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शनिवार, अगस्त 18, 2012

“मन की बातें ...” (चर्चा मंच-९७५)

मित्रों!
देखते ही देखते सप्ताहान्त आ गया
और मैं भी लेकर आ गया
आपके लिए कुछ ब्लॉगों के लिंक!
ब्लाग है या बाघ है
My Photo
सपने भी देखिये ना 
कितने अजब गजब सी चीजें दिखाते हैं
 जो कहीं नहीं होता ऎसी अजीब चीजें 
पता नहीं कहाँ कहाँ से उठा कर लाते हैं 
कल रात का सपना कुछ कुछ रहा है याद 
अब किसी को कैसे बताये ये अजीब सी बात...
लेखक की आवाज क़लम, विचारों की परवाज़ क़लम।
समाज के विभिन्न बंधनों में भी, कैद से आजाद क़लम।
लेखक की सोच को, देती आकार क़लम।
कुरीति औ कुव्यवस्था का करती बहिष्कार क़लम़…

क्या उपवास है लंबी उम्र, अच्छी सेहत का नुस्ख़ा?

वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर नियंत्रित तरीके से कुछ समय का उपवास रखा जाए तो इससे न सिर्फ बढ़ते वजन को घटाने बल्कि तमाम स्वास्थ्य संबंधी फायदे हो सकते हैं.
ये दुनिया दीवानी होगी
नीम-निम्बौरी
दिखा राष्ट्रपति भवन में, इसी मर्तबा भेंग
बूंदों से बातें!
मुसलाधार बारिश हो, तो- बूंदें दिखाई नहीं देतीं, पर आद्र कर जाता है बरसता पानी..
कृष्ण लीला रास पंचाध्यायी ……

लो आ गयी शरद पूर्णिमा की रात्रि..
जाके पाँव न फटे बिवाई
पता नहीं इस हालत मे मुझे इस तरह के लेख लिखना चाहिए या नहीं..
नौहा समझो तो नौहा,
दोहा समझो तो दोहा


पहले से ही त्रस्त हैं,
सीधे सादे लोग
मत फैलाओ भाइयो,
अफवाहों का रोग…
वजन

बचपन में 'कागज की नाव' लड़कपन में 'ताश के महल' जवानी में 'बालू के घर' हमने भी बनाए हैं
रहिये फक्कड़ मस्त, रखो दुनिया ठेंगे पर
स्वतंत्रता दिवस पर काले बादल और पतंगों की उड़ान

सामूहिक आवास का सबसे बड़ा लाभ यह है , प्रत्येक अवसर पर चाहे वह कोई धार्मिक त्यौहार हो या राष्ट्रीय पर्व , सब मिल जुल कर मनाते हैं . इस बार भी हमारी सोसायटी की प्रबंधन समिति ने धूम धाम से स्वतंत्रता दिवस मनाया...
सिंहता

स्मृतियाँ मुझे,
व्यग्र करती हैं , मेरा अतीत,वर्त्तमान ,
विश्लेषित करती हैं -
मैं क्या हूँ ....?
राष्‍ट्र की सेवा में समर्पित भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद
विशेष लेख: भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद: चिकित्‍सा अनुसंधान में अग्रणी लेखक: डॉ. के.एन. पांडेय* किसी भी राष्‍ट्र की प्रगति उसके स्‍वस्‍थ नागरिक पर निर्भर करती है…
केतकी

मेरी पहली कहानी महामुक्ति पर सकारात्मक टिप्पणी करने के पहले आप लोगों ने सोचा नहीं.....सो अब पेशे खिदमत है मेरी दूसरी कहानी... इसके रंग और महक कुछ अलग हैं....ज्यादा वक्त नहीं लगेगा सो पूरी पढ़ें ज़रूर....
बोलो भला कैसे ?

