फ़ॉलोअर



यह ब्लॉग खोजें

सोमवार, जुलाई 16, 2012

सोमवारीय चर्चामंच-942

दोस्तों चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ का नमस्कार! कल यानी चर्चामंच-941, SUNDAY, JULY 15, 2012 के लिंकों पर सर्व श्री 'रविकर' जी, 'सुशील' जी तथा 'धीरेन्द्र' जी ने जमकर टिप्पणियों की बौछार से इस चर्चामंच को सराबोर किया... सुशील  जी से तो शायद ही कोई लिंक बाकी बचा हो तथा टिप्पणियाँ भी उचित तथा यथेष्ट... समझ में नहीं आता कि किसे इस चर्चामंच के लिए सर्वश्रेष्ठ टिप्पणीकार के ख़िताब से नवाज़ा जाय और किसे छोड़ दिया जाय फिर भी रस्म अदायगी के ही नाते यह तो करना ही है और इस  रस्म  अदायगी स्वरूप भाई ‘रविकर’ जी का नामोल्लेख किया जा रहा है वैसे तो सारी  टिप्पणियाँ  एक से बढ़कर एक हैं लेकिन उनमें भी जो टिप्पणी इनकी ख़ास लगी वह है लिंक नं. 8 पर की गयी यह टिप्पणी-
रविकर फैजाबादीJuly 15, 2012 8:12 AM


  1. जरूरी तो नहीं मानसून की आहटों से
    सबके शहर का मौसम गुलाबी हो!

    पूरब में अब बाढ़ ने, ढाया कहर अजीब
    वर्षा रानी से हुआ, ज्यादा त्रस्त गरीब।।

    पश्चिम में सावन घटा, ठीक ठाक संतोष
    कवि हृदयों में है बढ़ा, ज्यादा जोश-खरोश।।

    मेरे यहाँ अथाह जल, जल ना दिल्ली वीर
    दिल ही की तो है कही, तेरी मेरी पीर

    (उपर्युक्त विशेष टिप्पणीकारों के बारे में ख़ास जानने कि लिए उनके नामों पर क्लिक कर सकते हैं)


अब चलते हैं चर्चा की ओर तो सोमवारीय चर्चामंच पर पेशे-ख़िदमत है आज की चर्चा का-
लिंक 1- 
दो ब्लॉगर, दो कवि और एक काव्य गोष्ठी -बेचैन आत्मा देवेन्द्र पाण्डेय
_______________
लिंक 2-
बंगलौर बस में : दो -राजेश उत्साही
मेरा फोटो
_______________
लिंक 3-
राम राम भाई! नुस्ख़े सौन्दर्य के -वीरू भाई
मेरा फोटो
_______________
लिंक 4-
My Photo
_______________
लिंक 5-
उपादान-पुरुष  (एक फ़ेसबुकीय परिचर्चा) -बालेन्दु द्विवेदी
बेसुरम्‌
_______________
लिंक 6-
मेरा फोटो
_______________
लिंक 7-
सरहद पे आज आँखों का तारा चला गया -डॉ.आशुतोष मिश्र ‘आशू’
My Photo
_______________
लिंक 8-
भारतीय काव्यशास्त्र–118 -आचार्य परशुराम राय
Parashuram Rai की प्रोफाइल फोटो
_______________
लिंक 9-

हास्य-रस जैसा "बना रस" था मगर -दिनेश चन्द्र गुप्त ‘रविकर’

"लिंक आपके"
_______________
लिंक 10-
नयन (हाइकु) -दिलबाग विर्क
_______________
लिंक 11-
मेरा फोटो
_______________
लिंक 12-
दिल की बातें 'चंद शेर आपके लिए' -सुनील कुमार
मेरा फोटो
_______________
लिंक 13-
चिन्तन 2 -ह्यूमन
My Photo
_______________
लिंक 14-
बाबा रे बाबा रामदेव का रामराज...आधा सच -महेन्द्र श्रीवास्तव
My Photo
_______________
लिंक 15-
सावन में -डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’
_______________
लिंक 16-
आस्था अभी बाकी है -मृदुला हर्षवर्द्धन
My Photo
_______________
लिंक 17-
जाले पर चुहुल-27 -पुरुषोत्तम पाण्डेय
मेरा फोटो
_______________
लिंक 18-
सोचिए ज़रा -महेन्द्र वर्मा
My Photo
_______________
लिंक 19-
सावन में सवनाही -ललित शर्मा
ललितडॉटकॉम
_______________
लिंक 20-
काले मतवाले घन - डॉ .श्याम गुप्त
मेरा फोटो
_______________
लिंक 21-
फासले : मोहब्बतनामा -आमिर दुबई
मेरा फोटो
_______________
लिंक 22-
मौन की भाषा...भावनाएं - ज्योति
My Photo
_______________
लिंक 23-
________________
लिंक 24-
कविता कमाल या बवाल! उल्लूक टाइम -सुशील
My Photo
________________
और अन्त में
लिंक 25-
ग़ाफ़िल की अमानत
________________
आज के लिए इतना ही, फिर मिलने तक नमस्कार!

