फ़ॉलोअर



यह ब्लॉग खोजें

रविवार, अप्रैल 06, 2014

"खामोशियों की सतह पर" (चर्चा मंच-1574)

मित्रों!
        रविवार के लिए चर्चा कथा का आनन्द लीजिए। देखिए आपका लिंक इस कथा में ही कहीं होगा।
       मंकी बोले तो मन की बात...फिर भी ...."दर्द की छाँव में मुस्कराते रहे"... लेकिन " कायम हैं आज तलक ,वो अदृश्य दीवारेँ ,जो लैला-मजनु ,हीर-राँझा ,ससि-पुन्नू और शीरी-फरहाद के समय में खड़ीं थी "!...परन्तु...तुम इस शहर में सुकूँ ढूँढते हो.....इसीलिए तो...गैरों के हाथों में—पथिकअनजाना...। आजकल तो लोग गिरगिट की तरह रंग बदलने लगे हैं ...अगर रंग बदलने वाला पक्षी ही अपना रंग बदले तो क्या हुआ?..."स्वप्न" तो हमेशा ही हसीन लगते हैं और मन भटकने लगता है। क्योंकि मन का उच्छवास ही ऐसा होता है।
       राजनीति को लेकर अंतहीन प्रश्न चिन्ह ? सबके दिमाग में हैं। तभी तो किसी ने अपने ब्लॉग पर लिखा है- मोदी सरकार मतलब तानाशाही सरकार....! मगर उल्लूक टाइम्स तो बोलता है कि हमेशा होता है जैसा उससे कुछ अनोखा नहीं होगा....। हमारी बदकिस्मती बताएं क्या हमारी दास्ताँ है बड़ी दर्दीली , हमें बेदर्द किस्मत ने ,बहुत ज्यादा सताया है...। पात झरे यूँ यही तो हैंलम्हों का सफ़र
       'इनायत का कलाम..' ... "जाने कब क्या समझ सकूँगी.. जो न समझी परतों की परत.. गम-ए-दरीचा कैसे समझ सकूँगी..तुम्हारी खामोशियों की सतह पर....... ....... छूट दे रखी है मैंने, अपने प्रश्नों को बैठने की…… । यह जीवन किसका? पाराम्परिक भारतीय सोच के अनुसार अक्सर बच्चों को क्या पढ़ना चाहिये और क्या काम करना चाहिये से ले कर किससे शादी करनी चाहिये, सब बातों के लिए कुछ नियम कानून भी तो होंगे। पायल की छम - छम हमें भाती नही है । ये शब्दों की लुका - छिपी हमें आती नही है । पल - पल में बदल जाना जान लेती है कई मर्तबा ...। रात आँसू बहाती रही दिल करे लोभ, दुनिया लुभाती रही हम फँसे जाल में, ये फँसाती रही | इस चमन में जहाँ गूँज मातम रहा देख बुलबुल वहीँ गीत गाती रही...।अन्त में राम-राम भाई...

13 टिप्‍पणियां:

  1. शुभ प्रभात भाई जी
    आभार
    अच्छी रचनाएँ पढ़वाई आपने
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत सुंदर पर्चा है आज की चर्चा का 'उलूक' का खर्चा भी निकल गया 'हमेशा होता है जैसा उससे कुछ अनोखा नहीं होगा' को ले लिया ।

    जवाब देंहटाएं
  3. धन्यवाद मयंक साब..!!

    सादर आभार..!!

    जवाब देंहटाएं
  4. BHAYI SAAHIB WAAH AAPKE GYAAN NE RACHNAON KE SHEERSHKON KI BHI KAVITA BANADI KAMAAL HAI !! TAARIF KE KAABIL . AAPKA AASHIRWAD AISE HI BANAA RAHE !! DHANYWAAD !! BAHUT BADHIYA SANKALAN !
    MY DEAR FRIENDSgood-luck and good wishes from"5TH PILLAR CORRUPTION KILLER",SERCH http://www.pitamberduttsharma.blogspot.com .read,share and comment on it daily.

    जवाब देंहटाएं
  5. सुन्दर सूत्रों से सजा चर्चा मंच |

    जवाब देंहटाएं

"चर्चामंच - हिंदी चिट्ठों का सूत्रधार" पर

केवल संयत और शालीन टिप्पणी ही प्रकाशित की जा सकेंगी! यदि आपकी टिप्पणी प्रकाशित न हो तो निराश न हों। कुछ टिप्पणियाँ स्पैम भी हो जाती है, जिन्हें यथा सम्भव प्रकाशित कर दिया जाता है।