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मंगलवार, दिसंबर 13, 2016

डॉ.रूप चाँद शास्त्री : आधुनिक कबीर ; चर्चामंच 2555


दिल्ली में कबीर पुरस्कार प्राप्त करने के बाद प्रसन्नचित्त गुरु जी


Roop Chandra Shastri की फ़ोटो.
Roop Chandra Shastri

वो बस मुस्कुराता है .....

Dr.pratibha sowaty 

अरविंद केजरीवाल ने पंजाब चुनाव को देखते हुए सतलज-यमुना लिंक नहर मुद्दे पर फिर से यूटर्न लिया

haresh Kumar 

साक्ष्य समय का मौन रहा -

udaya veer singh 

जिसकी प्यास अधूरी रब की

Anita 

मेहनतकशों की व्यवस्था कैश पर चलती है लुटेरों की कैशलेस पर : सारा खेल बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के ‘राज’ को स्थापित करने का है ! ------ -मंजुल भारद्वाज

विजय राज बली माथुर 

भिंडी बाजार बनती राजनीति

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दोहे

कालीपद "प्रसाद" 

दोहा गीत "उपवन का परिवेश" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')

रूपचन्द्र शास्त्री मयंक 

सफल वक्त........... अनूप तिवारी

yashoda Agrawal 

अब तो मैं यहीं निपट लिया

दिनेशराय द्विवेदी 


दिल्ली प्रवास का दूसरा दिन और बहादुर शाह तृतीय से मुलाकात

Neeraj Kumar Neer 

"कुछ कहना है"

यमकीन दोहे

रो रो के रोके प्रिया, फिर भी पिया अघाय।

इक किडनी भी ले लिया, मर्दानगी दिखाय।

भरो भरोसे हित वहाँ, चाहे तुम जल खूब।

चुल्लू भर भी यदि लिया, कह देगी जा डूब।।

चला कोहरा को हरा, कदम सटीक उठाय।

धीरे धीरे ही सही, मंजिल आती जाय।।
खा के नमक हराम का, रक्तचाप बढ़ जाय।

रविकर नमकहराम तो, लेता किन्तु पचाय।।


4 टिप्‍पणियां:

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