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शुक्रवार, सितंबर 14, 2012

आग लगे डीजल जले, तले *पकौड़ी पन्त -चर्चा मंच -K2

 
शीर्षक बदलना पड़ा 
हाय हाय हिंदी हठी, हाकिम हुज्जत हूल : चर्चा मंच -K2


आग लगे डीजल जले, तले *पकौड़ी पन्त -

चाटुकार *चंडालिनी, चले चाट सामन्त । 
आग लगे डीजल जले, तले *पकौड़ी पन्त ।
तले पकौड़ी पन्त, कीर्ति मँहगाई गाई ।
गैस सिलिन्डर ख़त्म, *कोयला पूरा भाई ।
*इडली अल्पाहार, कराये भोजन *जिंदल ।
इटली *पीजा रात, मने *जंगल में मंगल ।।



DR. PAWAN K. MISHRA  


दिले मजबूर में अब भी है तेरी याद बाकी

RAJEEV KULSHRESTHA 
  
परिचय 
इश्क मुहब्बत से मुहब्बत करने वाले और 
आमिर फ़्राम दुबई से

सुखद

Asha Saxena  


कार्टूनिस्‍ट असीम त्रिवेदी को सलाह

Kulwant Happy "Unique Man" 





"जो ठाना वो कर दिखलाया" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')

लहरों से में लड़ा हमेशा, हिम्मत को पतवार बनाया,
सागर के भँवरों में मैंने, चप्पू को हथियार बनाया,
जो छलनी में दूध दूहता, खाली हाथ लौट आता है,
जो चिड़िया की आँख देखता, वो ही लक्ष्य बेध पाता है,
निर्बल पर नहीं हाथ उठाया,
बलवानों पर दाँव चलाया।
जो ठाना वो कर दिखलाया।।


यादें...

रवीन्द्र प्रभात 

होड़.......

संगीता स्वरुप ( गीत ) 

कायम रख ईमान, हमेशा कविता कर कर-रविकर

"लिंक-लिक्खाड़"

कवि का क्या भरोसा ?

 
कविता कर कर के करे, कवि कुल आत्मोत्थान ।
जैसे योगी तन्मयी, करे ईश का ध्यान ।
करे ईश का ध्यान, शान में पढ़े कसीदे ।
भावों में ले ढाल, ढाल से  सौ उम्मीदें  ।
रोके तेज कटार, व्यंग वाणों को रविकर ।
कायम रख ईमान, हमेशा कविता कर कर ।।

Untitled

UMA SHANKER MISHRA 

रोटी रोदन रात रत, रिक्त *रोटका *रोट |
**राट हुवे सब राड़ सब, खूब छापते नोट |
खूब छापते नोट, बनी है ***रोटिहा ममता|
राज काज का खोट, कहीं न मिलती समता |
छीने पहरेदार, नजर रोटी पर खोटी |
बेंचे चीज अमोल, कमाती दो ठो रोटी ||

*बाजार * गेंहूँ का आटा ** श्रेष्ठ
***मात्र रोटी पर काम करने वाली
 नुक्कड़ 

 भोली-भाली बालिका, ट्यूशन पढने जाय |
बड़े बड़े इन भाय को, बात रही ना भाय |
बात रही ना भाय, बड़ा अचरज है उनको |
समझ रहे थे तेज, पढ़ाई में वे तुमको |
देखो मत उस ओर, ध्यान कर ट्यूशन खाली |
तन मन से मजबूत, बालिका भोली भाली ||

समाजवादी से आशावादी हो गए !!


