फ़ॉलोअर



यह ब्लॉग खोजें

सोमवार, अक्तूबर 14, 2019

"बुरी नज़र वाले" (चर्चा अंक- 3488)

सादर अभिवादन। 
चर्चा मंच की सोमवारीय प्रस्तुति में आपका स्वागत है। 
आपकी सेवा में हाज़िर हूँ कुछ पसंदीदा रचनाओं के साथ -
------
प्रस्तुत है आदरणीय शास्त्री जी की समसामयिक रोचक दोहावली- 

 

उच्चारण 

------

भारतीय जीवन शैली में नज़र का प्रभाव ख़ूब चर्चित है और अगर बात बुरी नज़र की हो तो उससे बचने के अनेक टोने-टोटके प्रचलित हैं जिसके पीछे कोई वैज्ञानिक आधार नहीं होता बल्कि वे अनुभव और अंधश्रद्धा व अंधविश्वास पर आधारित हैं लेकिन कुछेक में संयोगवश उपयोगी वैज्ञानिकता समाहित होती है। पेश है एक तिरछी नज़र का जल्वा आपकी नज़र -  

बुरी नज़र वाले...…. प्रोफ़ेसर गोपेश मोहन जैसवाल  

-----
'उलूक टाइम्स' की प्रस्तुति समकालीन मुद्दों को गूढ़ अर्थों के साथ सामने आती है और हमें सोचने पर विवश करती है। पढ़िए व्यंग्य की तीखी धार की शाब्दिक बौछार-  
शब्द बच के निकल रहे होते हैं
बगल से फैली हुयी स्याही के
जब कोई दिल लगा कर लिखने के लिये 
 कलम में स्याही भर रहा होता है…. डॉ. सुशील कुमार जोशी   


उलूक टाइम्स 
------------

करवा-चौथ उत्तर भारत का प्रमुख त्योहार है जो पति-पत्नी के प्रेम और समर्पण की अनेक गाथाओं को समेटे हुए अपनी अहमियत आज भी बनाये हुए। आगामी 17 अक्टूबर को करवा-चौथ का उत्सव मनाया जायेगा। पेश है एक उत्कृष्ट भावप्रवण रचना- 
My Photo
-------
ज्ञानदायिनी सुर-साधना की देवी माँ सरस्वती की वंदना को नवीनता और अगाध श्रद्धा को प्रस्तुत करती सुकोमल भावों से भरी रचना-
  माँ शारदे....( गेय वन्दना)  
 मेरा विद्यालय 
-------

शरद पूर्णिमा की महिमा का बखान करती ग़ज़ल-यात्रा की सुंदर प्रस्तुति-  

ग़ज़लयात्रा GHAZALYATRA 
------
स्पष्टवादिता को व्यंग्य में स्थान मिले तो सृजन को नये आयाम मिलते हैं। समकालीन परिवेश और अहम मुद्दों पर अपनी बेबाक राय अलग अंदाज़ में रखने में माहिर हैं ध्रुव सिंह 'एकलव्य' जी।  लीजिए प्रस्तुत है व्यंग्य की धार से सजी एक अनूठी रचना-
   काहे बोला !...… ध्रुव सिंह 'एकलव्य'  
 "एकलव्य" 
-----
सृजन के नवीनतम आयामों की पड़ताल करना और भाव-विचार को व्यक्त करने के लिये संवेदनशील शब्दावली की खोज में रहना अनीता लागुरी 'अनु' जी की रचनाधर्मिता की ख़ासियत है। पेश-ए-नज़र है उनकी जीवन के अर्थ तलाशती एक ख़ूबसूरत रचना-
   मैं जानता हूँ...…… अनीता लागुरी 'अनु' 
My Photo
-----
नवीनतम शब्दों की तलाश सृजन को नई धार प्रदान करती है। अतीत की स्मृतियों से संवाद
करती एक रचना आपको शब्दों की ताज़गी महसूस कराती है -
आत्मविस्मृति....... पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा   
----
शरद पूर्णिमा का पर्व उत्तर भारत में बड़ी श्रद्धा और उत्साह से मनाया जाता है। इस पर्व से जुड़ीं सद्भावनाएँ सृजन की स्लेट पर लिखती हुईं आदरणीया कुसुम कोठारी जी अपनी अनूठी प्रस्तुति से हमारा अंतरमन स्निग्ध करती नज़र आती हैं -

शरद पूर्णिमा का चांद 

------ 
करवा-चौथ का त्योहार आगामी 17 अक्टूबर को देश-विदेश में मनाया जायेगा। इस त्योहार का विस्तृत सामाजिक महत्त्व प्रस्तुत करती एक रचना पढ़िए-

स्नेह भरे ये पर्व .. शशि गुप्ता  

व्याकुल पथिक 
------
भक्ति काव्य को रसमय बनाते हुए आत्मा-परमात्मा के ताने-बाने के पन्नों को पलटते हुए नया
अंदाज़ देती एक प्रस्तुति आपकी सेवा में -
कब आओगे साँवरा..... आँचल पाण्डेय 

