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बुधवार, सितंबर 19, 2012

मोहन की जसुमति खफा, मिले दूसरी धाय- :चर्चा मंच K-7



मोहन की जसुमति खफा, मिले दूसरी धाय-
ममता कम होती गई, रही सही भी जाय |
मोहन की जसुमति खफा, मिले दूसरी धाय |

मिले दूसरी धाय, देवकी तो है जिन्दा |
टाल अलाय बलाय, उड़ेगा अभी परिन्दा |

मँहगाई गठजोड़, गगन में हरदम रमता |
ऊंचा ऊंचा उड़े, नहीं धरती से ममता ||



 


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आमिर दुबई 

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कमर के बीच वाले भाग और पसली की हड्डियों (पर्शुका )की तकलीफें :काइरोप्रेक्टिक समाधान

  ram ram bhai  
 


वो हसीं लड़कियां

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आशा

 


Exclusive – 13 Effects of FDI in Retail in India

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अगीत साहित्य दर्पण, अध्याय प्रथम (क्रमश:)... डा श्याम गुप्त ..

 


नास्तिकता निराशा से भर देती है Nastik

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दुपट्टे कांधे का बोझ बन गए

रजनी मल्होत्रा नैय्यर 


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डॉ. जेन्नी शबनम 



औरत की काया को ताउम्र सुंदर, सुडौल व स्वस्थ बनाए रखने के लिये सुंदर आयुर्वेदिक नुस्खा Sudol

DR. ANWER JAMAL 

37 टिप्‍पणियां:

  1. मोहन खूब नचायो ,रमैया इटली जी ,

    बहुत ही फाग रचायो .रमैया इटली जी ,

    टूटे सब लय ताल देश के ,टूटे सबद -रसाल रमैया इटली जी ,

    भारत अब बे -हाल ,रमैया इटली जी !

    कुछ तो करो इलाज़ रमैया इटली जी .

    ममता हो गई बाहर री -मैया -इटलीजी .

    देश हुआ बे -हाल री -मैया -इटली- जी ,
    अब तो करो मुहाल री -मैया इटली -जी .

    हिंदी करे प्रणाम री मैया इटली जी .

    मोहन की जसुमति खफा, मिले दूसरी धाय- :चर्चा मंच K-7

    मोहन की जसुमति खफा, मिले दूसरी धाय-
    ममता कम होती गई, रही सही भी जाय |
    मोहन की जसुमति खफा, मिले दूसरी धाय |

    जवाब देंहटाएं
  2. राम से रहमान को, हमने लड़ाया आजतक,
    हम मज़हव की आड़ में, रोटी पकाना जानते हैं।

    देशभक्तों को किया है, बन्द हमने जेल में,
    गीदड़ों की फौज से, शासन चलाना जानते हैं।

    राजनीतिक विद्रूप पर बेहतरीन टिपण्णी .


    "घास खाना जानते हैं" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
    उच्चारण

    जवाब देंहटाएं
  3. हम गधे भारत के हैं ,हम घास खाना जानतें हैं ,

    जो मिलेगा हुक्म हम उसको बजाना जानतें हैं .

    जवाब देंहटाएं
  4. यह वही योरपीय महिला है जिसके नाम से इंदिराजी जी ने स्विस बैंक में खाता खोला था .इंदिराजी आखिर व्यवहार कुशला थीं .उन्होंने कभी नहीं कहा मैं क्लीन हूँ .जो कहा सब जानतें हैं और अच्छी तरह से मानते हैं कि भ्रष्टाचार इक आलमी रवायत है ग्लोबल फिनोमिना है .फिर आये मिस्टर क्लीन और ये हैं मिसेज़ क्लीन सोनिया मायनों .......खाते के चौकीदार अब बाबा राहुल हैं भारत के कथित भावी प्रधान मंत्री (जिस किसी को संदेह हो मूल दस्तावेज़ मेरे ब्लॉग आर्काइव्ज़ में आके देख सकता है अलबता मेहनत ज़रूर करनी पड़ेगी पौने पांच हजार पोस्ट खंगाल ने पड़ेंगे राम राम भाई पर ,गत वर्ष पूरी श्रृंखला की थी अमरीका प्रवास के दौरान स्विस बैंक के कोंग्रेसी खातों की ) .राशि है ४९२ अरब डॉलर (यह फिगर पिछले साल का है अब तो और फूल गया होगा ).

