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बुधवार, अप्रैल 10, 2013

"साहित्य खजाना" (चर्चा मंच-1210)

 आज की बुधवारीय चर्चा में आप सभी का स्वागत है , चर्चा मंच के पूरे परिवार और पाठक सभी को  शशि पुरवार का नमस्कार , आशा है आपको लिंक्स  आपको पसंद आये , कहीं बचपन , कहीं यादें ...... साहित्य की गंगा , और जानकारी का खजाना लिए आपके समक्ष प्रस्तुत है आज की चर्चा ---
 शुरुआत करते है बचपन के बाल-गीत
अहा ! बालपन, बहुत निराला |
सीधा – सादा, भोला - भाला ||
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गोल गोल  ये बनती  जाती  
 चकले बेलन पर  घुमाती 
जो अपनी है भूख मिटाती 
माँ कहाँ से आई  चपाती ??
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 चार  परिभाषाएं -- (४)  जिंदगी की 
My Photo
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सांझ ढले,आसमान से
परिंदों का जाना
और तारों का आना 
अच्छा नहीं लगता
गति से स्थिर हो जाना सा
अच्छा नहीं लगता.....
अनु..अनुलता राज नायर
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यह तो 
वही शहर है 
जिसमें गंगा बहती थी |
एक गुलाबी -
गंध हवा के 
संग -संग बहती थी ...
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Photo
नम हवा फुलवारियों की, खूब भाती है मुझे। 
हौसलों के पंख दे, उड़ना सिखाती है मुझे।..

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गर्मी से होने वाली बीमारियों के कुछ मुख्य कारण:-
१.गर्मी के दिनों में खुले शरीर धुप में चलना और भाग-दौड करना,
२.तेज गर्मी में घर से खाली पेट यानि भूखा-प्यासा बाहर जाना,
३.धुप से आकर तुरंत ठण्डा पानी या अन्य ठन्डे पेय का सेवन करना,
४.तेज धुप से आकर सीधे AC कूलर में बैठना या यहाँ से सीधे उठकर  धुप में जाना,
५.तेज गर्मी में भी सिंथेटिक वस्त्रों का पहनना,
६.तैलीय,गरिष्ठ,तेज मसाले,बहुत गर्म खाना खाने,अधिक चाय,शराब का सेवन करना,
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रास हमको आ रहे हैं, अब मुखौटे मोम के
कुर्सियों को भा रहे हैं, अब मुखौटे मोम के...
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‘धन की तृष्णा’ दानवी, हाथ में ‘पाप-मशाल’ |
‘आग’ लगाने को चली, बन् कर आयी ‘काल’..
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 हरि शर्मा जी का संक्षिप्त परिचय
नाम                       हरि प्रसाद शर्मा

उम्र :                             ४७ 
लिंग:                            पुरुष
खगोलीय राशि:                    मीन
उद्योग:                बैंक अधिकारी भा.स्टेट बैंक
व्यवसाय:                       प्रबन्धक
स्थान:         सोमेश्वर,जिला अल्मौड़ा (उत्तराखण्ड)भारत
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कुछ पाया ..सब कुछ खोया          


तुम-तुम हीं रहे ..मैं -मैं न रही...