तुम्हे बनाना ताज महल है, मैं मरने से क्षण क्षण घबराऊँ, बोलो इतनी उथल पुथल में, प्रेम भला कैसे पनपेगा? तुम जौहरी के जैसे गहरे हीरों सी रंगत गढ़ना चाहो, मै नदिया के पत्थर सी, उथली बिखरी बिखरी सी चलना चाहूँ..
ज़रूरी है - -

शिद्दत ए ग़म जो भी हो, ज़िन्दगी से निबाह ज़रूरी है, मुस्कराते हैं भीगी पलक लिए, वो यूँ अक्सर तनहा ! बहार आने से पहले, जैसे ख़ुशबू ए अफ़वाह ज़रूरी है, कोई मिले न मिले जीने के लिए लेकिन इक चाह ज़रूरी है ...
हजारों सॉफ्टवेर वो भी मुफ्त में |

अगर आप भी इंटरनेट पर अपनी खुद की वेबसाइट बिल्कुल मुफ्त में बनवाना चाहते हैं या कोई सॉफ्टवेयर मुफ्त में डाउनलोड करना चाहते हैं तो आपको कैचफ्री डॉट कॉमपर जाना होगा…
गर्भावस्था में काइरोप्रेक्टिक चेक अप क्यों ?
Virendra Kumar Sharma
….काइरोप्रेक्टिक देख भाल इस बात को सुनिश्चित करती है कि गर्भ्रिणी का प्रजनन तंत्र  तथा अन्य कायिक प्रणालियाँ पूरी मुस्तैदी से अपना काम करें .इस एवज रीढ़ स्तंभ (मेरु स्तंभ ,स्पाइनल कोलम )से इन अंगों तक तमाम तंत्रों तक तंत्रिका की आपूर्ति (सम्प्रेषण )निर्बाध होती  रहे ,.कहीं कोई इम्पिन्ज्मेंट न रहे ,कहीं से कोई भी नस ,स्नायु या तंत्रिका तंतु न दबा रह जाए .,यह ज़रूरी होता है….
ये खुदा .....
ये खुदा तू बता,
मेरी परेशानियों का सबब क्या है ?
मुझे तेरी रहमत,
हासिल ना हुई वजह क्या है ?
मेरी इबादत हुई बेअसर,
बता तेरी रज़ा क्या है ?
गर मैं हूँ तेरा गुनाहगार,
तू ही बता
मेरी सजा क्या है ?
हृदयगाथा : मन की बातें ...
एक था टाइगर बनाम 
‘’ब्‍लैक टाइगर’’
पहचानों उन गद्दारों को ......!!! ,जिन्हें नही वतन से प्यार है ,जिसे नही मुहब्बत इस मुल्क से ,वह देश का गद्दार है।
होता है कोई जुर्म कहीं पर .खून-खराबा ये क्यों करते हैं ,चले जाएँ ये उसी मुल्क को ,फिर ये यहाँ क्यों रहते हैं...

** ज़िंदा हूँ ...नब्ज़ चल रही है...**
*होंठ आदतन मुस्कुराते हैं...*
*फिर अचानक सिमट आते हैं...!*
*अनचाही उदासी की लहर उठ रही है...!*
*एहसासों की नमी से पलकें हैं.. भीगी भीगी..
जीवन के रंग .....
निरंकुशता अमानवीय है... - निरंकुशता अमानवीय है .निरंकुश व्यक्ति दुसरे का भला नहीं कर सकता .कोई संस्था भी अगर निरंकुश हो जाय तो लोगों पर बोझ बढ़ जाता है,,,
जिंदगी के सबक
सबसे बड़ा धन - एक बूढ़ा संगीतकार किसी जंगल से गुजर रहा था। उसके पास बहुत सी स्वर्ण मुद्राएं थीं। रास्ते में कई डाकुओं ने उसे पकड़ लिया…
राजीव भाई ! लिखना तो बहुत कुछ चाहता था । परन्तु अभी थोङी समय की पाबन्दी है । परन्तु जल्दी ही आपको मेल भेजूँगा ।
बाकी आप वंशवाद की बात करते हैं । तो मैं आपसे question पूछता हूँ कि
सिख धर्म में भी वंशवाद है – चन्द्रमोहन
….
इस देश में सुरक्षित कौन ?
हमारे देश में कोई भी सुरक्षित नहीं है। चाहे वो देश के किसी भी हिस्से में रहे। उत्तर भारतीयों को ठाकरे , ठिकाने लगा देंगे तो बैंगलोर में आसामी सुरक्षित नहीं हैं। मथुरा कोकराझार में हिन्दुओं की लाशें बिछ गयी...
रुबाइयाँ शैतान मुबल्लिग़
अरे सबको बहका, जन्नत तू सजा, फिर आके दोज़ख दहका,
फितरत की इनायत है भले 'मुंकिर' पर, इस फूल से कहता है कि नफरत महका. * पसमांदा अक़वाम पे, क़ुरबान हूँ मै,
मेरे मौला !

