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रविवार, जनवरी 15, 2017

"कुछ तो करें हम भी" (चर्चा अंक-2580)

मित्रों 
चर्चा मंच पर सप्ताह में तीन दिन 
(रविवार,मंगलवार और बृहस्पतिवार) 
को ही चर्चा होगी। 
रविवार के चर्चाकार डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री मयंक
मंगलवार के चर्चाकार 
और 
बृहस्पतिवार के चर्चाकार 
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रविवार की चर्चा में आपका स्वागत है। 
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।

(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') 

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दुश्चिंता 

Sudhinama पर sadhana vaid 
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दोहे  

"मकर संक्रान्ति-सजने लगा बसन्त"  

(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') 

आया है उल्लास का, उत्तरायणी पर्व।
झूम रहे आनन्द में, सुर-मानव-गन्धर्व।१।
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जल में डुबकी लगाकर, पावन करो शरीर।
नदियों में बहता यहाँ, पावन निर्मल नीर।२।
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जीवन में उल्लास के, बहुत निराले ढंग।
बलखाती आकाश में, उड़ती हुई पतंग... 
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 शाम को जब भ्रमण पर निकलती हूँ तो बहुत लोगआते-जाते मिल जाते हैं. अधिकतर फ़ोन कान से सटाये बोलते-सुनते चलते जाते हैं ,अपने आप में मग्न .सामना हो गया तो हल्का-सा हाय उछाल दिया या सिर हिलाने से ही काम चल जाता है . ऐसा भी नहीं लगता कि जरूरत आ पड़ने पर अनायास चलती-फिरती बात हो रही हो .बाहरी दुनिया से बेखबर पूरे मनोयोग से लंबे वर्तालाप. और अब तो यह कोई नई बात नहीं, कोई मौसम हो... 
लालित्यम् पर प्रतिभा सक्सेना  
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ग़ज़ल 

हमने जब वादा किया तो मुस्कुरा देने लगे 
दोस्ती में वो मुझे इक तोहफा देने लगे... 
कालीपद "प्रसाद" 
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जय बिहार..! 

नशा मुक्त बिहार होगा, अकल्पनीय था ! 
पर नीतीश जी ने अपने जिद्द से इसे सच कर दिया। 
अब 21 जनवरी को विश्व के मानचित्र पे 
नशा मुक्त बिहार की तस्वीर चमकेगी... 
चौथाखंभा पर ARUN SATHI 
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बालकविता  

"गुब्बारों की महिमा न्यारी"  

बच्चों को लगते जो प्यारे। 
वो कहलाते हैं गुब्बारे... 
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दोहे  

"उड़तीं हुई पतंग-उत्तरायणी"  

मकर राशि में आ गये, अब सूरज भगवान। 
नदिया में स्नान कर, करना रवि का ध्यान... 
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विश्व हिंदी दिवस।  

शुभकामनायें 

रोमन में हिन्दी लिखी, रो मन बुक्का फाड़। 
देवनागरी स्वयं की, रही दुर्दशा ताड़... 
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लंगड़ी मारे अपना बेटा- 

बातों में लफ्फाजी देखो। 
छल छंदों की बाजी देखो।। 
मत दाता की सूरत ताको। 
नेता से नाराजी देखो... 
"लिंक-लिक्खाड़" पर रविकर 
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बालकविता  

"गैस सिलेण्डर" 

गैस सिलेण्डर कितना प्यारा।
मम्मी की आँखों का तारा।।

रेगूलेटर अच्छा लाना।
सही ढंग से इसे लगाना।।
  
गैस सिलेण्डर है वरदान।
यह रसोई-घर की है शान... 
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ले चलो मुझे इस फनाह संसार से। 

ले चलो मुझे इस फनाह संसार से। 
सिंधु के उस पार को, इस पार से।। 
कलियाँ बनकर पुष्प, आखिर झड़ रही, 
वक्त की इस बेरहम, तलवार से... 
अभिव्यक्ति मेरी पर मनीष प्रताप 
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कुछ तो करें हम भी..... 

