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बुधवार, मई 08, 2013

मन में टीस तो उठेगी .... एक ख़त तुम्हारे नाम ... बुधवारीय चर्चा ------सार्थक पहलू के साथ

     परिवार के सभी सदस्यों और पाठक को शशि पुरवार का स्नेह भरा ♥......नमस्कार ......♥
     क्या कुछ नहीं घट   जाता है अनकहा ...कितना सत्य हम देख सकते है , जीवन क्या है .......जीवन के विभिन्न  पहलुओं से रूबरू होता आज का चर्चा मंच ......... आपके प्यारे लिंक्स  के साथ ।

मित्रों!
      अगले बुधवार मै चर्चा नहीं कर सकूंगी , बाहर जा रही हूँ। तब तक के लिए आज्ञा चाहूंगी ,  उसके बाद पुनः आपके समक्ष उपस्थित रहूंगी बुधवार की चर्चा में... अपना स्नेह बनाये रखें , आप सभी का दिन मंगलमय हो और छुटियाँ सुखद हों।
    इन्हीं शुभकामनाओं के साथ सुप्रभात...

 धीरेन्द्र सिंह भदौरिया

मौजूदा दौर में दुनिया के विभिन्न देश दो बड़े विचारों के आक्रमण से पीड़ित हैं इनमें एक उदारवाद है तो दूसरा धर्मनिरपेक्षता जरूरत है कि विचारों के आक्रमण का हर स्तर पर मुकाबला किया जाए ताकि जीवन के लगभग सभी क्षेत्रोंधर्मनैतिकतासमाजशिक्षारोज़गार और राजनीति इस मानसिक अशांति से निकल कर मनुष्य को वास्तविक जीवन का पालन करने में सहायक हों...


तकनीक, विवेक और उगालदान
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हरसिंगार/ उड़ान


नि:शब्द निशा
चटकता यौवन
महकी हवा
अभिसारिका धरा
स्तब्ध निहारे  उषा ।...
त्रिवेणी
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महेंद्र  मिश्रा 

Aamir dubai


Pallavi saxena 

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रेखा जोशी

रश्मि शर्मा

गीली लकड़ी सा इश्क तुमने सुलगाया है ! ना पूरा जल पाया कभी , न बुझ पाया है !




रश्मि प्रभा

बेटियों से आह्वान !
रेखा श्रीवास्तवमेरे इससे पूर्व लिखे गए लेख -' बेटे की माँ ' पर नीलिमा शर्मा जी ने ये कविता भेजी है , ये उनका बेटियों से आह्वान वाकई विचारणीय है . लडकियों दुनिया बदल रही हैं किस्मत चमक रही हैं .....

झरीं नीम की पत्तियाँ (दोहा-गीतों पर एक काव्य) (ठ) आधा संसार | (नारी उत्पीडन के कारण) (१) वासाना-कारा (||) रूप-बाज़ार 

Devdutta Prasoon

असम्वैधानिक 'यौन व्यापार' हर गरीब करे यह आवश्यक नहीं | यदि 'धर्म का स्तम्भ' ठीक से थाम लिया तो गरीबी ''फकीरी' है और 'ईश्वर लीन' करेगी जैसा कि सुदामा का उदाहरण है, अन्यथा वह 'पापका कारण |

घर में घुस आया वह अनचाहा संगीतज्ञ!

  (arvind mishra) 
वह संगीतज्ञ कब से हमारे घर में घुसा बैठा था मुझे पता ही नहीं चला . वो तो रात में पहली झपकी के दौरान ही एक ऐसे तेज संगीत से नीद उचट गयी जिसके आगे जाज और बीटल्स सब फेल थे .

माँ

sadhana vaid 

 

मृत्यु से साक्षात्कार

Rekha Joshi
कहते है जिंदगी जिंदादिली का नाम है मुर्दा दिल क्या ख़ाक जीते है ,जी हाँ जिंदा दिल इंसान तो भरपूर जिंदगी का मज़ा लेते हुए उसे जीते है लेकिन वह लोग जिन्हें अपने सामने केवल मृत्यु ही नजर आती है
 डा० उर्मिला सिंह)
 My Photo
  • क्या ये नव सामंतवाद नहीं ?? -
     
    हमारे देश में सदियों से राजतन्त्र प्रणाली शासन प्रणाली चलती रही धीरे धीरे इस प्रणाली में संघ राज्य की शक्तियाँ क्षीण होती गयी औ
  तुम्हारे ख़त !!!

