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मंगलवार, अप्रैल 16, 2013

मंगलवारीय चर्चा ---(1216) ये धरोहर प्यार की बेदाम है


आज की मंगलवारीय  चर्चा में आप सब का स्वागत है राजेश कुमारी की आप सब को नमस्ते , ,आप सब का दिन मंगल मय हो अब चलते हैं आपके प्यारे ब्लॉग्स पर 
















                परिभाषाएँ - () ..............सलीब !


                      Saras at मेरे हिस्से की धूप - 




                                                बहुत बहुत शुक्रिया है दिल से

                                                ranjana bhatia at कुछ मेरी कलम से kuch meri kalam se














Junbishen - 2

Munkir at Junbishen 




















सेदोका जुगलबन्दी


त्रिवेणी at त्रिवेणी 
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उसकी नज़र......





आज की चर्चा यहीं समाप्त करती हूँ  फिर चर्चामंच पर हाजिर होऊँगी  कुछ नए सूत्रों के साथ तब तक के लिए शुभ विदा बाय बाय ||

आगे देखिए...."मयंक का कोना"
(क)
(ख)
(ग)
 1 शीत काल में केसर औ चन्दन काया दमके . 
2 अलसाये से तृण औ लतिकाए चाँदी चमकी...
(घ)
पाकिस्तान से आये हिंदू यात्रियों द्वारा उनके साथ वहाँ पर हो रहे जुल्मों की सच्चाई मीडिया के माध्यम से पता लग रही है वो बहुत ही खौफनाक है ! उनके परिवार के कई सदस्य वहाँ पर है फिर भी वो लोग वापिस उस जहन्नुम जैसे देश में जाने को तैयार नहीं है ! इससे उनके साथ हो रहे जुल्मों का अंदाजा लगाया जा सकता है क्योंकि कोई भी आदमी अपने परिवारजनों से बिछड़ने को तैयार हो जाए लेकिन वापिस उस जगह नहीं जाना चाहे तो उस खौफनाक हकीकत को समझा जा सकता है ! "कुछ लम्हों ने गलतियां की और सजा सदियों को मिली" ये वाक्य यहाँ बिलकुल सटीक बैठता है....

20 टिप्‍पणियां:

  1. इस व्यापक चहकती-महकती चर्चा के लिए आभार!
    बहन राजेश कुमारी जी!
    नवरात्रों की हार्दिक शुभकामनाएँ!

    जवाब देंहटाएं
  2. सुप्रभात मित्रों...!
    आज मंगलवार है...
    आज के दिन
    कोई अमंगल न हो...!
    प्रसन्न रहिए...
    हर हाल में...!

    जवाब देंहटाएं
  3. सुन्दर चर्चा आदरणीया-
    शुभकामनायें-

    जवाब देंहटाएं
  4. ढेरो ख़ूबसूरत लिंक चर्चा में सजाने और मेरी रचना शामिल करने हेतु आपका आभार शास्त्री जी एवं राजेश कुमारी जी!

    जवाब देंहटाएं
  5. सुन्दर लिंक्स से सजा चर्चा मंच |
    आशा

    जवाब देंहटाएं
  6. दीदी सुंदर सूत्र पिरोने के लिए आपको हार्दिक बधाई
    'मैया का चोला'[लखबीर सिंह लख्खा]

    जवाब देंहटाएं
  7. राजेश जी, सुंदर चर्चा..बहुत बहुत आभार मुझे इसका हिस्सा बनाने के लिए..

    जवाब देंहटाएं
  8. बढिया चर्चा राजेश कुमारी जी मगर पता नहीं क्यो मेरे यहाँ कुछ लिंक्स खुल रहे हैं और कुछ पर लिखा आ रहा है पेज नाट फ़ाउंड

    जवाब देंहटाएं
  9. बढिया, ताजा लिंक्स से सजी शानदार चर्चा
    अब बारी बारी से लिंक्स पर जाने की कोशिश करता हूं,
    देखता हूं कहां तक सफर पूरा कर पाता हूं।

    जवाब देंहटाएं
  10. pyari rajesh sakhi bahut sundar charcha , badhai abhaar shashtri ji hamen bhi charcha me shamil karne hetu , sabhi links sundar hai

    जवाब देंहटाएं
  11. बहुत सुंदर संग्रह
    शानदार संयोजन
    एक से बढ़िया एक लिंक
    सभी रचनाकारों को बधाई
    मुझे सम्मलित करने का आभार

    पूरी टीम को धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  12. उत्तम लिंक्स का संकलन.
    आभार.

    जवाब देंहटाएं
  13. बहुत अच्छी रही आज की चर्चा भी।
    आपका आभार !

    जवाब देंहटाएं
  14. सुंदर चर्चा....सबसे पहले ही रूप-अरूप को देख मन प्रसन्‍न हो गया। आभार आपका..

    जवाब देंहटाएं
  15. विलम्ब के लिये क्षमाप्रार्थी हूँ राजेश कुमारी जी ! कल सारे दिन सर्वर डाउन था इसलिए था ना कुछ पढ़ सकी ना देख सकी ! आपने मेरी प्रस्तुति को मंच पर स्थान दिया आभारी हूँ ! बाकी के लिंक्स आज देख लूं यही प्रयास रहेगा ! सधन्यवाद !

    जवाब देंहटाएं
  16. चर्चा मंच पर आने पर आप सब का हार्दिक आभार|

    जवाब देंहटाएं

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