tag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post350755233141896630..comments2024-03-27T10:08:49.186+05:30Comments on चर्चामंच: “बदहाल लोकतंत्र : जिम्मेदार कौन ?” (चर्चा मंच-1152)अमर भारती शास्त्रीhttp://www.blogger.com/profile/10791859282057681154noreply@blogger.comBlogger35125tag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-20590731869399892222013-02-12T08:25:04.582+05:302013-02-12T08:25:04.582+05:30बेहतरीन प्रस्तुतिकरण
आकर्षक सार्थक लिंक्सबेहतरीन प्रस्तुतिकरण<br />आकर्षक सार्थक लिंक्ससहज समाधि आश्रमhttps://www.blogger.com/profile/12983359980587248264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-56638350724807557482013-02-11T23:26:40.471+05:302013-02-11T23:26:40.471+05:30खूबसूरत लिंक्स का मधुमासी गुलदस्ता......खूबसूरत लिंक्स का मधुमासी गुलदस्ता......अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com)https://www.blogger.com/profile/11022098234559888734noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-72653855342272079812013-02-11T23:25:35.079+05:302013-02-11T23:25:35.079+05:30खूबसूरत लिंक्स का मधुमासी गुलदस्ता......खूबसूरत लिंक्स का मधुमासी गुलदस्ता......अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com)https://www.blogger.com/profile/11022098234559888734noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-68978458874571303802013-02-11T19:58:14.792+05:302013-02-11T19:58:14.792+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.Guzarishhttps://www.blogger.com/profile/11205127840621066197noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-43350980220279321402013-02-11T19:32:55.435+05:302013-02-11T19:32:55.435+05:30अच्छे लिंक से सजी चर्चा कल सब पढ़ूँगी हार्दिक बधाई...अच्छे लिंक से सजी चर्चा कल सब पढ़ूँगी हार्दिक बधाई सुंदर चर्चा हेतु Rajesh Kumarihttps://www.blogger.com/profile/04052797854888522201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-43238512392383196602013-02-11T19:14:30.949+05:302013-02-11T19:14:30.949+05:30व्यंग्य विनोद प्रेम रस संसिक्त प्रेम दिवस प्रणय गौ...व्यंग्य विनोद प्रेम रस संसिक्त प्रेम दिवस प्रणय गौरव गाथा .शुक्रिया आपकी टिपण्णी का .<br /><br />मधु सिंह : मर्दों की नज़रो से बचना सखी तुम<br /><br />Benakab <br /> <br />* * * * * (विवाह गीत) * * * * मर्दों की नज़रो से बचना सखी तुम * * * * * * सखी रखना जरा तुम ध्यान , चुनर उड़ने न पाए * * झोके हवा के बड़े तेज , दुपट्टा गिरने न पाए * * * * मर्दों की नज़रों से बचना सखी,…virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-7595225154662778222013-02-11T19:12:09.350+05:302013-02-11T19:12:09.350+05:30जो दिल से उपजे वही, होता सच्चा प्यार।
मिलन नहीं है...जो दिल से उपजे वही, होता सच्चा प्यार।<br />मिलन नहीं है वासना, आलिंगन उपहार।१।<br /><br />सुन्दर प्रस्तुति प्रेम दिवस पर -एक बिम्ब यह भी दिनकर जी के शब्दों में (उर्वशी ):<br /><br />रूप की आराधना का मार्ग आलिंगन नहीं तो और क्या है ,<br /><br />स्नेह का सौन्दर्य को उपहार रस चुम्बन नहीं तो और क्या है ?<br /><br />"आलिंगन उपहार"<br />virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-41488637248323059412013-02-11T19:04:41.200+05:302013-02-11T19:04:41.200+05:30बहुत ज्ञान वर्धक बहु -उपयोगी प्रस्तुति लहसुन के गु...बहुत ज्ञान वर्धक बहु -उपयोगी प्रस्तुति लहसुन के गुण धर्मों का बखान करती हुई .