मैं सजदा किया करता हूँ, उसके लिए सभी मजारों पर !
मेरे दिल की आवाज, उसके दिल तक पहुंचा दे, मेरे मौला !!

52 टिप्‍पणियां:

  1. शास्‍त्री जी, विविधता और सजगतायुक्‍त दृष्टिकोण झलकता है आपकी चर्चा में। बधाई।

    ............
    राष्‍ट्र की सेवा में समर्पित...
    विश्‍वविख्‍यात पक्षी वैज्ञानिक की अतुलनीय पुस्‍तक।

    जवाब देंहटाएं
  2. विहंगम दृष्टि डालता आज का चर्चा मंच |
    आशा

    जवाब देंहटाएं

  3. मदन लाल धींगड़ा को श्रद्धांजलि
    श्रद्धांजलि !
    जिन्हे रहना था
    देश के लिये
    चलो उनकी याद
    किसी को तो आ रही
    जिनको दे गये
    देश को ये लोग
    उनको याद भी
    नहीं तुम्हारी !!

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. मदन लाल जी धींगरा, सावरकर का संग |
      मारें घुस के वायली, अंग्रेजी सत्ता दंग |
      अंग्रेजी सत्ता दंग, देश में उनके घुसकर |
      बदला लेता मार, उन्ही का आला अफसर |
      बुरे यहाँ हालात, भरा अब कुल बवाल जी |
      साधुवाद आभार, नमन हे मदन लाल जी ||

      हटाएं
  4. बहुत सुन्दर चर्चा....
    मेरी "केतकी" को शामिल करने के लिए आपकी आभारी हूँ शास्त्री जी.
    सादर
    अनु

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. आह केतकी आह है, गजब समर्पण भाव |
      दृष्टान्तों का दोष से, किया स्वयं अलगाव |
      किया स्वयं अलगाव, जरा सोचा तो होता |
      यही अंश का वंश, तुम्हारा वक्ष भिगोता |
      अवसर देती एक, नेक यह होती घटना |
      देता मैं भी साथ, खले चुपचाप निपटना ||

      हटाएं
  5. काजल कुमार जी का एक कार्टून
    अरे जब सोच ही रहे हो
    तो बड़ा सोचो ना
    नाम में क्या रखा है
    जिस चीज का रखा है
    उसको ही गायब करवा दो
    इतना तो खोदो ना !

    जवाब देंहटाएं
  6. मेरे मौला !

    रुको हम भी कहे देते हैं मौला से

    ये जो चाह रहा है
    उसे करवा ही दे मौला !

    जवाब देंहटाएं
  7. रुबाइयाँ शैतान मुबल्लिग़
    बहुत खूब !

    जवाब देंहटाएं
  8. इस देश में सुरक्षित कौन ?

    नेता और उनके चमचे
    सुरक्षित हैं बस इस देश में
    जनता मरेगी जहाँ भी मरेगी
    स्त्री करते रहेंगे ये अपने वेश में !!

    जवाब देंहटाएं
  9. जिंदगी के सबक
    सबसे बड़ा धन
    अच्छी है !
    हुनर रहा बचा अगर
    धन दौलत क्या चाहिये!