114 टिप्‍पणियां:

  1. रविकर और सुनील ने, खूब जमाया रंग।
    धीर-वीर धीरेन्द्र के, अलग-अलग थे ढंग।।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. कोशिश कर रहा हूँ जमा रहा हूँ रंग,
      धीरे धीरे धीरेन्द्र बढे,मेरा अपना ढंग,,,,,,,

      हटाएं
  2. लिंक 15-
    सावन में -डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’

    आभार गुरु जी -

    बढ़िया गीत ।।



    हर शाखा पर उल्लू बैठे, कैसे झूला डाल सकेंगे ।

    हरियाली सावन की लेकिन , उल्लू नहीं हकाल सकेंगे ।

    हुआ असर यह मँहगाई का, गाई गई महज मँहगाई -

    पानी पर ही तले पकौड़े, पैबन्दों से लाज ढकेंगे ।।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. लिंक-15
      आँगन के कट गये नीम,बागों का नाम-निशान मिटा,
      रस्सी-डोरी के झूले, अब कहाँ लगायें सावन में।
      मेघ-मल्हारों के गानें भी, हमने भूलें सावन में।।

      हटाएं
  3. Link-1

    दो ब्लॉगर, दो कवि और एक काव्य गोष्ठी।
    देवेन्द्र पाण्डेय
    बेचैन आत्मा

    आदमी की आँख में बनता जहर ।
    पान पर भी टूटता जुल्मी कहर-

    अंदाज बदला आज चूना यूँ लगा -
    पानी पिला के कैंचियाँ दें पर क़तर ।

    हास्य-रस जैसा "बना रस" था मगर
    स्वाद सड़ते सोरबे सा हर शहर ।

    प्रेम रस में व्यस्तता का लवण ज्यादा
    बस पसीने से हुवे सब तर-बतर ।।

    अब इसी में खोजना है जिन्दगी
    चारो दिशाओं ने दिया उलझा मगर ।।

    जवाब देंहटाएं
  4. Link 7

    बहुत बढ़िया भाव डाक्टर साहब -
    बधाई स्वीकारें-
    और यह तुरंती भी -
    सादर

    सरहद पर हुवे शहीदों का
    यूँ मातम न करते माई |
    हर हिदुस्तानी एहसान मंद
    पूजे तुझको माँ की नाईं |
    देश के अन्दर सुख-शान्ति
    सब मगन हैं अपने धंधों में-
    चरण बंदना करता रविकर-
    नमन करे वह तरुणाई ||

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. लिंक-7
      भारत माँ के वास्ते, हुआ पुत्र बलिदान।
      ऐसे सुतक पर हो रहा, माता को अभिमान।।

      हटाएं
  5. लिंक 24-
    कविता कमाल या बवाल! उल्लूक टाइम -सुशील
    My Photo

    पल्ला खुलते घरों के, पल्ला नारि हटाय ।

    ताक -झाँक सयनन कहें, बिन बोले बतलाय ।

    बिन बोले बतलाय, खबर मुनिया है लाई ।

    खबर सही अखबार, छपी उम्दा कविताई ।

    हल्ला लेकिन होय, मास्टरनी हड़काती ।

    किये कौन सा काण्ड, भीड़ काहे घर आती ??

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. चर्चामंच तक तो ठीक है
      अब घर की खबर भी रखता है
      रविकर आसमान में बैठा
      क्या सब कुछ ऎसे ही देखता है ?

      हटाएं
    2. लिंक-24
      जो निकली है हृदय से, वो ही करे कमाल।
      बेमन से लिक्खी हुई, कविता बने बबाल।।

      हटाएं
  6. बहुत बढ़िया -

    लिंक 23-
    राजनीति तेरे रूप अनेक -धीरेन्द्र

    यह तो ऐसा ही सखे, मगर मच्छ से बैर |
    मानसून में बच गई, मछली की कुल खैर |
    मछली की कुल खैर, सैर पर वह भागेगी |
    नदी नदी हो पर, समंदर तक लांघेगी |
    ऐसा अंतर्जाल, मगर भी फंस जायेगा |
    राजनीति जंजाल, नहीं वह खा पायेगा ||

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. लिंक-23
      राजनीति के खेल में, कुटिल चला जो चाल।
      उसकी जय-जयकार है, उसका ही सब माल।।

      हटाएं
    2. उसका ही सब माल,चाल जब नेता चलते
      चित होय चारोंखाना ,हाथ रह जाते मलते
      राजनीति के इस खेल में, उनकी है चलती
      जितना मक्खन लगाय,होय उसकी ही गिनती,,,,

      बहुत२ आभार,,,,,,शास्त्री जी,,

      हटाएं
    3. रविकर जी के कमेंट्स पर,,,,


      राजनीति ऐसी सखे, एक बार घुस जाय
      जीवन भर चलती रहे, मरे बाद ही जाय,,,,,

      बहुत२ आभार रविकर जी,,,,,,,

      हटाएं
  7. लिंक-1
    काव्य गोष्ठी के लिए, हम भी है बेचैन।
    आयोंगे घर आपके, तभी मिलेगा चैन।।

