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सोमवार, अगस्त 27, 2012

इक बहाना चाहिए (सोमवारीय चर्चामंच-984)

दोस्तों! चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ का नमस्कार! सोमवारीय चर्चामंच पर पेशे-ख़िदमत है आज की चर्चा का-
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डरी-डरी सी ज़िन्दगी -रजनीश तिवारी
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इक बहाना चाहिए -श्यामल सुमन
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ज्ञान हो गया फ़क़ीर -महेन्द्र वर्मा
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आज जरूरत है धरती में, शौर्य बीज उपजाने की -डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
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जब भी चाहें इक नयी सूरत बना लेते हैं लोग -क़तील, प्रस्तोता डॉ.अनवर जमाल
मेरा फोटो
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घर और कमरे -डॉ. हरदीप कौर सन्धु
शब्दों का उजाला
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मेरा फोटो
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लिंक 11-
निरामिष
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लिंक 12-
ZEAL
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लिंक 13-
भारतीय काव्यशास्त्र–123 -आचार्य परशुराम राय
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सरोकार -उदयवीर सिंह
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लिंक 15-
रैली -पुरुषोत्तम पाण्डेय
मेरा फोटो
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लिंक 16-
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लिंक 17-
तन्हा हूँ पर... -डॉ. निशा महाराणा
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लिंक 18-
ब्लाग, बागीचा बवाल और बन्दरों की कृपा -बेचैन आत्मा देवेन्द्र पाण्डेय
मेरा फोटो
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लिंक 19-
गर्म रातों में कैसे पाएं सुकून की नींद? -डॉ. जोगा सिंह कैत ‘जोगी’

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लिंक 20-
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और अन्त में
लिंक 21-
ग़ाफ़िल की अमानत
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आज के लिए इतना ही, फिर मिलने तक नमस्कार!

28 टिप्‍पणियां:

  1. कई लिंक्स से सजा बहुआयामीं चर्चा मंच |मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार

    जवाब देंहटाएं
  2. ग़ाफ़िल की अमानत

    कलम देखिये कैसे चहक रहीं है
    वहाँ पर जहाँ हर चीज बहक रही है !

    जवाब देंहटाएं
  3. काइरोप्रेक्टिक में भी है समाधान साइटिका का -वीरू भाई
    रोज एक मर्ज की दवा बता रहे हैं
    दर्दे दिल का काइरोप्रेक्टिक कब ला रहे हैं !

    जवाब देंहटाएं
  4. गर्म रातों में कैसे पाएं सुकून की नींद? -डॉ. जोगा सिंह कैत ‘जोगी’

    नींद भी क्या चीज है जनाब
    कभी ऎसे ही आ जाती है
    कभी वैसे भी आ जाती है
    कभी ना ऎसे आती है
    ना वैसे आती है!

    जवाब देंहटाएं
  5. कई रोचक लिंक्स से रु-ब-रु कराया आपने महोदय - एक सार्थक प्रयास आपका - आभार

    सादर
    श्यामल सुमन
    09955373288
    http://www.manoramsuman.blogspot.com

    जवाब देंहटाएं
  6. ब्लाग, बागीचा बवाल और बन्दरों की कृपा -बेचैन आत्मा देवेन्द्र पाण्डेय

    भैया बंदर वाली पोस्ट पर
    टिप्पणी का औपशन नहीं मिला
    इसलिये उपर की पोस्ट की बधाई
    में नीचे वाली पर लिख चला !

    जवाब देंहटाएं
  7. रैली -पुरुषोत्तम पाण्डेय
    हम तो सोच रहे थे
    शहीद हो जायेंगे
    मर कर परिवार के
    किसी सदस्य को जितायेंगे
    आपने तो कहानी के अंत में
    नींद से उठा दिया
    नेता जी नहीं मरे हैं अभी
    बता कर भटका दिया !

    जवाब देंहटाएं
  8. सरोकार -उदयवीर सिंह
    उदय जी को वहाँ पढ़ के आते हैं
    टिप्पणी यहाँ कर के जाते हैं
    वहाँ जब भी दे के आ रहे हैं
    वापस अपनी मेल में उसे
    लौटा हुआ ही पा रहे हैं !

    बहुत सुंदर सरोकार है !

    जवाब देंहटाएं
  9. भारतीय काव्यशास्त्र–123 -आचार्य परशुराम राय
    बहुत सुंदर !

    जवाब देंहटाएं
  10. इस फुलवारी की 500वीं पोस्ट और चालीसवां पड़ाव -दिव्या श्रीवास्तव ZEAL

    चालीस और पाँच सौ दोनो की बधाई
    बात कुछ थोड़ी हमारी भी समझ में आई
    फुलवारी लिखा है और झील(जील) भी है
    आदमी होता तो बगीचा लिखता
    और झील की जगह झेल रहा होता !