बिना मुलायम ना दिखे, नव दिल्ली सरकार ।
मुला देश देता  भुला, देता स्वप्न नकार ।
देता स्वप्न नकार, खा रही ठोकर ममता ।
कोयला खाएं लोग, इन्हें तो चोकर जमता ।
रविकर पहुंचे पास, मगर विश्वास कहाँ है ।
एक सरोवर खास, धुले मुंह रहा नहा है ।।

गधे ज़ाफ़रान में कूद रहे है.........सिकन्दर खान

yashoda agrawal  
लोगों के जबसे बने, गधे सगे से बाप ।
मौज कर रहे गधे सब, घोड़े रस्ता नाप ।
घोड़े रस्ता नाप, कोयला ही है सोना ।
सारे घोड़े बेंच, पड़ा सोना मत रोना ।  
रविकर मिटा वजूद, सूद का झंझट भोगो ।
बेचो खेत जमीर, खरीदो तोपें लोगों ।
 मधुर गुंजन
हाय हाय हिंदी हठी, हाकिम हुज्जत हूल ।
फिर भी तू जिन्दा बची,  महक कुदरती फूल ।
महक कुदरती फूल, चहकती बाजारों में ।
घूमे देश विदेश, पर्यटन व्यापारों में ।
रोजगार मिल रहे, सभी क्षेत्रो में फैली ।
सीख रहे वे शत्रु, नजर जिनकी थी मैली ।

स्कूल भेजने को गाडी में बिठाती हुई


ममता बेटे पर लुटी, टा टा करती जाय |
बेटी टिफिन बनाय खुद, जाती रोज बताय |
जाती रोज बताय, हुई शादी खुशहाली |
नप्ता-निप्त्री पाल, रोग कमजोरी पाली |
पूत बसा परदेश, प्यार फिर भी न कमता |
बेटी पा सन्देश, संभाले फिर से ममता ||
हुआ दुआओं का असर, चर्चा है पुरजोर ।
स्वास्थ्य लाभ मासूम का, हर्ष होय चहुँओर ।
हर्ष होय चहुँओर, खुदा का बन्दा काबिल ।
चमन अमन पैगाम, नेक कर्मों में शामिल ।
रविकर चर्चा मंच, किया कल इनकी चर्चा ।
  इन्तजार है अमन, पढूं फिर जल्दी परचा ।।

गलती आवाम की ? या फिर सरकार की ?

कर्म करें सब गलत वे, रखे सही की आस |
सड़ी गली वस्तुओं से, चाहें सरस सुवास |
चाहें सरस सुवास, किन्तु कुछ नहीं करेंगे |
चाहें दुष्ट विनाश, हाथ पर हाथ धरेंगे |
आये शुभ मतदान, दान दारु का लेकर |
पड़े पियक्कड़ तान, खो रहे आया अवसर |

36 टिप्‍पणियां:

  1. सुन्दर सार्थक चर्चा । बेहतरीन प्रस्तुति ।
    आभार रविकर जी ।

    जवाब देंहटाएं
  2. बढ़िया विचारों से सजा ,आज का चर्चा मंच
    अवसर आपने हमें दिया ,हुआ न कोइ प्रपंच |
    मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार रविकर जी |
    आशा

    जवाब देंहटाएं
  3. सुप्रभात...! हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!

    जवाब देंहटाएं

  4. "जन्मदिवस पर तुम्हें बधायी" बालकविता-डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
    चीरहरण करते भाषा का,
    ये काले अंग्रेज निरन्तर।
    भेद-भाव की करतूतों से,
    छेद रहे माता का अन्तर।
    संविधान को धता बताकर,
    ये मनमाने ढोल बजायें।
    आओ हिन्दीदिवस मनायें।२।बहुत बढ़िया प्रस्तुति -चीरहरण करते भाषा का ,ये काले अँगरेज़ हटाएं ,आओ सब हिंदी अपनाएं , मिलकर हिंदी दिवस मनाएं .
    ram ram bhai
    शुक्रवार, 14 सितम्बर 2012
    Ear Infections (कानों में होने वाले रोग - संक्रमण )
    Ear Infections (कानों में होने वाले रोग - संक्रमण )

    Chiropractic ......Bringing out the best in you,

    माहिरों द्वारा लिखा गया मूल आलेख बेहतरीन है .इसलिए इसका मूल संस्करण पहले मुहैया करवाया जा रहा है .हिंदी संस्करण व्याख्या सहित जल्दी पढियेगा ,वायदा है .