    जवाब देंहटाएं
  8. टिप्प्णी करने का मकसद
    1.
    नाम लेना या ईनाम लेना है नहीं
    लोग जायें लिंक्स पर पढें कुछ कहें
    खाली सुंदर चर्चा है ना कहें
    चर्चाँमंच का मकसद पूरा हो जायेगा
    ब्लागिंग का असली मजा
    तब जाके सबको बहुत ही आयेगा ।

    जवाब देंहटाएं
  9. लिंक-2
    रेल और बस में बनें, ऐसे ही संयोग।
    अपनी करनी को यहाँ, लोग रहे हैं भोग।।

    जवाब देंहटाएं
  10. 2. लिंक 25
    गजल समर्पित हो गयी
    जब रविकर के नाम
    हिचकोले जरूर खिलायेगा
    देखिये क्या लिखता है
    लिखा हुआ उसका
    सामने तो आयेगा
    गाफिल की शानदार गजल
    पर एक और कसीदा पक्का
    वो आ आकर जड़ जायेगा ।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. भाई गाफिल जी
      बहुत-बहुत आभार ||

      एक स्थान पर खिले-कमल के
      चक्कर में कीचड़ में फंसा ||

      एक कदम पर बड़ी फिसलन तो
      दूसरे कदम पर जकड़न है,
      इतनी जोर से दबोचे गए कि ---

      जय बाबा भोले नाथ |

      अंदलीबों = ??

      बहुत बहुत बधाई ||

      हटाएं
    2. लिंक-25
      ग़ाफ़िल दानिशमन्द है, शायर है उस्ताद।
      चेला हमें बनाइए, करते हैं फरियाद।।

      हटाएं
  11. लिंक-3
    फल-सब्जी को खाइए, निखर जाएगा रंग।
    तला-भुना खाकर नहीं, होता निर्मल अंग।।

    जवाब देंहटाएं
  12. लिंक 19-
    सावन में सवनाही -ललित शर्मा
    ललितडॉटकॉम

    कर्मकांड सोद्देश्य है, गाँव-राँव खुशहाल ।

    बेंगा के नेतृत्व में, कटते सकल बवाल ।

    कटते सकल बवाल, चेतना भी आती है ।

    एक लक्ष्य कल्याण, धरा तब मुस्काती है ।

    काँवरिया जल ढार, पूज भोले भंडारी ।

    भरे सकल भण्डार, मने ऐसे इतवारी ।।

    जवाब देंहटाएं
  13. 3.लिंक 24
    रविकर को आदत हो गयी है
    अच्छे के साथ कूडा़ दिखाना
    गाफिल को भी दिखा दिया
    उसने उल्लूक का ठिकाना !!

    जवाब देंहटाएं
  14. लिंक-4
    सीमित शब्दों में कही, बहुत जरूरी बात।
    लोग यहाँ भगवान को, पहुँचाते आघात।।

    जवाब देंहटाएं
  15. लिंक 3-
    राम राम भाई! नुस्ख़े सौन्दर्य के -वीरू भाई


    उनके चेहरे की रंगत, आकर्षण यह काया का |
    कॉफ़ी-बेरी से आया या, तरकारी रविकर की खाई ||
    फल जैसा पहले धोई थी, छिलके के संग ही काट दिया-
    कांटे से टुकड़े फंसा फंसा , तब तो यह रौनक पाई ||

    जवाब देंहटाएं
  16. लिंक-5
    उपादान के मर्म को, समझ गये हम आज।
    इनके चंगुल में फँसा, अब तो सर्वसमाज।।

    जवाब देंहटाएं
  17. 5. लिंक 23-राजनीति तेरे रूप अनेक -धीरेन्द्र
    राजनीति में जब कुछ नहीं बचता है
    एक राजनीतिज्ञ सुंदर कविता लिखता है !!

    जवाब देंहटाएं
  18. लिंक-6
    अनाचार को देखकर, लोग हो रहे मौन।
    नौका लहरों में फँसी, पार लगाये कौन।।

    जवाब देंहटाएं
  19. 6.लिंक 22-मौन की भाषा...भावनाएं - ज्योति
    बहुत सुंदर भाव हैं !
    मौन भी है
    शब्द भी हैं
    कहीं लिखे
    हैं नहीं
    कहीं बोले
    हैं नहीं
    पर पता हैं
    क्या हैं
    और
    कहाँ हैं ।

    जवाब देंहटाएं
  20. लिंक-8
    काव्यशास्त्र का दे रहे, लोगों को जो दान।
    मुझको भी मिलने लगा, यहाँ काव्य का ज्ञान।।

    जवाब देंहटाएं
  21. लिंक-9
    हास और परिहास का, संगम है बेजोड़।
    रचते हैं इतिहास ये, सारे मानक तोड़।।

    जवाब देंहटाएं
  22. 7. लिंक 21- फासले : मोहब्बतनामा -आमिर दुबई

    अरे ये क्या किया आमिर
    मोहब्बतनामा के मोहब्बत
    के सफर को फासले में
    कैसे बदल दिया ?

    बहुत अच्छा लिखा है दुबई से !

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. मोहब्बत के सफ़र में फासले भी आ जाते हैं.
      लेकिन आशिक हारते नही मंजिल को पा जाते हैं.
      फासले तन्हाईयाँ ये भी प्यार का हिस्सा है ,
      उनके गम में घुलते रहना ये भी प्यार का हिस्सा है.



