फ़ॉलोअर



यह ब्लॉग खोजें

मंगलवार, जुलाई 11, 2017

चर्चामंच 2663 ; दोहे "जय हो देव सुरेश"


दोहे "जय हो देव सुरेश" 

(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') 

वरना सॉरी बोल, तुम्हीं पर डालूँ माला 

रविकर 
माला महकौवा मँगा, रखे चिकित्सक नेक | 
उत्सुक रोगी पूछता, कारण टेबुल टेक |  
कारण टेबुल टेक, केस पहला है मेरा | 
लेकर प्रभु का नाम, वक्ष चीरूंगा तेरा | 
पहनूँगा मैं स्वयं, ठीक यदि दिल कर डाला | 
वरना सॉरी बोल, तुम्हीं पर डालूँ माला || 

किताबों की दुनिया - 133 

नीरज गोस्वामी  

वर्षा गीत 

Dr Varsha Singh 

खो गए बुलबुल के तराने 

देहात पर राजीव कुमार झा - 

*रोला छन्द* - 

*गुरु पूर्णिमा की शुभकामनायें* 

गुरु की महिमा जान, शरण में गुरु की जाओ 
जीवन बड़ा अमोल, इसे मत व्यर्थ गँवाओ 
दूर करे अज्ञान , वही गुरुवर कहलाये 
हरि से पहले नाम, हमेशा गुरु का आये ।। 
--

मोहब्बत पड़ी है तुमको !!

10 टिप्‍पणियां:

  1. शुभ प्रभात....
    सुंदर व
    पठनीय
    रचनाओं का चयन
    आभार....
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. सुन्दर इन्द्रधनुषी चर्चा।
    आपका आभार रविकर जी।

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत सुन्दर चर्चा प्रस्तुति ...

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत सुंदर और उपयोगी, आभार
    रामराम
    #हिन्दी_ब्लॉगिंग

    जवाब देंहटाएं
  5. सावन की फुहार सी प्रस्तुति के लिए आभार ।

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत सुंदर चर्चा सूत्र.'देहात' से मेरे पोस्ट को शामिल करने के लिए आभार.

    जवाब देंहटाएं

"चर्चामंच - हिंदी चिट्ठों का सूत्रधार" पर

केवल संयत और शालीन टिप्पणी ही प्रकाशित की जा सकेंगी! यदि आपकी टिप्पणी प्रकाशित न हो तो निराश न हों। कुछ टिप्पणियाँ स्पैम भी हो जाती है, जिन्हें यथा सम्भव प्रकाशित कर दिया जाता है।