tag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post3562991902724611998..comments2024-03-27T10:08:49.186+05:30Comments on चर्चामंच: हिंदी रचनाकार और पुस्तकें { चर्चा - 1894 }अमर भारती शास्त्रीhttp://www.blogger.com/profile/10791859282057681154noreply@blogger.comBlogger17125tag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-53288907534903448812019-09-25T15:42:29.983+05:302019-09-25T15:42:29.983+05:30bahut he badiya.bahut he badiya.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-11380284568580117082015-02-24T22:42:55.129+05:302015-02-24T22:42:55.129+05:30सुंदर लिंक्स से सजी सुंदर चर्चा।
मेरी रचना को स्था...सुंदर लिंक्स से सजी सुंदर चर्चा।<br />मेरी रचना को स्थान देने के लिए आभार....Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-8348298184499547552015-02-21T00:27:50.636+05:302015-02-21T00:27:50.636+05:30उपयोगी लिंक। बेहतरीन चर्चा।उपयोगी लिंक। बेहतरीन चर्चा।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-54863817553528515052015-02-20T02:37:06.219+05:302015-02-20T02:37:06.219+05:30जब अपना काेई याद आता है।
Thanks,
चर्चा मंच पर शाम...जब अपना काेई याद आता है।<br /><br />Thanks,<br />चर्चा मंच पर शामिल करने के लिए।<br />And always welcome at .....<br />http://kmsraj51.com/Author KMSRAJ51https://www.blogger.com/profile/13512889541982798072noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-32700710591378980792015-02-20T02:29:42.836+05:302015-02-20T02:29:42.836+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.Author KMSRAJ51https://www.blogger.com/profile/13512889541982798072noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-29074072325148543322015-02-19T17:14:46.543+05:302015-02-19T17:14:46.543+05:30उपयोगी लिंकों के साथ शानदार चर्चा, आभार।उपयोगी लिंकों के साथ शानदार चर्चा, आभार।Rajendra kumarhttps://www.blogger.com/profile/00010996779605572611noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-85506127942333654392015-02-19T16:16:13.170+05:302015-02-19T16:16:13.170+05:30सुंदर लिंक्स से सजी सुंदर चर्चा।
मेरी रचना को स्था...सुंदर लिंक्स से सजी सुंदर चर्चा।<br />मेरी रचना को स्थान देने के लिए आभार।Malhotra vimmihttps://www.blogger.com/profile/09396958735846040776noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-51323899232788389272015-02-19T14:37:12.265+05:302015-02-19T14:37:12.265+05:30तथ्य से पुर्णतः साहमत। एक और विषय भी हे वो ये की ह...तथ्य से पुर्णतः साहमत। एक और विषय भी हे वो ये की हिंदी साहित्यकार आज भी भाषा की गुढता पर बाल दे रहे हैं उसकी सरलता और सरसता पर नहीं। और इसके चलते आज की पीढ़ी खुद को इससे जुड़ा महसूस नहीं कर पा रही। दूसरा काम विदेशी धन से पोषित मीडिया कर रहा हे जो अंग्रेजी भाषी को पढ़ा लिखा और हिंदी भाषी को अशिक्षित सा प्रदर्शित करता सा जान पढता हे।। या नी तो वो अंग्रेजी के प्रसार का माध्यम हों।एहसासhttps://www.blogger.com/profile/03595585881996291246noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-41898995045130388272015-02-19T13:20:04.658+05:302015-02-19T13:20:04.658+05:30बहुत बढ़िया चर्चा...बहुत बढ़िया चर्चा...Pratibha Vermahttps://www.blogger.com/profile/09088661008620689973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-8214570741057769422015-02-19T13:07:12.291+05:302015-02-19T13:07:12.291+05:30मेरि रचना को स्थान देने के लिये आभार, सच कहून तो म...मेरि रचना को स्थान देने के लिये आभार, सच कहून तो मैं तो वास्तव मे लिखना भूल गया था! या यूँ कहें कि ....<br />"स्वहित" कि चोट से, "साहित्य" बिखर गया !<br />"स्वयम् - स्वयम्" कि ताल मे, "सु" लिखना भूल गया!!<br />आपके इस सहयोग के लिये धन्यवाद ...... एह्सास!एहसासhttps://www.blogger.com/profile/03595585881996291246noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-69625870524210086682015-02-19T12:33:24.284+05:302015-02-19T12:33:24.284+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.एहसासhttps://www.blogger.com/profile/03595585881996291246noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-36801734336585887052015-02-19T12:18:59.199+05:302015-02-19T12:18:59.199+05:30Bahut sunder charcha prastuti..Bahut sunder charcha prastuti..JEEWANTIPShttps://www.blogger.com/profile/17470194490274952584noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-73685372900833683672015-02-19T10:30:44.424+05:302015-02-19T10:30:44.424+05:30चयन प्रक्रिया उत्तम है ,स्वाइन फ्लू पर आधारित मेर...चयन प्रक्रिया उत्तम है ,स्वाइन फ्लू पर आधारित मेरी पोस्ट साँझा करने के लिए हार्दिक अभिनंदन ,इसे भी अवश्य पढ़े ,http://razrsoi.blogspot.in/<br />स्वाइन फ्लू ,या अन्य किसी प्रकार के फ्लू के लिए ये काढ़ा सहायक औषधि के रूप में काफी कारगर हैavanti singhhttps://www.blogger.com/profile/05644003040733538498noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-24843042965285068832015-02-19T09:19:30.208+05:302015-02-19T09:19:30.208+05:30सुन्दर लिंक्स सुन्दर लिंक्स Asha Lata Saxenahttps://www.blogger.com/profile/16407569651427462917noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-18817835474017014492015-02-19T09:09:56.373+05:302015-02-19T09:09:56.373+05:30नीरज से सहमत । सुंदर गुरुवारीय चर्चा । आभार दिलबाग...नीरज से सहमत । सुंदर गुरुवारीय चर्चा । आभार दिलबाग जी का 'उलूक' का सूत्र 'लकीर का फकीर' को स्थान देने के लिये ।सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-21379879490721988742015-02-19T08:28:48.115+05:302015-02-19T08:28:48.115+05:30हिन्दी में ऐसा क्यों होता है, अच्छा प्रश्न उठाया आ...हिन्दी में ऐसा क्यों होता है, अच्छा प्रश्न उठाया आपने, इसपर चर्चा की बहुत गुंजाइश है। एक बात जो हिन्दी में है और अन्य जगह नहीं है वो यह कि यहाँ पढ़ने वाले कम और लिखने वाले ज्यादा हैं। प्रकाशित होने के उपरांत अधिकांश किताबें लेखक को स्वयं खरदानी पड़ती है, इसके साथ ही एक और स्याह सच है कि उन पुस्तकों के लिए धन राशि अग्रिम लेखकों से ले ली जाती है । आपको जानकार आश्चर्य होगा कि कई प्रकाशक को बस उतनी ही गिनती की पुस्तकें छाप रहें हैं जितनी लेखक को चाहिए .... Neeraj Neerhttps://www.blogger.com/profile/00038388358370500681noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-23347190462977197772015-02-19T06:49:42.061+05:302015-02-19T06:49:42.061+05:30उपयोगी लिंकों के साथ शानदार चर्चा।
आभार आदरणीय दिल...उपयोगी लिंकों के साथ शानदार चर्चा।<br />आभार आदरणीय दिलबाग विर्क जी।डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.com