आत्म रंजन 
-------
चलते-चलते पढ़िए एक निराले रुख़ की रचना।  कविता का दार्शनिक अंदाज़ ज्ञान चक्षु खोलता है।
दृष्टिकोण कविता को पढ़ने और समझने का अलग-अलग होता है। न्यूनतम शब्दों में अधिकतम
भावात्मकता को समेटती एक रचना -
स मोड़ पर...... अनीता सैनी  
गूँगी गुड़िया 
--------
आज बस यहीं तक 
फिर मिलेंगे अगली प्रस्तुति में।
रवीन्द्र सिंह यादव 

17 टिप्‍पणियां:

  1. इस प्रतिष्ठित मंच पर मेरे संस्मरण को स्थान देने के लिये बहुत- बहुत धन्यवाद रवींद्र जी।

    जवाब देंहटाएं
  2. समय लगाकर, श्रम के साथ की गयी सुन्दर चर्चा।
    आपका आभार आदरणीय रवीन्द्र सिंह यादव जी।

    जवाब देंहटाएं
  3. लाजवाब प्रस्तुति। आभार रवीन्द्र जी।

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत अच्छी प्रस्तुति। चर्चा मंच पर विभिन्न विषयों को पढ़ कर अच्छा लगता है।

    जवाब देंहटाएं
  5. सदा की तरह सुंदर चर्चा ! सभी को मंगलकामनाएं

    जवाब देंहटाएं
  6. बेहतरीन प्रस्तुति ,सादर नमन

    जवाब देंहटाएं
  7. आदरणीय रवींद्र जी आपकी प्रस्तुति सबसे निराली होती है। रचनाओं की विविध छँटा बिखेरती अतिसुन्दर प्रस्तुति। सादर 'एकलव्य' 

    जवाब देंहटाएं
  8. बेहतरीन प्रस्तुति सर
    बहुत ही सुन्दर रचनाएँ,मुझे स्थान देने हेतु तहे दिल से आभार आपका
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  9. रचना पर विश्लेषण कर सुंदर टिप्पणी के साथ रचना का सार समेटकर पाठक के आगे रखना आपकी समालोचक नजर की विशिष्टता है जो रचनाओं को विशेष बना देता है ।
    बहुत शानदार प्रस्तुति ।
    सभी रचनाकारों को बधाई।
    मेरी रचना को मान देने के लिए हृदय तल से आभार।
    सादर।

    जवाब देंहटाएं
  10. वाह अनुपम,सुंदर संकलन और आदरणीय सर आपकी बेहतरीन प्रस्तुति ने इसे और खास बना दिया। विभिन्न रंगों और भावों को समेटते हुए मंच 'जीवन' सा लग रहा है। वाह बेहद शानदार 👌
    और उतनी ही लाजवाब है सभी रचनाएँ। सब एक से बढ़कर एक।सभी को खूब बधाई 👏👏।

    'कब आओगे साँवरा' मेरे मन के बहुत करीब है इसे यहा देखकर हम कितने प्रसन्न हैं बता नही सकते।हृदयतल से हार्दिक आभार मेरी इन पंक्तियों को यहाँ स्थान देने हेतु।
    सभी को सादर नमन शुभ संध्या 🙏

    जवाब देंहटाएं
  11. वाह सुंदर पुष्प गुच्छो से सुसज्जित बेहतरीन संकलन आपने तैयार की.. पर्व त्यौहार का मौसम चल रहा है ऐसे समय में शशि गुप्ता जी की करवा चौथ के ऊपर लिखी रचना बहुत अच्छी लगी सुश्री आंचल पांडे की "कब आओगे साँवरा कवियत्री के मन के उदगार को बहुत ही खूबसूरती के साथ प्रस्तुत कर रही है एकलव्य जी की लेखन शैली बहुत प्रभावित करती है एक ही मंच के नीचे ज्योति जी ,"पुरुषोत्तम जी ,,"सुशील जी "अनीता सैनी जी इन सब की रचनाएं अगर पढ़ने को मिल जाए तो इससे बड़ी बात और क्या होगी सभी रचनाएं अपने आप में विशिष्ट हैं.. आपका बहुत-बहुत धन्यवाद कि आपने इतनी मेहनत से इतनी सुंदर संकलन तैयार किया मेरी रचना को भी मान देने के लिए आपका हृदय दिल से आभार...!!

    जवाब देंहटाएं
  12. वाह... बेहतरीन संयोजन
    सारे Links बहुत अच्छे हैं। मेरी पोस्ट शामिल करने के लिए हार्दिक आभार 🙏

    जवाब देंहटाएं

"चर्चामंच - हिंदी चिट्ठों का सूत्रधार" पर

केवल संयत और शालीन टिप्पणी ही प्रकाशित की जा सकेंगी! यदि आपकी टिप्पणी प्रकाशित न हो तो निराश न हों। कुछ टिप्पणियाँ स्पैम भी हो जाती है, जिन्हें यथा सम्भव प्रकाशित कर दिया जाता है।