    Acute Otitis Media (Middle Ear Infection )

    A child awakens suddenly at night crying because of intense ear pain .The probable cause is infection of the middle ear (the area between the ear drum and the skull )-a very painful condition called acute otitis media that is usually accompanied by fever with fluid coming out of the ear .Childhood ear infections often frighten parents partly because they tend to come on suddenly , often at night .

    जवाब देंहटाएं
  5. खूबसूरत लिंक्स.
    हिंदी दिवस की हार्दिक बधाई.

    जवाब देंहटाएं
  6. हिंदी का हम मान बढाएं,
    घर बाहर हिंदी अपनाएं ,
    आओ हिंदी दिवस मनाएं ,
    हिंदी की बिंदी चमकाएं .
    हिंद देश का मान बढाएं ,
    इंडिया इंडिया बहुत हो चुका
    हिन्दुस्तानी हम हो जाएं .
    मिलकर सब हिंदी अपनाएं .
    सब मिल हिंदी दिवस मनाएं .
    चर्चा मंच को हिंदी दिवस मुबारक .

    जवाब देंहटाएं
  7. हिंदी दिवस की हार्दिक बधाई.

    Aabhar.

    जवाब देंहटाएं
  8. मैं हिंदी हूँ हिन्दुस्तान की बेटी हूँ (पर किस्मत की हेटी हूँ ),बहुत मासूम आवाज़ में दिलबाग विर्क साहब की सशक्त कविता ,बधाई

    जवाब देंहटाएं
  9. मैं हिंदी हूँ हिन्दुस्तान की बेटी हूँ (पर किस्मत की हेटी हूँ ),बहुत मासूम आवाज़ में दिलबाग विर्क साहब की सशक्त कविता ,बधाई .

    हिंदी की बिंदी चमकाओ ,
    निशि बासर हिंदी अपनाओ .
    कुछ हिंदी का मान बढ़ाओ,
    अपना भी अभिमान बढ़ाओ .

    हिंदी हिंदी चीखता,रहता पूरा देश.

    हिंदीमय अब तक मगर,हुआ नहीं परिवेश.

    हुआ नहीं परिवेश,दिखावा सब करते हैं.

    अंग्रेजी पर लोग ,न जाने क्यों मरते हैं.

    निज भाषा सम्मान,करो मत चिंदी चिंदी.

    कभी न वरना माफ़,करेगी तुमको हिंदी..बहुत बढ़िया प्रस्तुति है कुसुमेश जी .

    जवाब देंहटाएं
  10. सभी पाठको से अनुरोध है कि वे सोचे और मंथन करे कि इस सन्दर्भ मे क्या किया जाना चाहिये..
    जय हिन्दी जय नागरी
    गर्व करिये अपने देसी होने पर गर्व करिये अपनी हिन्दी पर/अच्छे मुद्दे उठाएं हैं आपने .
    किया क्या जाए ,हिंदी सब जगह बोली जाए ,गुलामों की भाषा न समझी जाए ,हिंदी के शब्द हिंदी से ही प्रत्यय लगाकर बनाएं जैसे -विज्ञान से विज्ञानी (वैज्ञानिक लिखना ज़रूरी नहीं है ),समाज से समाजी ,समाजिक (सामाजिक क्यों लिखाजाए ?),

    इतिहास से इतिहासिक ,
    नाम से नामी
    विद्यालय से विद्यालयीय ,
    ब्लोगिंग को चिठ्ठाकारी लिखिए
    ब्लोगर को चिठ्ठा कार /चिठ्ठा -रसा लिखिए .
    योरप से योरपी /योरपीय
    पूरब से पूरबी (पौर्बत्य क्लिष्ट है कॉफ़ी )
    लेफ्ट से लेफ्टिए /वामी /वामपंथी /रक्त -रंगी
    बे -वकूफ को मूढ़धन्य बोलिए (मूर्धन्य तो विद्वान होता ),काणे को काणा कहेंगे तो बुरा मान जाएगा .
    जिसका चेहरा अच्छा न लगे -दुर्मुख कहिये जैसे अपने दिग्गी राजा .