    जवाब देंहटाएं
  10. ब्लाग है या बाघ है बढ़िया प्रस्तुति ब्लॉग चालीसा की ...जय जय जय श्री ब्लॉग गुसाईं कृपया करो महाराज ,लेकर राम का नाम, करो युद्ध विराम ....
    कृपया यहाँ भी पधारें -
    ram ram bhai
    शुक्रवार, 17 अगस्त 2012
    गर्भावस्था में काइरोप्रेक्टिक चेक अप क्यों

    जवाब देंहटाएं
  11. जीवन के रंग .....
    निरंकुशता अमानवीय है... -

    निरंकुशता तो अब हर जगह छाने लगी है
    आदमी को भी अब नींद सी आने लगी है !

    जवाब देंहटाएं
  12. ** ज़िंदा हूँ ...नब्ज़ चल रही है...**

    बहुत खूब !

    बहुत अच्छा है जिन्दा हैं और नब्ज भी चला रहे हैं
    यहाँ तो अब मुर्दे भी बहुत से हाथ पाँव चला रहे हैं !

    जवाब देंहटाएं
  13. "अखिलेश" और अपने "मौन सिंह "में फर्क बताओ तो जानें -पहले का रिमोट लखनऊ दूसरे का इटली ,हैं दोनों रोबोट ........एक है बूढा एक जवान ....काजल कुमार जी का एक कार्टून
    कार्टून :- सारे घर के बदल डालूंगा...
    कृपया यहाँ भी पधारें -
    ram ram bhai
    शुक्रवार, 17 अगस्त 2012
    गर्भावस्था में काइरोप्रेक्टिक चेक अप क्यों

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. सारे घर के बदल डालूंगा..

      बहुमत की सरकार में अगर दमदारी है तो सारे नाम बदल डालिए,,,,,

      हटाएं
  14. पहचानों उन गद्दारों को

    सुंदर !
    इच्छा शक्ति की कमी है
    ये सब यही दिखाती है
    नेता जी को हमारे
    थोड़ी बुद्धि नहीं आती है !

    जवाब देंहटाएं
  15. एक था टाइगर बनाम
    ‘’ब्‍लैक टाइगर’’
    वाह !
    जान दे भी दी देश के लिये
    और किसी को पता भी नहीं !

    जवाब देंहटाएं
  16. एक संतुलित आलेख विवेक पूर्ण विवेचना और सावधानी से भरपूर सबके लिए एक मायने नहीं हैं उपवास के ....क्या उपवास है लंबी उम्र, अच्छी सेहत का नुस्ख़ा?
    कृपया यहाँ भी पधारें -
    ram ram bhai
    शुक्रवार, 17 अगस्त 2012
    गर्भावस्था में काइरोप्रेक्टिक चेक अप क्यों

    जवाब देंहटाएं
  17. ये खुदा .....

    सुंदर !
    कभी कभी लगने लगता है ऎसा भी
    पता करता नहीं है तो खुदा करता क्या है?

    जवाब देंहटाएं
  18. नोट कर लो भैया अगले साल मौन सिंह लाल किले पे नहीं चढ़ेंगे यह भविष्य कथन नहीं है ,अब इससे आगे और क्या होगा .....मेरे से हाथ मिलाने से किसी के हाथ काले हो जाएँ तो मैं क्या कर सकता हूँ .लाचार हूँ ,नियुक्त प्रधान मंत्री हूँ ...इस देश में सुरक्षित कौन ?
    कृपया यहाँ भी पधारें -
    ram ram bhai
    शुक्रवार, 17 अगस्त 2012
    गर्भावस्था में काइरोप्रेक्टिक चेक अप क्यों

    जवाब देंहटाएं
  19. प्रधान मंत्री के बंगले में रह रहा पूडल सुरक्षित है ...इस देश में सुरक्षित कौन ?
    कृपया यहाँ भी पधारें -
    ram ram bhai
    शुक्रवार, 17 अगस्त 2012
    गर्भावस्था में काइरोप्रेक्टिक चेक अप क्यों

    जवाब देंहटाएं
  20. गर्भावस्था में काइरोप्रेक्टिक चेक अप क्यों ?
    Virendra Kumar Sharma

    एक सार्थक लेख हमेशा की तरह !

