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बुधवार, मई 25, 2011

"शीर्षक आपके! रचना मेरी!!" (चर्चा मंच-524)

कतरनों से कविता
कहीं तुकान्त
कहीं अतुकान्त
स्व और स्वत्व
मैं और मेरे अन्दर का तत्व
लो जी हो गई
आज की चर्चा पूरी!
और सम्पन्न हो गई
रचना मेरी!!

28 टिप्‍पणियां:

  1. आज की कतार्नोसे सजा चर्चा मंच बहुत अच्छा रहा |नए अंदाज में आपकी प्रस्तुति ने मन मोह लिया |बहुत बहुत बधाई नए अंदाज के लिए|
    मेरी रचना को कतरनों में खोजने में भी मशक्कत तो करना पडी पर अच्छा लगा |कविता को आज शामिल करने के लिए आभार |
    आशा

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  2. काफ़ी नये लिंक मिले, अच्छी चर्चा,

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  3. बहुत अच्छी है ये कतरने....जोड़ दो तो सुंदर -सा रुमाल बन जाता है --और फेंक तो कुछ हाथ नही आता ...
    बढ़िया ....शास्त्री जी हम तो आपकी लेखनी के दीवाने है !

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  4. बहुत भाई ये रंगदार , छींटदार कतरने !

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  5. ये भी एक अलग अंदाज रहा....

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  6. शास्त्री जी आपने बेहतरीन पन्ने खोले साहित्य के, अभिवादन

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  7. suder indradhanush ki tarah rangon me ranga aapka charcha manch.

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  8. वाह! वाह! वाह! अद्भुत चर्चा...

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  9. आपकी रचना और भट्ट जी का कार्टून, दोनों ही दिलकश रहे।

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  10. आज तो दो तीन जगह रूक कर हंसना पड़ गया ।
    क्या ग़ज़ब की रचना है ।
    शुक्रिया नीलम जी के बात न करने की चर्चा यहाँ करने के लिए !

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  11. आज तो बिलकुल अलग और बहुत ही खूबसूरत अंदाज़ से सजा है चर्चा मंच ..
    बहुत बहुत बधाई ..!!

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  12. शीर्षकों से बनी रचना बढ़िया रही ... अच्छी चर्चा के साथ एक अलग अंदाज़

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  13. रचना का ये अन्दाज़ भी पसन्द आया सुन्दर लिंक्स संयोजन्।

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  14. suder indradhanush ki tarah rangon me ranga aapka charcha manch.
    आभार

    जवाब देंहटाएं
  15. नए रूप में सुन्दर चर्चा..आभार

    जवाब देंहटाएं
  16. charcha karne ka aapka new idea pasand aaya.mere blog kaushal se khushi ji ka aalekh lene ke liye aabhar.

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  17. चर्चा का यह अंदाज़ भी रोचक रहा।

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  18. Bahut khubsurat manch hai ye.
    yaha akar bahut achcha laga....!

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  19. Shukriya ...achha laga ki main abhi bhi kahin to bachi hue hoon katrano main..:)'
    jao mujhe nahi karni tumse koi baat..:)
    Azmal ji aapka bhi bahut bahut shukriya.

    जवाब देंहटाएं

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