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सोमवार, अक्तूबर 03, 2016

"माता के नवरूप" (चर्चा अंक-2483)

मित्रों 
सोमवार की चर्चा में आपका स्वागत है। 
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।

(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') 

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दोहे 

"माता के नवरूप" 

(डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') 

Image result for दोहे माता के नव रूप
इस भौतिक संसार में, माता के नवरूप।
रहती बारहमास ही, खिली रूप की धूप।।
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ज्ञानदायिनी शारदे, मन के हरो विकार।
मुझ सेवक पर कीजिए, इतना सा उपकार... 
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भारतीय नारी के सपने कितने आजाद ? 

भारतीय नारी कभी भी कृपा की पात्र नहीं थी, वह सदैव से समानता की अधिकारी रही हैं।” -भारत कोकिला सरोजिनी नायडू । अल्टेकर के अनुसार प्राचीन भारत में वैदिक काल में स्त्रियों की स्थिति समाज और परिवार में उच्च थी, परन्तु पश्चातवर्ती काल में कई कारणों से उसकी स्थिति में ह्रास होता गया. परिवार के भीतर नारी की स्थिति में अवनति का प्रमुख कारण अल्टेकर अनार्य स्त्रियों का प्रवेश मानते हैं. वे नारी को संपत्ति का अधिकार न देने, नारी को शासन के पदों से दूर रखने, आर्यों द्वारा पुत्रोत्पत्ति की कामना करने आदि के पीछे के कारणों को जानने का प्रयास करते हैं तथा उन्होंने कई बातों का स्पष्टीकरण भी दिया ... 
Annapurna Bajpai 
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आज गाँधी जयन्ती है 

आज राष्ट्र पिता महात्मा गाँधी की जयन्ती है ! 
आज भूतपूर्व प्रधान मंत्री 
श्री लाल बहादुर शास्त्री जी की भी जयन्ती है ! 
दोनों महान नेताओं को शत-शत नमन... 
Sudhinama पर 
sadhana vaid 
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हे बापू.. 

हे बापू (आज ही इस तस्वीर को कैद किया 
और दो पँक्तियाँ..लिख दी )   
सब कुछ है तेरे देश में, 
गरीबी हटाओ का नारा है, 
नेताओं का भाषण प्यारा है.. 
शिक्षा और रोटी का अधिकार है, 
गरीब-गुरबों की सरकार है.. 
विकास का डपोरशंख है, 
सिंहगर्जन करते महाराजा; मलंग है..  
ARUN SATHI 
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उफ्फ्फ्फ! ये असहिष्णुता - 

एक टिप्पणी 

हद हो गई भई! असिहष्णुता अब देश की सीमायें भी पार कर गई। ये मोदी जी के राज में असहिष्णुता किस हद तक जा चुकी है। ज़रा सा आतंक बर्दाश्त नहीं होता इस सरकार से। बेचारे अपने बाप की गोद में खेलते मासूमों को मार दिया। अभी उन मासूमों ने बिगाड़ा ही क्या था। अभी तो उनको कितने बम फोड़ने थे। भारत की जनसँख्या कम करने का चुनौतीपूर्ण काम करना था। जेल की बिरयानी खानी थी। इस असहिष्णु सरकार ने सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। अब तो आमिर भाई की पत्नी विदेश जाने के लिए बोरिया समेट चुकी होगी। पर जायेगी भी कहाँ अब तो ये सरकार सीमा पार भी अपनी पहुँच बनाने लगी है... 
आपका ब्लॉग पर Akhil  
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गाँधी व शास्त्री को नमन 

गाँधी व शास्त्री तुम कहा गए आज आपकी जरुरत फिर भारत माँ को है हर तरफ अराजकता का बोलबाला है , आतंकबाद का बोलबाला है न शांति है न चैन है माँ के आँचल में भारत माँ ढूंढ रही अपने सपूतो को गाँधी व शाश्त्री आप फिर आ जाओ भारत में... 
aashaye पर garima  
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तूफ़ान !! 