कृपया -platelet के लिए प्लेट्लट या बिम्बाणु शब्द का इस्तेमाल करें बिमबागुओं के स्थान पे .<br /><br />तश्तरी के आकार की बहुत छोटी सी रक्त कोशिका (a very small blood cell ,shaped like a disc)प्लेटलट कहलाती है .इससे रक्त गाढा हो जाता है और कभी कभार कट लगने पर ,किसी अंग के कट जाने पर खून का बहना रुक जाता है .<br /><br />सोने पे सुहागा <br />लहसुन को गरीबों का 'मकरध्वज' कहा जाता है -Hindi Bloggers Forum International (HBFI): लहसुन को गरीबों का 'मकरध्वज' कहा जाता है लहसुन के सेवन से रक्त में थक्का बनने की प्रवृत्ति बेहद कम हो जाती है, ...<br /><br />virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-2800212604363695052013-02-11T19:03:37.025+05:302013-02-11T19:03:37.025+05:30कार्टून को भी सम्मिलित करने के लिए आपका आभारकार्टून को भी सम्मिलित करने के लिए आपका आभारKajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-91065374423861705482013-02-11T18:47:52.370+05:302013-02-11T18:47:52.370+05:30अंत में चर्चा कार के चयन पे कुछ न कहा जाए तो चर्चा...अंत में चर्चा कार के चयन पे कुछ न कहा जाए तो चर्चा कार के साथ ज्यादती होगी .शुक्रिया न किया जाए कबीरा खडा बाज़ार में ,की दो पोस्ट शामिल करने के लिए तो एहसानफरामोशी होगी .बेहतरीन चयन ,समन्वयन .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-55240634256363085982013-02-11T18:45:05.151+05:302013-02-11T18:45:05.151+05:30
अमीर खुसरो साहब का असर है गजल पर मजा आ गया .
सुक...<br />अमीर खुसरो साहब का असर है गजल पर मजा आ गया .<br /><br />सुकूं बांकपन को तरसेगा...............................??????????<br /><br />मेरी धरोहर <br /> <br /><br />virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-1629063846238412962013-02-11T18:40:28.680+05:302013-02-11T18:40:28.680+05:30उर्दू शायरी की तरह लुत्फ़ पैदा किया है आपने इन कुं...उर्दू शायरी की तरह लुत्फ़ पैदा किया है आपने इन कुंडलियों में शब्दों को आगे पीछे समायोजित करके .आनंद वर्षं हुआ छंदों से ,व्यंग्यार्थ और रूपकात्मक तत्वों से .<br /><br /><br />SUNDAY, FEBRUARY 10, 2013<br /><br />तीन कुण्डलिया छंद –<br /><br />(1)<br />मतलब का मतलब कभी , मत लब से तू बोल<br />तलब छुपी इसमें बुरी , बल तम इसके खोल<br />बल तम इसके खोल , बलम जी इसमें है बम<br />इसके तल में स्वार्थ , बसा करता है हरदम<br />रिश्ते - नाते ‘अरुण’ , तोड़ देता है जब- तब<br />मत लब से तू बोल, कभी मतलब का मतलब ||<br /><br />(2)<br />मत की कीमत जानिये, मत किस्मत का मूल<br />मत बहुमत के फेर में , मत को करें फिजूल<br />मत को करें फिजूल, दिखाएँ हिम्मत लाला<br />मत के पीछे भाग , रहा है हर मतवाला<br />सुख निर्मल नवनीत,अरुण सुख मत की मटकी<br />मत किस्मत का मूल ,जानिये कीमत मत की ||<br /><br />(3)<br />शामत मत बुलवाइये , मतवाली है शाम<br />मतलब -वतलब छोड़िये, भजिये राधेश्याम<br />भजिये राधेश्याम , राम का नाम सुमरिये<br />बैतरणी के पार , सुमत चढ़ि नाव उतरिये<br />जीवन है संग्राम , हारना अरुण न हिम्मत<br />मतलब करता नाश,इसी से आती शामत ||<br /><br />अरुण कुमार निगम<br />आदित्य नगर, दुर्ग (छत्तीसगढ़)<br />विजय नगर, जबलपुर (मध्य प्रदेश)<br />Posted by अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com) at 12:28 PM <br />virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-80461077032814498062013-02-11T18:33:32.068+05:302013-02-11T18:33:32.068+05:30क्या बात है सर जी .बहुत खूब कहा है .
