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शुक्रवार, अगस्त 03, 2012

सखि ने सखि से कही, रक्षा बंधन की आधुनिक कथा :चर्चा-मंच 960

  (0)

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' का राखी गीत


आया राखी का त्यौहार!!
हरियाला सावन ले आयाये पावन उपहार।
अमर रहा हैअमर रहेगाराखी का त्यौहार।।
आया राखी का त्यौहार!!

जितनी ममता होती है, माता की मृदु लोरी में,
उससे भी ज्यादा ममता है, राखी की डोरी में,
भरा हुआ कच्चे धागों में, भाई-बहन का प्यार।
अमर रहा हैअमर रहेगाराखी का त्यौहार।।
आया राखी का त्यौहार!!

(1)

झूमे ये सावन सुहाना...सुहाना....

  ZEAL  
बात-बात पर भैया के साथ झगड़ना मेरी आदत थी। भैया कौन से दूध के धुले हैं, ताली एक हाथ से तो नहीं बजती न, वे भी मुझसे बहुत झगड़ते थे। मुझे मारकर भागना और उन्हें पकड़कर वापस मार पाने की ललक में मैं उनका पीछा करती थी। हाथ नहीं आते थे। सारे के सारे थप्पड़ पेंडिंग पड़े हैं। अभी तक हिसाब बराबर नहीं हुआ। क्योंकि विवाह के बाद भाई अपनी बहनों से लड़ना जो छोड़ देते हैं। हाई स्कूल का अच्छा रिजल्ट आने पर hmt की 'swarna' घडी मिली भैया से। ग्यारहवी पास करने पर भैया की तरफ से एक साईकिल और बारहवी की परीक्षा में बढ़िया अंक आने पर two-in-one , जिस पर आज भी कैसट बजते हैं मेरे रसोईघर में।



  2

27 तेलुगु महिला कथाकारों का 'गुलदस्ता' लोकार्पित

ऋषभ देव शर्मा
ऋषभ उवाच 

3

बचके भैया डब्लू मैं मिनरल वाटर हूँ (स्वास्थ्य दिवस पर विशेष)

veerubhai 



4

भागते शहर का ठहराव



  5

मुंशी प्रेमचंद जयंती

देवेन्द्र पाण्डेय
बेचैन आत्मा  


6

दर्द , दवा और दुवाएँ एक भँवर

G.N.SHAW
BALAJI 


  7

हैपी रमजान शिंद जी,

कमल कुमार सिंह (नारद ) 
जनाब शिंद जी, दिनांक - ३१ जुलाई २०१२ सलाम वालेकुम, शुन्य माता को मेरा सादर चरण स्पर्श कहियेगा, और अमूल भईया को के नमस्ते, आशा है वो लोग कुशल मंगल होंगे. उनकी कुशलता मे ही आपकी-हमारी कुशलता है, उनकी प्रसन्नता मे प्रसन्नता. रमजान के पाक महीने मे बिजली गुल करते ही अल्लाह ने आपकी जिस प्रकार से आपकी बरकत दी है, उससे हमें भी सुकून है की हमारी भी बरकत होगी. आज शाम हम रमजान के पवित्र महीने और आपके पदोन्नति के उपलक्ष मे धमाके बाजी कर खुशी का इजहार करेंगे, खुशी छोटी सी ही सही लेकिन कई बार मे मनाई जायेगी, क्या करे अभी कसाब भाईजान की तरह ...

काव्य वाटिका

अर्चिमान हो तुम अधिलोक का 
पौरुष और पराक्रम का मिसाल हो 
गौरव है सूर्य यों प्राची का 
तुम भी कुल का अभिमान हो I
आदिकाल से तुम जग में 
इतिहास शौर्य का रचते आये 
अतुल्य बल है तुम्हारी रग में 
धरोहर नित नयी गढ़ते आये I


9

अटूट, अंतहीन, निश्छल प्यार !

