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बुधवार, नवंबर 23, 2016

2535; दोहे "जीव सभी अल्पज्ञ"


तू सर्व-व्यापी है मगर मैं खोजता-फिरता रहा। 
हर शब्द से तू तो परे पर नाम मैं धरता रहा । 

तू सर्व ज्ञाता किन्तु इच्छा मैं प्रकट करता रहा। 

मैं पाप यह करता रहा वह कष्ट तू हरता रहा।। 

इस शहर की शांति तो भंग है ... 

Digamber Naswa 

रिश्ते ऐसे क्यों मै निभाऊँ....नादिर खान 

yashoda Agrawal 

गुजरात की नब्ज है ग्राम्य विकास मॉडल 

सुधीर राघव 

तुम में कही...!!! 

Sushma Verma 

कविता का घ -----काव्य क्या है.... डा श्याम गुप्त ... 

shyam gupta 

ट्रेन हादसा 

देवेन्द्र पाण्डेय 

इस एटीएम से भी कुछ नहीं निकल रहा 

Kirtish bhatt 

दोहे  

"जीव सभी अल्पज्ञ"  

(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') 

बेहतरीन इंसान की मिसाल भी थे 

डॉ विवेकी राय 

(एक श्रद्धांजलि) 

एक बेहद दुखद सूचना अभी अभी मिली है कि प्रख्यात हिंदी साहित्यकार डॉ. विवेकी राय का आज सुबह पौने पांच बजे वाराणसी में निधन हो गया है। बीते 19 नवंबर को ही उन्होंने अपना 93वां जन्मदिन मनाया था. उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा यश भारती से भी सम्मानित विवेकी राय जी ने हिंदी में ललित निबंध, कथा साहित्य, उपन्यास के साथ साथ भोजपुरी साहित्य में भी एक आंचलिक उपन्यासकार के रूप में खूब ख्याति अर्जित की थी ... 
shikha varshney 

1 टिप्पणी:

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