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मंगलवार, सितंबर 18, 2012

मंगलवारीय चर्चामंच (1006)-चुप रही तो कलम का क्या फायदा!!


आज की मंगलवारीय चर्चा में आप सब का स्वागत है राजेश कुमारी की आप सब को नमस्ते आप सब का दिन मंगल मय हो 
कल गणेश चतुर्थी के लिए मेरी सभी को बधाइयाँ ।
अब चलते हैं आपके प्यारे ब्लोग्स पर ---
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प्रसिद्ध कवि, सम्पादक समीक्षक और यात्रा-वृत्तान्त लेखक डॉ. विश्वनाथ प्रसाद तिवारी से यात्रा-वृत्तान्त विधा को केन्द्र में रखकर एक साक्षात्कार -शालिनी पाण्डेय
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 Ravishankar Shrivastava at रचनाकार -
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 उदय - uday at कडुवा सच
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 Soniya Bahukhandi Gaur at बुरांस के फूल -
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Suman at Main aur Meri Kavitayen भोर
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 मनोज कुमार at मनोज -
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 कविता विकास at काव्य वाटिका -
मैंने मर - मर कर जीया है
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 रश्मि प्रभा... at वटवृक्ष 
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चापलूस मंडली - जंगल में एक शेर रहता था। उसके 
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लुटेरों की निगहबानी में रहना - लुटेरों की निगहबानी
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एक दस्तक जरुरी - गंगा का किनारा दूर क्षितिज में 
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फ्राक पहनने वाले लड़के - आप का दो या तीन साल 
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इसके  साथ ही आज की चर्चा समाप्त करती हूँ फिर मिलूंगी तब तक के लिए शुभविदा,  शब्बा खैर ,बाय बाय 
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36 टिप्‍पणियां:

  1. जन वादी कविता में भरा पिरा जन आक्रोश व्यंजना में मुखरित है - ओ ! मेहनत कश बीवी बहना
    सीख गया जो मिलकर रहना
    अन्न्पूर्णा गोद ख़ुशी से
    भरती उसकी है


    करता छाया धूप एक जो धरती उसकी है
    मनोज कुमार at मनोज -

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  2. आपकी इस सादगी पे कौन मर मिट न जाए जी -

    उन्ने तो 'उदय', अब तक हमें दुआ-सलाम तक नहीं किया है
    अब तुम ही कहो, कैसे हम ...... उनकी चर्चा शुरू कर दें ??
    खुशबू ...
    उदय - uday at कडुवा सच
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    जवाब देंहटाएं
  3. चर्चा की सुन्दर प्रस्तुति!
    गणोशचतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएँ!

    जवाब देंहटाएं
  4. तुम्हारे शह्र में रहने से अच्छा
    कहीं जाकर बयाबानी में रहना.
    मुहावरों का गजल में बेहतरीन प्रयोग किया है .
    एक सशक्त हस्ती को पढवाया चर्चा मंच ने शुक्रिया दोनों का .

    Read more: http://www.gazalganga.in/2012/09/blog-post.html#ixzz26mSkOomw

    जवाब देंहटाएं
  5. विश्वनाथ प्रसाद तिवारी का साक्षात्कार पढ़कर अच्छा लगा!

    जवाब देंहटाएं
  6. विश्वनाथ तिवारी जी .. एक पुस्तक के बिमोचन में पटना आये थे ,.. मुझे भी उनका .. भाषण और विचार सुनने को मिला था ...

    जवाब देंहटाएं
  7. ज्ञान वर्धक ,रोचक स्तरीय वृत्तांत याता का .यात्रा वृत्तांत होता ही ब्योरा लिए है वर्रण प्रधान .बढिया प्रस्तुति .
    ram ram bhai
    http://veerubhai1947.blogspot.com/
    मंगलवार, 18 सितम्बर 2012
    कमर के बीच वाले भाग और पसली की हड्डियों (पर्शुका )की तकलीफें :काइरोप्रेक्टिक समाधान
    प्रसिद्ध कवि, सम्पादक समीक्षक और यात्रा-वृत्तान्त लेखक डॉ. विश्वनाथ प्रसाद तिवारी से यात्रा-वृत्तान्त विधा को केन्द्र में रखकर एक साक्षात्कार -शालिनी पाण्डेय

    ज्ञान वर्धक ,रोचक स्तरीय वृत्तांत याता का .यात्रा वृत्तांत होता ही ब्योरा लिए है वर्रण प्रधान .बढिया प्रस्तुति .समीक्षक वार्ताकार और नाम चीन साहित्यकार बंधू दोनों को प्रणाम .