शिवनाथ कुमार
मन का पंछी

10

सखि ने सखि से कही, रक्षा बंधन की आधुनिक कथा

अविनाश वाचस्पति 


  11-अ 

मत्तगयंद सवैया

सावन पावन है मन भावन , हाय हिया हिचकोलत झूलै
बाँटत बूँदनियाँ बदरी ,बदरा रसिया रस घोरत  झूलै
झाँझर झाँझ बजै  झनकै, झमकै झुमके झकझोरत झूलै
ए सखि आवत लाज मुझे सजना उत् भाव विभोरत झूलै

  11-ब

ये सावन की घास, लगा के रखी अड़ंगे-रविकर

सकल लुनाई ईंट घर , दीमक चटा किंवाड़ ।
घर टपके टपके ससुर, गए दुर्दशा ताड़ ।
गए दुर्दशा ताड़, बांस का झूला डोला
डोला वापस जाय, ससुर दो बातें बोला ।
 करवा ले घर ठीक, काम कुछ पकड़ जवाईं  ।
पर काढ़े वर खीस, घूरता सकल लुनाई ।। 
सकल = समस्त //  शक्ल 
 लुनाई = ईंट में लोना लगना //  लावण्य


  12

बंधन कच्चे धागों का- रक्षा बंधन



  13

"जोकर बचा / सरकस बच गया"

सुशील 







63 टिप्‍पणियां:

  1. सुंदर चर्चा...बढ़िया लिंक्स...आभार !!

    जवाब देंहटाएं
  2. बढ़िया चर्चा....
    लाजवाब लिंक्स...
    शुक्रिया दिनेश जी.

    सादर
    अनु

    जवाब देंहटाएं
  3. (0)
    डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' का राखी गीत
    बहुत खूबसूरत राखी गीत !

    जवाब देंहटाएं
  4. (1)
    झूमे ये सावन सुहाना...सुहाना....
    ZEAL

    चिट्टियाँ वैसे तो अब कोई
    नहीं लाता है पोस्टमैन
    राखी की चिट्ठियाँ देने पर
    पक्का आता है पोस्टमैन !

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. शुरू हुए रमजान, सरसती धरती में ङरियाली।
      रक्षाबन्धन आया-लाया, साथ घटा काली-काली।।
      रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएँ!

      हटाएं
  5. 2
    27 तेलुगु महिला कथाकारों का 'गुलदस्ता' लोकार्पित
    ऋषभ देव शर्मा
    ऋषभ उवाच

    भारत की भाषाओं के गुलदस्ते के सभी फूल महकेंगे तभी गुल्दस्ता भी महकता रहेगा !

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. पोस्ट बाँचकर आपकी, हुआ यह आभास।
      भारतीय भाषाएँ तो, होती जग में खास।
      ---
      रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएँ!

      हटाएं
  6. 3
    बचके भैया डब्लू मैं मिनरल वाटर हूँ (स्वास्थ्य दिवस पर विशेष)
    veerubhai
    कबीरा खडा़ बाज़ार में

    कुछ नया ही लेकर आते हैं वीरू भाई
    आज लेकर के आये हैं बोतल का पानी
    टैप वाटर फोबिया को कुछ शायद
    दूर करेगी उनकी ये कहानी !!

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. मिनरल वाटर बिक रहा, आज दूध के भाव।
      पानी ही सा चाहिए, जग में सरल सुभाव।।
      ---
      रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएँ!

      हटाएं
    2. वाटर वोटर राखिये,वरना ये जग सून
      इनके बिन ना ऊबरे, चस्का चुस्की चून ||

      हटाएं
  7. बहुत सुन्दर चर्चा, मेरी रचना "हैप्पी रमजान शिंद जी " शामिल करने के लिए आभार :)

    जवाब देंहटाएं
  8. 4
    भागते शहर का ठहराव
    कौशलेन्द्र
    बस्तर की अभिव्यक्ति -जैसे कोई झरना....

    बहुत सुंदर !
    कहीं संदेश है तो बस पानी का
    कहीं लहरें कुछ बातें करती हैं
    शहर के शोर की कौन सोचे
    अपने अपने शोरों से ही
    बहरे हो चुके हों जब लोग
    अब उनकी बातें ही बस
    कुछ बातें करती हैं !

    जवाब देंहटाएं
  9. 5
    मुंशी प्रेमचंद जयंती
    देवेन्द्र पाण्डेय
    बेचैन आत्मा

    बहुत सुंदर !

    आमजन की उदासीनता
    कहाँ नहीं देखने में आती है
    सारा देश लगता है
    शतरंज के मोहरों में व्यस्त है
    बेगमें भी किसी को बुलाने
    के लिये अब कहाँ आती हैं !!

    जवाब देंहटाएं
  10. जोकर जो कर दे करम , जोकर के कर जोर
    जो कर में जोकर रखे , कभी न हो कमजोर ||

    जवाब देंहटाएं
  11. लिंक-4
    सागर की लहरे नहीं, होती हैं गम्भीर।
    महाराष्ट्र में हुए हैं, कितने ही रणधीर।।

    जवाब देंहटाएं
  12. लिंक-5
    उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचन् को नमन!