अश्कबारी का ...क्या बात है सर जी .बहुत खूब कहा है .<br /><br />अश्कबारी का शौक़ है ज़्यादा,<br />तो इक सैलाब ला! बहे दुनिया।।<br /><br />इक सैलाब ला! बहे दुनिया -ग़ाफ़िल<br /><br />virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-90445309070643089172013-02-11T18:32:04.633+05:302013-02-11T18:32:04.633+05:30आप शालिनी जी कांग्रेस के उन संविधानिक पदों पर आसीन...<br /><br /><br />आप शालिनी जी कांग्रेस के उन संविधानिक पदों पर आसीन लोगों की भाषा बोल रहीं हैं जिनमें से एक मंत्री जब<br /><br />क़ानून मंत्री थे तो कह रहे थे मेरे इलाके में आके बोलो ये भाषा तब आपको देखूंगा<br /><br />.दूसरे कहते थे देश की सर्वोच्च सत्ता एवं शौर्य के प्रतीक सेना प्रमुख को -उनकी औकात ही क्या है वह एक <br /><br />सरकारी कर्म चारी हैं .इनकी इसी बद्ज़ुबानी से खुश होकर इनमें से एक को क़ानून से <br /><br />विदेश दूसरे को प्रवक्ता पद से सूचना प्रसारण मंत्री का पद दे दिया गया .आज आप भी यही कह रहीं हैं विनोद <br /><br />राय एक सरकारी सेवक हैं . <br /><br /><br /><br /><br />कोंग्रेस और उसके समर्थक यह कौन सी परम्परा का सूत्रपात कर रहें हैं .कल दिग्विजय सिंह जी कह रहे थे विनोद राय एकाउंटेंट हैं <br /><br />एकाउंटेंट ही रहें प्रधान मंत्री बनने की कोशिश न करें .<br /><br /><br />माननीय शालिनी जी विनोद राय जिस पद पर हैं उसमें अभी आंच और गरिमा बकाया है .इस देश का आम आदमी अब सिर्फ <br /><br />न्यायपालिका और ,प्रतिरक्षा सेवाओं के लोगों को ,चंद संविधानिक पदों <br /><br />पर तैनात विनोद राय जैसे लोगों को ही सम्मान की नजर से देखता है शेष तो कोयले से भी काले सिद्ध हुए हैं जनता की निगाह में .वह <br /><br />प्रधान मंत्री बनके अपना अवमूल्यन क्यों करवाएंगे .प्रधान मंत्री <br /><br />पद की गरिमा को कोंग्रेस के हाईकमान <br /><br />प्रबंध ने जिस प्रकार गरिमा हीन किया है अगर उन्हें <br /><br />उनकी <br /><br />ही भाषा में ज़वाब दे के ये पूछा जाए ये जो जीवित पुतले नुमा आदमी दिखता है यह कौन है ?ये जो टेढ़े मुंह वाला (वक्र मुखी )मंत्री है <br /><br />यह है कौन .स्वामी राम देव जी के लिए यह कहना कौन राम देव <br /><br />क्या कोंग्रेसियों को ही शोभा देता है? तब कोंग्रेस को और उसके कथित बुद्धि वर्ग को कैसा लगेगा जब चीज़ें लौट के उसी की भाषा में <br /><br />उसके पास आयेंगी .<br /><br />भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक के अभी इतने बुरे दिन नहीं आयें हैं कि दिग्विजय सिंह जी और आप उन्हें संविधानिक मर्यादा <br /><br />सिखलाएँ .वह बेहतर जानते हैं तभी वहां हैं .सरकार को जो भी <br /><br />आईना दिखाता है सरकार उसी से वैर भाव पाल लेती है .आदरनीय टी एन शेषन भी सरकार की आँख की किरकिरी बन गए थे .फूटी<br /><br />आँख नहीं <br /><br />सुहाते थे किसी को .अब विनोद राय जी को क्रमिक तौर पे <br /><br />निशाने पे लिया जा रहा है .कौन सी परम्परा का निर्माण कर रही है कोंग्रेस ?<br /><br />कौन से विभीषण की बात कर रहीं हैं आप वह जो पूर्व छात्र के रूप में माई -बाप अंग्रेजों के कसीदे काढ के आया था इंग्लैण्ड जाके<br /><br />."