आगे देखिए..."मयंक का कोना"
1.
भुल्ल्कड़.....हास्य कविता
मेरे साथ ये मुसीबत हैं,
मुझे भूलने की आदत हैं|...

2.
बिखर गया मेरा प्यार »बिखर गया सब प्यार मेरा, बचपन का समेटा इन बाँहों में कहाँ मै खोजूं उन तस्बीरों को, बिरानी इन राहों में बिखर गया सब प्यार मेरा, बचपन का समेटा इन बाँहों में पुरवाई ले गयी उस आंचल को...
राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'
3.
"दुनिया की नियति"

20 टिप्‍पणियां:

  1. शुभ प्रभात
    एक नज़र में पसंद आए सारे लिंक्स
    आभार मेरी पसंदीदा ग़ज़ल लोगों तक पहुँचाने के लिये
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. खूबसूरत मंच और उस पर इतने सुसज्जित लिंक्स में अपनी भी रचना देख कर बहुत अच्छा लगा ! आपका आभार शशि जी ! आज दिन भर के लिये इतनी अच्छी सामग्री उपलब्ध कराने के लिये धन्यवाद !

    जवाब देंहटाएं
  3. सारे लिंक्स बहुत अच्छे लगे,मंच में मेरी रचना को शामिल करने के लिए आभार,,शशी जी

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत ही बेहतरीन लिंकों का चयन,आपका आभार.

    जवाब देंहटाएं
  5. पहली नजर में दिख रही है आपकी मेहनत
    बहुत सुंदर मंच सजाया आपने
    शुभकामनाएं

    जवाब देंहटाएं
  6. शानदार सूत्रों से सजाई गयी चर्चा !!

    जवाब देंहटाएं
  7. aaj ki charcha men kafi achchhe rochak link diye hain ... samayachakr ki post ko sthaan dene ke liye Dhanyawad

    जवाब देंहटाएं
  8. बहुत बढ़िया लिंक्स-सह चर्चा प्रस्तुति ..आभार..

    जवाब देंहटाएं
  9. आज काफी अलग और हटकर लिंक्स सजाये हैं। वैरी नाईस।

    जवाब देंहटाएं
  10. चर्चामंच के इस 'साहित्य-प्रीति-भोज' में सभी व्यंजन स्वादिष्ट हैं विशेषकर,'नूतनता और उर्वरा,घर में घुस आया वह अनचाहा संगीतज्ञ! इश्क ...धुआं-धुआं क्या ये नव सामंतवाद नहीं ?? -आदि !वास्तव में साहित्य जो सच को सामने लाता है, 'दर्पण'होता है |धन्यवाद !वधाई !


    जवाब देंहटाएं
  11. रेखा जी तहे दिल से आपका आभार .....शशि जी आपका आभार आपने हमारे लिखे शब्दों को चर्चा मंच पर स्थान दिया

    जवाब देंहटाएं
  12. तुम्हारे ख़त !!!मंच में मेरी रचना को शामिल करने के लिए आभार,,शशी जी

    जवाब देंहटाएं
  13. सारे लिंक्स बहुत अच्छे लगे,मंच में मेरी रचना को शामिल करने के लिए आभार

    जवाब देंहटाएं
  14. सुन्दर सूत्रों से सजाई गयी चर्चा !!

    जवाब देंहटाएं
  15. शशि पुरवार जी!
    आपने बुधवासरीय चर्चा में बहुत अच्छे लिंकों का चयन किया है!
    आभार!
    आप चिन्ता न करें अगले बुधवार की चर्चा मैं लगा दूँगा!
    सादर...!

    जवाब देंहटाएं
  16. चर्चा मंच की अपनी एक अलग पहचान है
    ब्लॉग की दुनियां में
    समूची टीम को साधुवाद
    आज की चर्चा में सुंदर लिंक्स सहेजे हैं
    शशि जी को बधाई
    मुझे सम्मलित करने का आभार

    जवाब देंहटाएं
  17. अच्छा लगा पढ़ना ! सधन्यवाद

    जवाब देंहटाएं

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