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शुक्रवार, अगस्त 19, 2016

"शब्द उद्दण्ड हो गए" (चर्चा अंक-2439)

मित्रों 
शुक्रवार की चर्चा में आपका स्वागत है। 
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।

(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') 

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गीत  

"भाई-बहन का प्यार"  

(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') 

हरियाला सावन ले आया, नेह भरा उपहार।
आया राखी का त्यौहार!
आया राखी का त्यौहार!!

यही कामना करती मन में, गूँजे घर में शहनाई,
खुद चलकर बहना के द्वारे, आये उसका भाई,
कच्चे धागों में उमड़ा है भाई-बहन का प्यार।
आया राखी का त्यौहार... 
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ह्रदय जब तुम्हारा, कभी व्यथित हो
अनकहे तनावो से, जो ग्रसित हो 
तब स्वयं को अकेला, न मानकर
मेरे कांधो पे सर रखकर,  
मुझे ये अधिकार दे देना ... 
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रोहनियां थाने के पण्डितपुर गांव निवासी विजय पटेल(40) आज सुबह साढ़े नौ बजे कोईराजपुर वरूणा पुल पर से वरूणा नदी में छलांग लगा दिया संयोग था कि उस समय कोईराजपुर गांव के राकेश यादव, बबलू यादव, सुरेन्द्र यादव सहित अन्य लड़के नदी में स्नान कर रहे थे और नदी में कूदे हुए विजय को बचाने के लिये लोग तैरते हुए उसके पास पहुचे और गमछे के सहारे विजय को खींचकर लोग पुल से आधा किमी दूर शहाबुद्दीनपुर गांव में बाहर निकले उसके बाद विजय काफी देर तक अचेत रहा लोगों ने जब उसके मुंह में फूंका तबजाकर उसको होश आया।
विजय ने बताया कि वह गम्भीर बीमारी से त्रस्त हो गया है जिसके चलते वह आज जान देने के ध्येय से नदी में कूदा था... 

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छोटी सी घटना 

बाल कहानी 
छोटी सी घटना 
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जरा हट के... 

मैं वाकई चिंतित हूँ ,मानव को लेकर। 
मैं ही क्यों मुझे लगता है 
लगभग हर कोई चिंतित रहता है 
इस मानव को लेकर। 
खासकर बुद्धिजीवी वर्ग... 
Kaushal Lal 
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ज़िन्दगी से बात 

बहुत दिनों बाद तुमसे मुलाकात हुई 
ऐसा लगा मानो ज़िन्दगी से बात हुई ,  
इतने करीब से तुझे बस सुना ही था 
आज पहचान हुयी , 
कैसे बयां करूँ अपने एहसास ..  
प्यार पर Rewa tibrewal 
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शब्द उद्दण्ड हो गए 

शब्दों को अब समझ न रही अच्छे- बुरे की परख न रही सार्वजनिक मंच क्या मिला कि भूल गए खुद को ही न हलन्त न विसर्ग की परवाह न छोटी - बड़ी मात्रा की फ़िक्र न मेल - मिलाप का तरीका न भावों की कद्र अपना स्वरुप तक तो याद नहीं फिर भी लज्जाहीन उछल - कूद नहीं जानते कि इनकी नासमझी नष्ट कर देती है नवांकुरित कवियों को लेखकों को गर्भ में ही मार देती है ।  
हालात आजकल पर प्रवेश कुमार सिंह 
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साबरमती एक्सप्रेस 

नरेन्द्र दामोदर दास मोदी इसके ऊपर से उड़कर संसद पहुंचे लोग इसमें बैठकर अपनी अपनी जगह पहुँचते हैं मोदी जी प्रधानमंत्री हैं बैठनेवाले भारतवासी हैं यह ट्रेन लोहे की बनी है ज़िंदगियां लेकर चलती है लोहे की नहीं होती तो साबरमती एक्सप्रेस सावित्रीबाई होती... 
हमारी आवाज़ पर शशिभूषण 
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सफ़र -  

A Journey 

बड़ों के आशीर्वाद और दोस्तों की दुआओं का कारण है कि मेरे गीतों का यह अल्बम आप सब के समक्ष जल्द ही होगा| "सफ़र" के नाम से जल्द ही रिलीज़ होने वाला यह एल्बम एक जीवन का सफ़र है...अल्हड़ता, प्रेम, विरह, जीवन और जीवन की प्राप्ति तक का सफ़र - इसीलिए इस एल्बम का नाम है -  
" A Journey" या सफ़र... 
मानसी पर Manoshi Chatterjee 
मानोशी चटर्जी 
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