    जवाब देंहटाएं
  13. रक्षा-बंधन खुब मना, मना जश्न पुरजोर |
    टिप्पणियाँ आने लगीं, हुई अनोखी भोर ||

    जवाब देंहटाएं
  14. लिंक-6
    जन्म दिया जिसने हमें, वो ही रखता ख्याल।
    दिनचर्चा के साथ में, मिलते बहुत बबाल।।

    जवाब देंहटाएं
  15. लिंक-7
    नारद जी के व्यंग्य में, आता है आनन्द।
    ब्न साबुन के धो रहे, ये सबको निर्द्व्न्द।।

    जवाब देंहटाएं
  16. 6
    दर्द , दवा और दुवाएँ एक भँवर
    G.N.SHAW
    BALAJI

    जिंदगी जब परीक्षा लेती है
    तब प्रश्नपत्र कहाँ देती है
    प्रश्न भी उसके उत्तर भी उसके
    कापी भी उसकी नंबर भी उसके
    पास करती है या फेल करती है
    परीक्षाफल जरूर देती है
    हम सोचते हैं हम कर रहे हैं
    वो हमें कहाँ कुछ करने देती है
    जो करना होता है खुद बा खुद
    कर देती है हमें बस बता देती है !

    जवाब देंहटाएं
  17. लिंक-8
    अर्चिमान अधिलोक के, पौरुष के पर्याय।
    छँट जाएँगी बदलिया, आयेगी सुख छाँव।।

    जवाब देंहटाएं
  18. लिंक-11
    खट्टे-मीठे रसभरे, होते हैं अंगूर।
    राजनीति में आ गये, अब तो बस लंगूर।।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. जिसकी किस्मत में लिखे,बस खट्टे अंगूर
      सिर्फ उसी के वास्ते , दिल्ली काफी दूर ||

      खट्टे - मीठे जो मिले , खाये जो अंगूर
      उनके चेहरे लाल हैं , चाहे कह लंगूर ||

      हटाएं
  19. सकल लुनाई ईंट घर , दीमक चटा किंवाड़ ।
    घर टपके टपके ससुर, गए दुर्दशा ताड़ ।

    गए दुर्दशा ताड़, बांस का झूला डोला ।
    डोला वापस जाय, ससुर दो बातें बोला ।

    करवा ले घर ठीक, काम कुछ पकड़ जवाईं ।
    पर काढ़े वर खीस, घूरता सकल लुनाई ।।


    ससुरा टपका दे नहीं, रखियो बंद किवाड़
    या चढ़ बैठे ताड़ पर यार ससुर को ताड़
    यार ससुर को ताड़,न झूलो सावन झूला
    गोरी के संग देख ,लुगाई का मुँह फूला
    आँखें लेगा नोंच अगर इत उत भी घूरा
    रखियो बंद किवाड़, नहीं दे टपका ससुरा ||

    जवाब देंहटाएं
  20. लिंक-13
    सर्कस में दिखला रहे, जोकर बहुत कमाल।
    लेकिन इनकी जिन्दगी, कितनी है बदहाल।।

    जवाब देंहटाएं
  21. लिंक-18

    कुछ बन्धन ऐसे यहाँ, जिनमें है सम्बन्ध।
    मोहपास में जकड़ते, प्यार भरे अनुबन्ध।।

    जवाब देंहटाएं
  22. 7
    हैपी रमजान शिंद जी,
    कमल कुमार सिंह (नारद )
    नारद

    जय हो नारद जी की !

    यहाँ कोई कुछ नहीं करता है
    यहाँ तो हर किसी चीज में
    किसी ना किसी का हाथ होता है
    जहाँ हाथ नहीं होता है बस
    वहाँ पर ही कुछ नहीं होता है
    छोडि़ये जी क्या रक्खा है
    हमारे हाथ में कुछ नहीं होता है
    जो होता है वो बस हाथ के
    कारण ही हर जगह होता है !

    जवाब देंहटाएं
  23. 8
    पुरुष तुम बुनियाद हो
    कविता विकास
    काव्य वाटिका

    अरे अरे कुछ नहीं है
    दोपहिये का एक पहिया है
    दूसरा पहिया अगर कभी
    पंक्चर हो जाता है
    स्कूटर रास्ते पर खड़ा हो
    जाता है चलाने वाला
    सिर पकड़ कर बैठ जाता है !

