फ़ॉलोअर



यह ब्लॉग खोजें

मंगलवार, जनवरी 29, 2019

"कटोरे यादों के" (चर्चा अंक-3231)

मित्रों!
मंगलवार की चर्चा में आपका स्वागत है। 
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
--
--
--
--
--
--

Ishq mein pagal ho jaunga. 

यूँ ना देखो ऐसे, मैं घायल हो जाऊँगा,  
तेरे इस हुस्न का, मैं कायल हो जाऊँगा,  
मेरे गीतों की गुनगुन सुनाई नहीं देती तो,  
तेरे इन पैरों का, मैं पायल हो जाऊँगा... 
Nitish Tiwary  
--
--

अवधारणा 

पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा  
--
--
--
--

वक़्त ने कुछ अनकही मजबूरियों को रख दिया ... 

मखमली से फूल नाज़ुक पत्तियों को रख दिया
शाम होते ही दरीचे पर दियों को रख दिया

लौट के आया तो टूटी चूड़ियों को रख दिया
वक़्त ने कुछ अनकही मजबूरियों को रख दिया... 
Digamber Naswa  

7 टिप्‍पणियां:

  1. सभी को सुबह का प्रणाम।
    सुंदर परिचर्चाओं का मंच।
    सियासत आम चुनाव की गरमाने लगी है,तुरुप का तलाशा जा रहा है,जीवन में भी कुछ ऐसा ही हो रहा है, जिनके पास ट्रम्प कार्ड है, वह छलांग भर रहा है।

    जवाब देंहटाएं
  2. सुन्दर चर्चा ....
    आभार मेरी ग़ज़ल को जगह देने के लिए ...

    जवाब देंहटाएं
  3. सुंदर प्रस्तुति...मेरी रचना को.स्थान देने के लिए आभार आपका आदरणीय।

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत सुन्दर चर्चा प्रस्तुति 👌
    सभी रचनाकारों को हार्दिक शुभकामनायें
    सादर

    जवाब देंहटाएं

"चर्चामंच - हिंदी चिट्ठों का सूत्रधार" पर

केवल संयत और शालीन टिप्पणी ही प्रकाशित की जा सकेंगी! यदि आपकी टिप्पणी प्रकाशित न हो तो निराश न हों। कुछ टिप्पणियाँ स्पैम भी हो जाती है, जिन्हें यथा सम्भव प्रकाशित कर दिया जाता है।