      मोहब्बत नामा
      मास्टर्स टेक टिप्स

      हटाएं
    2. कुच्छो न बदला सखे, ए बी पी की न्यूज ।

      पहले जो स्टार था, आज अभी महफूज ।

      आज अभी महफूज, भला आमिर न सल्लू ।

      इक जाता दो पाय, दूसरा बनता उल्लू ।

      औसत का परनाम, आज सलमान कुंवारा ।

      फैन बड़े हैरान, कैट का कैसा चारा ??

      हटाएं
  23. लिंक - 10
    दो नैनों के द्वार से, सीधा करते वार।
    इस जापानी छन्द की, तीखी होता मार।।

    जवाब देंहटाएं
  24. लिंक- 11
    कलम चला जब चाल से, हार गई तलवार।
    सबसे तीखी जगत में, शब्दों की है मार।।

    जवाब देंहटाएं
  25. 8. लिंक 20- काले मतवाले घन - डॉ .श्याम गुप्त
    छंद मी मस्त है
    फुहार हैं श्याम है
    दीवानी दीवाना है
    बारिश ना भी हो
    घनाक्षरी छंदो ने
    फुहारों से भिगाना है !!

    जवाब देंहटाएं
  26. लिंक - 12
    जिनमें दिल की बात हो, सच्चे वो अशआर।
    सच्चे शेरों से सभी, करते प्यार अपार।।

    जवाब देंहटाएं
  27. 9.लिंक 19-सावन में सवनाही -ललित शर्मा
    छत्तीसगढ की संस्कृति से पाठकों को बहुत ही सुंदर चित्रों के साथ परिचित
    कराया गया है !

    जवाब देंहटाएं
  28. लिंक-13
    मानव दानव बन रहा, करता कृत्य जघन्य।
    सजा मौत की दो इन्हें, नहीं और अनुमन्य।।

    जवाब देंहटाएं
  29. लिंक-14
    अपनी झोली भर रहा, लेकिन करता काम।
    करता है कल्याण को, कमा रहा है नाम।।

    जवाब देंहटाएं
  30. 10. लिंक 18- सोचिए ज़रा -महेन्द्र वर्मा
    बहुत सुंदर !

    कितनी लिखी गई किताब सोचिए ज़रा,
    क्या मिल गए सभी जवाब सोचिए ज़रा।

    सोच ही तो रहे हैँ पर क्या करें ?

    जवाब देंहटाएं
  31. लिंक-16
    जिसकी जैसी सोच है, वैसी उसकी होड़।
    कोई मद्धम चल रहा, कोइ लगाता दौड़।।

    जवाब देंहटाएं
  32. 11. लिंक 17-जाले पर चुहुल-27 -पुरुषोत्तम पाण्डेय

    पान्डेय जी आज मजाक के मूड में हैं :
    पाकिस्तान के स्कूल/मदरसों में बच्चों के मन मस्तिष्क पर भारत और भारत वासियों के बारे में इतना सांप्रदायिक जहर भर दिया जाता है कि अधिकाँश लोगों की मानसिकता भारत विरोधी हो जाती है. इसका एक उदाहरण तब सामने आया जब पाकिस्तान के लिए लोकतांत्रिक संविधान बनाने की बात उनके संसद मे आई.
    एक गणमान्य सदस्य ने संविधान सभा का गठन करने का विरोध इन शब्दों मे किया, “इसके लिए इतना रुपया और समय बर्बाद करने की क्या जरूरत है, हिन्दुस्तान का संविधान मंगवा लो, जहाँ ‘हाँ’ लिखा है वहाँ ‘ना’ लिख दो और जहाँ ‘ना’ लिखा है वहाँ ‘हाँ’ लिख दो.”

    जवाब देंहटाएं
  33. लिंक-17
    हास और परिहास से, मिलता है आनन्द।
    हो जाती लम्बी उमर, सूत्र यही निर्द्वन्द।।

    जवाब देंहटाएं
  34. 12. लिंक 16-आस्था अभी बाकी है -मृदुला हर्षवर्द्धन
    शराब की दो दुकाने पड़ रही हैं
    एक मंदिर पर अभी भी भारी
    मृदुला नाज में ये बात बहुत
    खूबसूरती से समझा रही ।

    जवाब देंहटाएं
  35. 133. लिंक 15-सावन में -डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’
    कुछ भूल रहे हैं
    अच्छा याद दिलाया
    सावन में एक सुंदर
    सा गीत बनाया ।

    जवाब देंहटाएं
  36. लिंक-18
    सोच-सोच में हो गई, अपनी उम्र तमाम।
    अब थोड़ा जीवन बचा, कैसे होंगे काम।।

    जवाब देंहटाएं
  37. लिंक-19
    सवन सूखा ही रहा, नहीं बरसते नीर।
    निर्धन, श्रमिक-किसान का, मन हो रहा अधीर।।

    जवाब देंहटाएं
  38. टिप्पणियों से सज रहा, चर्चा का यह मंच,
    सोना और सुहागा मिलकर, कंचन करते टंच।

    जवाब देंहटाएं
  39. लिंक 6-
    @ जब जब अन्याय होता है कोई सामने नहीं आता
    अच्छा खासा इंसान भी है मूक दर्शक बन जाता.
    देखते हैं तमाशा सभी खड़े होकर के ,
    मजलूम की मदद को आगे आज कोई नही आता.