आज फिर से दरवाजे पर दस्तक थी खाना माँगने वाले की...एक बच्चा गोद में एक अँगुली पकड़ा हुआ....कानों में , गले में, पैरों में आभूषण पहने हुए युवती को माँँगते देख दिमाग गरम होना ही था और मेरी किस्मत भी अच्छी थी कि वह मेरी बात सुनने को तैयार भी हो गई....  
ज्ञानवाणी पर वाणी गीत 
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मेरे अजनबी 

फर में अक्सर ऐसे कई मोड़ और चौराहेआते हैं जहाँ हम खुद को अकेला और अनजान पाते हैं .जहाँ न कोई हमारी भाषा समझता है न हम किसी को समझा पाते हैं . अजनबीपन की यह पीड़ा एक बहुत बड़ी त्रासदी है ,खासतौर पर किसी संवेदनशील व्यक्ति के लिये . मैं इसी अजनबीपन को जीते हुए यहाँ तक चली हूँ ... 
वे विचलित हुए बिना ही
देख सकते हैं तटस्थ रहकर
उफनती हुई नदी में
डूबते हुए आदमी को .
उन्हें समझ है कि
डूबते हुए को बचाना,
हो सकता है खुद भी डूब जाना ।
या कि वे हिसाब लगा लेते हैं 
बचाने पर हुई हानि या लाभ के
अनुपात का... 
Yeh Mera Jahaan पर 
गिरिजा कुलश्रेष्ठ 
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ठीक है व्यापार होना चाहिए 
फिर भी लेकिन प्यार होना चाहिए... 

चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 
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पतंगों के मेले 


कल्पना रामानी 
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सहारा 

Akanksha पर Asha Saxena  
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जिंदगी कुछ यूँ भी सँवर जाती ...... 

झरोख़ा पर निवेदिता श्रीवास्तव  
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सीरिया! 

Anjana Dayal de Prewitt 
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पेटीएम तो नहीं करोगे? 

09 जनवरी 2016. मैं इन्दौर में हूँ। कनाड़िया मार्ग स्थित शहनाई-2 के सामने, सर्व सुविधा नगर से मुझे और मेरी उत्तमार्द्धजी को ए. बी. रोड़ पर, सीएचएल अपोलो अस्पताल जाना है। मेरा परम मित्र रवि शर्मा वहाँ भरती है। सोमवार सुबह ही उसका, हर्निया का ऑपरेशन हुआ है। मेरे बड़े बेटे वल्कल ने मेरे मोबाइल पर जुगनू ऑटो रिक्शा का एप स्थापित कर मुझे उसका उपयोग सिखा दिया है। उसी का उपयोग कर मैं एक ऑटो बुलाने का उपक्रम करता हूँ। मेरे मोबाइल के पर्दे पर एक ऑटो का नम्बर और ड्रायवर का नाम उभर आता है। कुछ ही क्षणों में मेरा मोबाइल घनघनाता है। उधर से ऑटो रिक्शा का ड्रायवर जानना चाह रहा है कि मैं कहाँ खड़ा हूँ... 
एकोऽहम् पर विष्णु बैरागी 
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श्रद्धांजलि 

जीवनसाथी से बढ़कर साथ निभाने वाला दूसरा कौन हो सकता है भला ? जब दो में से एक नहीं रह जाता तो उसका दर्द क्या होता है ये उनसे पूछिए जो नितांत अकेला होकर , जीवन के इस कठिन सफर को उसकी यादों के सहारे काट रहा होता है ! पिताजी (श्री वी पी श्रीवास्तव , रिटायर्ड बैंक अधिकारी) द्वारा , उनकी स्वर्गीय पत्नी की याद में रचित उनकी कविता , उनकी अनुमति से यहाँ प्रकाशित कर रही हूँ... 
ZEAL 

11 टिप्‍पणियां:

  1. सुन्दर चर्चा । आभार 'उलूक' का सूत्र 'ताजी खबर है देश के एन जी ओ ऑडिट नहीं करवाते हैं' को स्थान देने के लिये ।

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  2. बहुत सुन्दर सूत्र ! मेरी 'दुश्चिंता' को आज की चर्चा में सम्मिलित करने के लिए आपका हृदय से आभार शास्त्री जी ! मकर संक्रांति पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं !

    जवाब देंहटाएं
  3. उम्दा चर्चा आज की |मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार
    मकर संक्रांति की हार्दिक शुभ कामनाएं |

    जवाब देंहटाएं
  4. बढ़िया चर्चा ।मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार ।
    मकर संक्रांति पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं !

    जवाब देंहटाएं
  5. मेरी पोस्ट शामिल करने के लिए आभार !

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत सुन्दर चर्चा।

    Whatsapp पर स्कैम वाले मैसेज कैसे होते हैं पता लगाए

    http://techposthindi.blogspot.in/2017/01/how-to-find-whatsapp-scam.html

    जवाब देंहटाएं
  7. सुप्रभात
    मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद |

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