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बुधवार, जून 29, 2016

ब्लॉग पे लगता है जैसे शायरी सोई हुई ...चर्चा मंच 2388

उन्मुक्त दोहे - 

"कुछ कहना है"
भाषा वाणी व्याकरण, कलमदान बेचैन। 
दिल से दिल की कह रहे, जब से प्यासे नैन।। 

सकते में है जिंदगी, दिखे सिसकते लोग | 
भाग भगा सकते नहीं, आतंकी उद्योग || 

प्रशिक्षण की सघनता 

Praveen Pandey 

इस्लामाबाद। 

पाकिस्तान में किन्नर भी कर सकेंगे निकाह,  

इस्लाम ने बताया जायज 

chandan bhati 

गरीब घर चलाना जानता है 

Prem Farukhabadi 

तो, रवि रतलामी किस खेत की मूली है! 

Ravishankar Shrivastava  

जब लिखा एक पत्र 

Asha Saxena 

माया द्वन्द्वों का है खेल 

Anita 

MTCR में हैं ये 34 देश ,  

चीन विफल भारत सफल 

SACCHAI 
 AAWAZ 

मानवधर्म 

Priti Surana  

ब्लॉग पे लगता है जैसे शायरी सोई हुई ... 

Digamber Naswa 

पत्नीजी के जन्मदिवस पर 

Ghotoo 

ग़ज़ल 

"मत तराजू में हमें तोला करो" 

(डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') 

तुम कभी तो प्यार से बोला करो।
राज़ दिल के तो कभी खोला करो।।

हम तुम्हारे वास्ते घर आये हैं,
मत तराजू में हमें तोला करो।

ज़र नहीं है पास अपने तो ज़िगर है,
चासनी में ज़हर मत घोला करो... 
उच्चारण पर रूपचन्द्र शास्त्री मयंक  

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