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शनिवार, मार्च 24, 2018

"कविता का आथार" (चर्चा अंक-2919)

मित्रों! 
शनिवार की चर्चा में आपका स्वागत है। 
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक। 

(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') 

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कब्रगाह 

वो दूर क्या गये एक भूल से  
दिल यादों का कब्रगाह बन गया ... 
RAAGDEVRAN पर 
MANOJ KAYAL  
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प्रण करना कभी ख़ुद से तुम 

ज़िंदगी की चुनौतियों से 
जब करना पड़े सामना 
प्रण करना कभी ख़ुद से तुम ... 
Ocean of Bliss पर 
Rekha Joshi  
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बुझी-बुझी आँखे लिए, ताके दुर्ग बुजुर्ग- 

सह सकता सारे सितम, सुन सम्पूरक स्नेह।
किन्तु कृपा-करुणा-दया, सह न सके यह देह।।
इंद्रजाल पर भी किया, जो कल तक विश्वास।
उसे हकीकत भी नहीं, अब आती है रास... 
"लिंक-लिक्खाड़" पर रविकर  
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डाटा 

जब मैंने पहली बार अपनी कनपटी पर, सफेद बाल देखा। तो भूल गया सुषमा, सुशीला, सुरेखा। वक्त का मैसेज ज्यों गाल पर चाँटा, यू हैव यूज्ड फिफ्टी परसेंट ऑफ योर डाटा.... 
मेरी दुनिया पर Vimal Shukla  
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Zindagi Kinare Khadi Ho Jati He 

एक इलाके में एक भले आदमी का देहांत हो गया लोग अर्थी ले जाने को तैयार हुये और जब उठाकर श्मशान ले जाने लगे तो एक आदमी आगे आया और अर्थी का एक पाऊं पकड़ लिया। और बोला के मरने वाले से मेरे 15 लाख लेने है, पहले मुझे पैसे दो फिर उसको जाने दूंगा.... 
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ज़िंदगी 

Kailash Sharma  
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5 टिप्‍पणियां:

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