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सोमवार, जून 27, 2011

मौसम सुहाना हो गया……………चर्चा मंच


दोस्तों !
सोमवार की चर्चा में स्वागत है 
आज चर्चा लगा रही हूँ और 
मौसम की खुमारी छायी है
अरे मौसम जो खुशगवार हो गया है
आज बारिश ने भिगो दिया है तो सोचा
हम भी आज आपको भिगो दें 
मानसून के आगमन का 
स्वागत हम भी कर लें
कुछ भीगे भीगे लिंक्स मे 
कुछ नये और कुछ पुराने
मगर है सब अपने
वो ही है सच्चा फकीर 

कौन?

कैसा?

ये हुई न बात 

 खुद पढ़िए 

 इसमें क्या शक है

ओये होए क्या बात है इस अंदाज़ के 

 जरूर पढेंगे जी 

 जानिए कैसे 

 अरे वह ये हुई न बात 

क्यों?

 क्या हुआ था ?

जो खुद तो दहकते हैं
दिल भी दहकाते हैं  

मुबारक हो 

जान लो क्या है ये  .......नया है 

स्वागत है जी 

सुन लो अब तो दर्द भरी पुकार 
क्यूँ क्या हुआ क्यों नहीं  

उफ़ ........दर्द ही दर्द  

उफ़ ........ क्या कर गयी
कभी तो बरसेंगे 

 शायद कोई समझ सके 

तो भिगोयेगी जरूर
आप ही बता दीजिये
 जानना जरूरी है 
जरूर पढेंगे 
ये तो मौसम का तकाजा है 
जीने का बहाना सीख लिया



कतरने ख़्वाबों की 
बताओ कैसे सीयूँ 
 सच कहा 
मगर मठ वो ही रहा 
अब आज्ञा दीजिये 
अगले सोमवार फिर मिलेंगे
 बताइये भीगे या नहीं

36 टिप्‍पणियां:

  1. जी हाँ मौसम सुहाना हो गया है!
    क्योंकि बहुत अच्छे लिंक मिल गये हैं आज पढ़ने के लिए!

    जवाब देंहटाएं
  2. हां मौसम बदल रहा है, सोच और संवेदनाये भी बदल रहीं हैं. दोनों भावों को बखूबी रेखांकित कर रहीं हैं चयनित रचनाये. बहुत बहुत आभार अच्छी पोस्ट चयनित करने और उपलब्ध करने के लिए.

    जवाब देंहटाएं
  3. शुभप्रभात ..वंदना जी ...मौसम के अनुरूप -सुहावनी ..मनभावन चर्चा ...!!

    जवाब देंहटाएं
  4. मनोहारी संकलन ,संपादन सार्थक प्रयास को शुभ कामना ,बधाई जी /

    जवाब देंहटाएं
  5. भीगे ही नहीं पूरा सराबोर हो गए हम तो....अच्छी चर्चा

    जवाब देंहटाएं
  6. इसे कहते हैं बूंदा बांदी , मूसलाधार से कम में हम तो भीगते नहीं ।
    हाँ ख़ुमार सा ज़रूर आ गया , जाने क्यों ?

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत अच्छे लिंक मिल गये हैं आज पढ़ने के लिए!

    जवाब देंहटाएं
  8. मौसम खुशगवार है,पड़ रही फ़ुहार है।
    चारों ओर हरियाली,बूंदो का त्यौहार है॥


    सुंदर चर्चा के लिए आभार

    जवाब देंहटाएं
  9. जबरदस्त |
    अच्छे लिंक्स |
    आभार ||

    प्रेम-क्षुदित व्याकुल जगत, मांगे प्यार अपार |
    जहाँ कहीं देना पड़े, कर देता है मार ||


    आम सभी बौरा गए, खस-खस होते ख़ास |
    दुनिया में रविकर मिटै, मिष्ठी-स्नेह-सुबास ||


