फ़ॉलोअर



यह ब्लॉग खोजें

शनिवार, जून 08, 2013

मैं .... एक खोज या मैं नाजुक हरसिंगार.....यूँ ना मुझे झडने दो

शनिवार की चर्चा में आप सबका स्वागत है ………एक तरफ़ तो गरमी के रौद्र रूप ने सबको डराया हुआ है तो दूसरी तरफ़ कहीं-कहीं पड्ती फ़ुहारें तपते रेगिस्तान की प्यास बुझा रही हैं मिट्टी की सौंधी खुश्बू मन की क्यारियों को महका रही है और इन्हीं आँख मिचौली भरे मौसम में चलिये हम भी कुछ लिंक्स साझा करें और खट्टे मीठे स्वाद का आनन्द लें 



कभी तो लौटती डाक से जवाब आयेगा

उम्मीद पर ही तो दुनिया कायम है 


कविता: मैं और मेरी नींद


अक्सर आँख मिचौली खेला करते हैं 



संभव है तम उस पार नहीं


यकीनन …उस पार तो है रौशनी का आगाज़



कोई कैसे पढे 


बेचैनियों को सहेजने का 


आखिर जायेगी कहाँ 


अब क्या बोले 


जीवन का अनमोल पहलू



 शायद दीदार हो जाये खुदाई नूर का 



यूँ ना मुझे झडने दो 


बिना कहे भी बोला करती हैं 


तो सिर्फ़ नाचने के लिये ही हुआ करती हैं 





क्योंकि सच की यहाँ ना सुनवाई होती है ……



पश्चाताप ....

 गर दिल से करे कोई तो माफ़ी तो बनती है 





खुद को छलते रहना..
आसाँ कब हुआ है 


जल्दी जल्दी जाँचिये 


जाने क्या हुआ है ?


वो तो देनी ही पडेंगी


इसमें क्या शक है 


ऐसा हो तो क्या बात हो 




रामप्यारी व ताई का आगमन तथा लठ्ठ हस्तांतरण

बच के रहियो रे :)



बेल्जियम और होलेण्ड ट्रिप... भाग 3

सुनहरे दिन रंगीली रातें 





उसने कहा .......

तुमने सुना 



आवाजें

कुछ कहती हैं 



मेरे हर जज़्बात में 






आज की चर्चा को यहीं विश्राम देते हुये मिलते हैं अगले शनिवार तब तक सबके लिये सब दिन शुभ हों...!

आगे देखिए..."मयंक का कोना"
(1)
क्या सही है जो कल था,
या जो मैंने चुना ?
या जो आज है ?
या जो कल होगा ?
जिंदगी तू हर जवाब में सवाल क्यों है ....?
(2)

(3)
My Photo
भीड़ देखना भीड़ सोचना 
भीड़ में से गुजरते हुऎ भी भीड़ नहीं होना 
बहुत दिन तक नहीं हो पाता है हर किसी के सामने 
कभी ना कभी कहीं ना कहीं 
भीड़ होने का मौका जरूर आता है ...

(4)
मित्रों...!
यदि आपको फलित ज्योतिष में विश्वास है 
तो यह पोस्ट पढ़िए...!
 शनिवार, 8 जून 2013 को शनि महाराज की जयन्ती है।
     ज्योतिष को मानने वाले लोगों के लिए यह बहुत खास दिन है। इस दिन यदि सही उपाय कर लिए जाए तो जल्दी किस्मत बदल सकती है। इस वर्ष शनि जयंती पर कई दुर्लभ योग बन रहे हैं...।

19 टिप्‍पणियां:

  1. उपयोगी लिंको के साथ सुन्दर चर्चा!
    वन्दना जी आपकी नियमितता से अभिभूत हूँ!
    आभार आपका...!

    जवाब देंहटाएं
  2. यह तो बहुत मेहनत से विस्तृत चर्चा की है आपने, आभार वंदना जी.

    रामराम.

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत बहुत सुंदर रचनाये है बहुत बहुत धन्यवाद डॉ रूपचंद्र शास्त्री जी ..........

    जवाब देंहटाएं
  4. vandana ji charcha ke khubsurat links ke sath saji hai aaj ki charcha ,badhai
    guru ji ko pranaam apna sneh banaye rakhen

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति ....
    आभार

    जवाब देंहटाएं
  6. वन्दना जी, समुचित टिप्पणियों के साथ सुंदर लिंक्स...आभार!

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति, सुन्दर लिंक्स आभार वंदना जी।

    जवाब देंहटाएं
  8. सुन्दर चर्चा-
    आभार आदरेया-

    जवाब देंहटाएं
  9. acche link diye aapne ! meri post ko bhi samil karne ke liye aapka aabhar.

    जवाब देंहटाएं
  10. सुन्दर चर्चा.. बेहतरीन लिंक्स...

    जवाब देंहटाएं
  11. बहुत ही खबसूरत और उपयोगी लिंक ...मेरी पोस्ट को शामिल करने के लिए आभार .

    जवाब देंहटाएं
  12. बहुत अच्छे लिंक और रचनाएँ पढ़ने को मिली . मेरी रचना को करने के लिए धन्यवाद !
    --

    जवाब देंहटाएं
  13. सुंदर चर्चा में
    एक सूत्र
    उल्लूक का लिखा
    हुआ भी दिखा
    आभार !

    जवाब देंहटाएं
  14. आदरेया वंदना जी, सुंदर पठनीय लिंक्स में अच्छी रचनाओं का रसास्वादन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ, आभार....

    जवाब देंहटाएं
  15. बहुत सुंदर सूत्र लाईं हैं आप....मेरी रचना के लि‍ए आभार

    जवाब देंहटाएं
  16. नमस्कार मित्रों
    सुंदर सूत्र वन्दना जी
    शास्त्री जी का सादर आभार मुझे भी मिला स्थान

    जवाब देंहटाएं

"चर्चामंच - हिंदी चिट्ठों का सूत्रधार" पर

केवल संयत और शालीन टिप्पणी ही प्रकाशित की जा सकेंगी! यदि आपकी टिप्पणी प्रकाशित न हो तो निराश न हों। कुछ टिप्पणियाँ स्पैम भी हो जाती है, जिन्हें यथा सम्भव प्रकाशित कर दिया जाता है।