फ़ॉलोअर



यह ब्लॉग खोजें

मंगलवार, जून 16, 2015

"घर में पहचान, महानों में महान" {चर्चा अंक-2008}

मित्रों।
आज रविकर जी बाहर हैं।
इसलिए मंगलवार की चर्चा में
मेरी पसन्द के लिंक देखिए।
कल आपको रविकर जी की चर्चा बाँचने को मिलेगी।
--
--

ये बारिश और तरशती आँखे... 

अजीब सी कसक है 
इन आँखों में 
एक सूनापन 
या किसी के आने का इन्तज़ार... 
--

दुनियाँ में मजाक शराफत है और क्या है 

दुनियाँ में मजाक शराफत है और क्या है 
जिंदगी हर कदम आफत है और क्या है... 
Sanjay kumar maurya 
--
--
--

आश्रय-हाथ बढ़ाये कौन 

कौन दिशा उड़ जाये पंछी, 
जाकर उसे बताये कौन, 
तारे सब छिप बैठ गये हैं, 
पंथहीन नभ, जाये कौन, 
अंत नहीं, कुछ मंत्र नहीं है, 
साधन सीमित, तन्त्र नहीं है, 
जब हों सबकी, क्लांत उड़ानें, 
आश्रय-हाथ बढ़ाये कौन।।१... 
न दैन्यं न पलायनम् पर प्रवीण पाण्डेय 
--

शायद वो भी हमदम निकले... 

तुम माटी के पुतले निकले। 
सोच से बिल्कुल उल्टे निकले... 
aakarshan giri 
--
--

कोई पैग़ाम मिले - - 

अग्निशिखा : पर SHANTANU SANYAL 
* शांतनु सान्याल * শান্তনু সান্যাল 
--
--
--

"अमन 'चाँदपुरी' का संस्मरण" 

यह संस्मरण है इक्कीसवीँ सदी के दूसरे दशक के दूसरे साल यानी सितम्बर **2012 **का। उसी साल हाईस्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद मैनेँ ग्यारहवीँ मेँ दाखिला लिया था। उसी दौरान मुझ पर एक अजीब सा नशा चढ़ा था। मैँ अपने जनपद की कुछ प्रसिद्ध महान हस्तियोँ के बारे मेँ ... 
--

बिना इंटरनेट यूज़ करें गूगल मैप 

गौर कीजिये अाप कहीं बाहर जा रहे हैं जहॉ घूमने अापको गूगल मैप की अावश्‍कता पडेगी, लेकिन हो सकता है वहॉ इंटरनेट की सुव‍िधा ही ना हो, तो ऐसे में क्‍या करें ? अब आप गूगल मैप का बिना इंटरनेट के भी यूज कर सकते हैं, साथ ही फोन के जीपीएस का यूज कर रास्‍ता भी खोज सकते हैं... 
MyBigGuide पर 
Abhimanyu Bhardwaj 
--
--
व्यंग-पूजा के आशिक 
हमारी झोला छापगिरी पहले झोला लेकर चलना 
सोशल स्टेटस के लिए खतरा नहीं था। 
बिना झोला लिए घर से निकलते नहीं थे लोग। 
झोला नए कपड़े का रहा हो या पुराने का.... 
sochtaa hoon......!
--
राष्ट्रीय योग दिवस कब? 

 भा रत सरकार 21 जून को 'पहले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस' को दुनियाभर में व्यापक पैमाने पर मनाने की तैयारी कर रही है। 21 जून को दुनिया भारत के साथ योग करेगी। यह सुखद समाचार है। भारतीय संस्कृति और उसकी पहचान के लिए इसे 'अच्छे दिनों' की शुरुआत माना जा सकता है। पिछले वर्ष (2014) 27 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा था। यह पहली बार था कि भारत सरकार की ओर से अपनी सांस्कृतिक पहचान को दुनिया में स्थापित करने के लिए इस तरह का प्रयास किया गया। प्रधानमंत्री के इस प्रस्ताव को ईसाई और मुस्लिम देशों सहित करीब 177 देशों का अभूतपूर्व समर्थन मिला। पहली बार पश्चिमी देशों सहित अन्य देशों ने भारतीय वैज्ञानिक परंपरा का स्वागत किया था। 11 दिसम्बर, 2014 को महासभा के 193 सदस्यों ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाए जाने के प्रस्ताव का समर्थन किया। संयुक्त राष्ट्र महासभा में यह पहली बार ही हुआ था कि किसी प्रस्ताव को इस कदर बहुमत मिला। यह भी पहली बार हुआ कि संयुक्त राष्ट्र महासभा में किसी विशेष दिवस प्रस्ताव को मात्र 90 दिन में स्वीकृति मिल गई... 
अपना पंचू
--

किताबों की दुनिया - 104 

नीरजपरनीरज गोस्वामी 
--

गर्मी की छुट्टी 

[कुण्डलिया] 

नाना नानी पूछते, बेटी कैसे बाल | 
गर्मी की छुट्टी हुई ,पहुँच गए ननिहाल... 
--
गुज़ारिश पर सरिता भाटिया 
--

यह दो मिनट का लेखन और पठन 

धीमा जहर ही है 

मुझे लग रहा है कि फेसबुक से दूर हो जाना चाहिए। या फिर उन लोगों से तो अवश्‍य ही दूरी बना लेनी चाहिए जो असभ्‍य और अमर्यादित भाषा का प्रयोग कर रहे हैं। ब्‍लाग लेखन में इतनी अमर्यादा नहीं है, यहाँ कुछ भाषा के प्रति सभ्‍यता शेष है... 
--

100% Earn Free Recharge 

.परAamir Dubai 
--
--

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

"चर्चामंच - हिंदी चिट्ठों का सूत्रधार" पर

केवल संयत और शालीन टिप्पणी ही प्रकाशित की जा सकेंगी! यदि आपकी टिप्पणी प्रकाशित न हो तो निराश न हों। कुछ टिप्पणियाँ स्पैम भी हो जाती है, जिन्हें यथा सम्भव प्रकाशित कर दिया जाता है।