    जवाब देंहटाएं
  24. 9
    अटूट, अंतहीन, निश्छल प्यार !
    शिवनाथ कुमार
    मन का पंछी

    बहुत खूबसूरती है
    पंक्तियों में आपकी
    प्यार दिख रहा है
    बहुत से शब्दों मैं
    बहन छुप छुप कर
    कोने से कहीं झाँकती !

    जवाब देंहटाएं
  25. इत पीपल उत प्रीत पल, इधर बाँस उत रास ।
    इत पटरे पर जिन्दगी, पट रे इक ठो ख़ास ।

    पट रे इक ठो ख़ास, आँख में रंगीनी है ।
    सुन्दरता का दास, चैन दिल का छीनी है ।

    प्रभु दे डोला एक, बढ़े हरियाली प्रतिपल ।
    डोला मारूँ रोज, कसम से आ इत पीपल ।।

    पीपल अब सठिया गया,रहा रात भर खाँस
    प्रेम पात सब झर गये,चढ़ चढ़ जावै साँस
    चढ़ चढ़ जावै साँस , कहाँ वह हरियाली है
    आँख मोतियाबिंद , उसी की अब लाली है
    छाँह गहे अब कौन, नहीं वो छाया शीतल
    रहा रात भ्र खाँस, अब सठिया गया पीपल ||

    जवाब देंहटाएं
  26. 10
    सखि ने सखि से कही, रक्षा बंधन की आधुनिक कथा
    अविनाश वाचस्पति
    नुक्कड़

    जियो जियो !

    अब जब सब लिख दिया हो सखि के लिये
    सखा क्या करे बस क्या आ कर टिप्पणी करे?

    जवाब देंहटाएं
  27. 11-अ
    मत्तगयंद सवैया
    अरुण कुमार निगम (हिंदी कवितायेँ)

    बहुत सुंदर!

    पुरुस्कार की बधाई भी स्वीकारें
    बस हमारी एक शंका मिटा दें !!

    सजना अलग और
    सजनी अलग झूले
    में क्यों झूल रहे हैं
    दिखा रहे हैं फोटो आप
    अलग अलग
    पर इस पर मुँह से
    कुछ क्यों ना बोल रहे हैं ?

    जवाब देंहटाएं
  28. आज की चर्चा में बहुत ही सुन्दर सूत्र सजाये हैं।

    जवाब देंहटाएं
  29. 11-ब
    ये सावन की घास, लगा के रखी अड़ंगे-रविकर

    साँप तो नहीं है
    पर कुंडली गजब
    की बनाता है
    पहेली हो गया है
    क्या आपको इस
    पहेली का सही
    उत्तर आता है ?

    जवाब देंहटाएं
  30. सुंदर चर्चा...बढ़िया लिंक्स...आभार !रविकर जी..

    जवाब देंहटाएं
  31. 12
    बंधन कच्चे धागों का- रक्षा बंधन
    रुनझुन

    रुनझुन करती रुनझुन
    बहुत दिनों में आयी
    रक्षाबंधन का सुंदर
    सा झुनझुना ला
    कर यहाँ सजाई !

    जवाब देंहटाएं
  32. शेष टिपियाने अब शाम को आयेंगे
    थोड़ा जा कर पहले नौकरी कर आयेंगे !!



    14
    एक वर्षा ऋतु वर्णन ऐसा भी ......(मानस प्रसंग-9 )
    (Arvind Mishra)
    क्वचिदन्यतोSपि

    वाह !
    क्या नहीं है मानस में
    बताने वाला भी चाहिये

    आभार !

    जवाब देंहटाएं
  33. लिंक - २०

    भाई बहन के प्यार का राखी प्रेम प्रतीक
    अहसासों का प्रेम यह सुन्दर और सटीक,,,,,

    जवाब देंहटाएं
  34. लिंक - १८

    रिश्तों के बंधन से बंधा , ये सारा संसार
    सबके अपने मायने,अहसास बना आधार ,,,

    जवाब देंहटाएं
  35. लिंक - ११

    पावन सावन माह में, अरुण झुलाए झूला
    साजन झूलत देख के,सजनी का मन डोला,,,,,

    जवाब देंहटाएं
  36. लिंक - ६

    साईं की बस कृपा है,नौ का चमत्कार
    आस्था रखे प्रभू पर,वही करे बड़ा पार,,,,

    जवाब देंहटाएं
  37. लिंक - १३

    कहता है जोकर सारा जमाना,
    आधी हकीकत आधा फ़साना,,,,,

    जवाब देंहटाएं
  38. सुंदर चर्चा.... बढ़िया लिंक्स...
    रक्षाबंधन पर्व की सादर शुभकामनायें....
    सादर।

    जवाब देंहटाएं
  39. 15
    एक रिश्ता - बड़ा अनाम
    satish sharma 'yashomad'
    यात्रानामा
    बहुत खूब !!
    पर 90 % सहमत !!
    10 % किसी और
    माँ की बेटी भी तो
    हो सकती है जो
    किसी को एक
    धागे का प्यार
    बंधन दे सकती है !