    जवाब देंहटाएं
  8. स्तरीय व्यंग्य पढवाया भाई साहब .कई शैर भी बीच बीच में याद आते रहे एक सुन ही लीजिए -
    कितनी आसानी से मशहूर किया है खुद को ,
    मैं ने अपने से बड़े शख्श को गाली दी है .

    जिस आदमी के दोस्त आप जैसे हों उसे दुश्मनों की ज़रुरत क्या है ?बुद्धि जीवी आपस में दोस्त नहीं होते .
    ram ram bhai
    http://veerubhai1947.blogspot.com/
    मंगलवार, 18 सितम्बर 2012
    कमर के बीच वाले भाग और पसली की हड्डियों (पर्शुका )की तकलीफें :काइरोप्रेक्टिक समाधान

    प्रमोद कुमार चमोली का व्यंग्य - लो जी ! हम भी बन गए बुद्धिजीवी
    Ravishankar Shrivastava at रचनाकार -

    जवाब देंहटाएं
  9. yun to charcha manch se hamara bahut purana nata hai. aur aabhasi duniya me jb hm ek dusre k blog par aava-jahi karte hain to ek amurat se rishte me jud jate hain. aap k sath bhi ek aisa hi apnepan ka rishta sa hai. jb aapko is charchamanch par charcha karte dekha to laga koi apna sa aa gaya hai charcha mandli me.

    aabhar meri post ko yahan samman dene k liye.

    kuchh links dekh liye hain ....kuchh baki hain.

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    उत्तर
    1. हार्दिक आभार अनामिका जी सच में हमारा रिश्ता तो बहुत पुराना है

      हटाएं
  10. बहुत-बहुत आभार चर्चामंच टीम का जिसने डॉ. विश्वनाथ प्रसाद तिवारी से मेरे साक्षात्कार का पेज यहां लिंक करके उसे चर्चित बनाया....राजेश कुमारी जी एक बेहतरीन चर्चा के लिए आपको बधाई और धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  11. बहुत सुंदर चर्चा
    मेरी रचना को स्थान दिया बहुत बहुत
    आभार ....

    जवाब देंहटाएं
  12. बहुत सुंदर चर्चा
    मेरी रचना को स्थान दिया बहुत बहुत
    आभार ....

    जवाब देंहटाएं
  13. बढ़िया लिंक्स, अच्छी चर्चा, मेरी रचना शामिल करने के लिए शुक्रिया!

    जवाब देंहटाएं
  14. चर्चा की सुन्दर प्रस्तुति के लिये,,,,बधाई
    गणोशचतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएँ!,,,,,,,,,

    RECENT P0ST फिर मिलने का

    जवाब देंहटाएं
  15. बढ़िया लिंक्स, अच्छी चर्चा,
    मेरी रचना शामिल करने के लिए शुक्रिया!
    गणोशचतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएँ.

    जवाब देंहटाएं
  16. आप सभी का हार्दिक आभार और गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएं

    जवाब देंहटाएं
  17. फिराक़ गोरखपुरी की ग़ज़ल से जुड़े लेख को यहाँ लिंकित करने के लिए आभार !

    जवाब देंहटाएं
  18. बहुत सी लिंक्स पढाने को मिलीं अच्छी चर्चा |
    आशा

    जवाब देंहटाएं

  19. बहुत बढ़िया चर्चा ||
    आभार दीदी ||

    जवाब देंहटाएं
  20. बहुत बहुत आभार मेरे व्यंग्य - लो जी ! हम भी बन गए बुद्धिजीवी को चर्चा में शामिल कर चर्चित करने के लिए

    जवाब देंहटाएं

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