फ़ॉलोअर



यह ब्लॉग खोजें

मंगलवार, अप्रैल 17, 2012

हम आसमां टटोलते हैं.... चर्चामंच-852

नमस्‍कार। 
समय कितनी जल्‍दी बीतता है, पता ही नहीं चलता। मौसम भी रूख बदलता रहता है। सच ही कहा है किसी ने पागल होने का कोई सही मौसम नहीं होता 
ये भी क्‍या खूब कही गई है, 
मेरी राहों का तम हरता है ... !!! 
कौन है ये   अजनबी सा
कहां खो जाती है    काव्‍य धारा 
 गजब है जवां यादें 
एक मस्‍ताना निकला है कहते  
कीजिए सैर स्‍काटलैंड की
ये तरीका भी क्‍या खूब है, 
उम्‍मीदों की उडान देखिए .... हम आसमां टटोलते हैं..
क्‍या कहता है कवि

सच है गांधी के अनुयायियों ने 

"खादी का अपमान किया है"

आखिर में चलते चलते यारो सब दुआ कीजिए

अब दीजिए अतुल श्रीवास्‍तव   को इजाजत। 
फिर मुलाकात होगी..... 

27 टिप्‍पणियां:

  1. मेरी पोस्ट को अपनी चर्चा मे स्थान देने के लिए आपका बहुत बहुत आभार अतुल जी !

    जवाब देंहटाएं
  2. अच्छे लिंकों के साथ बढ़िया चर्चा की है आपने!
    आभार!

    जवाब देंहटाएं
  3. चर्चा मंच की सुन्दर चर्चा ,सुन्दर रचनाओं के साथ ..बधाईयाँ जी /

    जवाब देंहटाएं
  4. आभार अतुल जी .....बहुत बढ़िया लिंक्स चयन ....उत्कृष्ट चर्चा .....
    प्रण ज़रूर लें इस वर्ष ...वर्षा के समय कुछ वृक्षारोपण ज़रूर करें ....!!

    जवाब देंहटाएं
  5. सुन्दर संयोजन..
    .आज आपने अखबार के बारे में नहीं बताया ..
    कलमदान को स्थान देने के लिए धन्यवाद..

    जवाब देंहटाएं
  6. वाह !!
    पागल बनाने के लिये भी
    बादल और बरसात कहाँ चाहिये
    पागल होने वाला और पागल
    बनाने वाला बस एक साथ चाहिये
    चर्चामंच बहुत सुंदर बनाया गया है
    यहाँ कहाँ किसी को भी
    अतुल ने पागल बनाया है।

    जवाब देंहटाएं
  7. और हाँ ! मेरी कविता की पंक्ति को चर्चा मंच का शीर्षक बनाने के लिए धन्यवाद..!!
    :)

    जवाब देंहटाएं
  8. बहुत बढ़िया अतुल जी............

    शानदार चर्चा....

    शुक्रिया.
    अनु

    जवाब देंहटाएं
  9. मेरी रचना को चर्चा मंच मे स्थान देने के लिए आपका बहुत बहुत आभार अतुल जी !

    जवाब देंहटाएं
  10. सभी लिंक्स बहुत ही बढ़िया है!....धन्यवाद!

    जवाब देंहटाएं
  11. बहुत ही सुन्दर, शालीन और सन्तुलित चर्चा... बधाई

    जवाब देंहटाएं
  12. सुन्दर चर्चा बहुत बढ़िया लिंक्स..

    जवाब देंहटाएं
  13. बहुत सुन्दर लिंक संयोजन सुन्दर चर्चा

    जवाब देंहटाएं
  14. .बहुत बढ़िया चर्चा भाईसाहब .

    जवाब देंहटाएं
  15. .बहुत बढ़िया चर्चा भाईसाहब .

    जवाब देंहटाएं
  16. .बहुत बढ़िया चर्चा भाईसाहब .

    जवाब देंहटाएं
  17. बहुत ही अच्‍छे लिंक्‍स का चयन जिनके साथ मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार ।

    जवाब देंहटाएं
  18. आज कल बहुत कार्यव्यवस्ता की वजह से नेट पर नहीं आ पा रही हूँ ... कुछ देर के लिए बस... पर यहाँ पर आ कर काफी अच्छे लिंक मिल जाते हैं...समय की बचत भी हो जाती है... मेरी पोस्ट को जगह मिली ..आपका आभार ..

    जवाब देंहटाएं
  19. बहुत प्यारे लिंक दिए अतुल भाई ....
    आभार आपका !

    जवाब देंहटाएं

"चर्चामंच - हिंदी चिट्ठों का सूत्रधार" पर

केवल संयत और शालीन टिप्पणी ही प्रकाशित की जा सकेंगी! यदि आपकी टिप्पणी प्रकाशित न हो तो निराश न हों। कुछ टिप्पणियाँ स्पैम भी हो जाती है, जिन्हें यथा सम्भव प्रकाशित कर दिया जाता है।