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अपना घर बना के क्यों सजाते है लोग
 यादों के सहारे क्यों जिए जाते है लोग...
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डॉ•ज्योत्स्ना  शर्मा
सुन सखी ! कहाँ विश्राम लिखा !
मैंने तो आठों याम लिखा ।
पथ पर कंटक,  चलना होगा,
अँधियारों में जलना होगा ।
मन- मरुभूमि सरसाने को 
हिमखंडों- सा, गलना होगा ।
शुभ, नव संवत्सर हो सदैव ,
संकल्प यही सत्काम लिखा।।...
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यहाँ नव वर्ष कैसे मनाया जाता है देखिये...
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सुनो!!! यु तनहा रहने का शउर सबको नही आता
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मित्रों! आज मेरी प्रथम चर्चा के लिए शगुन के तौर पर मात्र 21 लिंक ही..
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आगे देखिए "मयंक का कोना"
(3)
1 वीणा के स्वर तबले की संगत मधुर तान . 2स्वर लहरी जीवन की प्रेरणा बजी है वीणा . 3स्वर संगीत तन मन भी झूमे पीर भी भूले . 4 वाद्य यंत्र से बिखरा है संगीत मनमोहक 5 सुर संगम खिला मन प्रांगन जीवन मीत. 6 नर्म स्पर्श ममता का आँचल शिशु मुस्काए 7 माँ से मायका पिता जग दर्शन मार्गदर्शन 8 कभी न भूले वह स्नेहिल स्पर्श ननिहाल का . 

--------शशि पुरवार

32 टिप्‍पणियां:

  1. आज भी धनवान है चर्चा मंच, कई सूत्रों को समेटे है |मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार |
    आशा

    जवाब देंहटाएं
  2. शशि पुरवार जी सबसे पहले आपके प्रथम चर्चा मंच के लिए आपको बधाई |अच्छे लिंक्स देने के लिए दुबारा आपको बधाई |

    जवाब देंहटाएं
  3. शशि पुरवार जी!
    आपने पहली चर्चा बहुत सुन्दर ढंग से सजाई है।
    21 का अंक वाकई मे शुभ होता है,
    मयंक का कोना में 4 लिंक मैंने भी जोड़ दिये हैं
    और इनकी सूचना सम्बन्धित ब्लॉगों को भी दे दी है।
    बहुत-बहुत बधाई के साथ आपका आभार भी व्यक्त करता हूँ!

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत अच्छी तरह संजोये हैं सभी लिंक्स...बेहतरीन चर्चा शशि.
    हमारी रचना को शामिल करने का शुक्रिया..
    बस हमारा नाम अधूरा है नायर की जगह नाय है :-)

    सस्नेह
    अनु

    जवाब देंहटाएं
  5. गलती पर ध्यान दिलाने के लिए आपका आभारी हूँ!
    अब आपका नाम सही कर दिया गया है अनु..अनुलता राज नायर जी!

    जवाब देंहटाएं
  6. शशि पुरवार जी!
    आपके द्वारा पोस्ट किये गये सभी हाइकू बहुत सुन्दर हैं।

    जवाब देंहटाएं
  7. शशि जी कार्टून को भी चर्चा में सम्मिलित करने के लिए आपका आभार

    जवाब देंहटाएं
  8. उत्कृष्ट प्रस्तुति-
    शुभकामनायें स्वीकारें-

    जवाब देंहटाएं
  9. शशि पुरवार जी सबसे पहले आपके प्रथम चर्चा के लिए आपको हार्दिक बधाइयाँ.बहुत ही सुन्दर चर्चा ली प्रस्तुतिकरण.आपके पहली चर्चा में मेरा स्वास्थ्य ब्लॉग को भी स्थान मिला,आभार.

    जवाब देंहटाएं
  10. बहुत अच्छी चर्चा ..अच्छे लिंक्स कई पहले से पढ़ी हुई थी ...मेरी
    रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद .....शशि जी ....

    जवाब देंहटाएं
  11. मै चर्चा मंच का पुराना फेन हूँ। और अक्सर यहाँ आता रहता हूँ। नए सदस्यों को इस परिवार से जुड़ने पर स्वागत है। हम आशा करते हैं ,की आप पूरी ईमानदारी से चर्चा करते रहेंगे। आज की चर्चा काबिले तारीफ़ है , लेकिन अभी मेहनत की जरुरत है। चर्चा में सुन्दरता का ख़ास ख्याल रखें।

    जवाब देंहटाएं
  12. बहुत प्रभावी सुंदर लिंकों की प्रस्तुति !!!
    मेरी रचना को मंच में स्थान देने लिए आभार

    जवाब देंहटाएं
  13. बहुत आभार शशि जी ....इस मान-सम्मान का !