    जवाब देंहटाएं
  11. जब भी चाहें इक नयी सूरत बना लेते हैं लोग -क़तील, प्रस्तोता डॉ.अनवर जमाल
    कुछ लोग पुरानी सूरत से काम चला लेते हैं
    नयी सूरत को किराये पर चढा़ देते हैं !

    जवाब देंहटाएं
  12. आज जरूरत है धरती में, शौर्य बीज उपजाने की -डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
    बहुत सुंदर !
    जैनेटिकेली मौडीफाईड बीज बना ले जायेगा
    आदमी के दिमाग में अगर आ जायेगा !

    जवाब देंहटाएं
  13. सजी-धजी चर्चा।
    मुझे शामिल करने के लिए आभार।

    जवाब देंहटाएं
  14. बहुत प्यारे लिनक्स सजाये हैं आपने.

    शुक्रिया.

    जवाब देंहटाएं
  15. Great links Gafil ji, Loving the comments of Sushil ji. Thanks to both of you.

    जवाब देंहटाएं
  16. वाह बहुत बढिया लिंक्‍स ... आभार

    जवाब देंहटाएं
  17. वाह बहुत बढिया लिंक्‍स ..
    मुझे शामिल करने के लिए आभार।

    जवाब देंहटाएं
  18. मन के आँगन में खुली फिर से नई मधुशाला,
    ख़ुम* का इतराव नया, फिर से नई मधुबाला,
    दौर चलता रहे और साकी तेरा साथ रहे,
    आज पूरी भी हो जो चाह इक पुरानी है॥
    अश आर तेरे सब के सब जाफरानी हैं ,तू सच मुच रात की रानी है .

    जवाब देंहटाएं
  19. मगर मैंने किसी वृक्ष को किसी साथी वृक्ष का
    गला दबाते नहीं देखा ,अरे भाई साहब वृक्ष तो खुद अपनी खाद बन जातें हैं ,हमें दफन को चाहिए, तेरह मन लकड़ी ,खजूर के पेड़ हो गएँ हैं कई ब्लोगर -बड़ा हुआ तो क्या हुआ ,जैसे पेड़ खजूर ,पंथी (पंछी )को छाया नहीं फल लागत अति -दूर ..._______________
    लिंक 18-
    ब्लाग, बागीचा बवाल और बन्दरों की कृपा -बेचैन आत्मा देवेन्द्र पाण्डेय .कृपया यहाँ भी पधारें -

    सोमवार, 27 अगस्त 2012
    अतिशय रीढ़ वक्रता (Scoliosis) का भी समाधान है काइरोप्रेक्टिक चिकित्सा प्रणाली में
    http://veerubhai1947.blogspot.com/

    जवाब देंहटाएं
  20. रैली का क्या हुआ ,रैली में अटकी हुई है नेताजी की जान ,रैली ही अब .रह गई नेता की पहचान ....जबरजस्त व्यंग्य इस गोबर गणेश को परिवार क्या अपनी जान की भी चिंता नहीं है .....बिन रैली साब सून .,भैया बिन थैली सब सून . .कृपया यहाँ भी पधारें -

    सोमवार, 27 अगस्त 2012
    अतिशय रीढ़ वक्रता (Scoliosis) का भी समाधान है काइरोप्रेक्टिक चिकित्सा प्रणाली में
    http://veerubhai1947.blogspot.com/

    जवाब देंहटाएं
  21. तन्हा हूँ पर .....पेड़ सुनाता जीवन राग , . .तन्हा तन्हा मत सोचा कर ......औरों को भी कुछ सोचा कर ....बढ़िया पोस्ट ......महाकाल के हाथ पर गुल होतें हैं पेड़ ,सुषमा तीनों लोक की कुल होतें हैं पेड़ ...,जो तोकू काँटा बुवे ,ताहि को बोये , तू फूल ,तोकू फूल के फूल हैं ,वाकू हैं त्रिशूल (तिरशूल ).कृपया यहाँ भी पधारें -

    सोमवार, 27 अगस्त 2012
    अतिशय रीढ़ वक्रता (Scoliosis) का भी समाधान है काइरोप्रेक्टिक चिकित्सा प्रणाली में
    http://veerubhai1947.blogspot.com/

    जवाब देंहटाएं
  22. आप सभी सुहृदों को हृदय से आभार जो यहां पर पधार कर हमारा उत्साह वर्द्धन किया

    जवाब देंहटाएं

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