    जो उधारी संस्कृति की माला जपे जिसकी जड़ें हिन्दुस्तान से बाहर हों उसे कहिये -भकुवा (बधुआ बुद्धिजीवी /बौद्धिक /बुद्धिक बधुवा ),भाषा तभी पैर पसारेगी फले फूलेगी जब हम उसे अपनाएंगे .
    चुप रहने वाले को कहिये -मौन सिंह
    काणे को काणा न कहिये (कहिए अरे साहब आप तो सबको एक ही नजर से देखते हैं ,समता- वादी हैं .लक्षणा , .अभिधा ,व्यंजना शब्द शक्ति धारिए,हिंदी को मिसायल (मिसाइल )बनाइए .
    जो अंग्रेजी से प्रहार करें उसके समक्ष नत सिर नहीं नत शिश्न भले हो जाएँ .खूब मसखरी करें .प्रयोग से भाषा बढती विकसती है .संकर शब्द बनाइए .जैसे रिमोट से रिमोटिया (रिमोटिया सरकार ),इधर एक शब्द हिन्गलिस चल पड़ा है (टी वी के चैनलिए ये ही भाषा बोलते हैं ).
    (ज़ारी )

    जवाब देंहटाएं
  11. मेरे महबूब की गलियां मुझे फिर क्यों बुलातीं हैं । मैं तो तन्हां मुसाफिर हूँ क्या मुझमें ख़ास है बाकी
    मोहब्बत नामा मास्टर्स टेक टिप्स आमिर दुबई
    बहुत अच्छा काम कर रहें हैं ,हिंदी का नाम कर रहें हैं .

    जवाब देंहटाएं
  12. और विज्ञापनी हिंदी को कैसे भुला दिया आपने -दाग देखते रह जाओगे ,ठंडा माने कोकोकोला ,आप अपनी बीवी को कित्ता प्यार करते हैं ?.बहुत ज्यादा !तब आप हाकिंस ही खरीदें .सफेदी की चमकार निरमा के साथ और सर !जी ,को कैसे भूल जाए जो रोज़ देतें हैं इक आइडिया.लाइफ बॉय से नहाने वालों की बात ही और है अकेला साबुन है जो ज़रासीमों को (जर्म्स )को मारता है ,जीवाणुओं का नाश करता है इसीलिए अस्पतालों में (खैराती अस्पतालों में )आज भी यही इस्तेमाल होता है .दिन रात हिंदी का प्रचार करतें हैं ये विज्ञापन .वोट के लिए तमाम तकरीरें हिंदी में ही होतीं हैं .और गाली गलौंज वह कब अंग्रेजी में होती है जी .
    बढ़िया भेंट वार्ता रही सखी के साथ आपकी .

    एक साक्षात्कार- हिन्दी रानी से
    ऋता शेखर मधु
    मधुर गुंजन

    जवाब देंहटाएं
  13. बड़े ही सुन्दर सूत्र और टिप्पणियाँ..

    जवाब देंहटाएं
  14. चर्चा में मेरी कविता का भी जिक्रकिया
    रविकर जी, इसलिए आपका शुक्रिया !

    जवाब देंहटाएं
  15. बड़े अच्छे लिंक्स लगाए हैं आपने। वाकई बहुत मेहनत की है। बधाई स्वीकारें। मुझे भी स्थान देने के लिए धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  16. बड़े अच्छे लिंक्स और टिप्पणियाँ.
    बधाई .

    जवाब देंहटाएं
  17. सार्थक चर्चा प्रस्तुति । .
    हिंदी दिवस की शुभकामनाएँ

    जवाब देंहटाएं
  18. मेरी धरोहर की एक और रचना
    लाई गई है यहाँ
    अनुग्रहित हूँ
    मेरी पसंद भी सराहने योग्य है
    यानि कि मैंनें अच्छी पाठिका की श्रेणी प्राप्त कर ली है
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  19. बेहतरीन लिंक्‍स का संगम...शुभकामनाएँ..

