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रविवार, सितंबर 04, 2016

"आदमी बना रहा है मिसाइल" (चर्चा अंक-2455)

मित्रों 
रविवार की चर्चा में आपका स्वागत है। 
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।

(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') 

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तुझे जो पा लिया हमने 

(मुक्तक-a sad heart) 

तुझे जो पालिया हमने तमन्ना कुछ नहीं हमको 
तुझे जो खोदिया हमने गिला भी कुछ नहीं हमको 
जो पाया था वो खोया है इसमें अफ़सोस कैसा है 
मगर दिल से मेरे पूछो सिला ये क्यूँ मिला हमको... 
anupam choubey 
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दोहे  

"पड़ने लगा अकाल"  

(डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’) 

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भैंसों पर विज्ञापन का 

नवोन्मेषी विचार 

...आदमी खुद से अधिक प्यार किसी को नहीं करता। और वह आदमी यदि नेता हो तो यह स्थिति तो उसे ‘सोने पर सुहागा’ वाली लगती होगी। कौन नेता होगा जिसे अपना नाम, अपना फोटू, अपना प्रचार न सुहाए? इसके विपरीत, वार्ड स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर के प्रत्येक नेता की इच्छा यही होती है कि दसोें दिशाओं में उसका नाम गूँजे, चारों ओर वही नजर आए। अवैध होर्डिंग उनकी यह इच्छा पूरी करते हैं सो इनका विरोध कैसे और क्यों करें? बिना किसी कोशिश के जब मन की मुराद पूरी हो रही हो तो या तो चुप रहो या दूध पीती बिल्ली की तरह आँखें मूँदे आत्म-भ्रम में जीते रहो। कार्यकर्ता जिन्दाबाद 
एकोऽहम् पर विष्णु बैरागी 
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जियो - अंततः उपभोक्ता ही ठगा जाना है 

संयोग कहिये कि रिलायंस सीडीएमए जब लांच हुआ हुआ था तब भी एनडीए की ही सरकार थी। अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार थी। आज जब जियो लांच हो रहा है तब भी एनडीए की ही सरकार है। मोबाइल जानकारों को मालूम होगा कि भारत में दो तरह की मोबाइल टेक्नोलॉजी लांच हुई थी - एक जीएसएम और दूसरा सीडीएमए। सीडीएमए का लाइसेंस बहुत ही कम फीस पर ग्रामीण और दूरदराज़ क्षेत्रों में मोबाइल नेटवर्क देने के लिए दिया गया था। उसे WLL यानी वायरलेस इन लोकल लूप कहा जाता था। रिलायंस ने देश के लगभग सभी टेलकम सर्किल के लिए सीडीएमए लाइसेंस हासिल किया था बहुत ही कम कीमत पर।सीडीएमए में ढेर सारी सुविधाएँ प्रतिबंधित थी जैसे रोमिंग... 
सरोकार पर Arun Roy 
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इतिहास अपने को दोहराता है .... 

दरवाजे पर घंटी बोली तो राधे मोहन जी ने पत्नी भगवती जी को आवाज़ लगायी। " देखो तो, कहीं मिनी ही ना आई हो ! " " हां लगता तो है ...." दरवाजा खोला तो सामने मिनी के पति और सास खड़े थे। आवभगत के साथ-साथ मिनी के ना आने की वजह पूछी गई। " जब बच्चों की छुट्टियां होंगी तब मिनी भी आ जायेगी। अभी तो हम किसी रिश्तेदारी में मिलने जा रहे थे तो सोचा आपसे मिलते चलें... 
नयी दुनिया+ पर Upasna Siag 
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क्षणिकाएं 

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 १ 
 रूप खिले कमल के फूल सा 
महकता तन मन संदल सा 
गाता गुनगुनाता सुनता सुनाता 
चहकता स्वर उपवन में पंछी सा... 
Akanksha पर Asha Saxena 
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~**कुछ हाइकु~ बूँदों की झड़ी**~ 

बूँदों की झड़ी 

पिरो लाती है संग 
यादों की लड़ी

बीते वो दिन–
जब भीगे थे संग
भीगा था मन... 
Anita Lalit (अनिता ललित ) 
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सबको जीने का अधिकार होना चाहिए 

क्या मानव होना सैक्स पर आधारित है त्र भारतीय संस्कृति में नर नारी किन्नर देव दनुज आदि मानवीय आधार पर विभाजित किये गये हैं या कर्म के आधार पर लेकिन किस आधार पर हम किन्नर या समलैंगिक आदि को समाज से बहिष्कृत करते हैं । उनमें मानवीयता नहीं है उन्हें छूत की बीमारी है उन्होंने दुष्कर्म किया है तब उन्हें बहिष्कृत करें हम निम्नस्तर तक गिरने वालों को आॅ।खें पर बिठाकर रखते हैं गरीबों के हक को खाने वालों को माननीय धोषित करते हैं और जो ईश्वरीय संरचना में कमी या कुछ व्यक्तिगत आदत वाले को बहिष्कृत करते हैं क्या सैक्स समाज का आधार है क्या किन्नर मानसिक विकलांग हैं जो समाज में रहने योग्य नहीं हैं... 
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रिलायंस जिओ का टेलीकॉम युद्ध 

आज सुबह रिलायंस जिओ के प्लॉन समाचार पत्र में पढ़े तो देखकर ही दिमाग चकरघिन्नी हो गया। अब लगा कि रिलायंस जिओ, आईडिया एयरटेल की दुकानों पर भारी पड़ने वाला है, और रिलायंस जिओ का टेलीकॉम युद्ध शुरू हो गया है जो बाकी के सभी ऑपरेटर्स को बहुत भारी पड़ने वाला है, क्योंकि जिओ का... 
कल्पतरु पर Vivek 
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मुहब्बत के बाद..... 

मुहब्बत हमारी ज़िन्दगी में आती है 
तो हमे बेहद खूबसूरत बना देती है , 
लेकिन जब यह हमारी ज़िन्दगी से वापस लौटती है 
तब यह हमे इस कदर बदसूरत बना जाती है कि 
हम खुदको भी इक नज़र देखना पसंद नही करते... 
Nibha choudhary 

5 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर रविवारीय चर्चा । आभार 'उलूक' के सूत्र 'आदमी बना रहा है एक आदमी को मिसाइल....' को शीर्षक स्थान देने के लिये ।

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  2. बहुत सुन्दर चर्चा प्रस्तुति
    आभार!

    जवाब देंहटाएं
  3. बढ़िया चर्चा मंच सजा है |
    शिक्षक दिवस पर सभी गुरु जन को नमन |
    मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद सर |

    जवाब देंहटाएं

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