    किसी ने आज तक इस षड्यंत्र कारी महिला को हंसते मुस्काते देखा है (अपवाद छोड़ दीजिए ,एक फोटो हम भी दिखा सकते हैं इनका हँसते हुए का ) ,हर आदमी को एक सौ रुपया इनाम देने को तैयार हूँ .

    ये वही महिला है जो हुश हुश करके संसद में कुत्ते लडवाती है .कोंग्रेसी हरेक संसद को इशारों इशारों में भड़काती है .मोहन को नांच नचाती है .कसरत उससे करवाती है .पूडल उसको कहल -वाती है .फिर भी विश्व -की सशक्त महिला कहलाती है .भाई साहब इतना भी नहीं समझते -चर्च ने इसे भारत की राजनीतिक काया पे रोपा है .बॉडी पोलीटिक पे इम्प्लांट किया है .इसकी क्या आरती उतारी जाए .देव प्रतिमा बना मंदिर में प्रतिष्ठापित किया जाए ?

    नारीवादियों अपना मानसिक संतुलन बनाए रखो
    ZEAL
    ZEAL

    जवाब देंहटाएं

  5. चाहें दौलत हो ना हो कि पास अपने प्यार हो
    प्रेम के रिश्ते हों सबसे ,प्यार का संसार हो
    भक्ति भाव से संसिक्त भाव वाचक रचना .

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत सुन्दर लिंक्स से सजा है आज का चर्चामंच ! आप सभीको गणेशोत्सव की हार्दिक शुभकामनायें !

    जवाब देंहटाएं
  7. कमज़ोर लडकी एक सशक्त रचना है (शुद्ध करलें,शुद्ध रूप ये हैं -लिबास वाली ,जिसे नहीं सिखाया शायद ,मगर नहीं ...,डरी सहमीं सी लहरें,होंठों ....,),आम तौर पर नाक का इस्तेमाल करें ,अनुनासिक /अनुस्वार का ध्यान रखें बोले तो बिंदी और चन्द्र बिंदु की आम चूक हो रही है .

    जवाब देंहटाएं
  8. यह वही योरपीय महिला है जिसके नाम से इंदिराजी जी ने स्विस बैंक में खाता खोला था .इंदिराजी आखिर व्यवहार कुशला थीं .उन्होंने कभी नहीं कहा मैं क्लीन हूँ .जो कहा सब जानतें हैं और अच्छी तरह से मानते हैं कि भ्रष्टाचार इक आलमी रवायत है ग्लोबल फिनोमिना है .फिर आये मिस्टर क्लीन और ये हैं मिसेज़ क्लीन सोनिया मायनों .......खाते के चौकीदार अब बाबा राहुल हैं भारत के कथित भावी प्रधान मंत्री (जिस किसी को संदेह हो मूल दस्तावेज़ मेरे ब्लॉग आर्काइव्ज़ में आके देख सकता है अलबता मेहनत ज़रूर करनी पड़ेगी पौने पांच हजार पोस्ट खंगाल ने पड़ेंगे राम राम भाई पर ,गत वर्ष पूरी श्रृंखला की थी अमरीका प्रवास के दौरान स्विस बैंक के कोंग्रेसी खातों की ) .राशि है ४९२ अरब डॉलर (यह फिगर पिछले साल का है अब तो और फूल गया होगा ).

    किसी ने आज तक इस षड्यंत्र कारी महिला को हंसते मुस्काते देखा है (अपवाद छोड़ दीजिए ,एक फोटो हम भी दिखा सकते हैं इनका हँसते हुए का ) ,हर आदमी को एक सौ रुपया इनाम देने को तैयार हूँ .

    ये वही महिला है जो हुश हुश करके संसद में कुत्ते लडवाती है .कोंग्रेसी हरेक संसद को इशारों इशारों में भड़काती है .मोहन को नांच नचाती है .कसरत उससे करवाती है .पूडल उसको कहल -वाती है .फिर भी विश्व -की सशक्त महिला कहलाती है .भाई साहब इतना भी नहीं समझते -चर्च ने इसे भारत की राजनीतिक काया पे रोपा है .बॉडी पोलीटिक पे इम्प्लांट किया है .इसकी क्या आरती उतारी जाए .देव प्रतिमा बना मंदिर में प्रतिष्ठापित किया जाए ?


    नारीवादियों अपना मानसिक संतुलन बनाए रखो
    ZEAL
    ZEAL


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  9. (३) क्रोध,द्वेष ,इर्ष्या(ईर्ष्या ) ,जलन ,मति के चार विकार |
    विनम्रता सु ज्ञान ,विनय ,ये तीनो (तीनों )उपचार ||

    बंद करो ये बाँट ,विषमय मौत की हाला
    अच्छा ना ये भ्रात ,कोयले सा मुख काला

    बहुत सशक्त रचना है बधाई -कैग नहीं ये कागा है ,जिसके सिर पे बैठ गया ,वो अभागा है .