    जवाब देंहटाएं
  14. सादर नमस्ते,मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार | नज़्म पर आप की सराहना पा कर अभिभूत हूँ दिल से शुक्रिया. सादर वन्दे.

    जवाब देंहटाएं
  15. आदरणीया शशि पुरवार जी पहली प्रस्तुति ही बेहद सुन्दर है अच्छे लिंक्स संयोजित किये हैं आपने, आपकी मेहनत सफल हुई. आपको इस शानदार प्रस्तुति पर ढेरों बधाई

    जवाब देंहटाएं
  16. बेहतर लिंक्स
    अच्छी प्रस्तुति

    सच बताऊं तो लग नहीं रही कि आप पहली बार चर्चा लगा रही हैं, कोई कमीं नहीं।
    ढेर सारी शुभकामनाएँ

    जवाब देंहटाएं
  17. शशि पुरवार जी को पहली सुन्दर चर्चा के लिए बधाई..सुन्दर लिंक्स..बहुत रोचक चर्चा...आभार

    जवाब देंहटाएं
  18. पहली चर्चा बहुत अच्छी से सजाई है...
    बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!!

    जवाब देंहटाएं
  19. बहुत अच्छे लिंक्स संजोये हैं.
    सुन्दर चर्चा.

    जवाब देंहटाएं
  20. शशि जी, बधाई कुशल संयोजन हेतु
    सुंदर लिंक शानदार आगाज
    मुझे सम्मलित करने का आभार

    जवाब देंहटाएं
  21. शशि जी आपका चर्चा मंच पर स्वागत है
    पहली चर्चा के कुशल संजोजन के लिए बधाई स्वीकारें

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. aap sabhi mitro aur parivaar ke sabhi sadayon ka tahe dil se abhaar manch par apni anmol tipni ke liye . aur dhnyavad .neh hetu , sneh banaye rakhen .

      हटाएं
  22. शशिजी बहुत ही सुन्दर लिंक्स शामिल किये हैं आपने ...मेरी रचना को यहाँ स्थान देने के लिए बहुत बहुत आभार .....

    जवाब देंहटाएं
  23. शशि जी ! बहुत सुंदर लिंक्स दिए हैं आपने ! आपको व चर्चामंच की समस्त टीम तथा सभी पाठकों को नव वर्ष एवँ गुड़ी पडवा की हार्दिक शुभकामनायें !

    जवाब देंहटाएं
  24. शशि जी का स्वागत करते हैं हम और पहली चर्चा के लिए बधाई !

    जवाब देंहटाएं
  25. नव-संवत्सर वर्ष के, पूर्व दिवस पर आज
    आकर्षक शुरुवात की , सूत्र सजीले साज
    सूत्र सजीले साज,सकल इक्कीस शगुन से
    चुन-चुन लाये रंग , विदा होते फागुन से
    नाम हुआ साकार,चँदनियाँ बिखरी नभ पर
    करे कामना पूर्ण , सुमंगल नव-संवत्सर ||

    जवाब देंहटाएं
  26. नव-संवत्सर वर्ष के, पूर्व दिवस पर आज
    आकर्षक शुरुवात की , सूत्र सजीले साज
    सूत्र सजीले साज,सकल इक्कीस शगुन से
    चुन-चुन लाये रंग , विदा होते फागुन से
    नाम हुआ साकार,चँदनियाँ बिखरी नभ पर
    करे कामना पूर्ण , सुमंगल नव-संवत्सर ||

    जवाब देंहटाएं
  27. प्रिय शशि जी हार्दिक आभार मेरी रचना को शामिल कर मान देने के लिए बहुत सुन्दर बेहतरीन चर्चा लगाईं है बधाई आपको

    जवाब देंहटाएं

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