tag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post5874798374618179555..comments2024-03-27T10:08:49.186+05:30Comments on चर्चामंच: "शतदल-सा संसार सलोना" (चर्चा अंक- 3456) अमर भारती शास्त्रीhttp://www.blogger.com/profile/10791859282057681154noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-26274232094958756292019-09-16T19:43:49.613+05:302019-09-16T19:43:49.613+05:30बहुत सुंदर प्रस्तुति सुंदर लिंक चयन शानदार चर्चा अ...बहुत सुंदर प्रस्तुति सुंदर लिंक चयन शानदार चर्चा अंक।<br />सभी रचनाकारों को बधाई।मन की वीणाhttps://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-85283858548789563342019-09-13T06:27:51.489+05:302019-09-13T06:27:51.489+05:30सादर प्रणाम शास्त्री जी, मेरे छोटे से प्रयास को मा...सादर प्रणाम शास्त्री जी, मेरे छोटे से प्रयास को मान देने के लिए और अपनी चर्चा में सम्मिलित करने के लिए बहुत बहुत आभार!प्रीति अग्रवालhttps://www.blogger.com/profile/05992941416009106980noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-52231077354588644872019-09-12T22:25:05.552+05:302019-09-12T22:25:05.552+05:30बहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति बहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-49750222681095366542019-09-12T19:12:28.568+05:302019-09-12T19:12:28.568+05:30सशक्त समीकरणसशक्त समीकरणArun sathihttps://www.blogger.com/profile/08551872569072589867noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-57620053762529848642019-09-12T14:47:26.672+05:302019-09-12T14:47:26.672+05:30वाह ! एक से बढ़कर एक रचनाओं के सूत्र..आभार ! वाह ! एक से बढ़कर एक रचनाओं के सूत्र..आभार ! Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-52864858982343250192019-09-12T11:45:45.275+05:302019-09-12T11:45:45.275+05:30वाह ! बहुत ही सुन्दर सूत्रों से सुसज्जित आज का चर्...वाह ! बहुत ही सुन्दर सूत्रों से सुसज्जित आज का चर्चामंच ! मेरी प्रस्तुति को सम्मिलित करने के लिए आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार शास्त्री जी ! सादर वंदे ! Sadhana Vaidhttps://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-47839950386045013502019-09-12T08:48:14.948+05:302019-09-12T08:48:14.948+05:30सुप्रभात
उम्दा रचनाओं के लिंक
मेरी रचना शामिल क...सुप्रभात <br />उम्दा रचनाओं के लिंक <br />मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद सर |<br />Asha Lata Saxenahttps://www.blogger.com/profile/16407569651427462917noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-52081503493421090452019-09-12T07:49:24.005+05:302019-09-12T07:49:24.005+05:30सलोना-सा सुन्दर अंक आज का. सबको बधाई सलोना-सा सुन्दर अंक आज का. सबको बधाई Ravindra Singh Yadavhttps://www.blogger.com/profile/09309044106243089225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-51135509457670525782019-09-12T07:37:48.229+05:302019-09-12T07:37:48.229+05:30सुप्रभात आदरणीय 🙏)
बहुत ही सुन्दर चर्चा प्रस्तुति...सुप्रभात आदरणीय 🙏)<br />बहुत ही सुन्दर चर्चा प्रस्तुति,मुझे स्थान देने के लिए तहे दिल से आभार आप का <br />प्रणाम <br />सादर अनीता सैनी https://www.blogger.com/profile/04334112582599222981noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-27439353091764165692019-09-12T07:18:37.236+05:302019-09-12T07:18:37.236+05:30सुन्दर प्रस्तुतियां हार्दिक आभार आदरणीय आपकी सम्पू...सुन्दर प्रस्तुतियां हार्दिक आभार आदरणीय आपकी सम्पूर्ण मंडली को राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'https://www.blogger.com/profile/16172401392784938069noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-1123848504652636642019-09-12T07:01:39.855+05:302019-09-12T07:01:39.855+05:30बहुत सुन्दर प्रस्तुति। आभार आदरणीय।बहुत सुन्दर प्रस्तुति। आभार आदरणीय।सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-2661603050292644872019-09-12T04:18:09.847+05:302019-09-12T04:18:09.847+05:30जी , ये हिन्दी के रचनाकार हैं न जो ब्लॉग पर हिन्दी...जी , ये हिन्दी के रचनाकार हैं न जो ब्लॉग पर हिन्दी साहित्य का बखान कर रहे हैं ,यदि पता करें आप तो इनमें से अनेक के बच्चे अंग्रेजी माध्यम विद्यालय में पढ़ रहे हैं। बच्चियाँ सितार नहीं गिटार बजा रही हैं।<br />यह दोहरा चरित्र जब तक साहित्यिकारों का समाप्त नहीं होगा । अंग्रेजी की दासी बनी रहेगी हिन्दी।<br /> मुझे तो कभी- कभी हिन्दी का ढोल बजाने वाले ऐसे भद्र जनों से न जाने क्यों घृणा सी होने लगती है। <br /> क्षमा चाहता हूँ।व्याकुल पथिकhttps://www.blogger.com/profile/16185111518269961224noreply@blogger.com