फ़ॉलोअर



यह ब्लॉग खोजें

बुधवार, जुलाई 06, 2016

चाल बाज की सीख, रास आती है बाबा-; चर्चा मंच 2395


रविकर 

बाज बड़ा जांबाज है, हम तो धोखेबाज।
नहीं बाज आते कभी, कभी न आये लाज। 

कभी न आये लाज, नहीं अनुकरण करेंगे।
होकर के असहाय, हाय कर हाय मरेंगे। 



चाल बाज की सीख, रास आती है बाबा।
नहीं बाज सा धैर्य, जाय ना लालच दाबा।। 

नहाने का वैज्ञानिक तरीका... 

Sushil Bakliwal 

लोकतन्‍त्र का समीकरण : 

दोनों हाथ साथ ही धुलते हैं 

विष्णु बैरागी 

स्थापत्य कला का अद्भुत नमूना विट्ठल मंदिर हम्पी : 

दक्षिण यात्रा 11 

ब्लॉ.ललित शर्मा 

तेरी इस बादशाहत में, मेरी मुस्कान खतरे में - 

सतीश सक्सेना 

Satish Saxena 

मेरी डिग्रियॉ 

Sanjay kumar maurya 

रचना कर भगवान की, खुश होता इन्सान - 

रचना कर इन्सान की, दुखी दिखा भगवान | 

रचना कर भगवान की, खुश होता इन्सान | 

खुश होता इन्सान, शुरू हैं गोरख-धंधे | 

अरबों करते दान, अक्ल के पैदल अंधे | 


फिर हो भोग-विलास, किन्तु रविकर तू बचना | 

लेकर उसका नाम, लूटते उसकी रचना || 
...Digamber Naswa 
जी हजूरी कर सको तो सब हरा हो जाएगा 
सच अगर बोला तो तीखा सा छुरा हो जाएगा 
चल पड़ा हूँ मैं अँधेरी रात में थामें जिगर 
एक जुगनू भी दिखा तो आसरा हो जाएगा... 
 स्वप्न मेरे 

कार्टून :-  

बंगलादेश में वि‍देशी अब सुरक्षि‍त रहेंगे 

Kajal Kumar 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

"चर्चामंच - हिंदी चिट्ठों का सूत्रधार" पर

केवल संयत और शालीन टिप्पणी ही प्रकाशित की जा सकेंगी! यदि आपकी टिप्पणी प्रकाशित न हो तो निराश न हों। कुछ टिप्पणियाँ स्पैम भी हो जाती है, जिन्हें यथा सम्भव प्रकाशित कर दिया जाता है।