    जवाब देंहटाएं
  40. 16
    हिन्दी ब्लॉगरी का दशकोत्सव - सुमेरु उर्फ मानसिक हलचल
    गिरिजेश राव
    एक आलसी का चिठ्ठा

    गजब ! इतना ही कहा जा सकता है इस आलेख पर !

    जवाब देंहटाएं
  41. 17
    भाई-बहन का बंधन
    ऋता शेखर मधु
    मधुर गुंजन
    एक खूबसूरत रचना !

    जवाब देंहटाएं
  42. 18
    बंधन..... ऐसे ही होते है .
    कुश्वंश
    अनुभूतियों का आकाश
    बहुत सुंदर अनुभूति !

    जवाब देंहटाएं
  43. 19
    फोटो पत्रकारिता के बेताज बादशाह रहे महेद्र प्रताप सिंह
    rajeshsrivastva
    Rajesh Shrivastava's News Channel


    श्रधाँजलि !

    जवाब देंहटाएं
  44. और अंत मे
    उल्लू के अंडे
    को आप यहाँ
    लाये 13वें
    लिंक यानी
    सही जगह
    पर टिकाये

    आभार रविकर जी !!
    िसके साथ अंतिम लिंक पर :

    20
    "अमर रहेगा राखी का त्यौहार" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
    उच्चारण

    सुंदर गीत
    पर फोटो ज्यादा
    सुंदर है !!

    जवाब देंहटाएं
  45. सवैया का आनुप्रासिक माधुर्य लय ताल और भाव समर्पण आवत लाज क्या कहने हैं भाई साहब .

    WEDNESDAY, AUGUST 1, 2012

    मत्तगयंद सवैया

    जवाब देंहटाएं
  46. बहुत सुन्दर काव्यमय प्रस्तुति भाई बहन के अमित प्यार कीबहन ये जानती है साथ दोनों एक पहुचेंगे,
    बंधाने हाथ में पहले वो राखी खूब झगड़ेंगे।
    बड़े को हारना होगा ये छोटा तो रहा छोटा,
    नहीं तो आँख में मोती के टुकड़े खूब चमकेंगे,
    बड़ी मोहक छिड़ेगी जंग दीदी की मुहब्बत का।
    कलाई में सजेगा रंग दीदी की मुहब्बत का।मेरी फिक्र जो करता है वो..
    कच्ची डोर का पक्का रिश्ता
    है भाई - बहन का रिश्ता स्‍नेह का तिलक लगाकर
    दुआओं के अक्षत डाल
    बहना ने कच्‍चे धागे से बांधा
    रिश्‍तों के इस मजबूत बंधन को
    वीर की कलाई पर , मेरी राखी का मतलब है प्यार भईया, .सखी सहेली सब जुड़ आईं
    हिल मिल खूब मल्हारें "गाईं". .इस पर्व पर बहिन, भाई के अन्दर पिता का निस्स्वार्थ छाता, और भैया, माँ को ढूंढता है कहतें हैं जो भाई अपनी बहन से बहुत रागात्मक सम्बन्ध बनाए रहतें हैं उनके साथ स्नेहिल बने रहतें हैं उन्हें हार्ट अटेक नहीं पड़ता ,दिल की बीमारियों से बचाता है माँ के जाने के बाद बहन का प्यार .रक्षा बंधन मुबारक -झूमें ये सावन सुहाना ,भैया मेरे राखी के बंधन को निभाना ,शायद वो सावन भी आये ,जो पहले सा रंग न लाये, बहन पराये देश बसी हो ,अगर वो तुम तक पहुँच न पाए ,झूमें ये सावन सुहाना ...इस गीत की मिसरी बचपन में ले जाती है .छोटी बहन का यह गीत आज भी उतना ही मीठा लगता है जितना "चंदा मामा दूर के ,पुए पकाए बूर के ,आप खाएं प्याली में ,मुन्ने को दें ,प्याली में ..