आपके हम रिनी हैं <br /><br />.आप हमारे यहाँ निर्माण कर गए बहुत कुछ .हमारी आज़ादी ज्ञान और वैभव सब आपका दिया हुआ है .हम आपके शुक्रगुजार हैं ."<br /><br />शालिनीजी संविधान की तकनीकी धाराएं समझने समझाने से कोई प्रज्ञा वान नहीं हो जाता है .राष्ट्र हित प्रज्ञा और ज्ञान व्यक्ति के<br /><br />अर्जित गुण हैं .प्रधान मंत्री या कोई और भी मंत्री बन जाना और बात है .ईश्वर किसी ने देखा नहीं है लेकिन वह है ज़रूर इसे कोई<br /><br />नकार नहीं सकता .भक्ति और राष्ट्र भक्ति से व्यक्ति उसके थोड़ा नज़दीक ज़रूर पहुँच जाता है .<br /><br />अंग्रेजों के ज़माने में लेफ्टिए उनकी मुखबिरी करते थे .सोशल मीडिया में कोंग्रेस की आज क्या छवि है कमसे कम इतनी इत्त्ल्ला तो<br /><br />चापलूसों को हाई कमान तक पहुंचानी चाहिए .और ये तमाम वक्र मुखी भले मेडिकल सर्टिफिकेट लेके ये साबित कर दें तकनीकी तौर<br /><br />पर कि वह वक्र मुखी नहीं हैं लेकिन एक बार आईना ज़रूर देख लें .सच पता चल जाएगा .<br /><br />विनोद राय जी ने तो सिर्फ विमर्श के लिए एक विषय ही रखा था .<br /><br />क्षेपक :<br /><br /><br />ये जीवित पुतले नुमा आदमी कौन है ?प्रधानमंत्री है?इसकी आज कितनी इज्ज़त है इस बात का सबूत यह है अफज़ल गूर (गूर कहतें हैं कश्मीरी भाषा में ग्वाले को ,अंग्रेजी अखबारों ने इसे बिगाड़ के गुरु कर दिया )को फांसी दे दी गई कोई पत्रकार इस चुप्पे मुंह की प्रतिक्रिया तक लेने नहीं पहुंचा .<br /><br />और अफज़ल गूर ,गुरु होगा दिग्विजय सिंह जी का जो ऐसे लोगों के लिए "जी "और "साहब "संबोधनकर्ता के रूप में जाने जातें हैं <br /><br />एक टिपण्णी ब्लॉग पोस्ट :<br /><br /><br />http://shalinikaushik2.blogspot.in/2013/02/blog-post_9.html#comment-form<br /><br />संवैधानिक मर्यादाओं का पालन करें कैग<br />संवैधानिक मर्यादाओं का पालन करें कैग<br /><br />! कौशल ! <br /><br /><br />virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-65042638592693034402013-02-11T15:52:29.877+05:302013-02-11T15:52:29.877+05:30मेरी ब्लॉग पोस्ट को सम्मान देने हेतु आभार बेहतरीन...मेरी ब्लॉग पोस्ट को सम्मान देने हेतु आभार बेहतरीन लिंक्स नीलिमा शर्मा Neelima Sharma https://www.blogger.com/profile/15015116506093296186noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-17441797822584354882013-02-11T12:53:54.462+05:302013-02-11T12:53:54.462+05:30ऊर्जा और भावनाओं से भरा संकलन ...बहुत सुन्दर संग्र...ऊर्जा और भावनाओं से भरा संकलन ...बहुत सुन्दर संग्रह ...<br />Akhilhttps://www.blogger.com/profile/02906391757168902303noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-70397144541659661792013-02-11T12:38:48.848+05:302013-02-11T12:38:48.848+05:30बढिया चर्चाबढिया चर्चाvandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-28460662397837869762013-02-11T12:27:13.997+05:302013-02-11T12:27:13.997+05:30डॉ. रूपचन्द्र
