tag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post2060546617554461327..comments2024-03-27T10:08:49.186+05:30Comments on चर्चामंच: " विदा कितने सांसद होंगे असल में" (चर्चा मंच-1532)अमर भारती शास्त्रीhttp://www.blogger.com/profile/10791859282057681154noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-35111750050514042742014-02-25T20:57:51.015+05:302014-02-25T20:57:51.015+05:30सुन्दर, रोचक व पठनीय सूत्र। आभार।सुन्दर, रोचक व पठनीय सूत्र। आभार।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-66046010659811759372014-02-23T21:33:27.289+05:302014-02-23T21:33:27.289+05:30पुरे चर्चामंच परिवार का आभार... लिंक देने से व्याप...पुरे चर्चामंच परिवार का आभार... लिंक देने से व्यापाक पाठक वर्ग मिलता हैं babanpandeyhttps://www.blogger.com/profile/17780357103706948852noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-51857009904563320832014-02-23T17:26:42.339+05:302014-02-23T17:26:42.339+05:30सुंदर चर्चा.सुंदर चर्चा. राजीव कुमार झा https://www.blogger.com/profile/13424070936743610342noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-38701401066925810782014-02-23T16:49:13.492+05:302014-02-23T16:49:13.492+05:30वाग्भट्ट कृत अष्टांगहृदयं के प्रथम अध्याय में ही इ...वाग्भट्ट कृत अष्टांगहृदयं के प्रथम अध्याय में ही इन तीन तत्वों के गुण परिभाषित हैं। कौन सा या कौन से तत्व प्रभावी है, यह शरीर की बनावट, मानसिक स्थिति और बौद्धिकता से स्पष्ट हो जाता है। जहाँ वात के प्रभाव वाला मन से सतत चंचल होगा, वहीं कफ के प्रभाव वाला सौम्य और स्थिर होगा। इनके गुणों को समझ लेने से किस वस्तु, मौसम, क्रिया और भाव का शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है, उसके सैद्धान्तिक आधार स्पष्ट हो जाते हैं।<br /><br />अष्टांग हृदयम को मथ के आपने मख्खन परोस दिया है। विस्तृत पड़ताल करती श्रंखला आयुर्वेद के बुनियादी सिद्धांतों और आधार का। आभार आपकी निष्काम टिप्प्णियों का।<br /><br />कफ, वात, पित्त <br />....अब मुझे समझ में आ रहा है कि देशी विधियों के प्रभाव के पीछे आयुर्वेद सम्मत वाग्भट्ट के सूत्रों का सशक्त वैज्ञानिक आधार है। हमारे पूर्वज जो नियम परम्परा से निभाते आ रहे हैं, उसके पीछे आयुर्वेद का व्यापक प्रसार है। कालान्तर में पराधीनता के पाशों में हमें नियम तो याद रहे पर उनका वैज्ञानिक आधार लुप्त हो गया। आवश्यकता है उसे पूर्णविश्वास से अपनाने की।<br />न दैन्यं न पलायनम्<br /><br />virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-60564451652365575452014-02-23T16:46:52.496+05:302014-02-23T16:46:52.496+05:30बहुत सुन्दर चर्चा मंच बेहतरीन ताज़ातरीन सेतु। बहुत सुन्दर चर्चा मंच बेहतरीन ताज़ातरीन सेतु। virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-57884803693424715712014-02-23T13:54:46.792+05:302014-02-23T13:54:46.792+05:30बेहतरीन लिंक्स संयोजन एवं प्रस्तुति बेहतरीन लिंक्स संयोजन एवं प्रस्तुति सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-13335122225448538942014-02-23T13:06:35.712+05:302014-02-23T13:06:35.712+05:30Abhar Shastri jeeAbhar Shastri jeeबाल भवन जबलपुर https://www.blogger.com/profile/04796771677227862796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-5433022681114533492014-02-23T11:58:43.617+05:302014-02-23T11:58:43.617+05:30ईश्वर से प्रार्थना है ..... राहुलजी की माताजी शीघ्...ईश्वर से प्रार्थना है ..... राहुलजी की माताजी शीघ्र स्वस्थ हो जायें .....<br />एक से बढ़ कर एक लिंक्स की उम्दा प्रस्तुति .....<br />इनके साथ मुझे भी स्थान देने के लिए आपकी आभारी हूँ .....बहुत बहुत धन्यवाद ......<br />...आदरणीय सादर ...विभा रानी श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/01333560127111489111noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-10250019881537308662014-02-23T11:00:31.110+05:302014-02-23T11:00:31.110+05:30धन्यवाद मयंक साब..!!
सादर आभार..!!धन्यवाद मयंक साब..!!<br /><br />सादर आभार..!!priyankaabhilaashihttps://www.blogger.com/profile/17633503503237589489noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-56063009297092802042014-02-23T10:46:45.049+05:302014-02-23T10:46:45.049+05:30राहुलजी की माताजी शीघ्र स्वस्थ होयें। ईश्वर से प्...राहुलजी की माताजी शीघ्र स्वस्थ होयें। ईश्वर से प्रार्थना है <br />सुन्दर सूत्र पिरोयें हैं आपने .....<br />''अनीह ईषना'' को स्थान देने के लिए आभारी हूँ स्वातिhttps://www.blogger.com/profile/15401454238866410073noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-65065385179893409692014-02-23T10:35:32.743+05:302014-02-23T10:35:32.743+05:30रूपचन्द्र जी, सुन्दर चर्चा के लिए बधाई और मुझे उसम...रूपचन्द्र जी, सुन्दर चर्चा के लिए बधाई और मुझे उसमें जगह देने के लिए धन्यवादSunil Deepakhttps://www.blogger.com/profile/05781674474022699458noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-19607242691877609152014-02-23T09:41:21.089+05:302014-02-23T09:41:21.089+05:30बहुत सुंदर चर्चा :) बहुत सुंदर शीर्षक ।
विदा कोई ...बहुत सुंदर चर्चा :) बहुत सुंदर शीर्षक । <br />विदा कोई नहीं होना चाहता चाहे व्हील चेयर पर बैठ कर आया जाये । विश्वविध्यालय में शिक्षक 65 तक रहेगा । उसके बाद 70 की कोशिश करेगा । सब जहाँ हैं वहीं रहें । जब रुक्सत होवें तो वहीं से ऊपर को चल दें :) सँसदों ने क्या बिगाड़ा है । आँखिर कोई घर पर बैठ कर भी क्या करेगा ? बोर नहीं होगा क्या ?सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-76359610087393756952014-02-23T09:38:03.920+05:302014-02-23T09:38:03.920+05:30सुन्दर लिंक्स सुन्दर लिंक्स Onkarhttps://www.blogger.com/profile/15549012098621516316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-59165914057227573692014-02-23T06:46:09.224+05:302014-02-23T06:46:09.224+05:30सुप्रभात
राजनीति की चूनर ओढी आज चर्चा मंच ने |
मे...सुप्रभात <br />राजनीति की चूनर ओढी आज चर्चा मंच ने |<br />मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद |<br />ईश्वर से प्रार्थना है कि राहुल जी की मम्मीं जल्दी स्वस्थ हो जाएं |<br />Asha Lata Saxenahttps://www.blogger.com/profile/16407569651427462917noreply@blogger.com