तूफ़ान से कुछ डालियाँ टूट गयी हैं 
शज़र अब भी वहीँ है 
आज मालिन के बच्चे भूखे नहीं सोयेंगे ! 
नीलांश 
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डाल मट्ठा रोज जड़ मे मुफ्त लेजा।। 

बोलियों से चोट खाया है कलेजा। 
ऐ शराफत अब जरा तशरीफ लेजा।। 
शब्द भेजा खा रहे थे अब तलक वो 
क्यूं ललक से यूं पलट पैगाम भेजा... 
"लिंक-लिक्खाड़" पर रविकर 
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'यो मां जयति संग्रामे 

'यो मां जयति संग्रामे, यो मे दर्प व्यपोहति । 
यो मे प्रति-बलो लोके, स मे भर्त्ता भविष्यति ।।' 
- बात दैहिक क्षमता की नहीं - देहधर्मी तो पशु होता हैं ,पुरुष नहीं . साक्षात् महिषासुर ,देवों को जीतनेवाले सामर्थ्यशाली शुंभ-निशुंभ उस परम नारीत्व को अपने सम्मुख झुकाना चाहते हैं... 
लालित्यम् पर प्रतिभा सक्सेना 
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चांदनी रात में हम मिलें कम से कम 

हाल दिल का सजन अब कहें कम से कम
 बात दिल की न दिल में रहे कम से कम ..... 
चाँद आया उतर अब गगन में पिया 
चांदनी रात में हम मिलें कम से कम ... 
Ocean of Bliss पर 
Rekha Joshi 
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सर्जिकल स्ट्राइक्स, सबूत, 

सरकार और सवाल... 

खुशदीप 

पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में 28-29 सितंबर की रात को सर्जिकल स्ट्राइक्स पर हमारे देश की ओर से आधिकारिक तौर पर जो जानकारी दी गई, उस पर यकीन नहीं करने की कोई वजह नहीं है. पीओके में आतंकवादियों के 6 ठिकाने ध्वस्त किए गए और ‘डबल डिजिट’ में आतंकवादी मारे गए. *पाकिस्तान की छटपटाहट* पाकिस्तान इस बारे में क्या कह रहा है, वो मायने नहीं रखता. पाकिस्तान सरकार और वहां की फौज का 28-29 सितंबर की रात के बारे में इतना ही कहना है कि एलओसी पर क्रॉस बॉर्डर फायरिंग हुई थी जिसमें दो पाकिस्तानी सैनिक मारे गए. जहां पाकिस्तान का आधिकारिक स्टैंड ये है तो वहां का विपक्ष कुछ और ही राग अलाप रहा है... 
Khushdeep Sehgal  
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पानी पर गुत्थमगुत्था 

पिछले कुछ हफ्तों में कावेरी और तमिलनाडु में कावेरी जल बंटवारे पर काफी घमासान दिखा था। बसों को जलाना अपने देश में विरोध प्रदर्शन का सबसे मुफीद तरीका है, सो बसें जलाईं गईं, सड़को पर टायर जलाए गए और हो-हल्ला हुआ। इसके पीछे मसला क्या था... 
गुस्ताख़ पर Manjit Thakur 
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6 टिप्‍पणियां:

  1. अच्छा लगा अभी बापू दिख रहे हैं कहीं एक दिन ही सही । सुन्दर चर्चा ।

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  2. उम्दा लिंक्स... मेरी रचना शामिल करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।

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  3. बहुत सुन्दर चर्चा आज की ! मेरी प्रस्तुति को स्थान देने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद एवं आभार शास्त्री जी !

    जवाब देंहटाएं
  4. आपकी इस चर्चा में ज्ञानवर्धक लेख डाले गए हैं !बढ़िया संकलन !धन्यवाद मेरी रचना शामिल करने हेतु !!

    जवाब देंहटाएं

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