    जवाब देंहटाएं
  20. बहुत सुन्दर लिंक्स समायोजित किये हैं ।
    हिन्दी ना बनी रहो बस बिन्दी
    मातृभाषा का दर्ज़ा यूँ ही नही मिला तुमको
    और जहाँ मातृ शब्द जुड जाता है
    उससे विलग ना कुछ नज़र आता है
    इस एक शब्द मे तो सारा संसार सिमट जाता है
    तभी तो सृजनकार भी नतमस्तक हो जाता है
    नही जरूरत तुम्हें किसी उपालम्भ की
    नही जरूरत तुम्हें अपने उत्थान के लिये
    कुछ भी संग्रहित करने की
    क्योंकि
    तुम केवल बिन्दी नहीं
    भारत का गौरव हो
    भारत की पहचान हो
    हर भारतवासी की जान हो
    इसलिये तुम अपनी पहचान खुद हो
    अपना आत्मस्वाभिमान खुद हो …………

    जवाब देंहटाएं
  21. व्यवस्थित चर्चा...आभार !!
    हिन्दी दिवस की शुभकामनाएँ !!

    जवाब देंहटाएं
  22. सभी रोचक सूत्र हिंदी दिवस की बधाई

    जवाब देंहटाएं
  23. उम्दा कड़ियों के समावेश के साथ सुंदर चर्चा | हिन्द दिवस की बधाई |

    जवाब देंहटाएं
  24. हाँ !यह भारत है
    Virendra Kumar Sharma
    ram ram bhai

    वीरू भाई
    आपके पीछे
    मैं भी हूँ भाई !

    जवाब देंहटाएं
  25. गलती आवाम की ? या फिर सरकार की ?
    ZEAL
    बिल्कुल सही कहा है वैसे तो पर ऎसा भी तो हो सकता है :

    सरकार की गलती है
    चुनाव बंद क्यों नहीं कराती
    बिना वोट लिये दिये
    ये सब क्यों नहीं कर जाती
    चुनाव का पैसा बचाती
    उसको भी कहीं
    विदेशी बैंक में क्यों
    नहीं पहुँचाती ?

    जवाब देंहटाएं
  26. कायम रख ईमान, हमेशा कविता कर कर-रविकर

    कविता भी कर टिप्पणी भी कर
    आभारी हैं होसला अफजाई भी कर !

    जवाब देंहटाएं
  27. दिखावा सब करते हैं....................
    Kunwar Kusumesh

    हिन्दी दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएँ!

    चिन्दियों को इक्क्ट्ठा करें
    चलो बिन्दियाँ बनाये
    भारत माता के
    माथे पर सजायें
    आशा करें विश्वास करें
    इंतजार करें
    सबको अक्ल आये !

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. वाह सुशील जी क्या...आपको भारत माँ से माथे के लिए चिन्दियाँ ही मिलीं .....भारत माँ के भाल की बिंदी हेतु स्व-रक्त भी हाज़िर है ...
      --- हमें लिखते समय काफी दूर तक सोचना चाहिए ...

      हटाएं
  28. "जन्मदिवस पर तुम्हें बधायी"
    बालकविता-डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

    बहुत बहुत बधाई
    मोमबत्तियां क्यों
    नहीं जलाई?

    जवाब देंहटाएं
  29. हिंदी की पुकार ( कविता )
    दिलबाग विर्क
    म्हारा हरियाणा

    प्यारी मगर दमदार आवाज में प्यारी दमदार कविता

    जवाब देंहटाएं
  30. "जो ठाना वो कर दिखलाया" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
    उच्चारण

    बहुत खूब !
    बहुत कम लोग ही
    ऎसा कर पाते हैं
    ज्यादातर तो पहले
    ठानते ही नहीं
    या असली मौकों पर
    पीठ कर जाते हैं !

    जवाब देंहटाएं
  31. धन्यवाद रविकर.....अच्छे संग्रहण हैं ...जय हिन्दी ..

    जवाब देंहटाएं
  32. हिन्दी दिवस की शुभकामनायें बेहतरीन लिंक्‍स का संगम. .औलाद की कुर्बानियां न यूँ दी गयी होती

    जवाब देंहटाएं
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