    मुट्ठी में अंगार
    Rajesh Kumari
    HINDI KAVITAYEN ,AAPKE VICHAAR

    जवाब देंहटाएं
  10. यह वही योरपीय महिला है जिसके नाम से इंदिराजी जी ने स्विस बैंक में खाता खोला था .इंदिराजी आखिर व्यवहार कुशला थीं .उन्होंने कभी नहीं कहा मैं क्लीन हूँ .जो कहा सब जानतें हैं और अच्छी तरह से मानते हैं कि भ्रष्टाचार इक आलमी रवायत है ग्लोबल फिनोमिना है .फिर आये मिस्टर क्लीन और ये हैं मिसेज़ क्लीन सोनिया मायनों .......खाते के चौकीदार अब बाबा राहुल हैं भारत के कथित भावी प्रधान मंत्री (जिस किसी को संदेह हो मूल दस्तावेज़ मेरे ब्लॉग आर्काइव्ज़ में आके देख सकता है अलबता मेहनत ज़रूर करनी पड़ेगी पौने पांच हजार पोस्ट खंगाल ने पड़ेंगे राम राम भाई पर ,गत वर्ष पूरी श्रृंखला की थी अमरीका प्रवास के दौरान स्विस बैंक के कोंग्रेसी खातों की ) .राशि है ४९२ अरब डॉलर (यह फिगर पिछले साल का है अब तो और फूल गया होगा ).

    किसी ने आज तक इस षड्यंत्र कारी महिला को हंसते मुस्काते देखा है (अपवाद छोड़ दीजिए ,एक फोटो हम भी दिखा सकते हैं इनका हँसते हुए का ) ,हर आदमी को एक सौ रुपया इनाम देने को तैयार हूँ .

    ये वही महिला है जो हुश हुश करके संसद में कुत्ते लडवाती है .कोंग्रेसी हरेक संसद को इशारों इशारों में भड़काती है .मोहन को नांच नचाती है .कसरत उससे करवाती है .पूडल उसको कहल -वाती है .फिर भी विश्व -की सशक्त महिला कहलाती है .भाई साहब इतना भी नहीं समझते -चर्च ने इसे भारत की राजनीतिक काया पे रोपा है .बॉडी पोलीटिक पे इम्प्लांट किया है .इसकी क्या आरती उतारी जाए .देव प्रतिमा बना मंदिर में प्रतिष्ठापित किया जाए ?

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    ZEAL
    ZEAL

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  11. छूट गया है प्रथम पहर में
    पत्तों पर वो ओस ढूँढना
    गहरी साँसे ,आँख मींच कर
    कोई ताज़ा फूल सूंघना
    आँगन की बरखा भी अब तो
    हथेलियों को
    नहीं भिगोती

    पद प्रतिष्ठा से पीड़ित समाज को आईना दिखाती सशक्त रचना .मनोहर नव -गीत ,नव उद्बोधन लिए आया है ,मन को बेहद हर्षाया है .

    जवाब देंहटाएं
  12. यह वही योरपीय महिला है जिसके नाम से इंदिराजी जी ने स्विस बैंक में खाता खोला था .इंदिराजी आखिर व्यवहार कुशला थीं .उन्होंने कभी नहीं कहा मैं क्लीन हूँ .जो कहा सब जानतें हैं और अच्छी तरह से मानते हैं कि भ्रष्टाचार इक आलमी रवायत है ग्लोबल फिनोमिना है .फिर आये मिस्टर क्लीन और ये हैं मिसेज़ क्लीन सोनिया मायनों .......खाते के चौकीदार अब बाबा राहुल हैं भारत के कथित भावी प्रधान मंत्री (जिस किसी को संदेह हो मूल दस्तावेज़ मेरे ब्लॉग आर्काइव्ज़ में आके देख सकता है अलबता मेहनत ज़रूर करनी पड़ेगी पौने पांच हजार पोस्ट खंगाल ने पड़ेंगे राम राम भाई पर ,गत वर्ष पूरी श्रृंखला की थी अमरीका प्रवास के दौरान स्विस बैंक के कोंग्रेसी खातों की ) .राशि है ४९२ अरब डॉलर (यह फिगर पिछले साल का है अब तो और फूल गया होगा ).