    सरपट बग्घी भागती, बड़े लक्ष्य की ओर |
    घोडा चाबुक खाय के, लखे विचरते ढोर ||


    चले हुए नौ-दिन हुए, चला अढ़ाई कोस |
    लोकपाल का करी शुभ्र, तनिक होश में पोस || करी = हाथी


    कुर्सी के खटमल करें, मोटी-चमड़ी छेद |
    मर जाते अफ़सोस पर, पी के खून सफ़ेद |

    सोखे सागर चोंच से, छोट टिटहरी नाय |
    इक-अन्ने से बन रहे, रुपया हमें दिखाय ||

    सौदागर भगते भये, डेरा घुसते ऊँट |
    जो लेना वो ले चले, जी-भर के तू लूट ||

    कछुआ - टाटा कर रहे , पूरे सारोकार |
    खरगोशों की फौज में, भरे पड़े मक्कार ||

    कोशिश अपने राम की, बचा रहे यह देश |
    सदियों से लुटता रहा, माया गई विदेश ||

    कोयल कागा के घरे, करती कहाँ बवाल |
    चाल-बाज चल न सका, कोयल चल दी चाल ||

    प्रगति पंख को नोचता, भ्रष्टाचारी बाज |
    लेना-देना क्यूँ करे , सारा सभ्य समाज ||

    रिश्तों की पूंजी बड़ी , हर-पल संयम *वर्त | *व्यवहार कर
    पूर्ण-वृत्त पेटक रहे , असली सुख *संवर्त || *इकठ्ठा

    जवाब देंहटाएं
  10. बहुत अच्छी चर्चा. अच्छे लिंक्स मिले. मेरी कविता सम्मान देने के लिए आभार. ऐसे ही चर्चाएँ करती रहें.

    जवाब देंहटाएं
  11. बहुत ही खुबसूरत लिंक से सजी चर्चा...
    meri पोस्ट शामिल करने के लिए शुक्रिया...

    जवाब देंहटाएं
  12. bahut hi achche link se parichay karayaa aapne.bahut badiyaa charcha manch.badhaai sweekaren.

    जवाब देंहटाएं
  13. अच्‍छे लिंक्स ..

    दो दिन बाद नेट पर आयी हूं ..

    अब जाती हूं एक एक कर सारे लिंक्स पर ..

    आभार !!

    जवाब देंहटाएं
  14. बहुत ही अच्‍छे लिंक्‍स दिये है ...इस बेहतरीन चर्चा के लिये आभार ।

    जवाब देंहटाएं
  15. वाह वंदना जी अपने तो सराबोर कर दिया....

    जवाब देंहटाएं
  16. सुन्दर लिंक्स से सजी बहुत रोचक चर्चा...मेरी रचना को शामिल करने के लिये आभार...

    जवाब देंहटाएं
  17. बहुत अच्छी चर्चा।
    मेरे ब्लॉग को सम्मिलित करने के लिए आभार।

    जवाब देंहटाएं
  18. अच्छी माला बने है भावों की विविधता लिए .बधाई .अच्छा चयन ,बोनस के रूप में रविकर जी ,वाह क्या बात है .

    जवाब देंहटाएं
  19. bahut hi sunder link hai
    mere haiku yahan lene ke liye aapka bahut bahut dhnyavad
    rachana

    जवाब देंहटाएं
  20. चर्चा में अच्छे लिंक्स का समावेश मन को भा गया।

    जवाब देंहटाएं
  21. चुनिन्दा लिंक्स तक पहुँचाने हेतु आभार सहित...

    जवाब देंहटाएं
  22. चर्चा मंच के माध्यम से बहुत साड़ी सुन्दर और संवेदन शील रचनाओं तक पहुँच बनती है ,जिसके लिए आप को हार्दिक धन्यवाद .

    जवाब देंहटाएं
  23. बहुत ही सुंदर और विस्तृत चर्चा।

    जवाब देंहटाएं
  24. मेरे नए ब्लॉग की पहली ही पोस्ट को अपनी चर्चा में शामिल कर सम्मानित करने के लिए आपका बहुत बहुत आभार !

    जवाब देंहटाएं

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