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शुक्रवार, जुलाई 01, 2011

"बात कुछ हज़म नही हुई" (चर्चा मंच-562)


 मित्रों!
आज तक अनवरतरूप से 
प्रतिदिन आपकी सेवा में हाजिर होता रहा हूँ!
अब कुछ दिनों के लिए अवकाश पर जा रहा हूँ!
इस अवधि में सुविधानुसार 
कभी-कभी आपसे रूबरू होता रहूँगा!
आगामी शुक्रवार की चर्चा के लिए भी
कुछ न कुछ प्रबन्ध करूँगा! 
अब चलते हैं आज की ताज़ा हलचल की ओर!  
आज पूरे दिन ब्लॉगर तथा डैशबोर्ड खुलने में बहुत दिक्कत रही।
टिप्पणीबॉक्स न खुल पाने के कारण
कहीं पर टिप्पणियाँ भी नहीं हो पा रहीं थीं।
शाम को इन्दौर से अर्चना चावजी ने बताया कि 
मौजिला और इंटरनेटएक्सप्लोरर में 
डैशबोर्ड खुलने में कोई दिक्कत नहीं है।
तह कहीं जाकर "उच्चारण" पर एक ग़ज़ल पोस्ट कर पाया!
गत वर्ष यह 26 जून को थी, इस वर्ष 15 जून को थी!
अंग्रेजी तारीख से इसका कोई मतलब नहीं है!
रावेन्द्रकुमार रवि ने बाबा के जन्मशती वर्ष के समापन पर 
पोस्ट लगाई है!
देहरादून की 
मेरा फोटो

कुछदिन पहले ही विदेश यात्रा से लौटी हैं
देखिए उनकी पोस्ट
 मेरे सपने में पढ़िए
जाने कब समंदर मांगने आ जाए! 
 एक सूचना यहाँ भी है
मेरे प्रिय मित्र बन्धु गण.. 
कुछ दिनों के लिये मैं बाहर जारही हूँ 


आइये मैं आपको फेस-बुक के बारे में कुछ जानकारी देती हूँ 


(चवन्नी प्रकरण)


रेत के महल  में पढ़िए-
आज मूड बहुत ख़राब है मेरा


मेरा फोटो
में पेश कर रहे हैं-

ये गाने के बोल तो मुझे भी 
ये धरती..ये नदियाँ ..ये रैना ..और तुम   
 दुनाली पर मलखान सिंह बता रहे हैं-
महेन्द्र मिश्रा जी कह रहे हैं-
ने ही इस संसार का सृजन किया है . 


बगिया में भंवरे बहुत दूर से आया करते हैं 
कृष्ण तन होता है लेकिन निर्मल मन वो रहते हैं देखो न , 
तभी तो शहद कितना मधुर हुआ करता है  
 राजीव तनेजा जी हँसते रहो में बता रहे हैं-

मनोज कुमार जी आँच पर लेकर आये हैं-

--


लघुकथा संवेदना  *मनोज कुमार*  
 रविन्द्र प्रभात जी का उपन्यास 
अब देखिए समीर लाल "समीर" जी की


 

29 टिप्‍पणियां:

  1. अच्‍छी चर्चा के साथ बेहतरीन लिंक्‍स ....बहुत खूब ।

    जवाब देंहटाएं
  2. करीब १५ दिनों से अस्वस्थता के कारण ब्लॉगजगत से दूर हूँ

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत सुंदर लिनक्स लिए चर्चा ..... आभार आपका

    जवाब देंहटाएं
  4. अच्छी चर्चा अच्छे लिंक्स |
    आशा

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत सुंदर चर्चा . आभार आपका
    अच्‍छी चर्चा के साथ बेहतरीन लिंक्‍स

    जवाब देंहटाएं
  6. मंगल शुप्रभात सर ! बेहतरीन संपादन , सार्थक संवेदन-शील विचारों का स्वरुप पढ़ने समझने को मिला / आभार आपका, समस्त सृजकों का जिसने अमूल्य योगदान दिया /

    जवाब देंहटाएं
  7. धन्यवाद - बहुत अच्छे लिनक्स हैं ... :) मेरी पोस्ट शामिल करने के लिए धन्यवाद ... :)

    जवाब देंहटाएं
  8. बढ़िया लिंक देने के लिए आभार व कार्टून को भी चर्चा में सम्मिलित करने के लिए साधुवाद.

    जवाब देंहटाएं
  9. बहुत अच्छी और सुन्दर चर्चा | बहुत उम्दा लिंक्स |
    मेरी रचना चवन्नी की विदाई को शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद् |

    जवाब देंहटाएं
  10. बहुत ही अच्‍छे लिंक्‍स दिये है आपने ...बेहतरीन प्रस्‍तुति के लिये आभार ।

    जवाब देंहटाएं
  11. धन्यवाद शास्त्री जी! तमाम बहुत ही अच्छी पोस्टो के बीच अपनी भी पोस्ट देखकर बहुत अच्छा लगा। पुनः-पुनः धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  12. ्सुन्दर लिंक्स के साथ बहुत सुन्दर चर्चा मंच सजाया है।

    जवाब देंहटाएं
  13. Shastri ji bahut bahut dhanyavaad aapne mere vishya me charcha manch par likha abhi mere blog par meri yatra shuru hui hai main aap sab logon ki ichcha aur utsukta ko dekhte hue apni yaatra ka har pahloo baatna chahungi.jab meri yaatra poorn ho jaye uske baad hi aap logon ki pratikriya jaanna chahungi.sabhaar rajesh kumari.

    जवाब देंहटाएं
  14. चर्चा मंच अच्छा लगा। एक ही स्थान पर पढ़ने के लिए अनेक लिंक मिले। मनोज ब्लाग से अनेकार्थी शब्दों का अर्थ-निर्णय को इस मंच पर स्थान देने के लिए हार्दिक आभार व साधुवाद।

    जवाब देंहटाएं
  15. बहुत बढ़िया चर्चा ..अच्छे लिंक्स समाहित किये हैं ..आभार

    जवाब देंहटाएं
  16. नमस्कार शास्त्री जी, बहुत सुन्दर चर्चा रही। मेरी रचना को स्थान देने के लिये आभारी हूँ।

    जवाब देंहटाएं
  17. दो दिनों से नेट की परेशानी से परेशां रही हूँ ...
    मेरी कविता याद रखने के लिए शुक्रिया.....खुबसुरत लिंक से सजी यह चर्चा -मंच बधाई की पात्र है ...धन्यवाद शास्त्री जी ....

    जवाब देंहटाएं

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