    किसी ने आज तक इस षड्यंत्र कारी महिला को हंसते मुस्काते देखा है (अपवाद छोड़ दीजिए ,एक फोटो हम भी दिखा सकते हैं इनका हँसते हुए का ) ,हर आदमी को एक सौ रुपया इनाम देने को तैयार हूँ .

    ये वही महिला है जो हुश हुश करके संसद में कुत्ते लडवाती है .कोंग्रेसी हरेक संसद को इशारों इशारों में भड़काती है .मोहन को नांच नचाती है .कसरत उससे करवाती है .पूडल उसको कहल -वाती है .फिर भी विश्व -की सशक्त महिला कहलाती है .भाई साहब इतना भी नहीं समझते -चर्च ने इसे भारत की राजनीतिक काया पे रोपा है .बॉडी पोलीटिक पे इम्प्लांट किया है .इसकी क्या आरती उतारी जाए .देव प्रतिमा बना मंदिर में प्रतिष्ठापित किया जाए ?

    नारीवादियों अपना मानसिक संतुलन बनाए रखो
    ZEAL
    ZEAL

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  13. उत्कृष्ट ,पठनीय सूत्र बेहतरीन रचना मेरी रचना को भी स्थान देने के लिए हार्दिक आभार

    जवाब देंहटाएं
  14. बहुत बढ़िया लिनक्स की चर्चा ...... गणेश चतुर्थी की शुभकामनायें

    जवाब देंहटाएं
  15. बढ़िया लिंकों से सजा आज का चर्चामंच...
    हिन्दी हाइगा शामिल करने के लिए आभार !!

    जवाब देंहटाएं
  16. बेहद सुन्दर लिंक्स के साथ सुन्दर चर्चा, सभी को गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएं

    जवाब देंहटाएं
  17. शुक्रिया चर्चा मंच टीम ,मास्टर्स टेक की पोस्ट शामिल करने के लिए धन्यवाद.

    जवाब देंहटाएं
  18. बहुत बढ़िया ..सुन्दर चर्चा..सुन्दर लिक्स..

    जवाब देंहटाएं
  19. मेरी रचना को स्थान देने के लिए धन्यवाद........
    साथ - साथ सभी को गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएं

    जवाब देंहटाएं
  20. धन्यवाद - पठनीय सूत्र ....---गणेश चतुर्थी के शुभ कामनाएं ....

    जवाब देंहटाएं
  21. हृदयस्पर्शी उत्कृष्ट.

    शुभ कामनाएं ...

    जवाब देंहटाएं
  22. बहुत सुंदर चर्चा
    वीरू भैय्या छा रहे
    कर दिये दर्जन
    टिप्पणियों की वर्षा
    हिसाब बहुत हो गया
    हो गया होगा बहुत
    साथ में खर्चा !!


    जवाब देंहटाएं
  23. सधे हुए हाथों से स्तरीय चर्चा की प्रस्तुतिकरण!
    आभार!
    गणेंशचतुर्थी की बधाई हो!

    जवाब देंहटाएं
  24. प्रश्नाकुल करते रहे सभी हाइगा,सुन्दर मनोहर .

    जवाब देंहटाएं
  25. प्रश्नाकुल करते रहे सभी हाइगा,सुन्दर मनोहर .

    लेकिन मेरे दोस्त महापुरुष और उसके प्रोजेक्शन ,उसकी छाया में फर्क है ,सिगार पीने से कोई आइन्स्टीन और चिलम पीने से दार्शनिक नहीं हो जाता है .
    (यूं): वक्त की दीवार पे पैगम्बरों के लव्ज़ भी तो ,
    बे -खयाली में घसीटे दस्तखत समझे गए हैं ,
    होश के लम्हे नशे की कैफियत समझे गए हैं ,
    फ़िक्र के पंछी ज़मीं के मातहत समझे गएँ हैं ,
    नाम था ,अपना ,पता भी ,दर्द भी ,इज़हार भी ,
    पर -
    हम हमेशा !दूसरों की मार्फ़त समझे गएँ हैं .
    अच्छा विचार मंथन कराता है उलूक टाइम्स .वह तो यह शासन ही उलूकों का है .

    छपते-छपते
    फेसबुक पर मिले एक संदेश का जवाब
    सुशील
    उल्लूक टाईम्स

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  26. मैं सोचता हूं कि किसी लाइलाज शख्स का इलाज क्या है? इसका जवाब है: एक लाश जैसे शरीर के लिए अपनी जिंदगी से विदा हो चुकी महबूबाओं को याद करना।

    इसी का दूसरा नाम है खुशवंत सिंह कौन कहता है वह नास्तिक हैं /थे ?

