15. bahut achchi charcha behtarin links ke saath. hardhik badhai. meri kavita ko bhi aapne shaamil kiya, aabhari hoon.

    जवाब देंहटाएं
  16. हमेशा की तरह बढ़िया चर्चा ... अच्छे लिंक समाहित किये हैं चर्चा में....बधाई

    जवाब देंहटाएं
  17. सुंदर चर्चा ,मुझे शामिल करने के लिये बहुत बहुत आभार ।

    जवाब देंहटाएं
  18. बहुत अच्छे लिंक्स समेटे उम्दा चर्चा

    सीधी-सादी अच्छी चर्चा।
    बाँच लिया है पूरा पर्चा।।

    हम खुश हैं कि हमें सद्र मोहतरम जनाब डा. रूपचंद शास्त्री ‘मयंक‘ जी के रूप में एक होशमंद दानिश्वर मिला जो हमारा साथी भी है और हमारा बुज़ुर्ग भी The President

    http://mushayera.blogspot.com/

    जवाब देंहटाएं
  19. आपका आभार... मेरे ब्लॉग को शामिल करने के लिए...
    आपकी इस चर्चा से नए ब्लॉग तक पहुँच पाए है कुछ लोग ...पढ़ने के लिए लिस्ट बढ़ी है...शुक्रिया...

    जवाब देंहटाएं

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