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गुरुवार, मई 23, 2013

झुलस रही धरा ( चर्चा - १२५३ )

आज की चर्चा में आप सबका हार्दिक स्वागत है 
गर्मी का प्रकोप अपने शिखर की तरफ बढ़ रहा है, धरा झुलस रही है , दिन का तापमान 47 डिग्री तक पहुंच गया । ऐसे में मासूमों की हालत खराब है । बदल रहे मौसम के साथ छुट्टियों के शेड्यूल में परिवर्तन होना चाहिए लेकिन लकीर के फकीर नेता कुछ नया सोचते ही नहीं । 
चलते हैं चर्चा की ओर 
मेरा फोटो
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आज की चर्चा में बस इतना ही
धन्यवाद
दिलबाग
आगे देखिए..."मयंक का कोना"
(1)
दगाबाज तोरी बतियाँ कह दूंगी..हाय राम कह दूंगी !

 इस गर्मी के मौसम में यह पोस्ट आपको 
असली हरयाणवी फ़्लेवर की *कुल्फ़ी फ़ालूदा विद रूहअफ़्जा* का आनंद देगी...
ताऊ डाट इन पर ताऊ रामपुरिया

(2)
मुझे तो बीती यादों से दिल बहलाना है .... !!!

खुशियों से नही अदावत मेरी बस ग़मों से रिश्ता पुराना है,
आज मुस्कराहट है मेरे चेहरे पर कि आज फिर मौसम सुहाना है..,,
यादें...पर Ashok Saluja 

(3)

आओ बच्चों शीतल कर दूँ 
सारी गर्मी पल में हर लूँ 
अपने जैसा हरा भरा कर चेहरा कर दूँ....

BAAL JHAROKHA SATYAM KI DUNIYA पर Surendra shukla" Bhramar
(4)
पर आईना कभी झूठ नहीं बोलता ....

आईना तो हर किसी को उतार लेता है अपने अन्दर मगर उतरा हर कोई आईने में कहाँ निकाल पाता है खुद को उस आईने के अन्दर से बस कैद हुआ रह जाता है...
मन का पंछी पर शिवनाथ कुमार
(5)
कल्पना पुरुष मन की .

! कौशल ! पर शालिनी कौशिक

(6)
अश्लीलता से घृणा करो सन्नी लियोन से नहीं !

WORLD's WOMAN BLOGGERS ASSOCIATION पर shikha kaushik 

(7)
नारी होना ही बहुत बड़ी सजा थी
लोकसंघर्ष पत्रिका के मुख्य सलाहाकार मोहम्मद शुऐब
लो क सं घ र्ष ! पर Randhir Singh Suman

22 टिप्‍पणियां:

  1. भाई दिलबाग विर्क जी!
    आपने झुलस रही धरा ( चर्चा - १२५३ ) में बहुत सामयिक लिंकों की चर्चा की है! आपका श्रम और नियमितता सराहनीय है!
    आभार के साथ..
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

    जवाब देंहटाएं
  2. समसामयिक लिंक्स से सजा आज का मंच |

    जवाब देंहटाएं
  3. दिलबाग sir ,बहुत ही बढ़िया links दिए आपने बधाई
    गुरु जी को प्रणाम
    मयंक कोना भी आज diffrent फ्लावौर्स लाया है

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत बढ़िया रोचक चर्चा ... समयचक्र की पोस्ट को स्थान देने के लिए आभारी हूँ ....

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत ही बेहतरीन सूत्रों से सजी चर्चा,आभार.

    जवाब देंहटाएं
  6. बेहतरीन लिक्‍स संयोजन एवं प्रस्‍तु‍ति

    आभार

    जवाब देंहटाएं
  7. लिंक्स सारे अच्छे लगे...

    जवाब देंहटाएं
  8. नमस्कार सभी लिंक बहुत अच्चे ..........:)

    जवाब देंहटाएं
  9. bahut achchhe links .meri rachna ko yahan sthan pradan karne hetu aabhar shastri ji .

    जवाब देंहटाएं
  10. बहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति ...आभार ..

    जवाब देंहटाएं
  11. .सराहनीय प्रयास .सुन्दर लिनक्स संजोये हैं आपने .मेरी पोस्ट को स्थान देने हेतु आभार shastri ji . . बस यही कल्पना
    हर पुरुष मन की .
    साथ ही जानिए संपत्ति के अधिकार का इतिहास संपत्ति का अधिकार -3महिलाओं के लिए अनोखी शुरुआत आज ही जुड़ेंWOMAN ABOUT MAN

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  12. लिंक्स अच्छे लगे.
    आभार के साथ.

    जवाब देंहटाएं
  13. बहुत सुन्‍दर और सार्थक लिंक सजाये हैं आभार
    हिन्‍दी तकनीकी क्षेत्र की जादूई जानकारियॉ प्राप्‍त करने के लिये एक बार अवश्‍य पधारें और टिप्‍पणी के रूप में मार्गदर्शन प्रदान करने के साथ साथ पर अनुसरण कर अनुग्रहित करें MY BIG GUIDE

    नई पोस्‍ट अपनी इन्‍टरनेट स्‍पीड को कीजिये 100 गुना गूगल फाइबर से

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  14. बहुत बढ़िया चर्चा....
    सभी लिंक्स शानदार....
    हमारी रचना को स्थान देने का शुक्रिया..

    सादर
    अनु

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  15. बहुत सुन्‍दर और सार्थक लिंक सजाये हैं, मेरी रचना को स्थान देने के लिए हार्दिक आभार...
    सादर
    कल्पना रामानी

    जवाब देंहटाएं
  16. बहुत-बहुत आभार शास्त्री जी !

    जवाब देंहटाएं
  17. झुलसती हुई धरा से प्रारम्भ चुनिन्दा रचनाओं के इस सफर में मुझे भी शामिल करने हेतु आभार आपका । धन्यवाद सहित...

    जवाब देंहटाएं
  18. हर लिंक सुन्दर और बढ़िया
    सादर आभार!

    जवाब देंहटाएं
  19. आदरणीय शास्त्री जी बहुत सुन्दर चर्चा रही आप के श्रम को नमन तथा मेरे सभी रचनाकारों को बधाई ये कारवां यूं ही बढ़ा चले बाल झरोखा सत्यम की दुनिया से आप ने .....आओ बच्चों' शीतल कर दूं को चुना हर्ष हुआ आभार
    भ्रमर ५

    जवाब देंहटाएं

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