    चंद तस्वीरें बुताँ ,चंद हसीनों के खुतूत ,
    बाद मरने के मेरे घर से यही सामाँ निकला .


    नास्तिकता निराशा से भर देती है Nastik
    Dr. Ayaz Ahmad
    सोने पे सुहागा

    जवाब देंहटाएं

  27. लाल पीले गुलाबी
    सपने बोना चाहती थी
    जिन्हें तुम्हारे साथ
    उन पलों में तोडूँगी
    जब सारे सपने खिल जाएँ
    और जिन्दगी से हारे हुए हम
    इसके बेहद ज़रूरतमंद हों !

    जो सोचता है ,सोचता रह जाता है ,अवसाद में चला जाता है ,यहाँ तो बहुत एक्शन है ,सोच के लिए अवकाश कैसा .भाग्यवादी दर्शन कैसा ,फर्ज़ तो सुख से भरता है ,भावना से बड़ा होता है कर्तव्य फिर ये अवसाद क्यों इस रचना का प्रति पाद्य क्यों ?
    ram ram bhai
    मंगलवार, 18 सितम्बर 2012
    कमर के बीच वाले भाग और पसली की हड्डियों (पर्शुका )की तकलीफें :काइरोप्रेक्टिक समाधान

    फ़र्ज़ की किश्त...
    डॉ. जेन्नी शबनम
    लम्हों का सफ़र

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  28. गिलहरी बोली, "वाह! तुम्हें पता नहीं? दो काली धारियो(धारियों ) के बिच(बीच ) एक सफेद धारी है। यह तमस के मध्य आशाओँ का प्रकाश है दो काली अंधेरी रातों के बीच ही एक सुनहरा दिन छिपा रहता है। यह प्रतीक है कि कठिनाइयों की परतों के बीच मेँ ही असली सुख बसता है।"

    धारियों /बीच /उड़ाता

    एक था चूहा, एक थी गिलहरी। चूहा शरारती था। दिन भर 'चीं-चीं' करता हुआ मौज उड़ता(उड़ाता )। गिलहरी भोली थी।'टी-टी' करती हुई इधर-उधर घूमा करती।

    बेहतरीन बोध कथा .आज ये सारे गणतंत्री चूहे संसद में आगये ,प्रजातंत्र को कुतर कुतर खा गए ,......

    ram ram bhai
    मंगलवार, 18 सितम्बर 2012
    कमर के बीच वाले भाग और पसली की हड्डियों (पर्शुका )की तकलीफें :काइरोप्रेक्टिक समाधान

    आशा
    सुज्ञ

    जवाब देंहटाएं
  29. पठनीय लिंक, सुंदर चर्चा.

    मेरी पोस्ट को स्थान देने के लिये शुक्रिया.

    जवाब देंहटाएं
  30. खो गईं हैं कहाँ वह लडकियाँ ,
    वो बदीउज्जमा नाज़नी लडकियाँ .
    ज़मीं ही बनी कोख माँ की ,खा गई आसमाँ कैसे कैसे
    बढ़िया रचना है एक सामाजिक वैषम्य को सुलगाती सी .कहाँ गईं सैंकड़ों लडकियां ........गुम होती लडकियाँ ?

    ram ram bhai
    मंगलवार, 18 सितम्बर 2012
    कमर के बीच वाले भाग और पसली की हड्डियों (पर्शुका )की तकलीफें :काइरोप्रेक्टिक समाधान

    शस्वरं

    जवाब देंहटाएं
  31. यही तो संकट है जितना ज्यादा द्रव्य(मान ),उतना ज्यादा जडत्व ,गति -हीनता ,डॉलर फैंक तमाशा देख .चल सरपट चल .अब कोई संकट नहीं है अस्तित्व -वाद का .
    जडत्व को हटाने के लिए बाहरी बल तो डालना पडेगा ही .तभी जडत्व हटेगा ,कुनबा आगे बढेगा ,.....

    गतिशास्त्र
    रचना दीक्षित
    रचना रवीन्द्र

    जवाब देंहटाएं

  32. हसरतें , ख्वाब के दरमियाँ रह गयीं,
    साज़िशों के अंधेरों में गुम हो रहे हैं-
    कैसे लिख लेते हो मेरे यार ,
    इतने पीने अशआर ?

    किस्तों में जिंदगी ,
    udaya veer singh
    उन्नयन (UNNAYANA)


    जवाब देंहटाएं

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