    मोहब्बत नामा
    मास्टर्स टेक टिप्स

    जवाब देंहटाएं
  40. लिंक-20
    चारों ओर बिछा हुआ, हरा-हरा कालीन।
    पौधों को जीवन मिला, खुश हैं जल में मीन।

    जवाब देंहटाएं
  41. लिंक-21

    ये अजीब दिल की है दास्तां,
    जरा फासले से मिला करो।
    जिन्दादिली के साथ मे
    जरा हौसले से मिला करो।।

    जवाब देंहटाएं
  42. लिंक 11-
    आज कलम कुछ रुकी रुकी सी है

    दिल में दर्द बढ़ता है ,कलम जज्बात बनता है ,
    झड़ी अश्कों की लगती है ,कलम जज्बात लिखता है.



    मोहब्बत नामा
    मास्टर्स टेक टिप्स

    जवाब देंहटाएं
  43. 14.लिंक 14 बाबा रे बाबा रामदेव का रामराज...आधा सच -
    महेन्द्र श्रीवास्तव
    ढूंढ कर लाते हो
    सब दिखा देते हो
    कहाँ से लाये
    सब बता देते हो
    डरते भी नहीं
    बस मुस्कुरा देते हो !

    जवाब देंहटाएं
  44. nfxk-22
    जब मिल जाता किसी को, सपनों का मनमीत।
    तब अधरों पर थिरकते, प्रीत-प्यार के गीत।।

    जवाब देंहटाएं
  45. 15. लिंक 13:
    इस लिंक से जुड़ा दूसरा लिंक
    http://poetry-kavita.blogspot.in/2011/11/blog-post_13.html

    कुछ ऎसा जो है तो आध्यात्म में लिखा पर जिसे पढ़ कर बस घृणा और दुख : के सिवा कुछ नहीं हुआ ।

    जवाब देंहटाएं
  46. लिंक 23-
    राजनीति तेरे रूप अनेक -धीरेन्द्र

    देश की सेवा करना था राजनीति का रूप.
    मगर आज सब खा कर भी नही मिटती भूक.
    भ्रष्ट लोगों ने किया इसका नाम खराब ,
    भले अवाम भूकी मरे पर ये पियें शराब.
    कभी तो मेरे भारत को आजादी की हवा मिलेगी,
    ऐसे लोग भी जरुर आयेंगे जिन्हें देश की दुआ मिलेगी.

    मोहब्बत नामा
    मास्टर्स टेक टिप्स

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. आमिर जी के कमेंट्स पर,,,,


      आज देश में राजनीति का, बदल गया पैमाना
      राष्ट्रभक्ति देशसेवा छोड़, रह गया माल कमाना,,,,,

      आभार,,,,,,आमिर जी,,,,

      हटाएं
    2. हम सब कहते बहुत हैं, स्वयं न करते धाय |
      स्वयं करें हर क्षेत्र का मौसम बदले जाय ||

      हटाएं
  47. 16. लिंक 12: दिल की बातें 'चंद शेर आपके लिए' -सुनील कुमार
    मेरे शहर में एक गली हो ऐसी ,
    जहाँ मुहब्बत ही पल रही हो ।
    जहाँ फ़ज़र की नमाज भी हो .
    और लौ आरती की भी जल रही हो ।
    ़़़़़़़़़़़़़़
    बहुत अच्छी बात है कहाँ होता है
    लेकिन मेरे शहर में ये होता है ।

    जवाब देंहटाएं
  48. लिंक 12-
    दिल की बातें 'चंद शेर आपके लिए' -सुनील कुमार

    दिल की बातें पढ़कर देखीं दिल में उतर गईं ,
    साम्प्रदायिकता के नाम पर आज मोहब्बत उजड़ गई.
    आज सुनील ने लिखें हैं इतने प्यारे शेर ,
    काश की ऐसा हो जाये ,धन्य हो मेरा देश.

    मोहब्बत नामा
    मास्टर्स टेक टिप्स

    जवाब देंहटाएं
  49. 17. लिंक 11 आज कलम कुछ रुकी रुकी सी है -'निरन्तर'
    निरंतर की कलम आज रुक रही है
    कल तक कुछ कुछ कहती ही थी
    आज बहुत कुछ कह रही हे !

    जवाब देंहटाएं
  50. लिंक 24-
    कविता कमाल या बवाल! उल्लूक टाइम -सुशील

    कविता अगर अखबार में छपे इसमें कोई कमाल नही ,
    कमाल तो तब है ऐ सुशील ,जब दिल में जाकर छप जाये.


