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मंगलवार, फ़रवरी 07, 2017

अध्यात्म लेकिन चिर सनातन कब कहाँ फूला-फला; चर्चामंच 2590


नारि भूप गुरु अग्नि के, रह मत अधिक करीब-

रविकर 
 नारि भूप गुरु अग्नि के, रह मत अधिक करीब।
रहमत की कर आरजू, जहमत लिखे नसीब।।
सर्प व्याघ्र बालक सुअर, भूप मूर्ख पर-श्वान।
नहीं जगाओ नींद से, खा सकते ये जान।।

भारतीय दर्शन (काव्यमयी प्रस्तुति)

रविकर 
भाग 1/1
प्रस्तावना
हरिगीतिका छंद
संसार भौतिक रूप से प्रतिक्षण बदलता ही चला ।
संचार साधन तीव्रगति से कर रहा सबका भला।
वैज्ञानिकों के शोध से उन्नति हुई चढ़ती कला।
अध्यात्म लेकिन चिर सनातन कब कहाँ फूला-फला।।

फिर वही गुलाबो की महक.. फिर वही माह-ए-फरवरी है...!!!

Sushma Verma 

Havelock island, Dolphin resort beach & Kala Pathar beach हैवलाक द्वीप, डाल्फिन रिजार्ट व काला पत्थर बीच

SANDEEP PANWAR 

एक पाती उस पार...

shikha varshney 

मुझे क्यों सदा दी गई थी....

yashoda Agrawal 

बसंत पंचमी

Surendra shukla" Bhramar"5 

जो डुबाए वह दलाल नहीं

noreply@blogger.com (विष्णु बैरागी) 

इज्जत अफजाई...

Sushil Bakliwal 

तुम्हारा गिफ्ट नहीं लूंगी मैं..

anamika singh 

दोस्ती

Asha Saxena 

स्वागत मधुमास का

ऋता शेखर 'मधु' 

छोटे डर का डेरा

smt. Ajit Gupta 

उत्तर प्रदेश मैं बोल रहा हूँ, प्रश्न चिन्ह बन खौल रहा हूँ।

PAWAN VIJAY 

फिर वही गुलाबो की महक.. फिर वही माह-ए-फरवरी है...!!!

Sushma Verma 

चुनाव में सुनाई पड़ेगी बजट की अनुगूँज

pramod joshi 

एक ग़ज़ल

कालीपद "प्रसाद" 

दोहे "चहका है मधुमास" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')

रूपचन्द्र शास्त्री मयंक 

कार्टून :- वि‍कास के दुश्‍मन

Kajal Kumar 

6 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर चर्चा।
    आपका आभार आदरणीय रविकर जी।

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत सुन्दर चर्चा प्रस्तुति हेतु धन्यवाद!

    जवाब देंहटाएं
  3. आज की चर्चा मंच पर मेरी रचना देखी बहुत बहुत धन्यवाद |

    जवाब देंहटाएं

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