फ़ॉलोअर



यह ब्लॉग खोजें

रविवार, अप्रैल 16, 2017

"खोखली जड़ों के पेड़ जिंदा नहीं रहते" (चर्चा अंक-2619)

मित्रों 
रविवार की चर्चा में आपका स्वागत है। 
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।

(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') 

--
--

माझी के पतवार 

--
बेचैन आत्मा पर देवेन्द्र पाण्डेय 
--
--

व्यंग्य की जुगलबंदी- 

28 

*उन्हें बहुत गर्मी लगती है | * वे बड़ी सी टाटा सफारी में आए | 'खचाक' से हनुमान मंदिर के आगे उन्होंने गाड़ी रोकी | भगवान् की मूर्ति को प्रणाम किया | आस - पास खड़े लोगों ने सोचा कि हनुमान जी को प्रणाम करने के लिये गाडी रोकी है | '' आजकल की पीढ़ी भगवान् को ज़्यादा मानती है '' ऐसा सोचने ही जा रहे थे कि उनके अनुमानों पर बिजली गिर पडी | 'बजरंग बली की जय'' बोल कर उन्होंने सामने दुकान की ओर नज़र दौड़ाई जहाँ उन्हें चिप्स, नमकीन, कोल्डड्रिंक सजे - धजे खड़े हुए दिख रहे थे ... 
कुमाउँनी चेली पर शेफाली पाण्डे 
--

ज़रा अब देख तो ले है बचा क्या 

तुझे चाहा, है हिज़्र इसकी सज़ा क्या 
बता मेरी ख़ता है और क्या-क्या... 
चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 
--
--
--
--
--
--

मंज़िल 

मुसाफ़िर, 
न जाने क्यों मुझे लगा कि 
मैं तुम्हारी मंज़िल हूँ. 
इसमें तुम्हारा क़सूर नहीं, 
मेरी ही ग़लती थी कि 
मुझे ऐसा लगा... 
कविताएँ पर Onkar 
--
--

शीर्षकहीन 

मतदाताओं में ख़राबी है. मुकंदी लाल जी को हम ने लाख समझाया पर इस बार उन्होंने हमारी एक न सुनी. ‘इस बार हम आपकी एक न सुनेंगे. हर बार हम अपना मन पक्का करते हैं और हर बार आप हमारा विश्वास डगमगा देते हैं. इस बार हम अवश्य ही मुनिसिपलिटी का चुनाव लड़ेंगे. कोई पार्टी हमें टिकट दे या न दे, हमारा निर्णय न बदलेगा... 

आपका ब्लॉग पर i b arora 
--

728 

रेनू सिंह 
1-शंकर छंद
[विधान-26 मात्रा,16,10 पर यति,अंत 21] 
आदि अंत न कोई तिहारो,
     कूट करौ निवास।
तुम्ही शक्ति हौ तुम्ही भक्ति हौ
      जग की तुम्ही आस... 

--
--
--
--
--
--

जाति से नफ़रत न करें 

योगी जी का एक खाना बनानेवाला मुस्लमान है इस पर आज सवाल उठे। वैसे उस मैं कही कोई तथ्य नहीं था पर मुसलमान एक धर्म है और जो व्यक्ति देश मैं किसी भी पद पर है चाहे नेता हो या सरकारी ऑफिसर उन्हें जातिगत भेद भाव करने का अधिकार नहीं मिल जाता है अगर रसोइया मुसलमान होता तो यह उनका बद्दप्पन होता हम उसके हाथ का क्यों नहीं खा सकते विचारों से नफरत होनी चाहिए व्यक्ति से नहीं... 
--
--
--

मारी नैन कटारी 

नैन कटारी सैंया ने मारी, 
सीधे दिल में मेरे उतारी। 
ऐसी घात करी जुल्मी ने, 
सह नहीं पाई मैं बेचारी। 
मैं मर गई दरद की मारी..... 
Jayanti Prasad Sharma 
--
--
--

6 टिप्‍पणियां:

  1. शुभ प्रभात
    श्रेष्ठ रचनाएँ
    आभार
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. बढ़िया लिंक्स. मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  3. sir aapne mere blog pe comment me mujhe kaha tha blogger friend gadjet lagao. lekin yeh gadget mujhe kaha milega

    www.allinonebest.com

    जवाब देंहटाएं

"चर्चामंच - हिंदी चिट्ठों का सूत्रधार" पर

केवल संयत और शालीन टिप्पणी ही प्रकाशित की जा सकेंगी! यदि आपकी टिप्पणी प्रकाशित न हो तो निराश न हों। कुछ टिप्पणियाँ स्पैम भी हो जाती है, जिन्हें यथा सम्भव प्रकाशित कर दिया जाता है।