    मोहब्बत नामा
    मास्टर्स टेक टिप्स

    जवाब देंहटाएं
  51. 18. लिंक 10-नयन (हाइकु) -दिलबाग विर्क

    दिलबाग दिल को करते जो बाग बाग
    आज नयन में आ गये हैं
    वहाँ भी एक सुंदर बाग खिला गये हैं ।

    जवाब देंहटाएं
  52. 19.लिंक 9-हास्य-रस जैसा "बना रस" था मगर

    सबसे कठिन काम होता है
    इस गुरु के चेले के ब्लाग पर जाना
    टिप्पणी लिखने के लिये कुछ सोच पाना
    लिखता है क्या धमाल का रविकर
    मन करता है बस पढ़ते ही चले जाना !!!!

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. गुरुवर का परताप है, पर सुशील अंदाज |
      करें टिप्पणी गजब की, है क्या इसमें राज |
      है क्या इसमें राज, रात भर जागा जागा |
      देता चर्चा साज, सुबह ही आता भागा |
      रविकर यह हड़बड़ी, आजकल क्यूँ भरमाये |
      घटा सूर्य का तेज, घटा सावन की छाये ||

      हटाएं
  53. _______________
    लिंक 15-
    सावन में -डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’



    आज सावन के झूले मयंक याद दिलाते हैं,
    मेघ-मल्हारों के गानें मयंक याद दिलाते हैं.
    मँहगाई की मार से बचकर मयंक आज कहाँ जाएँ ,
    क्या तलें पकोड़ियाँ और कैसे पापड खा पायें.


    मोहब्बत नामा
    मास्टर्स टेक टिप्स

    जवाब देंहटाएं
  54. क्या कहने
    एक से बढकर एक लिंक्स का संयोजन
    बहुत सुंदर चर्चा

    जवाब देंहटाएं
  55. 20. लिंक 8-भारतीय काव्यशास्त्र–118 -आचार्य परशुराम राय
    बहुत ही सारगर्भित लेख !!

    वैसे तो हिन्दी ही आती कम है
    पर संस्कृत में तो हाथ ही तंग है।

    काश समय पर संस्कृत की तरफ थोड़ा सा भी ध्यान दिया होता । अब अफसोस होता है ।

    जवाब देंहटाएं
  56. 21.लिंक 7-सरहद पे आज आँखों का तारा चला गया -डॉ.आशुतोष मिश्र ‘आशू’
    सीमा रक्षकों की याद आई है
    कोई दे गया बलिदान बताई है
    वतन पर मिटने वालों के
    कुछ निंशा दिखाई है ।

    जवाब देंहटाएं
  57. 22. लिंक 6-जब जब अन्याय होता है कोई सामने नहीं आता -रश्मि प्रभा
    भुक्तभोगी की व्यथा अपने शब्दों में
    जब जब अन्याय होता है
    कोई सामने नहीं आता

    बस बाते बनाता है
    टी वी में दिखाता है
    अखबार के कागज में
    लाकर फोटो लगाता है।

    जवाब देंहटाएं
  58. लिंक न०- १


    बेजोड काव्य गोष्टी रही,मिला जो मन को चैन
    बेचैन आत्मा तृप्त हुई, जो अब तक थी बेचैन,,,,

    जवाब देंहटाएं
  59. 23.लिंक 5-उपादान-पुरुष (एक फ़ेसबुकीय परिचर्चा) -बालेन्दु द्विवेदी

    बहुत सुकून हुआ आज ये सुनकर कि ऎसा मेरे साथ ही नहीं कहीं और भी होता है । आभार द्विवेदी जी का !!!!

    आप जब अपनी अलग पहचान बनाने की कोशिश करेंगे तो वे आपकी पहचान के साथ साए की तरह खड़े मिलेंगे.

    जवाब देंहटाएं
  60. 24.लिंक 4-अधूरी बातें -कुमार

    शब्द दो लिखता है
    एक किताब की
    बात कह देता है ।

    जवाब देंहटाएं
  61. 25.लिंक 3-राम राम भाई! नुस्ख़े सौन्दर्य के -वीरू भाई
    वीरू भाई आज बहुत ही
    काम की चीज लाये हैं
    सौन्दर्य की बाते हैं
    इसलिये श्रीमति जी
    को हम दे आये हैं ।

    जवाब देंहटाएं
  62. 26.लिंक 2-बंगलौर बस में : दो -राजेश उत्साही

    तमाशे दिन पर दिन बढ़ते जा रहे है
    हम बेशरम भी तो बस देखते जा रहे हैं!!

    जवाब देंहटाएं
  63. लिंक न०- २


    अपने हक के लिए, न समझो अब हीन
    मांगे से जब ना मिले, उसे लीजिए छीन.....

    जवाब देंहटाएं
  64. 27.लिंक 1- दो ब्लॉगर, दो कवि और एक काव्य गोष्ठी -बेचैन आत्मा देवेन्द्र पाण्डेय

    बेहतरीन रचनाऎ इसी बहाने हम भी पढ़ पाये

    जवाब देंहटाएं
  65. लिंक न०- ३


    नुस्खा ले सौन्दर्य का चेहरा लेय निखार
    हरी सब्जिया खाएं सदा,सेहत लेय सुधार,,,,,,

    जवाब देंहटाएं
  66. 28. अंत में तहे दिल से
    आभार गाफिल का
    खूबसूरत लिंक सजाने के लिये
    अच्छे लिंक्स अच्छे हैं पता चले
    कुछ बेस्वाद भी लगाने के लिये
    मतलब समझ लेना में कह रहा हूँ
    उल्लूक का भी कुछ दिखाने के लिये !!