शास्त्री मयंक जी चर्चा आप क्योँ नही ...डॉ. रूपचन्द्र<br />शास्त्री मयंक जी चर्चा आप क्योँ नही लगायेँगे ! मेरे ख्याल से अनंत जी आपके जितना कतई जानकार नही हिँदी ब्लाँगिँग की दुनिया से फिर क्योँ .....<br />चर्चामंच की लोकपियता तो मुझे घटती नजर आ रही हैँ सुधार की आँवश्यकता हैँ <br />Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/07358539338823945647noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-83567178855517534812013-02-11T12:26:48.886+05:302013-02-11T12:26:48.886+05:30बहुत अच्छे सूत्रों से सजी चर्चा .सुन्दर प्रयास .मे...बहुत अच्छे सूत्रों से सजी चर्चा .सुन्दर प्रयास .मेरी पोस्ट को यह सम्मान देने हेतु आभार <a href="http://shalinikaushik2.blogspot.com" rel="nofollow"> अफ़सोस ''शालिनी''को ये खत्म न ये हो पाते हैं . </a> आप भी जाने <a href="http://shalinikaushikadvocate.blogspot.com" rel="nofollow">संवैधानिक मर्यादाओं का पालन करें कैग </a>Shalini kaushikhttps://www.blogger.com/profile/10658173994055597441noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-20335772627641961502013-02-11T12:07:17.997+05:302013-02-11T12:07:17.997+05:30अगर यहाँ 1-2 रचना पर समीक्षा/गुण-दोष की विवेचना भी...अगर यहाँ 1-2 रचना पर समीक्षा/गुण-दोष की विवेचना भी हो जाती तो अच्छा रहता कि रचनाकार अपनी आने वाली रचनाओं में सुधार करता<br />सुझाव है<br />सादर<br />आनन्द.पाठकआनन्द पाठकhttps://www.blogger.com/profile/00352393440646898202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-83790932005377399442013-02-11T11:37:00.904+05:302013-02-11T11:37:00.904+05:30बढिया चर्चा
अच्छे लिंक्सबढिया चर्चा<br />अच्छे लिंक्समहेन्द्र श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09549481835805681387noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-54873554695914749022013-02-11T11:35:10.107+05:302013-02-11T11:35:10.107+05:30बहुत ही बेहतरीन सुन्दर सूत्र संयोजन,सादर आभार आपका...बहुत ही बेहतरीन सुन्दर सूत्र संयोजन,सादर आभार आपका।<br />Rajendra kumarhttps://www.blogger.com/profile/00010996779605572611noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-28927495447188685272013-02-11T09:51:26.756+05:302013-02-11T09:51:26.756+05:30बढ़िया लिनक्स की चर्चा बढ़िया लिनक्स की चर्चा डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-7798256956133110502013-02-11T09:49:29.459+05:302013-02-11T09:49:29.459+05:30आभारी हूँ शास्त्री जी इतने सुन्दर, सुसज्जित मंच पर...आभारी हूँ शास्त्री जी इतने सुन्दर, सुसज्जित मंच पर आपने मेरी रचना 'वसंतागमन' को भी स्थान दिया ! सभी सूत्र बहुत ही आकर्षक हैं ! सधन्यवाद ! Sadhana Vaidhttps://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-54755468026779997802013-02-11T09:37:19.544+05:302013-02-11T09:37:19.544+05:30हमारी ब्लॉग पोस्ट शामिल करने के लिए आपका हार्दिक ध...हमारी ब्लॉग पोस्ट शामिल करने के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद ....सुंदर चर्चा लगी है आज<br />रश्मि शर्माhttps://www.blogger.com/profile/04434992559047189301noreply@blogger.com