    जवाब देंहटाएं
  21. हजारों सॉफ्टवेर वो भी मुफ्त में
    एक नई जानकारी देने के लिये आभार !

    जवाब देंहटाएं
  22. ज़रूरी है -

    बहुत खूब !
    वाकई जरूरी है !

    जवाब देंहटाएं
  23. बेहतरीन लिन्क्स। उम्दा चर्चा।

    जवाब देंहटाएं
  24. सुन्दर चर्चा , मेरी रचना "जा के पावँ न फटे बिवाई" शामिल करने के लिए आभार ...

    जवाब देंहटाएं
  25. ब्लाग है या बाघ है
    My Photo

    सुन्दर सत्यम शिवम् सा, स्वप्न सुशील सकाळ |
    नंदी सींगें मारता, नाग दिखे विकराल |
    नाग दिखे विकराल, चंद्रमा साधू ढोंगी |
    समझ अहिल्या चाल, भगाया जोगी भोगी |
    शंकर संग त्रिशूल, भूल से हाथ लगाया |
    बाघम्बर सा ब्लॉग, हमारे मन को भाया ||

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. ब्लाग है या बाघ है,,,

      अच्छा हुआ सपने में,आपने लड़ा नही चुनाव
      ब्लोगिंग करना छोड़कर,आजाते नेता के भाव,,,,,

      हटाएं
  26. बेहतरीन प्रस्तुति । सार्थक लिंक

    जवाब देंहटाएं
  27. कार्टून को भी चर्चा में सम्‍मि‍लि‍त करने के लि‍ए आपका वि‍नम्र आभार.

    जवाब देंहटाएं
  28. बहुत ही अच्‍छे लिंक्‍स एवं प्रस्‍तुति ।

    जवाब देंहटाएं
  29. सुन्दर लिंक संयोजन………बढिया चर्चा

    जवाब देंहटाएं
  30. पहचानो उन गद्दारों को,,,,,

    अपनी बात मनवाने को अनसन करते देखे लोग
    देशभक्ति के गीत गली में खुलकर गाते देखे लोग.
    अपने आँगन में बँदूके बोकर उन्हें सींचते रहते जो
    बैठ शान्ति सभाओं में ऐसे ही आतेजाते देखे लोग

    जवाब देंहटाएं
  31. बहुत अच्‍छे लिंक्‍स एवं प्रस्‍तुति .....

    जवाब देंहटाएं
  32. निरंकुशता अमानवीय है.... शामिल करने के लिए आभार.

    जवाब देंहटाएं
  33. बहुत सुन्दर चर्चा सभी उत्कृष्ट सूत्र इस श्रम पूरित खूबसूरत चर्चा के लिए हार्दिक आभार एवं बधाई

    जवाब देंहटाएं
  34. बहुत बढ़िया लिंक्स..
    सार्थक चर्चा प्रस्तुति
    आभार

    जवाब देंहटाएं
  35. बोलो भला कैसे ?
    सुंदर !
    पता तो है ना कोई ताजमहल बनाना चाहता है
    रुह को रुह की जगह तक पहुंचाना चाहता है ।

    जवाब देंहटाएं
  36. केतकी
    केतकी से बात करना
    अच्छा लगा
    अब ये मत पूछना
    कहां बात की आपने?

    जवाब देंहटाएं
  37. राष्‍ट्र की सेवा में समर्पित भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद
    अच्छा है बहुत सुंदर कहीं तो साइंस हो रहा है अपने इंडिया में !

    जवाब देंहटाएं
  38. स्वतंत्रता दिवस पर काले बादल और पतंगों की उड़ान

    बहुत सुंदर !!
    पतंग दिखी काला रंग था उसका
    बादल होगा पतंग जैसा पक्का !

    जवाब देंहटाएं
  39. रहिये फक्कड़ मस्त, रखो दुनिया ठेंगे पर

    भैंस गयी क्या पानी में?
    मैने नही संतोष ने की बात भैंस की !!

    जवाब देंहटाएं

"चर्चामंच - हिंदी चिट्ठों का सूत्रधार" पर

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