    जवाब देंहटाएं
  67. लिंक न० - ४


    लोग मजहवी है नही,खेल कराए नेता.
    मझहब की दीवार बना, वोट हर लेता,,,,,

    जवाब देंहटाएं
  68. लिंक न० - ५


    उपादान पुरुषों की है, लीला अपरम्पार
    ये परिजीवी जाति है, चिपके बारम्बार,,,,,,

    जवाब देंहटाएं
  69. लिंक न० -६


    होता जाता है घाव, मरहम खुदै लगावो
    जब होता अन्याय, कोई न सामने पावो,,,

    जवाब देंहटाएं
  70. लिंक न०- ७


    सरहद पर जब कोई, होता शहीद वीर जवान
    माता भी गर्व करे, हिन्दुस्तान करे अभिमान,,,,,,

    जवाब देंहटाएं
  71. लगता है आज कवि गण मिलकर शतक लगा ही देंगे.
    चर्चा मंच सौ टिप्पणियों से आज सजा ही देंगे.

    मोहब्बत नामा
    मास्टर्स टेक टिप्स

    जवाब देंहटाएं
  72. कवियों अब सौ टिप्पणियों में थोड़ी सी है दूरी ,
    थोडा सा और दौड़ भाग लो कर दो ये भी पूरी.





    मोहब्बत नामा
    मास्टर्स टेक टिप्स

    जवाब देंहटाएं
  73. रविकर सुशिल और धीर ने की कल टिप्पणियों की बौछार ,
    सर्वश्रेष्ठ का खिताब मिला है इन तीनो को आज .




    मोहब्बत नामा
    मास्टर्स टेक टिप्स

    जवाब देंहटाएं
  74. लिंक न० - ८


    भारतीय काव्यशास्त्र का.देते नित नित ज्ञान
    काव्य शास्त्र हित के लिए, कार्य करे महान,,,,,,

    जवाब देंहटाएं
  75. लिंक न० - ९


    लाजबाब टिप्पणियों की,बेजोड बनी ये पोस्ट
    इसी तरह लिखते रहो, करते रहो तुम रोस्ट,,,,

    जवाब देंहटाएं
  76. लिंक न० - १०


    नयनो की हो बात,बात मानते नयना
    ना मानो गर बात,छिन जाये चायना,,,,,,,

    जवाब देंहटाएं
  77. आज की चर्चा मंच की चर्चा रास आई ,
    पहले लिंक में मिले दो ब्लोगर भाई.
    दुसरे लिंक में राजेश जी ने बस है याद दिलाई,
    तीसरे लिंक में वीरू भाई ने सौन्दर्य टिप्स बताई.
    चौथे लिंक पर कुमार की अधूरी बातें सुनी ,
    पांचवे लिंक पर बालेन्दु ने पुरुष व्यथा सुनाई.
    छठे लिंक पर रश्मि जी ने अन्याय पर आवाज उठाई,
    तो सातवे लिंक पर आशु जी ने सरहद याद दिलाई.
    आठवें लिंक पर आचार्य जी ने काव्यशास्त्र बताया ,
    तो नौवे लिंक पर रविकर जी ने हास्य रस पिलाया.
    दसवें लिंक पर दिलबाग को नैनों की याद आई ,
    ग्यारवें लिंक पर निरंतर जी ने अपनी कलम रुकाई.
    बारवें लिंक पर सुनील जी ने कर दीं दिल की बातें ,
    तेहरवें लिंक पर ह्यूमन ने की चिंतन की बातें.
    चौदवें लिंक पर महेंद्र ने बताया बाबा राज ,
    पन्द्रेवें लिंक पर मयंक ले आये सावन की बरसात.
    सोलहवें लिंक पर मृदुला ने आस्था सिखलाई,
    सत्रवें लिंक पर पाण्डेय जी ने खूब हंसी दिलाई.
    अठार्वें लिंक पर महेन्द्र जी ने अपनी ग़ज़ल सुनाई,
    उन्नीस वें लिंक पर ललित शर्मा ने छतीसगढ़ दिखलाया ,
    बीसवें लिंक पर श्याम गुप्त ने मेघों को बहलाया.
    इक्कीसवें लिंक पर है आमिर फासलों का साया ,
    बाईसवें लिंक पर ज्योति ने मौन का पाठ पढ़ाया.
    तेबिस्वें लिंक पर हैं धीर राजनीति के रूप ,
    चौबीसवें लिंक पर सुशिल बताये कविता के उसूल.
    और अंत में गाफिल जी ने अपनी अमानत दिखलाई,
    गाफिल जी ने आज की चर्चा क्या ही खूब सजाई.
    मजा आ गया टिप्पणियों में सभी कवि मुस्काए ,
    आज तो कमेन्ट के सतक लगाने कितने कवि गण आये.

    अंत में ''आमिर '' की तरफ से चर्चा मंच के सभी सदस्यों को शुभकामनायें.



