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मंगलवार, अगस्त 14, 2018

"त्यौहारों में छिपे सन्देश" (चर्चा अंक-3063)

मित्रों।
सोमवार की चर्चा में आपका स्वागत है। 
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक। 
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भीड़ जयचंदों की क्यों  

फिर देश से जाती नहीं है ... 

सभी भारत वासियों को स्वतंत्रता दिवस, १५ अगस्त की हार्दिक बधाई और ढेरों शुभकामनाएँ ... एक छोटा सा आग्रह इस गीत के माध्यम से:  
हो गए टुकड़े अनेकों चेतना जागी नहीं है
क्या तपोवन में कहीं सिंह गर्जना बाकी नहीं है
था अतिथि देव भव का भाव अपना दिव्य चिंतन
पर सदा लुटते रहे इस बात पर हो घोर मंथन  
चिर विजय की कामना क्यों मन को महकाती नहीं है... 
Digamber Naswa 
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आपरेशन थंडरहिट (2) 

Fulbagiya पर डा0 हेमंत कुमार 
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मेरे सीने में नहीं ,तो तेरे सीने में सही ,  

हो कहीं भी आग ,लेकिन आग जलनी चाहिए 

उत्तर प्रदेश (पश्चिमी )मेरी जन्म भूमि रहा ,उत्तर और तत्कालीन मध्य प्रदेश मेरी छात्र भूमि (१९५६-१९६७ )रहा। हरियाणा कर्म भूमि(१९६७ -२००५ )। अनिकेतन रहा मैं ता - उम्र।उम्र कटी हरयाणा के प्रभुत्व शाली बलशाली ,प्रभावी ,प्रमुख समुदाय के सुविधा संपन्न निकेतनों में (किराए के खूबसूरत मकानों में ) . बखूबी वाकिफ हूँ इस प्रमुख समुदाय के व्यंग्य विनोदी हंसोड़ स्वभाव से ज़िंदादिली ,हाज़िर -जवाबी और खुद के साथ ही मज़ाक करने के हौसले से माद्दे से। इनके क्षात्र तेजस से। हुनरमंदी से। जाट शब्द 'जट'(जड़ )से निकल के पल्ल्वित हुआ 
और देखते ही देखते 'क्षात्र -तेज' का पर्याय बन गया... 
Virendra Kumar Sharma  
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गांव में ऐसा है मनभावन सावन 

कोई छह-सात वर्ष हो गए थे झूला झूले हुए. बारहवीं पास करने के बाद जो त्योहार छूटे, सावन में भी उनमें से एक था. मुझे सावन त्यौहार ही लगता है. महीने भर का त्यौहार. कजरी, आल्हा और गीतों का महीना. जिधर से गुज़रो कहीं न कहीं से किसी की खनकती आवाज़ में कोई गीत कानों तक पहुंच ही जाता था. कोई पेशेवर गायिका कितने भी दिन सरस्वती की आराधना क्यों न करे, गांव की पड़राही भौजी की राग मिलने से रही... 
वंदे मातरम् पर abhishek shukla 
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9 टिप्‍पणियां:

  1. सुंदर चर्चा मंच की
    आभार मेरे गीत को यहाँ जगह देने के लिए ...

    जवाब देंहटाएं
  2. मेरी पोस्ट को जगह देने के लिये आपका बहुत बहुत आभार सर
    ये कई सारे ब्लॉग्स का बहुत ही अच्छा संकलन प्लेटफॉर्म है
    एक आप ही है जो अनवरत लिखते रहते है ओर अन्य ब्लॉग्स को भी पढ़ते ओर उनमें कुछ नया खोजते रहते है इसके लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद जी

    जवाब देंहटाएं
  3. चर्चामंच, प्रतिभाओं को जगह देता है। एक प्लेटफार्म पर। दिन बन जाता है, आभार सर।

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत सुंदर चर्चा मेरी रच्नना को सामिल करने पर अभार .

    जवाब देंहटाएं

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