    जवाब देंहटाएं
  47. अब वर्षा ऋतु है तो उसके अग्रदूत भला कैसे पीछे रहते ....मेढकों की टर्राहट परिवेश को गुंजित कर रही है ..राम का ध्यान सहसा ही इन आवाजों की "और" जाता है और वे उन्हें एक परिहास सूझता है ..कह पड़ते हैं, लक्ष्मण इन मेढकों की टर्राहट तो एक ऐसी धुन सी सुनायी पड़ रही है जैसे वेदपाठी ब्राह्मण विद्यार्थी वैदिक ऋचाओं का समूह पाठ कर रहे हों ....दादुर धुनि चहु दिसा सुहाई। बेद पढ़हिं जनु बटु समुदाई॥
    "जितना सुन्दर मानस अंश आपने चुना है उतनी ही मनोहर आपके व्याख्या की है .वेद पाठियों को दादुर कह कर तुलसी बाबा अच्छा व्यंग्य कर गए हैं करम काण्ड धनियों पर ."
    14
    एक वर्षा ऋतु वर्णन ऐसा भी ......(मानस प्रसंग-9 )
    (Arvind Mishra)
    क्वचिदन्यतोSपि

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. चर्चा मंच पर आप आये
      आकर ब्लाग पर गये
      टिपियाये
      सब करने लगें ऎसा
      सोचिये जरा
      क्या सीन हो जाये ?

      हटाएं
  48. एक और बढ़िया मंच चर्चा के लिए शुक्रिया आपका .बधाई .

    जवाब देंहटाएं
  49. @@@ बचके भैया डब्लू मैं मिनरल वाटर हूँ

    खैनी खाई उम्र भर , कभी न खाई डाँट
    जय वीरू खट्टे करें , गब्बर सिंह के दाँत
    गब्बरसिंह के दाँत,कमी थी फ्लोराइड की
    मिनरल वाटर पी पी ,घोड़े पर राइड की
    साम्भा रहता साथ थी जिसकी आँखें पैनी
    मलता था दिन रात कालिया ताजी खैनी ||

    जवाब देंहटाएं
  50. लिंक - ९

    इसे समझो न रेशम का तार भईया
    मेरी राखी का मतलब है प्यार भईया,,,,

    जवाब देंहटाएं
  51. @@@ बचके भैया डब्लू मैं मिनरल वाटर हूँ

    वाटर हूँ मैं जिन्न-सा , बोतल में हूँ बंद
    रुपये खर्चें - क्रय करें , मुझे जरूरतमंद
    मुझे जरूरतमंद , है मुझमें कम फ्लोराइड
    टोंटी वाले नल का पानी , हो गया साइड
    वीरु भैया कहते मैं दाँतों का क्षर हूँ
    बचके भैया डब्लू , मैं मिनरल वाटर हूँ ||

    जवाब देंहटाएं
  52. चर्चा मंच का यह अंक भाई बहन के प्रेम से ओत प्रोत है|
    ज्यादातर प्राकृतिक लुभावने दृश्यों से परिपूर्ण दास्ताने पढ़ने में भी मजा आया
    आदरणीय शास्त्री जी के आया राखी का त्यौहार से हुवा आगाज वातावरण को
    राखी मय कर दिया है
    झूमे ये सावन सुहाना में भाई बहन के रिश्तों से जुड़े रोचक प्रसंगों का विवरण जो
    ज्यादा तर भाई बहन के बीच की कहानी कह रही है
    मिनरल वाटर हूँ के माध्यम से एक बहुत अच्छी जानकारी मिली
    ऋता शेखर मधु जी की काव्य सरिता भाई बहन का बंधन बहेतरीन लगी
    चर्चा मंच की टिप्पणियों का क्या कहने है
    एक एक टिप्पणी पढ़ने के लिए आकर्षित कर रही है विशेषकर श्री सुशील जी,श्री अरुण निगम जी ,श्री रूप चन्द्र शास्त्री जी,श्री धीरेन्द्र जी, श्री रविकर जी की टिप्पणियों ने मन मोह लिया
    रोचक चर्चा प्रस्तुत करने हेतु हार्दिक बधाई ........हार्दिक शुभकामना ...रक्षा बंधन मुबारक

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  53. चर्चा मंच पर मेरी भी चर्चा करने के लिए आपको ढेर सारा थैंक्यू अंकल.... इनमें से कई लिंक्स मैंने भी पढ़े और वो सब मुझे बहुत अच्छे लगे... :)

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