    मोहब्बत नामा
    मास्टर्स टेक टिप्स

    जवाब देंहटाएं
  78. लिंक न० - ११


    मन की चिंताए रोड़ा बनी, कलम लिखने को इन्कार
    जब तक मार्ग निकालता नही, करिये थोड़ा इन्तजार,,,,

    जवाब देंहटाएं
  79. लिंक न० - १२


    काबा काशी एक है, दोनों ही है धाम
    एक में अल्लाह है एक में रहते राम,,,,,

    जवाब देंहटाएं
  80. लिंक न० - १३


    चिन्तन करना चाहिए,आध्यात्म से आत्मा,
    साधक के साध्य से, मिल जाता परमात्मा,,,,,,

    जवाब देंहटाएं
  81. लिंक न० - १४

    करोडों का टेक्स चोरी करे, कालाधन की करे पुकार
    वाह रे बाबा राम देव, लोग करे तेरी जैय जैय कार

    स्वदेशीकरण के हिमायती बाबा,विदेशी मदद है लेते
    विदेशियों से हाथ मिला,आयुर्वेदिक उत्पाद है बेचते

    आलोचना वाले करते रहते, हिम्मत रखो महेंद्र
    आधासच के साथ पूरे खड़े, साथ दे रहा धीरेन्द्र,,,,

    जवाब देंहटाएं
  82. लिंक न० - १५


    सावन अबकी महगां पड़ा, महगां पडा त्यौहार
    महगाई के इस मार से ,भूल रहे है शिष्टाचार,,,,,

    जवाब देंहटाएं
  83. लिंक न०- १६


    अपनी-अपनी भावना,अलग-अलग रखते विस्वाश
    कुछ लोग मदिरालय, कुछ रखते ईश्वर पर आस,,,,,

    जवाब देंहटाएं
  84. लिंक - १७


    हँसने और हसाने के,सुंदर लगे हंसगुल्ले
    पढकर मजा आ गया,अब खाते रसगुल्ले,,,,,

    जवाब देंहटाएं
  85. लिंक न० - १८


    ऐ जिन्दगी कैसे तुझे प्यार करू ,
    तेरी हर सुबह मेरी उमर कम कर देती है ,

    जवाब देंहटाएं
  86. बढ़िया लिंक्स
    बढ़िया चर्चा मंच:-)

    जवाब देंहटाएं
  87. लिंक न० - १९


    छतीस गढी की संस्कृति,का देता है संज्ञान
    सवनाही देवी पूजा का सुन्दर किया बखान,,,,,

    जवाब देंहटाएं
  88. लिंक न० - २०


    मंद मंद पुरवा चले, रिमझिम गिरे फुहार
    सावन में सजनी गाये, प्रेम गीत मल्हार,,,,,,

    जवाब देंहटाएं
  89. लिंक न० - २१


    नर- नारी दोनों में केवल,एक यहाँ पे होता
    कितनी सुदर दुनियां होती,तब कोई न रोता,,,,,,,

    जवाब देंहटाएं
  90. कमेंट का शतक पूरा करने के लिए आप सभी प्रबुद्ध एवं सतर्क जनों का बहुत-बहुत शुक्रिया और आभार!

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. धन्यवाद गाफिल जी ...शतक में हमारी रचना के योगदान के लिये ..

      हटाएं
  91. लीजिए पूरे कर दिए,कमेंट्स हो गए पूरे सौ
    रिकार्ड ब्रेक के लिए,कमेंट्स चाहिये एक सौ नौ,,,,,,,

    जवाब देंहटाएं
  92. लिंक न० - २२


    बेदर्दी यह दर्द नहीं सबको,ऐसे मिला जाता
    प्यार करोगे तब जानोगे,कैसे है यह आता

    जवाब देंहटाएं
  93. लिंक न०- २३


    राजनीति की मंडी में, प्रजातंत्र नीलाम हो गया
    गुंडागर्दी चोर चकार ,शहर ग्राम में आम हो गया,
    गया भाड में देश, इन नेताओं की मक्कारी से
    इनसे नफरत हो गई देश को, इनके भ्रष्टाचारी से,

    जवाब देंहटाएं
  94. लिंक न० - २४


    कविता और कवि भी, दोनों लगे कमाल,
    इसीलिए तो मच गया,मोहल्ले में बबाल,,,,,,

    जवाब देंहटाएं
  95. लिंक न०- २५


    अपने हुजूर में कुछ कहने की इजाजत दे दो,
    मैंने कब कोई शायरी का खिताब माँगा था,,,,,,,

    जवाब देंहटाएं
  96. अब इजाजत दीजिए मुझे, बजने वाले बारह
    रिकार्ड ब्रेक हो गया आज,कमेंट्स हो गए "111",,,,,,

    जवाब देंहटाएं

"चर्चामंच - हिंदी चिट्ठों का सूत्रधार" पर

केवल संयत और शालीन टिप्पणी ही प्रकाशित की जा सकेंगी! यदि आपकी टिप्पणी प्रकाशित न हो तो निराश न हों। कुछ टिप्पणियाँ स्पैम भी हो जाती है, जिन्हें यथा सम्भव प्रकाशित कर दिया जाता है।