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बुधवार, अक्तूबर 02, 2019

"बापू जी का जन्मदिन" (चर्चा अंक- 3476)

मित्रों!
बुधवार की चर्चा में आपका स्वागत है। 
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
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ऐ हवा चल पहुँचा दे मेरी आवाज़ वहाँ 

ऐ  हवा  चल 

पहुँचा    दे     मेरी    आवाज़  वहाँ,

मुंतज़िर   है   कोई

सुनने  को   मेरे   अल्फ़ाज़  वहाँ।   (1)


दूरियाँ  बन गयीं  

ज़माने   ने  ढाया   है  क़हर ,

मैं   यहाँ   क़ैद   क़िले   में  

दफ़्न   मेरी   मुमताज़   वहाँ ।

मुंतज़िर  है   कोई  

सुनने   को  मेरे  अल्फ़ाज़   वहाँ ...  

Ravindra Singh Yadav 
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प्रेमसिक्त धड़कन 

जिंदगी की राहें पर मुकेश कुमार सिन्हा  
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वृद्धाश्रम में 

अच्छे नर्सरी स्कूल में
बच्चों के दाखिले के लिए
सिफारिश का इंतजाम
पहले से किया जाने लगता है
क्यों कि बच्चे
भविष्य की उम्मीद होते हैं... 
Jyoti khare 
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अमन हुआ जो मुक्त वही है 

जब तक मन संकुचित है वह डोलेगा ही, ऐसा मन अशांति का ही दूसरा नाम है. जो मन दिखावा करता है, तुलना करता है, वह उद्ग्विन हुए बिना नहीं रहेगा. स्वार्थ से भरा हुआ मन भी अकुलाहट से भर जाता है. विशाल मन का अर्थ है अमनी भाव में आ जाना. संत कहते हैं अमन हुए बिना समाधान नहीं मिलता. क्योंकि मन होने का अर्थ ही है अहंता का होना, जो है वह अपने अस्तित्त्व की रक्षा के लिए अन्य का विरोध करेगा ही, इसीलिए सिर काटने और घर जलाने की बात कबीर कह गये हैं. मन के मिटे बिना आत्मिक शांति का अनुभव नहीं किया जा सकता. चेतना जब पूर्ण विश्राम में होती है, अर्थात समाधि में होती है, तब मन खो जाता है. जब हम विचारधारा में बह जाते हैं मन के प्रभाव में होते हैं, जब हम विचार के साक्षी होते हैं, अप्रभावित बने रह सकते हैं. किंतु समाधि का अनुभव शून्यता में ही किया जा सकता है. 
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मोटर वाहन अधिनियम  

लागु हो रहा है धीरे धीरे -- 

जो दौड़ते थे ८० -९० पर , सरकने लगे हैं धीरे धीरे।  
मेरे शहर के लोग आखिर, बदलने लगे हैं धीरे धीरे।  
हाथ में लटकाकर हेलमेट, उड़ती थी हवा में ज़ुल्फ़ें,  
गंजे सर भी अब तो हेलमेट,पहनने लगे हैं धीरे धीरे... 
अंतर्मंथन पर डॉ टी एस दराल 
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रावण के दरबार मे  

अंगद चारों कोने चित 

नाम तो उनका कन्हैयालाल शर्मा था लेकिन ‘लोक’ का परचून-दुकानदार, मानो शकर या चाय-पत्ती की तरह इस नाम को भी पुड़िया में बाँधकर, खपरेल में छुपाकर भूल गया और वे पूरे गाँव के “काना मा’राज” बन गए। काना मा’राज मस्तमौला आदमी थे। अखाड़े के पहलवान। अपनी गृहस्थी, अपनी दुकान और अखाड़ा - यही उनकी दुनिया थी... 
एकोऽहम् पर विष्णु बैरागी 
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9 टिप्‍पणियां:

  1. विविध विषयों को बख़ूबी समेटती चर्चा मंच की सुन्दर, सरस प्रस्तुति के लिये आदरणीय शास्त्री जी को बधाई।
    सभी रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाएँ।
    मेरी ऐतिहासिक सन्दर्भों की रचना 'ऐ हवा चल पहुँचा दे मेरी आवाज़ वहाँ' को इस प्रतिष्ठित पटल पर प्रदर्शित कर मान देने के लिये सादर आभार आदरणीय शास्त्री।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. आज देश याद कर रहा है अपने दो महान सपूतों (राष्ट्रपिता महात्मा गाँधीजी और भूतपूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्रीजी) को।
      आज जहाँ एक ओर अहिंसा के पुजारी महात्मा गाँधीजी की 150 वीं जयंती देश मना रहा है वहीं ईमानदारी के प्रतीक धरती के लाल शास्त्रीजी की 115 वीं जयंती पर देश उन्हें सादर नमन कर रहा है।
      महात्मा गाँधीजी को लेकर देश में चल रही नकारात्मक बहस एक प्रकार की कुंठा से उपजा अनावश्यक सांस्कृतिक एवं सामाजिक प्रदूषण है। हम उन विरोधी विचारों का भी स्वागत करते हैं किन्तु उनका दायरा समाज और देशहित में हो।
      कभी 1 % गाँधी बनकर जिया जाय तब गाँधीवाद का मर्म गले से उतरने को तत्पर होगा।
      दनियाभर के देश गाँधीवाद में निहित रचनात्मकता को समझकर उसे आत्मसात करने के लिये शोध कर रहे हैं और वहीं हम भारतवासी हैं जो गाँधीजी के कृतित्त्व एवं व्यक्तित्त्व की धज्जियाँ उड़ाने में ज़रा भी शर्म नहीं करते।

      हटाएं
  2. बहुत सुंदर संयोजन
    सभी रचनाकारों को बधाई
    मुझे सम्मिलित करने का आभार
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  3. सुप्रभात आदरणीय 🙏
    सुन्दर चर्चा प्रस्तुति 👌,सुन्दर रचनाओं के साथ आदरणीय रवीन्द्र जी सुन्दर समीक्षा.प्रस्तुति को और निखार गयी. मुझे स्थान देने के लिए सहृदय आभार आदरणीय
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत सुंदर प्रस्तुति है सभी लिंक पठनीय सुंदर सभी रचनाकारों को बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  5. आभार आदरणीय। सुन्दर चर्चा प्रस्तुति।

    जवाब देंहटाएं
  6. राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी एवं भूतपूर्व प्रधान मंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री जी का उनके जन्मदिवस पर पुण्य स्मरण तथा दोनों ही विलक्षण नेताओं को हमारी सादर श्रद्धांजलि ! आज की चर्चा में मेरी दोनों रचनाओं को स्थान देने के लिये आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार शास्त्री जी ! सादर वंदे !

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत सुन्दर और सारगर्भित चर्चा....

    मेरी पोस्ट शामिल करने के लिए हार्दिक आभार 🙏

    जवाब देंहटाएं

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